सुबह जल्दी उठने का सबसे सरल तरीका
नमस्कार दोस्तों
आपकी जिंदगी कैसे गुजरेगी ये आपकी सुबह तय करती है। सपने सोकर केवल देखें जाते हैं और सच करने के लिए उठना ही पड़ता है। सुबह जल्दी उठने की ख्वाइश आपका वो सपना है जो आप वर्षों से देखते आ रहे हो। लेकिन बिस्तर पर सोते हुए आने वाले सपने आपको आपका सुबह जल्दी उठने का सपना पूरा ही नहीं करने देते। आप जानते हो, पढ़ते हो, सुनते हो, देखते भी हो कि दुनिया के अधिकतर सफल लोगों की बेस्ट हैबिटस सुबह जल्दी उठना सबसे टॉप पर आता है। कोशिश तो आप भी वर्षों से कर रहे हो लेकिन सफल नहीं हो पाते हो। अलार्म तो हर रोज जल्दी उठने के लिए लगाते हो लेकिन उठ नहीं पाते हो।
अलार्म के स्नूज़ बटन को जब तीन-चार बार दबाने के बाद परेशान से हो जाते हो तो अलार्म को बंद करते हो और फिर से यही कहते हुए सो जाते हो कि कल से पक्का। लेकिन वो कल वर्षों से आपकी जिंदगी में आज तक नहीं आया। कभी सोचा है क्या कारण है क्यों नहीं उठाते पाते हो? 24 घंटे में कितनी नींद जरूरी है? सुबह उठने का सबसे बेस्ट टाइम क्या है? सुबह कानों में सुनाई देने वाला सबसे पहला साउंड अलार्म की ट्रिन ट्रिन क्यों आपको उठा नहीं पाता? इस ट्रिन ट्रिन साउंड की जगह कौन सा दूसरा साउंड आपको उठने में आपकी मदद कर सकता है?
दोस्तों, यकीन मानिए इस टॉपिक के अंत तक आपको ऐसी बहुत सी बातें जाने और सीखने को मिलेंगी जो आपकी देर से उठने की आदत को बड़ी आसानी से छुड़वा देंगी। सफल लोगों की तरह जल्दी उठना आपके जीवन का भी एक हिस्सा बन जाएगा। जब अधिकतर लोग सोकर सपने देख रहे होंगे। आप उनसे डेड से 2 घंटे पहले उठकर अपने सपनों पर काम करना शुरु कर देंगे।
दोस्तो, सबसे पहले यह जान लेते हैं कि सुबह उठने के लिए सबसे बेस्ट समय कौन सा है। दोस्तों, ज्यादातर सफल लोग 4:00 से 5: 00 बजे के दौरान उठते हैं। लेकिन उनके उठने का बेस्ट समय है ब्रहम महूर्त या अमृत वेला जो कि सूर्य उदय से छियानवे मिनट पहले का समय होता है। यदि आप हर रोज ब्रह्म मूरत में उठकर इस समय का सही से इस्तमाल करना सीख जाओ। तो आपकी लाइफ में चमत्कारिक बदलाव आ सकते हैं। शायद यही कारण है कि ज्यादातर धर्मो ने इस समय की शक्ति को पहचानते हुए इस समय में पूजा पाठ को सबसे बेहतर बताया है। कई एक्सपेरिमेंटस के आधार पर विज्ञानिकों ने भी सुबह के इस समय को दिन भर का बेस्ट समय बताया है। इस समय में हवा दिन भर के मुकाबले में कई गुणा ज्यादा शुद्ध होती है। सुबह ब्रेन ज्यादा productive , ज्यादा एक्टिव, ज्यादा अलर्ट, ज्यादा फोकस और ज्यादा शांत रहता है। इसीलिए आपके ब्रेन के सोचने समझने निर्णय लेने और याद करने की क्षमता दिन भर की तुलना में सुबह सबसे ज्यादा बेहतर होती है।
