स्वास्थ्य के लिए 50 उपयोगी बातें - भाग 2

स्वास्थ्य के लिए 50 उपयोगी बातें - भाग 2
1. भोजन करते समय पर चिंता शोक राग द्वेष ईर्ष्या क्रोध से दूर रहकर शांत मन से भजन करना चाहिए।

2. भोजन को कम से कम 32 बार चबाकर भोजन करना चाहिए ताकि आप तो को अतिरिक्त परिश्रम ना करना पड़े उस भोजन को पचाने के लिए।

3. सोते समय भी सभी चिंताओं को छोड़कर मन को एकाग्र करके सोना चाहिए। इससे नींद अच्छी आती है और बुरे स्वप्न  भी नहीं आते।

4. सोने से पहले हाथ पैरों को धोकर अच्छे से पोंछकर कोई अच्छी पुस्तक पढ़कर और प्रभु का स्मरण कर कर सोना चाहि। इससे नींद अच्छी आती है।

5. रात को भजन सोने से 3 घंटे पहले कर लेना चाहिए। अगर ऐसा करेंगे तो भोजन से अच्छे से पच जाएगा  और गैस, एसिडिटी, कब्ज नहीं होगी।

6. सोते समय मुंह को पूरा ढक कर नहीं सोना चाहिये। खिड़कियां दरवाजे खोल कर सोना चाहिए। बिस्तर बहुत अधिक मुलायम नहीं होना चाहिए।

7. तेल मालिश से शरीर पुष्ट होता है लेकिन कोशिश भी करनी चाहिए कि तेल मालिश के बाद हमेशा स्नान करें अगर किसी कारण से स्नान नहीं कर पाते तो तोलिए को गर्म पानी में भिगोकर शरीर को अच्छे से पूछ ले। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल मालिश के बाद शरीर के रोम कुप को गंदगी से भर जाते हैं। इसलिए तेल मालिश के बाद स्नान करने को कहा गया है।

8. सुबह टहलने के लिए जाएं तो नंगे पैर हरी घास या हरी दूब के ऊपर जरूर टहले। इस तरह पहले से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।

9. टहलने और व्यायाम के लिए सूर्योदय का समय सर्वोत्तम है। अगर हो सके तो सुबह शाम 2 समय व्यायाम करना चाहिए।

10. भोजन से पहले हमेशा हाथ धोना चाहिए। अगर हाथों में कोई बैक्टीरिया हो तो हाथ धोने के बाद वो नहीं रहता।

11. भोजन करने के बाद तुरंत जल ना पिया। कम से कम 1 घंटे बाद जल पिए। ऐसा इसलिए होता है कि भोजन करने के बाद अमाशय में jatharagni प्रदीप्त होती है।पानी पीने वो बुझ जाती है और खाना ठीक से नहीं पच पाता।

12. अगर भोजन रखा है तो बीच में एक दो घूंट पानी पी सकते हैं।

13. सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व की तरह होना चाहिए।

14. अगर धूप में बैठे हो तो कमर सूर्य की ओर हो और अगर धूप में लेटे हो तो सिर सूर्य की ओर हो।

15. कंगी, कपड़ा, ब्रश, तो लिया, चप्पल आदि सभी के अलग-अलग होने चाहिए।

16. एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 3 लीटर पानी पीना चाहिए 1 दिन में। पानी शरीर के टॉक्सिंस बाहर निकालने में बहुत मदद करता है शरीर की और शरीर के सारे टॉक्सिंस मूत्र के द्वारा बाहर निकल जाते हैं।

17. जैसे जैसे व्यक्ति बड़ा होता जाता है उम्र में, उसे चावल, तले भुने पदार्थ, घी, नमक आदि कम कर रहना चाहिए।

18. कुछ ऐसे मुझे पदार्थ है जो हमें एक साथ नहीं खाना चाहिए जैसे कि केला दूध दही और मट्ठा।

19. देसी घी और शहद कभी भी एक समान मात्रा में नहीं खाना चाहिए।

20. दूध के साथ कभी भी नमक, खट्टा फल, दही, तेल, मूली, तोरी आदि नहीं खानी चाहिए।

21. दूध के साथ जो खट्टी चीज खा सकते हैं वह है आंवला। अमला और दूध का संयोग उत्तम है।

22. रात को दही मट्ठा नहीं खाना चाहिए।
कफ दोष में व्यक्ति को दूध और दूध से पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

23. चावल और मूंग की दाल की खिचड़ी बहुत हल्का भोजन है। जिनकी पाचन शक्ति कम हो उनको खिचड़ी खाने चाहिए।

24. देसी घी को कभी भी कांसे और पीतल के बर्तन में नहीं रखना चाहिए।

25. कभी भी गर्मियों में धूप से आकर एकदम से नहीं नहाना चाहिए। पहले थोड़ा आराम करके और पसीना सूख जाने के बाद ही नहाना चाहिए।ऐसा न करने पर सर्द गर्म होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

26. हमें रात को 10:00 बजे तक सो जाना चाहिए।रात को देर तक जागने से हमारे शरीर के अंगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

27. खाना सूर्य की रोशनी में ही सबसे अच्छे से पच पाता है। इसलिए कहा गया है कि सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए।

28. देर रात तक जागने से आंखों की रोशनी भी कम हो जाती है। इसलिए हमें 10:00 बजे तक सो जाना चाहिए।

29. हमें अपनी प्रकृति जानकर आहार लेना चाहिए। उदाहरण के रूप में अगर हमें वात दोष है तो हमें वायु वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जैसे कि गोभी, चावल आदि।

30. अधिक चिकनाई युक्त भोजन, धूम्रपान, मांसाहार हमारे हृदय के लिए नुकसानदायक है। इनको खाने से हृदय पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। इनको खाने से कोलेस्ट्रोल भी बढ़ता है।

