स्वस्थ रहने के लिए 50 उपयोगी बातें।
1. प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठे। रात को कभी देर से ना सोए।
2. प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करें। कम से कम आधा घंटा ऐसा व्यायाम जरूर करें जिसमें शरीर पसीने से नहा जाए। वैसे तैराकी सबसे अच्छा व्यायाम माना जाता है।
3. मालिश से शरीर पुष्ट होता है। शरीर की मांसपेशियों को बहुत बल मिलता है। इसलिए कम से कम एक बार 1 सप्ताह में माली श जरूर करें।
4. जो लोग बूढ़े हो गए हैं या बहुत अधिक व्यायाम नहीं कर सकते उन्हें कम से कम सुबह शाम टहलना जरूर चाहिए। टहलने से सारे शरीर की मांसपेशियों का व्यायाम होता है और रक्त का संचार बहुत अच्छे तरीके से होता है और व्यक्ति हृदय रोग, अस्थमा, हाई कोलस्ट्रोल, हाई बीपी, लो बीपी आदि बीमारियों से बच जाता है।
5. धूप, ताजी हवा, स्वच्छ वातावरण, प्राकृतिक वातावरण यह हमारे शरीर को जरूर मिलना चाहिए।
6. सात्विक भोजन ही निर्मल मन की खुराक होता है। कहावत भी है जैसा खाए अन्न वैसा होगा मन। इसलिए हमेशा सात्विक आहार आहार लेना चाहिए
7. सात्विक आहार में प्राकृतिक भोजन आता है जैसे कि ताजे फल दूध दही देसी घी मक्खन गेहूं चना बाजरे की रोटी हरी सब्जियां दालें।
इन सभी को बिना मिर्च मसाला के ही प्रयोग करना चाहिए तो वह सात्विक आहार माना जाता है।
8. लाल मिर्च गरिष्ठ भोजन मिर्च मसालों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। इससे हमारे शरीर की लीवर को, आंतों को,किडनी को अतिरिक्त श्रम करना पड़ता है उसको पचाने के लिए।
9. हमें प्रतिदिन योग और व्यायाम करना चाहिए इससे व्यक्ति की आयु लंबी होती है और व्यक्ति रोगों से मुक्त होता है।
10. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है इसलिए हमें हमेशा यह प्रयास करना चाहिए कि हमारा शरीर स्वस्थ बना रहे। हमें सदाचारी बनना चाहिए।
11. तेज रोशनी से अपनी आंखों को बचाना चाहिए।
12. गर्म जल से कभी भी स्नान नहीं करना चाहिए इससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
13. गर्म पानी से बालों को धोने से बाल झड़ने की समस्या बढ़ जाती है।
14. स्नान के बाद तोलिए को त्वचा से अच्छी तरह से रगड़ ना चाहिए ताकि त्वचा के सभी रोम छिद्र खुल जाए।
15. हमें अपनी जीभ पर नियंत्रण रखना चाहिए। स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए खाने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
16. गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है हमें ना तो बहुत अधिक भोजन करना चाहिए और ना ही बहुत कम भोजन करना चाहिए।
17. पानी को घूट घूट करके पिए जिससे कि पानी के साथ साथ अधिक से अधिक लार हमारे शरीर को मिले। लार हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है। यह भोजन को पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
18. दूध को भी कूट-कूट कर कर पीना चाहिए एकदम तेजी से नहीं पीना चाहिए। जिन लोगों को कफ की शिकायत हो उन लोगों को दूध में थोड़ी सी हल्दी डालकर पीना चाहिए।
19. रात को दूध पीना सर्वोत्तम माना गया है। यह नाड़ी की गति को धीमी कर देता है जिससे शरीर की मांसपेशियों को आराम मिलता है और नींद अच्छी आती है।
20. भोजन के पश्चात हमें दांतो को अच्छे से साफ करना चाहिए ताकि वहां पर चिपकी हुई भोजन के अंश निकल जाए। जिससे कि दांतों में कीड़ा ना लग सके। दूसरा भोजन के अंश के कारण वहां बदबू और सड़न पैदा हो जाती है।
21. प्रतिदिन तुलसी की पत्तियां खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ज्वर नहीं होता।
22. वैसे तो दिन में नहीं सोना चाहिए लेकिन गर्मियों के दिनों में भोजन के पश्चात आधा घंटा तक विश्राम कर सकते हैं।
23. रात को भोजन के पश्चात जरूर डालना चाहिए।
24. कम बोलना बहुत अच्छी आदत है। इससे मन शांत और प्रसन्न रहता है। जहां जरूरी हो वही बोलना चाहिए।
25. चिंता चिता के समान है। चिंता करने से शरीर की बहुत हानि होती है। इसलिए चिंता नहीं चिंतन करना चाहिए।
26. प्रतिदिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
27. रात को एक चम्मच त्रिफला आधा गिलास पानी में भिगोकर रखते हैं सुबह उठकर उस पानी को छानकर अपनी आंखों को उस पानी से धोएं। इससे आंखों की रोशनी तेज होती है।
28. और इसी त्रिफला जल्द से मोटापा कम होता है।अगर प्रतिदिन हम सुबह उठकर खाली पेट एक चम्मच शहद इस त्रिफला जल में लगातार पिएंगे। तो यह शरीर की चर्बी को कम करने में बहुत सहायक होता है।
