इतनी नफरत हो जाएगी कि इस वस्तु को जिंदगी भर कभी नहीं खाएंगे
दोस्तों क्या आपको पता है आपके घर में रोजाना इस्तेमाल आने वाली एक ऐसी चीज है जिसके कारण 132 करोड़ की आबादी वाले इस देश में लगभग हर घर में किसी ना किसी को हार्ट अटैक कॉलेस्ट्रोल ब्रेन हेमरेज हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है और उसे हर घर में किसी न किसी रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है यहां तक की बाजार में मिलने वाली हर मीठी चीज बनाने में इसका इस्तेमाल होता ही है इस वस्तु का नाम है चीनी सफेद शक्कर जी हां आपने बिल्कुल सही सुना सफेद चीनी पर अभी हम आपको जो चीनी के बारे में बताने वाले हैं आप हैरान रह जाएंगे कि जो आप खा रहे हैं उससे आपके स्वास्थ्य पर कितना बुरा प्रभाव पड़ता हैदोस्तों आजकल के इस दौर में खान-पान को लेकर लोगों की सोच में काफी बदलाव आ चुका है यह तो आपको पता ही है कि आज हर घर में मिठास के लिए लोग चीनी का इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से कर रहे हैं पर क्या आपको यह पता है कि भोजन में मिठास लाने के लिए हम जीसीनी का इस्तेमाल करते हैं वह शरीर में जाने के बाद 103 बीमारियों का कारण बनती है जी हां अभी आपको बिल्कुल सरल भाषा में बताते हैं कि यह चीनी जब शरीर में जाती है तो यह कैसे जहर पैदा करती है आप इसे अच्छे से समझिए दोस्तों शरीर में ताकत और एनर्जी बनाए रखने के लिए हमें शर्करा तत्व की आवश्यकता होती है यह एक प्रकार की शर्करा है शक्कर वह नहीं जो बाजार में मिलती है वह चीनी है
शक्कर वह जो हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन से मिले और शरीर के काम आए जब हम भोजन करते हैं तो भोजन पेट में जाकर एक प्रकार की इंदन में बदलता है जिसे हम ग्लूकोस कहते हैं यही ग्लूकोज हमारे खून में मिलकर शरीर की लाखों कोशिकाओं मैं प्रवेश करता है और हम ताकतवर एनर्जी प्रदान करता है इसे अच्छे से समझने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं लगभग 3000 साल पहले लिखे गए आयुर्वेद के ग्रंथ में ऋषि वाग्भट जी ने यह कहा है कि भोजन के रूप में जो शुगर आप को मिलने वाली है वह तेजी के साथ आपको मिले और मिलने में कोई रुकावट ना आए ऐसी कोई वस्तु भोजन में ना मिलाएं यह तो 3000 साल पहले के हिसाब से वाग्भट जी ने कहा है
अगर आज हम आज के आधुनिक विज्ञान के हिसाब से ढूंढे की ऐसी कौन कौन सी चीजें हैं जिसे खाने से वजन से मिलने वाली जो नेचुरल शुगर है प्राकृतिक शक्कर है जिससे शरीर की लाखों कोशिकाओं को पहुंचने में रुकावट पैदा होती है ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं आज की bhojan में या आज के दौर में इस बात का पता लगाने के लिए राजीव दीक्षित जी ने भारत की बहुत बड़ी लैबोरेट्री सीडीआरआई सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के कई वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस विषय पर बात की और उनसे पूछा कि आप बताइए हमारे पास ऐसी कौन कौन सी चीजें हैं जो भोजन से मिलने वाली प्राकृतिक शक्कर को शरीर के के उपयोग में आने से रुकती हैं तो सभी वैज्ञानिकों ने एक ही स्वर में जिस वस्तु का नाम लिया उस वस्तु से आप जितनी घृणा करें उतना अच्छा उस वस्तु का नाम है चीनी शुगर