31. जो लोग नियमित व्यायाम करते हैं उनकी मांसपेशियों में बल बहुत बढ़ जाता है।व्यायाम करते समय जो पसीना निकलता है उसमें शरीर के सारे टॉक्सिंस बाहर हो जाते हैं। जिससे कि शरीर कांति युक्त होता है। और व्यक्ति लंबे समय तक जवान बना रहता है।

32. नियमित दिनचर्या, योग, व्यायाम से अनेक लोग अपने आप ही समाप्त हो जाते हैं।

33. नशा कभी नहीं करना चाहिए। यह आपके शरीर और मन के लिए बहुत हानिकारक है।
नशा करने से मन आपके नियंत्रण में नहीं रहता उल्टा हम मन के नियंत्रण में आ जाते हैं। जिससे हमारी बहुत हानि होती है।

34. नशे का एक और नुकसान धन की हानि है। जो व्यक्ति नशा करता है वह अपना सारा धन धीरे-धीरे बर्बाद कर देता है।

35. एक निश्चित समय पर जागना चाहिए। निश्चित समय पर सोना चाहिए और उचित समय पर भोजन करना चाहिए। ऐसा करने वाला व्यक्ति हमेशा निरोग रहता है।

36. हमें अपने बच्चों के लिए तीन चीज करना चाहिए। एक उनके स्वास्थ्य के बारे में ध्यान रखना चाहिए उनकी शिक्षा के बारे में ध्यान रखना चाहिए और उनकी आध्यात्मिक विकास के बारे में।अगर हम ऐसा करते हैं तो हम अपने बच्चों के भविष्य को सफल बना देंगे।

37. हमें अपने बच्चों के लिए धन दौलत जोड़ने की वजह उनको तीन चीज देनी चाहिए स्वास्थ्य शिक्षा और आध्यात्मिकता।एक पुरानी कहावत भी है। पूत कपूत तो क्यों धन संचय पूत सपूत तो क्यों धन संचय। इसका मतलब हमें धन जोड़ने की जरूरत नहीं है। अगर पुत्र सुपुत्र निकल गया तो वह धन अपने आप जोड़ लेगा और अगर पुत्र कुपुत्र निकल गया तो वह जो जुड़ा हुआ धन सारा धन बर्बाद कर देगा।

38. शरीर के वेगों को कभी भी नहीं रुकना चाहिए। अगर मूत्र रहा है तो मूत्र जरूर कीजिए और अगर जो मल विसर्जन का प्रेशर है तो मल विसर्जन जरूर करिए।

39. मूत्र वेगो को रोकने से गुर्दों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसलिए स्वस्थ गुर्दों के लिए कभी भी मत रोवे को नहीं रुकना चाहिए।

40. अधिक धूप से, अधिक वर्षा से, अधिक सर्दी से शरीर को बचाना चाहिए इन तीनों की अति से आयु कम होती है।

41. जिस घर में ज्यादा नमी हो। उस घर की नमी को पहले ठीक करना चाहिए फिर उस घर में रहना चाहिए। इसको सबसे उपाय यह है कि घर बनाते वक्त ऐसा नक्शा बनाया जाए जिससे कि घर में धूप और हवा की प्रचुर मात्रा हो।

42. घर में हवा की क्रॉसिंग जरूर होनी चाहिए। हवा  की क्रॉसिंग ना होने से घर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है  कि हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

43. जो व्यक्ति गहरी निंद्रा में हूं हो सके तो उसे कभी भी नहीं जगाना चाहिए।

44. सुबह उठते ही यह प्रण करना चाहिए कि आज मैं किसी को भी दुख नहीं दूंगा। किसी की अंतरात्मा को परेशान नहीं करूंगा। नहीं किसी के निंदा करूंगा।

45. भगवान ने मनुष्य को 100 साल तक की आयु दी है लेकिन यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह अपने आप को कितना स्वस्थ रख सकता है। सही खानपान और सही आदतों की वजह से मनुष्य 100 साल तक जी सकता है अन्यथा नहीं।

46. आयुर्वेद के तीन स्तंभ है उचित आहार , उचित निद्रा  और ब्रह्मचर्य। जो व्यक्ति इन तीन स्तंभों पर खरा उतरता है। वह निश्चित है कि 100 साल की आयु पाता है।

47. ब्रह्मचर्य का नाश उम्र को घटाता है। 

48. अगर उत्तम संतान चाहते हो तो पहले नियोजन करो । मतलब ब्रह्मचर्य का पालन करो। ब्रह्मचर्य कम से कम 1 वर्ष तक पालन करके ही वीर स्थापित किया जाना चाहिए। यहां पर कम से कम 1 वर्ष बात की गई है जितने ज्यादा वर्ष होंगे उतने ही उत्तम संतान प्राप्त होगी। जितने ज्यादा वर्ष ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे उतना ही बीज उत्तम होगा।

49. ब्रह्मचर्य का पालन स्त्री और पुरुष दोनों का करना चाहिए। जो व्यक्ति गृहस्थाश्रम में होकर ब्रह्मचर्य का पालन करके संतान पैदा करते हैं।उनकी संतान महा गुणवान, विद्वान देशभक्त पैदा होती है।

50. ब्रह्मचर्य की शक्ति से ही भीष्म पितामह अजय हो गए थे। उनसे युद्ध में कोई नहीं जीत सकता था। मृत्यु को भी उन्होंने अपनी इच्छा के अंतर्गत कर लिया था।


स्वास्थ्य के लिए 50 उपयोगी बातें - भाग 2 स्वास्थ्य के लिए 50 उपयोगी बातें - भाग 2 Reviewed by Tarun Baveja on February 24, 2020 Rating: 5

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