बिना किसी शोर के शांत वातावरण में यह समय स्टडी, मेडिटेशन, योगा और व्यायाम के लिए, दिन भर के मुकाबले कई गुणा ज्यादा बेहतर होता है। इस समय में आप जिस काम पर भी फोकस करते हैं। उसका काम में कम समय मैं ज्यादा अचीव कर सकते हैं। इस समय में कॉस्मिक एनर्जी का लेवल भी बहुत अधिक होता है। ब्रहमांड में विचारों का ट्रैफिक बहुत कम। इसीलिए लॉ ऑफ अट्रैक्शन के जरिए कुछ भी मेनिफेस्ट करने के लिए यह समय सबसे बेस्ट हैं।
दोस्तों, अब बात करते हैं कि 24 घंटे में आपके लिए कितनी नींद लेना जरूरी है। दोस्तों, नींद का यह हिसाब किताब हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है। कुछ लोग कम नींद के बावजूद हमेशा एनर्जी से भरे हुए नजर आते हैं। जबकि कुछ लोगों में ज्यादा नींद लेने के बाबजूद एनर्जी की कमी पाई जाती है। लेकिन यदि डॉक्टर्स की माने तो 14 से 17 वर्ष की उम्र तक 8 से 10 घंटे। 18 से अधिक उम्र वालों के लिए 7 से 9 घंटे की नींद लेना जरूरी है। इसका मतलब है कि यदि आप 18 अधिक उम्र के हैं तो आपको कम से कम 7 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। लेकिन कुछ लोगों का काम 6 घंटे या उसे भी कम नींद से चल जाता है और योगा से भी सोने के समय को कम किया जा सकता है।
योग निद्रा से आप 3 से 4 घंटे में ही quality sleep ले कर अपनी नींद का कोटा पूरा कर सकते हैं। दोस्तों, जल्दी उठने की हैबिट को अपनाने में जो सबसे बड़ी परेशानी आती है वो यह है कि यदि आप किसी तरह मोटिवेट होकर जबरदस्ती सुबह जल्दी उठ भी जाते हैं। तो आपकी सुबह तो तो प्रोडक्टिव बन जाती है। लेकिन दिन भर नींद आती रहती है और यदि सुबह जल्दी उठकर दिन भर सुस्ताना ही है। तो फिर ऐसे सुबह जल्दी उठने का क्या लाभ। दोस्तों, इसीलिए जिन लोगों को अचानक सुबह उठने की हैबिट को अपनाने में मुश्किल आती है। उन सभी के लिए सुबह जल्दी उठने की हैबिट को अपनाने का सबसे बेस्ट और आसान तरीका है "दा ग्रेजवल मेथड (the gradual method)"।
जिसमें आपको सुबह उठने की आदत को अपने जीवन का हिस्सा बनाने में परेशानी भी नहीं होगी और दिन में नींद भी नहीं आयेगी। दोस्तों, इस मेथड से आपने सुबह उठने के लिए अपना जो भी टारगेट टाइम सोचा है आपको हर सुबह उस समय उठना एकदम स्टार्ट नहीं करना। बल्कि आपको उस आदत को धीरे-धीरे अपनाना है। मान लीजिए आप हर सुबह 6:00 बजे उठते हैं और आपका उठने का टारगेट टाइम है सुबह के 4:30 बजे तो इसके लिए आपको कुछ दिन से सिर्फ 10 से 15 मिनट पहले उठना है। यानी कि आप एक हफ्ते सुबह 5:45 पर उठे और इससे आपको दिन भर नींद भी नहीं आएगी और कुछ दिनों में ही आप इसके आदी हो जाएंगे।
दूसरे हफ्ते आप 5:30 बजे उठना शुरु कर दें। और फिर और तीसरे हफ्ते सवा 5:00 पर और इस तरह आप इस मेथड से सिर्फ 7 हफ्तों में आपका माइंड और आपकी बॉडी बदलाव को बड़ी से आसानी से अपना लेगी। लेकिन जल्दी उठने के लिए जल्दी सोना भी जरूरी है। बहुत से लोगों के लिए जल्दी सोना भी किसी चुनौती से कम नहीं। देर रात तक जाग कर मोबाइल, सोशल मीडिया, टीवी, नेटफ्लिक्स आदि में समय बर्बाद करने की आदत को छोड़कर आपको जल्दी सोने की आदत को भी अपनाना होगा। क्योंकि मिनिमम नींद लेना अच्छे स्वास्थ्य स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी है ।