दोस्तों भोजन से जो हमें शुगर मिलती है प्राकृतिक शक्कर वह चीनी खाने की वजह से डाइजेस्ट नहीं हो पाती यह प्राकृतिक शक्कर डाइजेस्ट ना होने से यह शरीर की लाखों कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती है आपको बता दें कि यह नेचुरल शुगर कोशिकाओं तक पहुंचने पर ही हमारे शरीर को ताकत और एनर्जी मिलती है शरीर की लाखों कोशिकाओं तक इस शुगर को पहुंचाने का काम इंसुलिन का है इंसुलिन की सहायता के बिना शुगर कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती दोस्तों यह इंसुलिन एक तरह का हार्मोन होता है जो पेनक्रियाज यानी अग्नाशय द्वारा बनाया जाता है जब भी हम चीनी का इस्तेमाल करते हैं तो हमारे पैंक्रियास को अधिक काम करता है क्योंकि जो इंसुलिन बन रहा है वह सब का सब वेस्ट हो रहा है
इस चीनी को डाइजेस्ट करने में ऐसी स्थिति में क्या होगा कि जो नेचुरल शुगर है वह कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएगी क्योंकि क्योंकि इसे पहुंचाने का काम आपको पता है कि पैंक्रियास के द्वारा उत्पन्न इंसुलिन का है इंसुलिन सब का सब वेस्ट हो रहा है दोस्तों आपको बता दें कि आप ऐसे ही चीनी खाते रहे तो आगे चलकर पैंक्रियास पूरी तरह से काम करना बंद कर देंगे अब इंसुलिन नहीं बनेगा अब जो शुगर है वह नसों में ही रहेगी और जब भी आप शुगर टेस्ट करवाएंगे आपका शुगर बढ़ा हुआ होगा यानी इस स्थिति में आप डायबिटीज के एक मरीज बन चुके हैं फिर डॉक्टर आप को बाहर से इंसुलिन लेने की सलाह देंगे बाहर से लिया गया इंसुलिन नया नया होने की वजह से वह शुगर को कोशिकाओं तक पहुंचा देता है पर कुछ हद तक ही
दोस्तों आप अच्छे से समझे कि बाहर से लिए गए इंसुलिन इसका पूर्ण उपचार नहीं है और बात शुगर तक ही खत्म नहीं होती जिन को शुगर है उनको आगे चलकर हार्ट अटैक भी होगा जिनको शुगर होगा उनको आगे चलकर नपुंसक तक भी होगी उनकी आंखें भी वक्त से पहले चली जाएंगी उनकी जिंदगी उनपर ही एक बोझ बन जाएगी इसलिए चीनी खाना बंद करिए आपको बता दें
चीनी को बनाने में 23 तरह के हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है दोस्तो चीनी वैसे तो गन्ने के रस से बनती है लेकिन गन्ने के रस से चीनी बनने तक में ऐसे केमिकल्स का इस्तेमाल होता है जिससे उसमें मौजूद सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं यानी कि उसमें मौजूद प्रोटीन कैल्शियम एंजाइम्स आयरन फास्फोरस की मात्रा जीरो हो जाती है चीनी बनाने में
जो 1 सबसे खतरनाक केमिकल यूज होता है वह है फार्म लीन ध्यान दीजिए दोस्तों जो कि चीनी बनाने में उपयोग होता ही है बिना फॉर्मलीन के चीनी बनती ही नहीं है इसकी पॉइंट जीरो 5 मिलीग्राम की मात्रा किसी भी व्यक्ति को कैंसर से मार देने के लिए पर्याप्त है चीनी एक तरह का धीमा जहर है जिसके ज्यादा सेवन से कैंसर होने तक का खतरा बढ़ जाता है राजीव दीक्षित जी ने तो चीनी के बारे में यहां तक कहा है कि आप इससे इतनी घृणा करें जितनी आप अपने दुश्मन से भी ना करें यानी स्वयं राजीव दीक्षित भी यह चाहते हैं किस देश में चीनी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए पर आज राजीव दीक्षित जी हमारे बीच में नहीं है इसलिए इस कार्य को हमें मिलकर ही पूरा करना है
तो दोस्तों चीनी को जल्द से जल्द बाय बाय कह दीजिए मैं आपको फिर कह रहा हूं कि आप इस बात को गंभीरता से जरूर लीजिए और अपने घर में चीनी का इस्तेमाल करना बिल्कुल बंद कर दीजिए और इसे अपनी रसोई घर से बाहर निकाल फेंकी है तो आप फिर बोलेंगे कि क्या खाएं आप मीठे में देसी खांड खाइए मिश्री खाइए गुड खाइए यह जो देसी खांड है यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है क्योंकि से चीनी की तरह refine नहीं किया जाता गन्ने के रस को गर्म करके लगभग 3 दिन तक लगातार मशीनों की सहायता से इसे हीलाया जाता है और फिर इसे तेज रफ्तार से घूमने वाली मशीन में घुमा घुमा कर दूध और पानी की मदद से साफ किया जाता है जिससे कि इसमें सारी गंदगी साफ हो जाए और फिर सूखने पर इसका रंग सफेद बारीक रवि जैसा हो जाता है इस तरह देसी खांड तैयार की जाती है
