ये 8 चीजें हो सकती है जानलेवा। आज से ही खाना बंद कर दे।
नमस्कार दोस्तों
हर इंसान की ईटिंग हैबिट्स यानी कि खानपान से जुड़ी हुई आदतें अलग अलग होती हैं। कुछ लोग सेहतमंद रहने के नजरिए से खाते हैं। तो कुछ लोग केवल पेट भरने के लिए खाते हैं। कुछ लोग खाने पीने में जयादा परहेज करते हैं। तो कुछ लोग केवल स्वाद के पीछे ही भागते रहते हैं। आदतें चाहे जैसी भी हो रोजाना या कभी कभी खाए जाने वाली चीजों को लेकर जो हमारी सोच और धारणा बनी हुई है।
उस पर हमारे आस पास के लोगों और माहौल का तथा टीवी पर बताए जाने वाले एडवरटाइजमेंट का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। और जाने अनजाने हम ऐसी ऐसी चीजें खाना और पसंद करना शुरू कर देते हैं। जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती हैं।
तेजी से वजन बढ़ना अक्सर पेट से जुड़ी हुई अलग-अलग समस्याएं होना लगातार दिमाग में फिजूल के ख्याल चलते रहना ज्यादा आलस करना या थकान महसूस होना अचानक त्वचा पर पिंपल और खुजली इनफेक्शंस होना रात को ठीक से नींद ना आना स्ट्रैस का बढ़ना तथा आंखों मे कमजोरी आना शरीर में ब्लड प्रेशर और कैस्ट्रोल ओर शुगर बढ़ने के साथ-साथ जोड़ो तथा किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियां केवल खान-पान में गलत चीजों का अधिक सेवन करने से ही पैदा होती हैं। इसलिये हम आज के इस टॉपिक मैं हम जाने गे दस ऐसी खाये जाने वाली आम चीजो के बारे मे जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। ओर जिनका हमे कम से कम सेवन करना चाहिये साथ हम यह भी जाने गे की अगर आप इन चीजों को खाते है। तो इन्हें किस तरह ओर कितनी मात्रा मैं खाना चाहिए
इस लिस्ट मैं सबसे पहले चावल चावल अगर गरम गरम दिन के समय खाए जाए तो इनसे हमे कोई नुकसान नही होता है। लेकिन अक्सर लोगो की आदत होती है। रात के बाचे हुए चावल अगले दिन खाने की रात के बचे हुए चावल हमारी सेहत के लिए जितना हमें लगता है। उससे कई गुना हानिकारक हो सकते हैं। क्योंकि चावल पकने के बाद जब ठंडे हो जाते हैं। तब उन पर बेसेलस सीरियस अमल जीवाणु फैलने लगता है। ठंडे चावल जितनी देर के लिए समान्य तापमान पर रखे होते हैं। उतनी देर तक के यह जीवाणु पूरी तरह चावल पर फैल कर उसे दूषित देता है और उन पर टॉक्सीन यानी कि एक विशाला पदार्थ फैला देता है। फिर चाहे चावल को दुबारा कितनी भी देर के लिए गरम क्यों न कर लिया जाए यह विषैला पदार्थ चावल से बाहर नहीं निकलता और इस तरह के चावल को खाने पर फ़ूडपोंयसनिंग होने के बहुत अधिक चांस होते हैं।
फ़ूडपोयसनिंग में उल्टी दस्त और पेट दर्द की समस्या के साथ-साथ दर्द और शरीर में ताकत की कमी भी महसूस होती है। इसलिए इस प्रॉब्लम से बचने के लिए कोशिश करें कि चावल गरम गरम खाए और अगर और अगर आप ठंडे चावल दुबारा इस्तमाल करना चाहते हैं। तो उन्हें पकाने के बाद पूरी तरह ठंडा होने से पहले ही फ्रिज़ के अंदर टाइट ढक्कन वाले डब्बे या बर्तन में डाल के रखे लेकिन ऐसा सिर्फ घर पर बनने वाले चावल के साथ ही करें बाहर मिलने वाले चावल या उनसे बनी डिशस का किसी भी स्थिति में दुबारा इस्तमाल ना करें
इसके अलावा चाय या कॉफी भी कई स्थितियों में हमारे शरीर मैं बहुत अधिक हानिकारक हो सकती है। खासकर तब जब इसका सेवन खाली पेट किया जाए हमारे पेट खाली रहने का सबसे लंबा समय रात का समय होता है ओर लंबे समय तक खाली रहने की वजह से हमारे पेट में एसिड की मात्रा तब बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसलिए सुबह उठते ही उस एसिड को शान्त करने के लिए दो से तीन गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन जो लोग खाली पेट बिना कुछ खाए चाय या कॉफी पीते हैं। उनके शरीर में यह एसिड दुगनी रफ्तार से बढ़ने लगती है। ऐसे में हाइपर एसिडिटी कब्ज गेंस अपचन त्वचा का काला पढ़ना और बाल झड़ने जैसी समस्याएं समय के साथ शुरू हो जाती हैं।
