महाभारत में गांधारी के सौ पुत्रों के बारे में हमारी मान्यता
नमस्कार दोस्तों
टीवी सीरियल के द्वारा कथा कहानियों के द्वारा आज ऐसे ऐसे किस्से हमारी मानसिकता में भर दिए गए हैं। जिनका महाभारत से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। ऐसा ही एक किस्सा है जिसमें कहा जाता है और बताया जाता है कि गंधारी के पेट से तुम्बा उत्पन्न हुआ या पैदा हुआ था। उस तुम्भे से सौ पुत्र पैदा हुए और उन सौ पुत्रों को एक-एक घी के बर्तनों में रखा गया और उनको जीवित किया गया और कुछ लोग इसमें विज्ञान खोज लेते हैं। ऐसे लोग महा मूर्ख हैं जो विज्ञान विरोधी तो है ही शास्त्र विरोधी भी हैं।
गांधारी की 10 बहने और थी
ऐसी असंभव गप में जो विश्वास करते हैं। निश्चित रूप से उनके पास इसका कोई भी तथ्य प्रमाण साक्ष्य नहीं है क्योंकि साक्ष्य इसके वृद्ध महाभारत से मिलता है। यह सारी की सारी कपोल कल्पना महाभारत से इस विषय का कोई लेना देना ही नहीं है। महाभारत पढ़कर के पूरे प्रकरण को समझाने का प्रयत्न करता हूं कि धृतराष्ट्र के जो सौ पुत्र थे। क्या वह एक गंधारी से उत्पन्न हुए थे। गंधार राज्य जो सभल थे। उन्होंने भीष्म जी द्वारा वर्णन करने पर अपनी 11 कन्याओं का गंधारी सहित धृतराष्ट्र के साथ विवाह कर दिया।
100 पुत्र एकमात्र गांधारी से पैदा नहीं हुए थे
सो पुत्र जो धृतराष्ट्र ने पैदा किये थे वो एक मात्र गंधारी से पैदा नहीं किये थे। गंधारी की 10 बहने और थी। इन 11 बहनों ने 100 पुत्र और एक पुत्री को जन्म दिया 101 पैदा हुए थे। 11 पत्नियों से 100 पुत्र और एक पुत्री पैदा हुई थी। यह ठीक-ठीक इतिहास की घटना महाभारत से ही मैंने श्लोक देखकर आपको पहली महाभारत के इस विषय को जाना। क्या प्रमाण है ये जान कर आप हैरान हो रहे होंगे। आश्चर्य आपको हो रहा होगा कि महाभारत क्या कह रही है और आज तक किस प्रकार से षड्यंत्र रचा जा रहा है।
नाटकों में गलत दिखाया जा रहा है
निश्चित रूप से जो नाटक, जो कथा कहानी, जो फिल्में इस विचारधारा को लेकर आगे बढ़ रही हैं। उन पर कानूनी कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए क्योंकि महाभारत में ऐसा है ही नहीं। जो हिंदू मान रहे हैं। उनको अपनी विचारधारा बदलनी होगी। आज से ही बदलनी होगी। यदि वैदिक और सनातन धर्म की आप रक्षा करना चाहते हैं। उनकी उन्नति देखना चाहते हैं।
धृतराष्ट्र के सौ पुत्र पैदा क्यों हुए
दोस्तो, 101 पुत्र पुत्री, इतने पुत्र पैदा क्यों किए? 11 कन्याओं से इतनी संतान क्यों उन्होंने बनाई? इसके लिए मैं एक छोटा सा उदाहरण देना चाहता हूं। आप को समझाने का प्रयत्न कर रहा हूं। उस समय पर इनका जो वंश था इनके वंश में क्षत्रियों की कमी थी। क्योंकि इनके पिता थे विचित्रवीर्य। वह स्वयं संतान उत्पत्ति नहीं कर पाए थे। तो महाऋषि वेदव्यास ने नियोग के द्वारा तीन संतान पैदा की थी। धृतराष्ट्र ,पांडू और विदुर। विदुर जी धर्मात्मा होते हुए उन्होंने मना कर दिया कि मैं ज्यादा संतान उत्पन्न पैदा नहीं करूंगा। क्योंकि वह धर्मात्मा थे। धर्म में ही निष्ठा उनकी रहती थी। पांडू भी ज्यादा पुत्र पैदा नहीं कर पाए थे और वह बीच में ही बीमारी के कारण मर गए थे।
परिस्थिति के अनुसार धृतराष्ट्र ने कितने पुत्र पैदा किए
एक मात्र धृतराष्ट्र बचे जिन्होंने ज्यादा से ज्यादा अपने वंश की वृद्धि के लिए अपने शासन प्रशासन की रक्षा के लिए क्षत्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए। इतने पुत्र पैदा करना उनके लिए मजबूरी था। उस समय की परस्थिति के कारण। इसीलिए धृतराष्ट्र सौ पुत्र पैदा करने के लिए इतना बल उनके शरीर में था। तब जाकर उन्होंने अपने वंश की रक्षा उन्नति वृद्धि के लिए सौ पुत्र पैदा किए थे और एक पुत्री पैदा की थी। उन 11 पत्नियों से
यह सारा का सारा प्रकरण इस प्रकार था।
यह सारा का सारा प्रकरण इस प्रकार था।
हमने सच को जानने का प्रयत्न ही नहीं किया
लेकिन आज इसके पूर्ण विपरीत सारा का सारा प्रकरण हमारी मानसिकता में भेजा गया है ताकि हमारी जो तर्कशक्ति है, जो विज्ञान सम्मत बुद्धि लगाकर करके किसी बात को माने की योग्यता है, जो मनुष्यता है, उसको समाप्त कर दिया और सारा का सारा ढोंग अडंबर पाखंड और बुद्धि हीनता की बाते मिलाकर बना दी और हमने मान भी ली। हमारे साथ एक बहुत बड़ा षड्यंत्र खिलवाड़ रचा गया है। हमारे शास्त्रों में जो बात नहीं है वह हमें किसी प्रकार से चाहे कोई भी तरीका क्यों ना हो किसी भी स्वार्थ लोभ लालच के द्वारा हमें नहीं माननी चाहिए।
शास्त्रों में मिलावट की पहचान होनी चाहिए
जो शास्त्रों में है उसे मानना चाहिए। शास्त्रों में भी जो मिलावट है जो दो प्रकार की बातें हैं उनमें से एक प्रकार की बात माननी चाहिए। जो वेद के अनुकूल हो। दूसरी प्रकार की बात निश्चित रूप से मिलावट की गई है। आज आपने इस घटना का ठीक- रूप महाभारत के द्वारा देखा होगा। मैं मानता हूं निश्चित रूप से आप इस टॉपिक को ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करेंगे। क्योंकि आप सभी सज्जन है। सनातन वैदिक धर्म के ठीक-ठीक स्वरूप को आगे बढ़ाने की इच्छा रखते हैं ऐसा भी मेरा मत्त है। टॉपिक को जितना हो सके शेयर करें।
धन्यवाद।
महाभारत में गांधारी के सौ पुत्रों के बारे में हमारी मान्यता
Reviewed by Tarun Baveja
on
August 05, 2021
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