व्यापार में सफलता पाने के 15 महत्वपूर्ण नियम

 

 

व्यापार में सफलता पाने के 15 महत्वपूर्ण नियम

नमस्कार दोस्तों

लगभग 2400 वर्ष पहले चाणक नाम के एक अध्यापक के घर एक बालक का जन्म हुआ जिसका नाम चाणक्य रखा गया। बुद्धिमता, चतुराई और कूट नीतियों मे परांगत यह बालक आगे चल कर अपनी चतुर नीतियों और कुटिल चालो के कारण कौटिल्य और विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना गया। आचार्य चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र और नीति शास्त्र को बेस बनाकर आज तक विश्व भर में हजारों किताबें लिखी जा चुकी हैं। आज हजारों वर्षों के बाद भी सफलता और जीत के लिए उनकी नीतियां उतनी ही प्रसांगिक है जितनी 2400 वर्ष पहले थी। जिनसे आज भी हर व्यक्ति कुछ ना कुछ सीख सकता है। फिर वो चाहे औरत हो या मर्द, स्टूडेंट हो या बिजनेसमैन, राजनेता हो या सन्यासी। आज भी बड़े-बड़े मैनेजमेंट स्कूलों में पढ़ाई जा रहे हैं बहुत से नियम उनकी 2400 वर्ष पहले उनकी अपनाई और बताई गई नीतियों से मिलते जुलते से लगते है या उन्हीं नियमों से प्रेरित लगते हैं।

व्यापार में सफलता पाने के 15 महत्वपूर्ण नियम


उनकी नीतियों में सफल जीवन जीने का एक पूरा जीवन शास्त्र समाया है। उनकी इन्हीं नीतियों पर चल उन्होंने एक साधारण बालक को सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य बना दिया था। इन्हीं नीतियों से टुकड़े में बाटे राज्यों को एक कर, अखंड भारत की नींव रखी थी। भारतीय इतिहास के इस महान, चतुर और बुद्धिमान आचार्य चाणक्य की कुछ खास नीतियो और खास नियमों के बारे में जानेंगे आज आप इस article में। जो आपके बिजनेस और आपके जीवन को बेहतर और सफल बनाने में आपकी मदद करेगा। इस article को पूरा, अंत तक जरूर पढ़ें।

नंबर 1. दोस्तो, किसी भी बिजनेस की शुरुआत से पहले आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको स्वयं से तीन प्रश्नों के जवाब मांगने चाहिए।
*मुझे क्या करना है? यानी कि आपको आपका लक्ष्य एकदम स्पष्ट होना चाहिए।
*इस काम को करने से क्या मिलेगा? अगर आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं तो आपको क्या मिलने वाला है।
*जो मिलेगा उसकी कीमत क्या होगी ? यानी कि उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको उसकी क्या कीमत चुकानी पड़ेगी और क्या आप वो कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं।

यहां कीमत से मतलब परिश्रम, जोखिम और मुश्किले। क्या आप इन सब के लिए तैयार हैं। यदि आसान से दिखने वाले इन तीन प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर आप नहीं ढूंढ पाते तो आपको आपने फैसले पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। खुद का और परिणामों का आंकलन किए बिना किसी काम की शुरुआत करना सही निर्णय नहीं है। यदि आपको अपनी सीमाएं और अपने लक्ष्य और परिणाम स्पष्ट हैं तो आप अपने कार्य की शुरुआत कुशलता से कर सकते हैं।

नंबर 2. कोई भी नया बिजनेस शुरू करते समय सकारत्मक सोच और स्थिर मन का होना बेहद जरूरी है। क्योंकि नकारात्मक सोच और अस्थिर मन से कोई भी बिजनेस सफल नहीं हो सकता। क्योंकि जब भी आप कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं तो शुरुआत में बहुत ही समस्याएं आती हैं। यदि आप नकारात्मक सोच रखते हैं तो हर समस्या हर मुश्किल आपको मुसीबत लगेगी। यदि आप सकरात्मक सोच रखते हैं तो हर मुश्किल एक चुनौती और हर चुनौती में आपको नए अवसर दिखाई देंगे। इसीलिए सकारात्मक सोच ही आपको सफलता का मार्ग ढूंढने में आपकी मदद कर सकती है।