29. मुंह धोते समय मुंह में ठंडा जल मुंह में भरकर आंखों पर 15 से 20 बार ठंडे जल के छींटे लगाने से आंखों की रोशनी तेज होती है।
30. 15 से 20 दिनों मैं कानों के अंदर एक दो बूंद सरसों का तेल हल्का सा गुनगुना जरूर डालना चाहिए।
31. बिस्तर को तकिए को चादर आदि को समय-समय पर धूप लगाते रहना चाहिए जिससे कि उनमें सोंग्स बैक्टीरिया पैदा नहीं होता और ऐसा होने से खुजली चर्म रोग आदि रोग नहीं हो पाते।
32. सोने के स्थान को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। नींद अच्छी आने में यह एक महत्वपूर्ण घटक है।
33. नींद आने पर ही सोना चाहिए। बिस्तर पर पड़े पड़े नींद की राह देखने से अनेक रोग आने का खतरा बना रहता है। दिन में सोने की आदत नहीं होनी चाहिए।
34. मच्छरों को दूर रहने का प्रयास करना चाहिए। मच्छरों से अनेक रोग जैसे मलेरिया टाइफाइड आदि फैलते हैं।
35. मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो कॉइल का प्रयोग करना सही नहीं है। विजय केमिकल युक्त पदार्थ और धूआ सेहत के लिए बहुत ही नुकसानदायक है।
36. हवन करने से घर का वातावरण पवित्र होता है और यह हानिकारक गैसों को खत्म करता है प्रदूषण को खत्म करता है इसलिए हवन करते रहना चाहिए।
37. श्वास सदा नाक से लेना चाहिए मुंह से कभी भी नहीं लेना चाहिए। मुंह से सांस लेने से आयु कम होती है।
38. विचारों को हमेशा सात्विक रखना चाहिए अगर विचार उत्तम होंगे तो हमेशा मन को सुख मिलेगा और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। चिंता भय क्रोध ईर्ष्या भी नहीं आएंगे।
39. हमेशा अच्छी किताबों को पढ़ते रहना चाहिए। इससे हमारे विचार उत्तम होते हैं। आत्मविश्वास जगता है और चुनौतियों का सामना करने की शक्ति आती है।
40. कभी भी अश्लील और उत्तेजक पुस्तकों को नहीं पढ़ना चाहिए। इनसे हमारी बुद्धि भ्रष्ट होती है। मन तेज हीन हो जाता है। आत्मविश्वास कम हो जाता है। काम क्रोध लोभ मोह ईर्ष्या द्वेष आदि घेर लेते हैं
41. सुबह उठते ही पानी पीना चाहिए। जिससे कि मुंह की लार अंदर चली जाए। यह लार युक्त पानी हमारे शरीर के लिए अमृत समान है।
42. रात को तांबे के पात्र में रखा हुआ पानी सुबह पीना सेहत के लिए बहुत ही अच्छा है।
43. दांतों की बीमारियों से बचने के लिए और दांतो को मजबूत करने के लिए कपड़े छान किया हुआ सेंधा नमक में सरसों का तेल मिलाकर और हथेली को टेढ़ा कर ले इससे नमक मिला हुआ सरसों का तेल टपकने लगेगा। इस सरसों के तेल से मसूड़ों को धीरे-धीरे मालिश करें। इससे मसूड़ों में नहीं ताकत आएगी और दांत बहुत मजबूत हो जाएंगे। दांतो के सभी प्रकार के रोग को समाप्त करने की अचूक घरेलू उपाय है।
44. विटामिन डी की कमी से बचने के लिए धूप में हमेशा बैठना चाहिए। यह प्राकृतिक रूप से हमारे शरीर को विटामिन डी देता है। जिससे कैल्शियम को ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है।
45. मैदे की बनी हुई चीजों को बिल्कुल त्याग दें। मैदे की बनी हुई चीज में किसी भी प्रकार का पोषक तत्व नहीं होता उल्टा यह कब्ज रोग पैदा कर देती है।
46. तली भुनी हुई चीजों से भी हमेशा परहेज रखना चाहिए। यह हमारे शरीर की कांति को कम करते हैं। जल्दी बड़ा फल आने में बहुत बड़ा कारण है।
47. उपवास करने से हमारे शरीर के अंगों को आराम मिलता है। उपवास शरीर को टॉक्सिंस बाहर निकालने में बहुत मदद करता है इसलिए 1 हफ्ते में कम से कम एक बार उपवास जरूर करना चाहिए।
48. उपवास करने का अर्थ यह नहीं है कि बार-बार खाते रहना चाहिए। उपवास फलाहारी होना चाहिए अर्थात उसमें सिर्फ फल ही फल हो। अगर नींबू पानी का केवल उपवास रखते हैं तो वह सोने पर सुहागा है। अर्थात उपवास में सिर्फ नींबू पानी पीना है।
49. जिन व्यक्तियों की उम्र 50 से ऊपर हो चुकी है उनको खाना कम कर देना चाहिए 50 की उम्र के बाद हमारे शरीर को ज्यादा खाने की आवश्यकता नहीं होती ऐसे व्यक्तियों को अन्न सिर्फ एक समय खाना चाहिए और बाकी समय फल दूध दही आदि का ग्रहण करना चाहिए।
50. हमें मौसी फल जरूर करना चाहिए। प्रकृति हमारे शरीर की आवश्यकता के अनुसार मौसमी फल उपलब्ध करवाती है। जिसमें तरह तरह के विटामिन, खनिज तत्व सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। जिनसे शरीर को पोषण मिलता है। इसलिए मौसमी फलों का सेवन जरूर करना चाहिए
स्वस्थ रहने के लिए 50 उपयोगी बातें - भाग 1
Reviewed by Tarun Baveja
on
February 24, 2020
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