ब्रह्मचर्य की शुरुआत कैसे करें
नमस्कार दोस्तों
मैं आजकल के माता-पिता को कहना चाहता हूँ। गुरुकुल के आचार्य, विद्यालयों के प्राचार्य को मैं कहना चाहता हूं। यहां बैठे हुए मैं युवक और युवतियों को कहना चाहता हूं। यदि आप सुंदर, स्वस्थ, बलवान बनना चाहते हैं। निरोग बनना चाहते हो। बिस्मिल ,भगत सिंह, आजाद के समान बनना चाहते हो। अपने भारत की रक्षा करना चाहते हो। आज से एक नियम बना लो प्रत्येक कन्या को आप बहन कहेगें। प्रत्येक कन्या दूसरे लड़के को अपना भाई कहेगी। भाई और बहन कहने से रोग चले जाते हैं और पवित्रता आ जाती है। करके देखिए। इसी का प्रयोग कार्यालयों में कीजिए। जो विवाहित हैं उनको भी मैं कहना चाहता हूं।
ब्रह्मचर्य की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण बातें
इसलिए ब्रह्मचर्य की रक्षा के लिए ध्यान रखना। इसका साधन है सात्विक भोजन, प्रतिदिन व्यायाम ,आपके शरीर की शक्ति खप जाए, ब्रह्मचार्य, सर्वांगासन ,गाय का दूध, सब्जी, दिन भर पानी पीते रहना, प्राणायाम और पानी पीते रहना ताकि कब्ज ना हो। कब्ज नहीं होगी तो ब्रह्मचर्य की रक्षा होगी। रात्रि जल्दी सो जाना। जो रात रात भर जागते हैं। रात को वायु बढ़ती है। वायु मन को चंचल करती है। वह व्यक्ति कोई भी कुकर्म कर सकता है। वह अपने आपे से बाहर होता है। ध्यान रखना इस बात को। रात्रि मंत्रों का पाठ करके सोये।
सीधा नहीं सोना चाहिए
हमारे यहां ब्रह्मचारीओं को ब्रह्मचर्य की रक्षा करने के लिए एक मेखला बांधी जाती थी। शायद आपने कभी देखी हो। उस मेखला में एक गांठ होती थी। बहुत मोटी मुज की मेखला पीछे मोटी गांठ।
क्या रहस्य था उसका। यह विद्यार्थी सीधा ना सोए। सीधा सोने से ब्रह्मचर्य की हानि होती है। हमारे पेट का और उदर हमारे मूत्राशय का दबाव पड़ता है इसलिए यदि आपने ब्रह्मचर्य की रक्षा करनी है तो बिना स्वपन की शांत निद्रा में सोए। पवित्र बल को प्राप्त करना है। तो सदा करवट में सोइए । बाया करवट सबसे अच्छा है। दाहिना स्वर चलता है। शरीर में अग्नि का विकास होता है और सब कुछ पच जाता है।
ब्रह्मचर्य पालन के लिए अन्य लाभदायक चीजें
प्रतिदिन ब्रह्मचार्य का जीवन पढ़ो, देशभक्तों का जीवन पढ़ो, ऋषि दयानंद का जीवन, चंद्रशेखर आजाद को पढ़ो, राम प्रसाद बिस्मिल को पढ़ो, रानी झांसी को पढ़ो, दुर्गावती को पढ़ो, सुशीला दीदी को पढ़ो जिसने अपने अंगूठा काटकर कलकत्ता में खून से भगत सिंह को तिलक लगाया था कि तुम मेरे भाई हो मेरे खून का ध्यान रखोगे और अपने देश की आजादी के लिए जीवन भर काम करते रहोगे और भगत सिंह ने एक अच्छे भाई के होने के नाते जीवन के अंतिम श्वास तक अपनी भारत मां की सेवा की और हंसते हंसते फांसी के फन्दे पर चढ़ गए। अगर प्यार ही करना है तो इस तरह का प्यार कीजिए।
महर्षि दयानंद का ब्रह्मचर्य
महाऋषि दयानंद ने ब्रह्मचर्य के बल से मृत्यु पर अधिकार किया। मृत्यु स्वयं नहीं आई। बार-बार खटखटा रही थी। महर्षि ने कहा चले जाओ। अभी टाइम नहीं है।उसके पास बैठे, मंत्रों का पाठ किया और फिर अपनी आत्मा को छोड़ा। यह स्थिति भीष्म पितामह की थी।