चाय में केफिन की मात्रा अधिक होने के कारण धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाती है। फिर चाहे दिन का समय या शाम का खाली पेट चाय पीना सीधा अपने पेट को जलाने के समान होता है। चाय पीने से हमारे स्वास्थ्य को किसी भी तरह का लाभ नहीं होता हैं। जब इसमें चीनी भी मिला दी जाती है। तो इसके हमारे शरीर होने वाले बुरे प्रभाव 10 गुना बढ़ जाते हैं।
जिससे की चाय या कॉफी का रोजाना पिया गया एक कप भी हड्डियों से लेकर त्वचा तक 50 से भी अधिक बीमारियां खड़ी कर सकता है। इसलिए चाय या कॉफी खाली पेट कभी भी ना पिएं और कोशिश करें कि इन्हें पूरी तरह बंद कर दे इसके अलावा सोडा और कोल्ड्रिंग भी हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक होती है। क्योंकि इनके अंदर जरुरत से ज्यादा शुगर और हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं। देखा जाए तो इनके अंदर एक भी ऐसी चीज नहीं होती है। जो कि हमारे शरीर को किसी भी तरह फायदा पहुंचाए सभी जानते हैं।
कोल्ड्रिंग पीने से मोटापा और चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। लेकिन इनसे बढ़ने वाला मोटापे की खास बात यह है। कि यह शरीर में अनचाहे जगह पर ज्यादा इकट्ठा होता है। हाल ही में की गई एक स्टडी के अनुसार यह पता चला है। कि जो लोग ज्यादा कोल्ड्रिंग पीते हैं। वह कोल्डड्रिंक मै पाय जाने फोस्फो एसिड की वजह से उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। और दिखने में भी अपनी एड से 5 से 8 साल बड़े दिखाई देते हैं।
रोजाना खाए जाने वाले भोजन के साथ चटनी अचार या नमक ना होने पर खाने का स्वाद और अधिक बढ़ जाता है। लेकिन इसमें अचार एक ऐसी चीज है। जिसका सेवन संतुलित मात्रा में करना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि अचार वैसे तो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा मैं इसका सेवन करने पर हमारे साथ के लिए घातक हो सकता है। ज्यादातर अचार बनाने में बहुत ज्यादा मसाले तेल और सिरके का इस्तमाल होता है। तेज मसाले नमक और तेल की वजह से इसमे सोडियम की मात्रा भी बहुत अधिक होती है। जो कि सीधे हमारे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल को बहुत अधिक बढ़ाती है। और चुकी यह स्वाद में बहुत अधिक खट्टा होता है। इसलिए ज्यादा अचार खाने वाले लोगों को अक्सर बंद नाक गले का दर्द त्वचा पर तरह-तरह के एलर्जी या और घाटे साथ साथ हाइपर एसिडिटी और सूजन की भी प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए अचार कभी-कभी और कम मात्रा में ही खाना चाहिए एक बार में बहुत ज्यादा अचार का सेवन कभी नहीं करना चाहिए
हर तरह का भोजन या पकवान बनाने में तेल सबसे मुख्य चीज होती है। ऐसे में सवाल उठता है। कि कौन सा तेल स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। और कौन सा हानिकारक है। हानिकारक तेल की अगर बात की जाए तो सोयाबीन का तेल हमारे स्वास्थ के लिए सबसे जादा हानिकारक होता है। क्योंकि यह हमारे शरीर के पाचन तंत्र के बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है। और इसके अंदर फाइट्स रोजन की मात्रा बहुत अधिक होती है। सोयाबीन का तेल या सोयाबीन से बनी हुई हर तरह की चीजों का सेवन का ज्यादा सेवन करने से शरीर फाइट सोजन की मात्रा तेजी से बढ़ जाती है। जो की पुरुषों और महिलाओं दोनों के की शरीर के हार्मोंस पर भयंकर रुप से प्रभाव डालती है। हार्मोंस मैं गड़बड़ी आने पर थायराइड से लेकर गुप्त रोग और महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई कई तरह की बीमारी होने के बहुत अधिक चांस होते हैं। इसलिए खाना बनाने के लिए सोयाबीन ऑल की जगह तिल सरसो नारियल या ऑलिव ऑयल का प्रयोग करें
