नींद ना आने की समस्या को जड़ से खत्म करें

 नींद ना आने की समस्या को जड़ से खत्म करें

नमस्कार दोस्तों
हम बात करते हैं अनिद्रा की। अनिद्रा से करीब करीब 25% लोग पीड़ित हैं। जिनको अच्छे से नींद नहीं आती। कुछ छोटे बच्चों को छोड़ दीजिए। कुछ जवान जो बहुत अच्छे एक्सर्साइज़ करते हैं उन्हें छोड़ दीजिए।  महापुरुषों को छोड़ दीजिए। शेष को नींद बहुत अच्छी नहीं आती।  

कई लोगों को सपने बहुत अधिक आते हैं
किसी को बहुत अधिक स्वपन आते हैं और सपने भी डरावने बुरे सपने आते है। किसी की नींद बार-बार टूटती रहती हैं। नींद आए फिर टूट गई। गहरी निंद्रा नहीं आती। नींद से उठने के बाद थकान पूरे दिन दूर नहीं होती है। यह बहुत लोगों की शिकायत है।
नींद ना आने की समस्या को जड़ से खत्म करें

 

कुछ लोग करवटें बदलते रहते हैं। दो दो ,चार चार घंटे लग जाते हैं नींद आने में। कुछ लोग 10:00 बजे सोते हैं 12:00 बजे या किसी को 1:00 बजे या 2:00 बजे नींद आती है। निद्रा बहुत बड़ी समस्या है।

नींद लाने के लिए नींद की गोली परन्तु लाभ नही
विदेशों में तो ज्यादातर लोगों को नींद की गोली ले करके सोना पड़ता है। वैसे मैंने पूछा है उन लोगों से जिन को नींद कम आती है। बिना गोली के नींद नहीं आती है या कभी एमरजेंसी में भी किसी विशेष अवस्था में दर्द में नींद की गोली लेनी पड़ती हैं। वो कहते है कि नींद की गोली खाने के बाद शरीर टूटता रहता है और थकान पूरी दूर नहीं होती है। 

अनिद्रा रोग दूर करने के लिए सटीक उपाय 
मैं अनिद्रा के लिए बहुत सटीक उपाय बता रहा हूं। आयुर्वेद में तलवो की मालिश करने का नाक में तेल डालने का, सिर में तेल लगाने का बहुत महत्व दिया गया है। इसे बहुत गौरव महिमा दी गई है। पैरों में तेल लगाने से भी अच्छी नींद आ जाती हैं। बादाम रोगन पतंजलि का अच्छा है। लगभग आधे दामो पर है 100% शुद्ध है। तलवों में बादाम रोगन लगाने से और नाक में बादाम का तेल डालने से नींद बहुत अच्छी आती है।

बादाम तेल के अन्य आयुर्वेदिक लाभ
दो से 5 ml बादाम रोगन दूध में मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है। इससे पेट भी बहुत अच्छा सा होगा , ब्रेन बहुत अच्छा रहेगा। मैमोरी शाप होगी। दिमाग तेज रहेगा। अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा। गलत कैलेस्ट्रोल घटेगा। आपके हार्ट को भी पावर मिलेंगी। मसल्ज़ और बोनस मजबूत होंगे। चेहरे पर ग्लो रहेगा। लंबी आयु होगी आपकी और आपकी स्किन पर पूरे शरीर की स्क्रीन पर ग्लो बढ़ जाएगा। एनिमल ट्राइल से लेकर ह्यूमन ट्रायल तक यह एकदम सत्य बात है।

नाक में घी या बादाम रोगन डालने के लाभ
हम छोटे बच्चे थे तो देखते थे कि सर्दी की ऋतु में ऊंट को या बैलों को नाल दिया करते थे तेल की और घी होता था तो घी की दिया करते थे। जिसको एक नाल दे दी गई मानो उसमें लगभग 100ml तेल या भी होता था वह  दिन भर काम करके थकते नहीं थे। उनकी चमड़ी ग्लो करती थी जैसे चमक दूर से ही आती थी। खैर तो मैं कह रहा था नींद नहीं आती तो बादाम रोगन वाला उपाय क्या करे।

मेघा वटी का अनिंद्रा रोग में लाभ
मेघा वटी तो निंद्रा के लिए अचूक है। मेरा शिविर चल रहा था। जिस जैन परिवार में मेरा आसरा था जहां संत निवास बनाया गया था। वहां पर एक बहू ने कहा स्वामी जी लगभग पिछले 10 15 साल से मैं ठीक से सोई नहीं हूं और बहुत उपाय कर लिए हैं। मैंने उस बेटी को कहा आज आप मेघा वटी लो उसने तुरंत मंगाई और दो गोली खाई। दूसरे दिन वह भोजन प्रसाद के लिए मेरे पास आई तो वह बोली मैं पहली बार जिंदगी में इतने अच्छे से सोई हूं। मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती। 