महर्षि दयानंद के ब्रह्मचर्य की ताकत
ध्यान रखना इस बात को समझना। कितना बल था। कहते दो खूंखार सांड आ रहे थे। उत्पात कर रहे थे। पूरा बाजार जो था भगदड़ में था। स्वामी जी को पता चला बहुत खुखार सांड है। आपको पता ही है सांड जब लड़ते हैं तो कुछ नहीं देखते। अच्छे भले भले बलवान व्यक्ति डर के पीछे हट जाते। ऋषि दयानंद आगे बढ़े, प्राणायाम भरा और अपने बाजुओ को फैलाया और उन दोनों सांडों के सिंघो को पकड़कर धक्का दिया। उन्हें दूर हटा दिया।
ब्रह्मचर्य आपमें बल भरेगा, सुंदरता भरेगा, बुद्धि को भरेगा, तेज भरेगा, आपको जीने का आनंद आएगा। पर जब उस जीवन की ज्योति ब्रह्मचर्य की ज्योति को लेकर आप ओम का जप करेंगे। तो भगवान आपको शीघ्र मिलेगा। पक्की बात कहता हूं।
ब्रह्मचर्य में बाधा पहुंचाने वाली चीजें
इसके विपरीत अंडा खाने वाला व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन नहीं कर सकता। वह जरूर अपने जीवन को बर्बाद करेगा क्योंकि वह उत्तेजना पैदा करता है वह व्यक्ति व्यसनी बनता है। शराब ,मांस, दुराचार, गंदे गीत, अपने हाथों से कुचेस्टा करना, जीवन में गंदे विचार लाना यह ब्रह्मचर्य का पतन है।
25 वर्ष तक अखंड ब्रह्मचारी रहे
जब तक आप 25 से वर्ष बड़े ना हो जाए तब तक विवाह की बात मत सोचें और सोचे तो इस विचार को लेकर मैंने जो जीवन मे तप किया है। मैंने जो विद्या प्राप्त की है। मैंने जो संयम किया है। इसके द्वारा अगर मैं इसका प्रयोग करूंगा तो अपने देश के लिए अच्छी बलवान सुंदर संतान दूंगा जो अपने देश को स्वतंत्र करवा सके अन्यथा मैं अपने शरीर की शक्ति को बर्बाद नहीं होने दूंगा। हमेशा इस बात को बोलो। इसलिए भगवान वेद में कहते है अश्मा भवतु नस तनु।
आंवला का ब्रह्मचर्य में लाभ
आइए हम इस विषय को समाप्त करते हैं और अंत में यह कहना चाहते हैं जिन जिन को रोग है किसी भी प्रकार का शारीरिक गुप्त रोग है। चाहे वह लकोरिया है, श्वेत प्रदर है, रक्त प्रदर है, स्वपन दोष है, धातु विकार है उसके लिए अमृत तुल्य भगवान ने हमें एक औषधि दी है जिसका नाम है आंवला।
आज से यदि आप ब्रह्मचर्य की रक्षा करना चाहते हो शरीर को सुंदर तेजस्वी बनाना चाहते हो। चाय को एक झटके में बंद कर दो। लाल मिर्च बंद कर दो। आँवले को छोड़कर शेष खटाई को बंद कर दो। आंवले का चूर्ण बनाओ मिश्री मिलाकर और दिन में दो-तीन बार। अगर गर्मी है तो आप उसका सेवन पानी के साथ करें। अगर सर्दी है तो आप दूध के साथ भी कर सकते हैं। हल्के गर्म पानी से सेवन कर सकते हैं। ब्रह्मचर्य की रक्षा के लिए आप सर्वांगासन अनिवार्य रूप से करो। पूरे शरीर की रक्षा करेगा। आपके चेहरे को तेजस्वी और आपकी बुद्धि सूक्ष्म माइक्रोस्कॉपी बनाएगा।
प्राणायाम का लाभ ब्रह्मचर्य में