इसके लिए जरूरी है कि आप जल्दी सोए और सोने से आधा घंटा पहले टीवी को बंद कर दें और अपने मोबाइल को खुद से दूर कर दें। यदि नींद नहीं आ रही तो कोई बुक रीड करें। दोस्तों, वर्षों से बड़ी देर तक सोने की आदत को छोड़ने और नई आदत को अपनाने में इस मेथड आपको कुछ हफ्ते का समय तो जरूर लगेंगे। लेकिन यह सबसे बेस्ट मेथड है लाइफ टाइम इस आदत को अपनाने का। दोस्तों टॉपिक के अंत में मैं आपके लिए कुछ बोनस।
टिप्स नंबर 1 - कभी भी अपने मोबाइल में सुबह उठने के लिए एक से ज्यादा अलार्म ना लगाएं। जैसे पहला अलार्म 4:30 बजे का और दूसरा 4:45 बजे का और तीसरा 5:00 बजे का क्योंकि ऐसा करके आप अपने सबकॉन्शियस माइंड को मैसेज देते हो कि सुबह पहले या दूसरे अलार्म पर उठना आपके लिए इतना भी जरूरी नहीं है। ऐसा करके आप स्वयं ही अपने संकल्प पर प्रश्न चिन्ह लगाकर अपने संकल्प को कमजोर बना देते हैं। जब दिन के पहले संकल्प में ही आप जब फेल हो जाते हो तो आप कैसे उम्मीद करोगे कि आप अपने जीवन के बड़े लक्ष्यो को पूरा कर पाए ।
नंबर 2 - दोस्तों, सुबह उठने के लिए घड़ी की पुरानी ट्रिन ट्रिन से बेहतर है अपने मोबाइल पर कोई पॉजिटिव सॉन्ग या कोई प्रार्थना सेट कर ले। जो सुबह आपके कानों में पड़ते ही आपको बिस्तर से उठने के लिए प्रेरित करें। सुबह उठने के लिए कोई ना कोई स्ट्रांग वजह, कोई स्ट्रांग रीजन जरूर ढूंढ ले। जो आपको उठने पर मजबूत कर दे। हर रात सोने से पहले यह सोचे कि मैं सुबह उठकर इस एक्स्ट्रा टाइम में क्या करने वाला हूं। जो भी आपका लक्ष्य है स्टडी, बॉडीबिल्डिंग, योगा, मेडिटेशन या फिर कोई अन्य लक्ष्य। सोचिए कि यदि हर सुबह आप 2 घंटे अपने सपने के लिए देंगे। तो 1 साल के बाद आप अपने सपने के कितने नजदीक पहुंच जाएंगे।
नंबर 3 - बस 5 मिनट "और" का जो माइंड गेम है। यह भी एक बहुत बड़ी वजह है आपकी देर तक सोने की। क्योंकि यह 5 मिनट की नींद का चक्रव्यूह इतना बुरा है। कि 5 मिनट 5 मिनट करते 1 से 2 घंटे का कब बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता। इसलिए इससे पहले कि आपका ब्रेन आपको कोई वजह दे 5 से 10 मिनट और सोने की। आप खुद को यह समझाएं कि इन 5 मिनट में कोई भी क्वालिटी स्लिप नहीं मिलने वाली। लेकिन यह 5 मिनट आपका सुबह का क्वालिटी टाइम जरूर छीन लेंगे।
दोस्तों, हर सुबह जल्दी उठने का अलार्म आपको अवसर देता है 2 घंटे एक्स्ट्रा जिंदगी जीने का। अवसर अपने सपनों पर काम कर, अपने सपनों के और नजदीक जाने का। अवसर बाकी के दुनिया से 2 घंटे एक्स्ट्रा जिंदगी जीने का।
धन्यवाद।

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