जभी भी सेहत बनाने या सेहतमंद रहने की बात आती है। तब सबसे पहले रोजाना अंडे खाने की सलाह दी जाती है। एक ऐसा व्यक्ति जो रोजाना कसरत यानी कि वर्कआउट करता हो यानी कि जिसका रोज जिंदगी से बहुत अधिक शारीरिक मेहनत करने वाले कार्य जुड़े हां केवल ऐसे लोगों को अंडे खाने से नुकसान नहीं होता है। लेकिन अंडा खाने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल भी बहुत तेजी से बढ़ता है। जो लोग रोजाना अंडा खाते हैं। उनके शरीर में अंडे ना खाने वाले लोगों के मुकाबले कोलेस्ट्रोल की मात्रा अधिक होती है और कोलेस्ट्रॉल हमारे हॉट के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसके अलावा कई लोग अंडों को कच्चा भी खा जाते हैं।
दूध अंडा मास इस तरह की चीजें जो कि हमें किसी जानवर के जरिए मिलती हो उन्हें खाने से पहले कोने तक आना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि इस तरह की चीजों को कचा खाने से साल्मोनेला पॉइज़निंग के अधिक चांस होते हैं। जिसमें के उल्टी दस्त होने के साथ-साथ भयंकर रुट से पेट खराब होने और हसनिये पेट दर्द होने का खतरा रहता है।
इसके अलावा पॉपकॉर्न जल्दी से बन वाली एक ऐसी चीज है। जिसके हाल के भजन होने के कारण अक्सर लोगों को यह लगता है। कि यह हमारी सेहत के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हो सकते लेकिन केवल घर पर बनाए जाने वाले पॉपकॉर्न को छोड़कर बाजार में मिलने वाले हर तरह के पॉपकॉर्न चाहे वह बने बनाए हो या पैकेट में आने वाले रेडी टू कॉक पोपकोर्न हो हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसान दायक होते हैं।
क्योंकि इनके अंदर नमक चीनी के तेल आर्टिफिशियल कलर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो कि हमारे शरीर में बहुत अधिक चर्बी पैदा कर देती है। और ज्यादा पॉपकॉर्न खाने से ह्रदय संबंधित रोग होने के भी चांस होते हैं। इसलिए कोशिश करें बाहर मिलने वाले पॉपकॉर्न कम से कम खाएं इसके अलावा है। ऐसी जाने वाली चीजें जिनमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तमाल किया गया हो भव्य हमारे शरीर के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती हैं।
खाए जाने वाली चीजो को दिखने में सुंदर और स्वादिष्ट बनाने के लिए आजकल फूड कलर का इस्तमाल बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है। बाजार में मिलने वाली ज्यादातर मीठी चीज जैसी कि केक आइसक्रीम पैकिंग में मिलने वाले जूस और ड्रींस बर्फ का गोला और तरण तरण की टॉफी चॉकलेट में आर्टिफिशियल डाय का इस्तमाल होता है। और मीठे के अलावा पैकिंग मैं मिलने वाले नमकीन स्नैक्स ओर मसालों मैं आर्टिफिशियल डाका इस्तमाल इन लंबे समय तक ताजा और अच्छा दिखाने के लिए किया जाता है।
आर्टिफिशियल कलर किसी भी तरह से इंसान के पेट में जाने के लिए बिल्कुल भी नहीं बने होते हैं। और नहीं सिर्फ पॉकेट पर नॅचुरल फूड कलर लिखा हुआ होने से इनका पूरी तरह प्राकर्तिक होने की कोई गारंटी होती है। अलग-अलग कलर को बनाने के लिए अलग-अलग केमिकल का इस्तमाल होता है। और इसलिए हर कलर का हमारी सेहत और दिमाग पर अलग-अलग तरह से असर पड़ता है।
नीले कलर का डाय हमारे दिमाग पर पूरा असर डालता है। वही हरा कलर हमारे ब्लैडर यानी कि मूत्र आशय लिए हानिकारक होता है। लाल डाय हमारे खून को अशुद्ध करने के साथ साथ थायराइड के फंक्शन को भी खराब करता है। और इसके अलावा पीला कलर अस्थमा को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूंघने की शक्ति को भी कमजोर कर सकता है। आर्टिफिशियल कलर का एक पूरी तरह से सेहतमंद शरीर पर चाहे इतना असर ना हो लेकिन बच्चों पर प्रभाव पड़ता है।
इसलिए कोशिश करें कि कलर वाली चीजों का कम से कम इस्तमाल करें आज के इस टॉपिक में बताइए गई सारी ही चीजें वैसे तो बहुत आम है। फिर भी अगर हम चाहे तो थोड़ी सी सावधानी बरत कर इनका इस्तमाल करना कम कर सकते हैं। अगर इस तरह की चीजों का सेवन पूरी तरह बंद कर दिया जाए तो हर व्यक्ति ने शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बहुत ही आसानी से दूर रख सकता है।
ये 8 चीजें हो सकती है जानलेवा। आज से ही खाना बंद कर दे।
Reviewed by Tarun Baveja
on
February 20, 2019
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