भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बनेगा?

 

भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बनेगा?

महान वैज्ञानिक सर अल्बर्टइस्टीन को जब पूछा गया कि तीसरा विश्व युद्ध कैसे होगा। तब उनका जवाब था तीसरा विश्व युद्ध की जानकारी तो मुझे नहीं है लेकिन चौथा विश्वयुद्ध पत्थरों से लड़ा जाएगा। बात बहुत सीरियस थी। तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो इसका मतलब सब कुछ खत्म, सारी टेक्नोलॉजी, सारा ज्ञान विज्ञान नष्ट होकर कुछ नहीं बचेगा। फिर भी अगर चौथा विश्व युद्ध हो तब उससे लड़ने के लिए सिर्फ पत्थर ही बचेंगे। इसी बात में छुपी है विश्व गुरु भारत की संपूर्ण ज्ञान विज्ञान के नष्ट होने की कहानी।
भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बनेगा?

 

आज से 5000 साल पहले हमारा देश पूरी दुनिया का राजा था, विश्व गुरु था, महाशक्ति था। इसी देश से पूरी दुनिया ने बोलना चलना सीखा था। इसी देश से जाकर लोग पूरी पृथ्वी पर बसे। 

पूरी दुनिया हमारी संस्कृति और टेक्नोलॉजी के अनुसार चलती थी 

पूरी दुनिया के देश इस देश के संविधान के अनुसार चलते थे। इस आर्यावर्त में आर्य यानी श्रेष्ठ लोग बसते थे। फ्रांस देश के एक विद्वान जज गोल्डेस्कर अपनी पुस्तक बाइबल इन इंडिया में लिखते हैं। सब विद्या, भलाइयों का भंडार आर्यवर्त देश है। सब विद्या तथा मत्त इसी देश से फैले हैं। हम परमात्मा की प्रार्थना करते हैं जैसे उन्नति आर्यवर्त देश की पूर्व काल में थी वैसे ही हमारे देश की कीजिए।

प्राचीन काल का विज्ञान आधुनिक विज्ञान से श्रेष्ठ था 

वास्तव में हमारा देश पहले हर तरह से पूर्ण था। उस समय का विज्ञान आज से कई गुना अधिक था। पर्यावरण के अनुकूल था। परमाणु हत्यारों के होने के साथ उन हत्यारों को रोकने की तकनीक भी थी। इतना ही नहीं इन हत्यारों को चलाने के बाद इनके दुष्प्रभावों को रोकने का ज्ञान भी मौजूद था। एक से बढ़कर एक अस्त्र मजदूर थे। 

सृष्टि का ज्ञान रखने वाले ऋषि भारत के ही थे

वहीं पर पूरी सृष्टि के विज्ञान को जानने वाले ऋषि इस देश में थे। उस समय पूरी पृथ्वी पर वेदों का ही पढ़ाना होता था। वेद मंत्रों के विज्ञान को समझ कर ही तकनीक विकसित की जाती थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ जो देश पूरी दुनिया का गुरु था। उसे आज दुनिया के बड़े देशों के सामने झुकना पड़ता है और किस तरह यह देश विश्व गुरु बन सकता है।

महाभारत युद्ध का दुष्परिणाम

वास्तव में महाभारत के युद्ध से हमारे देश को एक बहुत बड़ा धक्का लगा। जिस से संपूर्ण ज्ञान विज्ञान नष्ट हो गया। धीरे-धीरे लुप्त होता चला गया। महाभारत का युद्ध एक विश्व युद्ध था। इसमें अलग-अलग देशों से अनेकों महा योद्धाओं ने भाग लिया था। चाहे वह चीन के योद्धा बगदाद हो, अमेरिका वाबरू वाहन या यूरोप देश का विडॉलक्स। पूरी पृथ्वी के राजाओ ने महाभारत युद्ध में भाग लिया था। यह युद्ध इतना भयंकर था जिसमें पूरी दुनिया के साथ, भारत के अर्थव्यवस्था, ज्ञान-विज्ञान सबको तबहा कर के रख दिया था। इस युद्ध के समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे अनेकों रिलीजन बनने लगे। जिनकी वजह से विद्या और भी नष्ट होने लगी। 

वेदों से दूर होना समस्या का कारण

पिछले 5000 वर्षों में इस देश ने अनेकों आक्रमण सहन किए। यहां की बची कुछी व्यवस्थाओं को दूसरे देशों की जंगली सभ्यताओं ने नष्ट किया। लेकिन समय-समय पर अलग-अलग महापुरुषों ने इस देश को बचाया। चाहे वो आचार्य चाणक्य हो, छत्रपति शिवाजी महाराज हो या महाराणा प्रताप हो। ऐसी हजारों महा योद्धाओं ने समय-समय पर देश को संभाला लेकिन आखिर क्यों हम फिर से विश्व गुरु के पद पर नहीं जा पाए। 

विश्व गुरु से विश्व का शिष्य 

ऐसा क्या होना चाहिए था। जो फिर से इस देश को विश्व गुरु बना दे। वह चीज थी हमारे देश के लोगों का वेदों से दूर होना। 5000 वर्ष पहले यह देश वेदों की वजह से ही विश्व गुरु था और पूरी दुनिया में शांति कायम थी। लेकिन महाभारत काल से ही लोग वेद से दूर होने लगे। आलस्य करने लगे। जिसकी वजह से धीरे-धीरे हम विश्व गुरु से विश्व के शिष्य बन गए।

भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बन सकता है

सवाल यह है कि अब यह देश वापस विश्व गुरु कैसे बन सकता है। इसके लिए हमें वेदों की ओर लौटना पड़ेगा।वेदों में छुपे विज्ञानों को खोज कर जब हम पूरी दुनिया को बताएंगे। तब दुनिया हमारे देश से सीख पाएगी। वेदों के विज्ञान ने ही इस देश को विश्व गुरु बनाया था। 

आचार्य अग्निवृत नैष्ठिक

हमारे देश के एक वैदिक विज्ञानी आचार्य अग्निवृत नैष्ठिक जी ने वेदों पर 10 वर्ष रिसर्च करके एक पूरा नया विज्ञान ही खोज लिया है और वेदों से एक नई थ्योरी दी है। जिसे वेद विज्ञान आलोक नाम के 2800 पेज के ग्रंथ में बताया गया। jisme आज की modern साइंस से 100 साल से अधिक का विज्ञान है। टाइम, स्पेस ये सब क्या होते हैं? ब्रह्मांड में कितने बल होते हैं? कैसे काम करते हैं? जिनके बारे में आज का विज्ञान नहीं जानता। यह सब बताया है। अगर हम सब मिलकर इनका साथ दें। तब वास्तव में हम अपने देश को विश्व गुरु बना सकते हैं।

वेदों की ओर लौटना ही एकमात्र उपाय 

तो फ्रेंड्स वास्तव में वेदों से दूर होने की वजह से महाभारत के युद्ध से हमारे देश का विनाश हुआ लेकिन वेदों पर हो रही इस रिसर्च का साथ देकर हम फिर इस देश को विश्व गुरु बना सकते हैं। इस बारे में आप अपने विचार हमें जरूर बताएं। 
धन्यवाद।

भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बनेगा? भारत फिर से विश्व गुरु कैसे बनेगा? Reviewed by Tarun Baveja on August 05, 2021 Rating: 5

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