नंबर 3. आपको आपने secrets किसी को नहीं बताने चाहिए। अक्सर लोग काम की शुरुआत से पहले ही उसका ढिंढोरा पीटना शुरू कर देते हैं। चाणक्य का कहना है कि जब आप कोई नया काम शुरू करने लगे तो उसकी सूचना बाहर के उन लोगों को बिल्कुल ना दे जिन्हें बताने से आपको अपने लक्ष्य में कोई लाभ नहीं मिलने वाला। यह राज आपके दिल में ही रखें। क्योंकि यदि आप अपने कार्य में सफल होते हैं तो आपकी सफलता की गूंज, स्वयं ही उन सब तक पहुंच जाएगी। यदि आप किसी कारण असफल होते हैं। तो कम से कम यह राज आप तक ही सीमित रहेगा। परंतु इसी नियम में आचार्य चाणक्य कहते हैं यदि आप शादीशुदा हैं तो नया काम करने से पहले अपने जीवनसाथी से सलाह जरूर ले लें। यदि जीवन साथी आपके बिजनेस के विषय में कुछ खास जानकारी नहीं रखता तो कम से कम उसे इस विषय में कुछ जानकारी अवश्य दें। यानी कि बाहर वालों को बताए नहीं और घरवाली से छुपाये नहीं। सदा सुखी रहेंगे।

नंबर 4. कोई भी बिजनेस शुरू करते वक्त किस समय शुरू करना है? कहां शुरू करना है ? वहां के लोग कैसे हैं? यह अच्छे से सोच विचार कर लेना चाहिए।

नंबर 5. मुश्किल की घड़ी में आप का भागीदार कौन होगा?  कौन आपकी मदद कर सकता है? यह भी पहले से ही जान लेना बेहद जरूरी है। क्योंकि बिजनेस में सभी कुछ अच्छे से कैलकुलेट करने के बावजूद, विपरीत परिस्थितियों अनिश्चिता, हरदम बनी रहती है। जिसके लिए आपको पहले से ही तैयार रहना चाहिए यानी कि आपके पास supporting प्लान पहले से ही तैयार होना चाहिए।

नंबर 6. जब आप बिजनेस शुरू करते हैं तो आपको हर रोज कई तरह के लोगों से, कई तरह के डिपार्टमेंटस से काम के सिलसिले में मुलाकात करनी पड़ती है। तो उस दौरान आपका अपनी वाणी पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। जहां एक और मीठा बोल कर आप अपने कई काम आसानी से निकाल सकते हैं। वही दूसरी और कड़वा बोल कर आप अपने कई बने बनाये काम बिगाड़ भी सकते हैं इसीलिए वाणी पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि शब्दों के बाण एक बार छूट जाएं तो फिर वापस नहीं आते।

नंबर 7. इस संसार में सीधे वृक्ष और सीधे लोग ही सबसे पहले काटे जाते हैं। अर्थात ईमानदार होना अच्छा है लेकिन इतना भी नहीं कि अन्य लोग आपकी ईमानदारी का फायदा उठा कर, आप को नुकसान पहुंचा दे। दूसरे शब्दों में स्वयं की ईमानदारी को बचाए रखने के लिए बेईमानी के सारे पैंतरे पता होना बेहद जरूरी है। वरना लोग आपके सीधेपन और ईमानदारी को आपकी कमजोरी समझ कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।