सांयकाल प्रतिदिन बाह्य कुंभक प्राणायाम कीजिए। आर्य समाज में आइए। आर्य समाज में हमारे जो लोग हैं, विद्वान हैं, परोहित हैं, सदस्य हैं वह सब आपको यह बातें बता सकते हैं। रविवार को आइए। यहां पर बैठिए यज्ञ कीजिए। जीवन में ज्योति को प्राप्त कीजिए। संसार को प्रकाशित कीजिए। कीड़े मकोड़े की तरह मत मरिए। जिंदगी उसी की है जिसका दुनिया नाम जपती है। अरे जिंदगी यूं तो कुत्ते और बिल्ली की भी कटती है। अच्छा है कुछ काम करना, देश धर्म का इस नाव में। नाव खाली हो तो मझधार में पलटती है।
ब्रह्मचारी के बारे में समाज में प्रचलित कुछ झूठी बातें
कुछ शंकाएं एक दो जो बहुत आवश्यक है जिन्होंने हमारे विद्यार्थियों को भ्रष्ट किया है। पहली बात ब्रह्मचर्य की हानि से कोई हानि नहीं जैसे रोटी खाते वैसे यह काम है। मैने कहा महामूर्ख यह रोटी का काम नहीं है। रोटी शरीर की आवश्यकता है। वह शरीर में बल बढ़ता है, तेज बढ़ता है, खून बढ़ता है पर इससे कोई चीज बढ़ती नहीं। इससे चेहरा जो है तेजहीन हो जाता है। पाचन क्रिया बिगड़ जाती है।
जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य की हानि करता है। चाहे विद्यार्थी है, चाहे गृहस्थी है, चाहे वह वृद्ध है, पहला काम वो करेगी उसके चेहरे को बर्बाद कर देगी। दूसरी बात उसकी भूख कम हो जाएगी। तीसरा काम उसका बार-बार बुखार होगा। चौथा काम उसे बार-बार सर्दी लगेगी और जुकाम होने लग जाएगा। पांचवा काम वह पाइल्स का रोगी होगा। लिख लेना मेरी इन बातों को मैं दावे के साथ कहता हूं। क्योंकि जो आप खाते हैं वह गाड़ी का तेल हैं। पैट्रोल है। डीजल है। परंतु एक होता है इंजन ऑयल जिससे गाड़ी चलती है।
वीर्य शरीर में इंजन ऑयल के समान होता है
इंजन आयल समाप्त हो जाए। तो इंजन सीज हो जाता है और इस गाड़ी के लिए जो पानी पीते हैं दूध रोटी खाते हैं यह तो है इसकी खुराक। लेकिन इसकी जान जो है इसका जो आधार है वह ब्रह्मचर्य। देखो एक व्यक्ति रक्त देता है। रक्त देने के बाद बैठो भाई बैठो। इसको जूस पिलाओ। इसको दूध पिलाओ। पिलाते हैं कि नहीं? अरे महामूर्ख उस रक्त से भी 100 गुना अधिक मूल्यवान तत्व हमारे शरीर का यह डब्ल्यू आर सी यानी वीर्य है।
याद रखना ज्यादा मूल्यवान है हमारे शरीर का रज और वीर्य। अगर जो व्यक्ति अपने शरीर के रक्त देने के उपर ध्यान दीजिएगा की जूस चाहिए तो जो व्यक्ति अपने शरीर की शक्ति को वयय करता है जो ग्रहस्थ अच्छी संतान के लिए अपनी शक्ति व्यय करते हैं। आयुर्वेद उठा कर देखे क्या लिखा है वह उसके तुरंत पश्चात दूध पिए, इलायची डालें, उसमें पोस्टिक पदार्थ डालें जो शरीर की शक्ति क्षीण है। वह पूर्ण हो जाए।
देश के विद्यार्थियों के लिए एक संदेश
मैं देश के विद्यार्थियों को कहना चाहता हूं। अगर कोई मूर्ख नादान नेता, डॉक्टर, अभिनेता, तुम्हें गंदी शिक्षा दे तो उसे नकार देना और ऋषियो की परंपरा पर चलना। जिन्होंने ब्रह्मचर्य के द्वारा संसार के अंदर अपने नाम किया और लंबी आयु पाइ। ध्यान रखना इस बात का।इसलिए मैं कहना चाहता हूं उस रक्त से भी ज्यादा कीमती हमारे शरीर का रज और वीर्य है। ध्यान दो इस बात की ओर।
लगभग सभी बीमारियों का कारण ब्रह्मचर्य नाश