एक व्यक्ति की बात नहीं यह हजारों लोगों पर लाखों लोगों पर हमने आजमाया है। जिनको नींद नहीं आती वह छोटी उम्र वाले एक और बड़ी उम्र वाले दो गोली मेघा वटी की खा ले। उसका कोई कॉम्प्लिकेशन नही है। शरीर टूटता नहीं है बल्कि फ्रेशनेस रहती है। दिमाग में ताजगी रहती है। मेमोरी शार्प होती है। ग्रेसलिन पावर बढ़ती है। आपकी नर्व सिस्टम बहुत अच्छा होता है। अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है।

अनिंद्रा रोग के लिए प्राणायाम 
कितनी बड़ी प्रॉब्लम है अनिद्रा की। अनिद्रा के लिए अनुलोम विलोम, ब्राहमरी, उदगीत प्राणायाम करें। 5 मिनट कम से कम अनुलोम विलोम, पांच पांच बार उदगीत ओर भ्रामरी प्राणायाम कर लें। पहले दिन से ही अनिंद्रा की समस्या दूर हो जाएगी।  

अनिद्रा रोग में शवासन के लाभ 
अनिद्रा के लिए शवासन भी बहुत अच्छा है। सांसों को आपने मन को केंद्रित कर ले और अपनी देह को साक्षी भाव से देखें। जिनको नींद आती ही नहीं है वह सोने से पहले अनुलोम विलोम ज्यादा भी कर सकते हैं और फिर लेट कर कर साकशी भाव से माथे को ,आंख को, फिर चेहरे को और फिर पूरे शरीर को, हाथों को, पेट पीठ को, पैरों को साक्षी भाव से देखते हुए शिथिल करते जाते है।  ढीला छोड़ते जाते है। इससे देह का तनाव दूर होता जाता है। थकान दूर होती जाती है। फिर अंत में शवासो पर मन को केंद्रित करके तन को शिथिल करके और मन में उड़ते हुए विचार, भाव, संवेदना से हटाकर अपने आप में या आत्म केंद्रित हो जाते हैं। अपनी निजता में अपने स्वरूप में। हम ज्ञानमय, ज्योतिमयम, सुखमय ,आनंदमय प्रसन्नतामय, प्रशांतमय, ऐश्वर्यामय आत्मा है। अपने इस नित्य सुध बुध मुक्त स्वभाव में सच्चिदानंद स्वरूप में, दिव्यता पुण्यता में जब हम प्रतिष्ठित हो जाते हैं। 

अभाव के भाव को दूर कैसे करें
जब अभाव का भाव हो जाता है। हम अपने भीतर एक अधूरापन अनुभव करते हैं एक खालीपन। इनकंप्लीटनेस अधूरापन खालीपन को भरने के लिए हम बुरे बुरे दृश्य देखते हैं। बुरे बुरे गाने सुनते हैं। बुरी बुरी चीजें खाते पीते हैं। बुरी बुरी चीजें करते हैं और हम सोचते हैं कि हम इस से तृप्त हो जाएंगे। 

कामनाओं को अपने जीवन से हटाना
बुरी चीजें तो छोड़िए अगर आपको दुनिया की सभी अच्छी और बुरी चीजें मिल जाए। यह हमारे ऋषियो का निष्कर्ष है की जैसे आग में घी डालने से और उसकी ज्वाला तीव्र हो जाती है। ऐसे ही हमारी कामनाओं की, तृष्णओ की, वासनाओं की ,भोगों की आग प्रबल होती जाती है। हम जीवन खिन ही जाने पर भी तृष्णा हमारा पीछा नही छोड़ती। तो यह कामना है जो हमें बहुत दुखी करती हैं। इसी वजह से लोगों को नींद नहीं आती हैं  लोग सुखी नहीं है। लोगों को तनाव है। हृदय रोग है, रक्तचाप है, डायबिटीज है, अस्थामा है, अर्थराइटिस है, लीवर की प्रॉब्लम है, स्किन की प्रॉब्लम है, कैंसर जैसे रोग हैं। 

अकेलेपन तनाव इनकंप्लीट से बाहर आने के लिए आत्म केंद्रित होना 
इनकंप्लीटनेस अकेलेपन खालीपन को भरने के लिए आपको बाहर की चीजें पूरी मदद नहीं कर सकती। हा जो भीतर से तृप्त हैं उसको बाहर का जमाना भी मदद करता है। जो भीतर से शांत है वह बाहर से भी शांति मिलती है। जो भीतर से सुखी है वह बाहर से भी सुखी है। जो भीतर से तृप्त है वह बाहर से भी तृप्त है। जो भीतर से शांत है वह बाहर से भी शांत हैं। और जो भीतर से दुखी है वह बाहर से भी अशांत है। तो अनिद्रा का एक कारण है खालीपन। खालीपन को भरने के लिए आध्यात्मिकता की सर्वश्रेष्ठ हैं।
नींद ना आने की समस्या को जड़ से खत्म करें नींद ना आने की समस्या को जड़ से खत्म करें Reviewed by Tarun Baveja on August 07, 2021 Rating: 5

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