नंबर 8. दोस्तो आचार्य चाणक्य के आठवें नियम के अनुसार बिजनेस को लंबे समय तक चलाने के लिए goodwill का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि goodwill ही है जो आपकी मार्केट का विस्तार करती है। दोस्तों उदाहरण के तौर पर 1995 में सैमसंग को जब पता चला कि उनका एक मोबाइल में तकनीकी प्रॉब्लम है तो उन्होंने मार्केट से सभी मोबाइल वापस उठा लिए। और कंपनी के चेयरमैन "ली" ने अपने सभी employees को इकट्ठा किया और उनके सामने लगभग 1 लाख 50 हज़ार मोबाइल नष्ट कर, उन्हें आग में फेंक दिया। जो एकदम स्पष्ट संदेश था कि कंपनी क्वालिटी के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी। इस संदेश ने उनकी goodwill को ना केवल बरकरार रखा बल्कि विस्तार में भी मदद की। यानी कि आप क्वालिटी से समझौता नहीं करते तो आपकी goodwill बिजनेस के विस्तार और सफलता में मदद करती हैं।

नंबर 9. अच्छे दिन हो या बुरे दिन हर प्रस्थित में धैर्य रखना बेहद जरूरी है।

नंबर 10. अगर आप बिजनेस कर रहे हैं तो बिजनेस में जरूरत पड़ने पर hard decision और risk लेने के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए।

नंबर 11. जहां तक हो सके बिजनेस की शुरुआत में बड़े खर्चे ना पाले जैसे कि आप अपने दूध की जरूरत के लिए गाय या भैंस नहीं पालते। इसी प्रकार अगर बहुत जरूरी ना हो बिजनेस की शुरुआत में बड़ी मशीनरी खरीदने और बड़े खर्चो को पालने से बचना चाहिए।

नंबर 12. बिजनेस में income और खर्च का सही से हिसाब रखना और उसका नियमित आंकलन करना भी बेहद जरूरी है।

नंबर 13. बिजनेस में छोटी-छोटी कमजोरियों को नजर अंदाज ना करें। क्योंकि जिस प्रकार एक कमजोर शख्स किसी बिच्छू के डंक से ज्यादा खतरनाक वार कर सकता है। वही किसी काम से जुड़ी एक छोटी सी कमजोरी भी पूरी योजना को विफल कर सकती है। बिजनेस से जुड़ी हर छोटी या बड़ी बात कमजोर या मजबूत चुनौती पर समान रूप से निगाह रखनी चाहिए।

नंबर 14.  नया काम प्रारम्भ करते समय हर कोई जोश में होता है। नए काम में मेहनत भी काफी लगती है। शरीर के साथ-साथ मानसिक क्षमता भी बहुत लगती है। ऐसे में सेहत का बिगड़ना संभव होता है। चाणक्य के अनुसार काम करते समय सेहत का ख्याल रखेंगे तो नुकसान से बचे रहेंगे।

नंबर 15. बिजनेस का मतलब है रिस्क। रिस्क लेने पर यदि आप असफल होते हैं। तो ना तो दुखी हो और ना ही इसके लिए कोई बहाने ढूँढे। बेहतर होगा आप अपनी गलतियों से सीखे और भविष्य में उन्हें सुधारते हुए आगे बढ़े।

तो दोस्तों ये थे आचार्य चाणक्य के द्वारा बताए गए कुछ ऐसे नियम और नीतियां जिनसे आप बहुत कुछ सीख कर अपने बिजनेस और अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। दोस्तो आज के इस article से आपको क्या सीखने को मिला और आचार्य चाणक्य के व्यक्तित्व को उनकी पर्सनैलिटी को यदि केवल एक शब्द में बयान करना हो तो वो शब्द क्या होना चाहिए। मुझे जरूर बताएं। धन्यवाद।


व्यापार में सफलता पाने के 15 महत्वपूर्ण नियम व्यापार में सफलता पाने के 15 महत्वपूर्ण नियम Reviewed by Tarun Baveja on November 16, 2021 Rating: 5

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