इस देसी खांड से ही मिश्री बनाई जाती है और उसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम मैग्नीशियम आयरन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं दोस्तों मिश्री और खंड को आप चीनी की जगह पर मिठास के रूप में कई चीजों के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं मिश्री भी दो प्रकार की होती है इस बात का भी आप विशेष ध्यान रखना है एक क्रिस्टल के रूप में और एक धागे वाली मिश्री आपको धागे या डोरी वाली मिश्री लेनी है बाजार में जो चकोर छोटे आकार की मिश्री मिलती है उसका इस्तेमाल आप को नहीं करना है क्योंकि वह भी चीनी का ही एक बड़ा रूप है
इसके अलावा आपके पास गुड है दोस्तो गुड में फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है और इसे बनाने में किसी प्रकार का केमिकल इस्तेमाल नहीं होता है गन्ने के रस को गर्म करके करते जाओ गुड अपने आप बन जाता है ज्यादा से ज्यादा उसमें दूध मिलाना पड़ता है गुड कैंसर से बचाव करने वाले मिनरल्स के रूप में भी जाना जाता है और यह कफ की मात्रा को भी शांत करता है जिनका जिनका भी कफ़ बड़ा होता है उनकी शरीर में फास्फोरस तत्व की कमी होती है और जिन्हें भी इनकी कमी होती है उन्हें गुड ज्यादा मात्रा में सेवन करना चाहिए ऐसा ऋषि बागवटजी ने भी अपनी पुस्तक में कहा था
दोस्तों गुड भी दो तरह का होता है एक सफेद एक डार्क आप डार्क चॉकलेट कलर का ही गुड घर में लाएं क्योंकि यही असली घोड़ा है और जो सफेद रंग का दिखने वाला गुड होता है उसमें मिलावट होती है गुड जितना ज्यादा सफेद होगा उसमें उतना ही ज्यादा जहर होगा क्योंकि गुड को सफेद बनाने में उसमें वॉशिंग पाउडर मिलाया जाता है और आजकल लोग सबसे ज्यादा सफेद रंग का गुड़ी खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वह साफ दिखता है पर उनको नहीं पता कि इसमें जो सफेदी है वह वॉशिंग पाउडर की है यह गुण नहीं है यह एक तरह का जहर है जिसे आप अपने घर में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि असली गुण हमेशा डार्क चॉकलेट कलर कलर का होता है क्योंकि और यही गुड असली है गुड आपके शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखता है
जिन लोगों को खाना ठीक तरीके से नहीं पचता उन्हें अपने वचन के कुछ देर बाद गुड खा लेना चाहिए इससे भजन को पचने में काफी सहायता मिलती है क्योंकि गुड खाने को जल्दी पच आता है तो दोस्तो आप कुछ खाइए और चीनी को हमेशा के लिए खाना बंद कर दीजिए ताकि आप डायबिटीज कोलेस्ट्रोल ब्रेन हेमरेज हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा जैसी गंभीर बीमारियों से बचे रहें दोस्तों हम सबका मिशन है किस देश में चीन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद हो जब लोग चीनी खरीदना ही बंद कर देंगे तो चीनी बनना भी बंद हो जाएगा और यही हम चाहते हैं इसलिए सभी मित्र इस आर्टिकल को शेयर जरूर करें
इतनी नफरत हो जाएगी कि इस वस्तु को जिंदगी भर कभी नहीं खाएंगे
Reviewed by Tarun Baveja
on
January 25, 2019
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