Exam की चिंता से छुटकारा कैसे पाएं
हर साल की तरह इस साल भी फिर से वही फॉइनल एग्जॉम और हर साल की तरह इस साल भी फिर से लाखों स्टूडेंट्स, एग्जाम फीवर का शिकार। लेकिन क्यों है, यह एग्जॉम फीवर। अगर पूरा साल पढ़ाई ढंग से की है, तो फिर फिक्र क्यों और अगर पूरा साल पढ़ाई की फिक्र नहीं की, तो अब एग्जॉम की टेंशन का जिक्र क्यों। लेकिन जानता हूं, यह बात आपको इतनी आसानी से समझ नहीं आएगी। यह एग्जॉम फीवर, स्ट्रेस, घबराहट, एंजाइटी इतनी आसानी से नहीं जाएगी।

लेकिन यह उम्मीद मत रखना, कि मैं एग्जॉम से रिलेटिड कोई टिप्स बताने वाला हूं या कोई ट्रिक सिखाने वाला हूं। मैं तो इस आर्टिकल से आपको अंदर से थोड़ा-सा जगाने वाला हूं; क्योंकि अब समय खुद की करेक्शन करने का और दूसरों के रिएक्शन सुनने का नहीं है, अब तो समय एक्शन का है। अब एग्जॉम से डरने का नहीं है, अब तो एग्जॉम करने का समय है। अब एग्जॉम को समस्या समझकर समस्या में उलझने का समय नहीं है, अब तो समय है, इस एग्जॉम को सम्मान देते हुए टेंशन फ्री इन एग्जॉम का सामना करते हुए समस्या को सुलझाने का। पूरी दृढ़ता और पूरी विश्वास के साथ जो भी पड़ा है, जितना भी पड़ा है और जो भी कर पाओ, बस घबराना मत।
अब समय खुद की क्षमताओं को दूसरो की क्षमताओं से तुलना कर निराश होने का नहीं है। अब समय है, खुद की क्षमताओं पर भरोसा कर, खुद को साबित करने का। जो भी किया है, जितना भी किया है, उसी को समेटो और जिस सब्जेक्ट में थोड़ा-सा कमजोर हो उसे थोड़ा ज्यादा लपेटो। अब बेकार की टेंशन में समय मत गवाओ। बिना टेंशन के जो भी तैयारी हो पाए, उसी में अपना बेस्ट देकर आओ। बाकी परिणाम छोड़ दो, समय पर। जो भी होगा, देखा जाएगा और जो भी परिणाम आए, अच्छा या बुरा। उसे निडरता से स्वीकार करो। अगर परिणाम अच्छे हैं, तो और बेहतर करने का संकल्प करो और अगर परिणाम खराब है, तो निराश मत होना और कोई कायरता मत दिखाना; क्योंकि ना तो यह एग्जाम अंतिम है और न ही ये परिणाम अंतिम है। अभी तो आपके सामने शानदार जिंदगी पड़ी है।
हाँ, लेकिन एग्जॉम से पहले थोड़ी-सी फिक्र भी जरूरी है और इस फिक्र का अपने मम्मी-पापा से जिक्र भी जरूरी है। वरना, उनकी फिक्र बढ़ जाएगी; कि बच्चा इतना बेफिक्र क्यों है। लेकिन यह जो फिक्र है, बस दिखावे के लिए रखना, दिमाग में मत रखना। क्योंकि दिमाग में अगर फिक्र रखोगे, तो समय और ऊर्जा दोनों गवाओगे। वैज्ञानिक तौर पर भी स्ट्रेस आपके दिमाग की कार्य क्षमता को 12% कम कर देती है, उनकी तुलना में जो स्ट्रेस नहीं लेते हैं।
तो आप यह सोचिए, कि आपने दिमाग की पूरी कार्य क्षमता का लाभ उठाना है, या भविष्य के परिणामों की व्यर्थ चिंता करके 12% घटाना है और फिर टेंशन किसकी। भविष्य के उस दिन की, जब रिजल्ट आएगा। जिसका आज कोई अस्तित्व ही नहीं है। लेकिन वह अस्तित्वहीन डर ही आपके आज को प्रभावित कर रहा है। अब समय सीमित है, जो भाग रहा है, अब उसे टेंशन में बिताना है या तैयारी में। डरना है या लड़ना है, यह फैसला आपको करना है। जो भी कवर किया है, जितने भी चैप्टर, जितनी भी तैयारी कर पाओ, उसी में खुद को पर भरोसा रख अपना बेस्ट देकर आओ और मत सोचो कि फर्स्ट, सेकंड, या तथर्ड डिवीजन लानी है।
यह भी जरूरी नहीं है, कि हर स्टूडेंट पढ़ लिखकर इंजीनियर, डॉक्टर, साइंटिस्ट या पॉयलट बने। हर इंसान अपने आप में यूनिक है, सिंगल पीस नो डुप्लीकेट और हर इंसान अपनी एक अलग योग्यता भी रखता है। अपनी योग्यता को परीक्षा के नंबरों से मत आको और दूसरे कितने नंबर लाते हैं, उसमें भी मत झांको।
ऑइन्सटीन ने कहा है, कि "एवरीबॉडी इज दा जीनीयस"। फीश की योग्यता इस बात से मत आको कि उसे पेड़ पर चढ़ना ही नहीं आता।
लेकिन मेरी बात सुनकर निराशा छोड़ देना, स्टडी नहीं। स्ट्रेस फ्री हो जाना, लेकिन स्टडी से फ्री मत हो जाना; क्योंकि अभी विद्यार्थी जीवन में शिक्षा ही आप की एकमात्र कर्म भूमि है, जहां आपको अपना हंड्रेड परसेंट देना है। लेकिन बिना किसी टेंशन के। स्वीकार करो निडरता से, हर परिणाम को और एनॉलाइज करो, खुद की कमियों को और खुद की खूबियों को। सामना करो और स्वीकार करो और एक बार फिर से संघर्ष करो।
एग्जाम है, जीवन का हिस्सा तो मत डरना।
जो भी हो संभव तुमसे बस बेहतर करना।।
अब लंबी-चौड़ी नींदों को कुछ दिन बस त्यागो, तुम। एग्जाम है, कोई भूत नहीं मत भागो तुम।।
टीवी मोबाइल को कुछ दिन आराम दे दो तुम और सोशल मीडिया को अब विराम दे दो तुम। कोई व्हाट्सएप, फेसबुक अब यह काम न आएगा, एग्जाम में कोई नंबर नहीं दिलाएगा।।
जब पढ़ते-पढ़ते थक जाओ तुम, कुछ ब्रेक भी ले लो तुम। पर ब्रेक में घंटों ना बीते घड़ी को देख भी लो तुम।।
अब समय की कीमत को पहचानो तुम।
नहीं मिलेगा यह दोबारा वक्त यह जानो तुम।।
परिणाम सोचकर व्यर्थ में तुम ना डर जाना।
विश्वास से जो आता है, बस वही कर जाना।।
दोस्तों, आपको क्या लगता है कि एग्जॉम के दिनों में हर समय टेंशन में रहकर एग्जॉम अच्छे से हो पाएंगे, क्या टेंशन लेने से तैयारी अच्छी होगी या फिर स्ट्रेस फ्री माइंड से एग्जॉम की तैयारी कर, एग्जॉम देना ज्यादा बेहतर परिणाम दिलाएगा।

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