कुछ लोग कहते हैं इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता ध्यान देना तितलियां जब संसार की वृद्धि करती हैं। परस्पर जुड़ती हैं तो मृत्यु का शिकार हो जाती हैं। आज के दिन गहराई से देखिए जितने आपके हृदय रोग हैं, जितनी शुगर की बीमारी हैं। ध्यान देना इन सब का एक मौलिक कारण है ब्रह्मचर्य की हत्या।
ब्रह्मचर्य के ऊपर ही यह शरीर खड़ा है
इसलिए ऋषि दयानंद ने कहा था गृहस्थ आश्रम में होते हुए भी अगर संयम और रितु गामी हैं तो ब्रह्मचर्य के तुल्य हैं। मैं अपने भाइयों को बहनों को विद्यार्थियों को यही कहना चाहता हूं। अगर जीवन धरती का जीवन का सुख लेना है। शक्ति को अपनी मुट्ठी में बंद करना है तो ब्रह्मचर्य का पालन करो। कौन कितना सुंदर है, किसका चित्र कितना सुंदर है जितना उसका चरित्र सुंदर है। ध्यान दीजिएगा इस पद पर।
इसी ब्रह्मचर्य को आज केवल हमारे बीच नहीं विदेशी डॉक्टरों ने भी माना है। जीवन का प्लाज्मा कहा है। इसके ऊपर यह शरीर खड़ा है जो विद्युत शक्ति देता है। जो अंदर से चार्ज करता है पूरी बॉडी को। आज जो इस भयंकर रोग आए हैं। यह आए इसलिए हैं कि ब्रह्मचर्य को भी नष्ट किया जाता है।
श्री राम और श्री कृष्ण का ब्रह्मचर्य
ईश्वर की अपार कृपा हुआ पर आप अपने भोले शंकर के समान ब्रह्मा के समान, श्री राम के समान जिन्होंने 14 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन किया। श्री कृष्ण के समान जिन्होंने विवाह के पश्चात भी 12 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन किया।
ब्रह्मचारी राममूर्ति
ब्रह्मचर्य राम मूर्ति के समान जिसने ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए सेंडो को कहा था अगर तूने अंडे मांस बकरे खाए तो मेरे सामने आओ। तो कहते हैं दो मुक्के मारे थे सैंडो ने राम को। राममूर्ति दयानंद का ही शिष्य था। उसने दो मुक्के खा लिए। प्राणायाम भरा कुछ नहीं हुआ। उसने कहा तैयार हो जा मेरे बेटे। आ रहा है भारत का मुक्का, गाय के दूध का मुक्का, प्राणायाम का मुक्का, यह गेहूं का मुक्का, गाय के घी का बना मुक्का जब एक मुक्का मारा सैंडो को। उल्टे मुंह करके जा करके चित हो गया धरती के ऊपर। लोगों ने हाहाकार कर दिया बस बस अब नहीं अब नही। यह ब्रह्मचर्य की ताकत।
ब्रह्मचर्य के पालन से ही देशभक्त वीर बने
इसलिए मैंने अपने देश के युवक-युवतियों को कहना चाहता हूं। ब्रह्मचर्य के बल पर हमारे देश के वीरों ने बिस्मिल भगत सिंह आजाद दे इस देश को आजाद करवाया। वह फांसी को देखकर भी व्यायाम और प्राणायाम करते रहे।
हमेशा सूर्योदय से पहले उठें
आज प्रतिज्ञा करके जाओ यहां पर प्रतिदिन सूर्य से पहले उठेंगे क्योंकि सूर्य के पश्चात ब्रह्मचर्य की हानि होती है। सदा अच्छे विचार रखेंगे । एक् शन भी व्यर्थ नहीं गवाएगे। जो दिन में सोएगा। वह रात को बच नहीं सकता गिरने से। उसको नींद गहरी नहीं आएगी। इसलिए दिन में नहीं सोएंगे। दिन भर काम करेंगे। व्यायाम करेंगे। अपने जीवन को बलवान करेंगे। आपने देश की शान बनेंगे। जिससे कि आपका देश महान हो, सोने की चिड़िया फिर से यह बन जाए। विश्व का गुरु बन जाए। जितना आतंकवाद है आपके ब्रह्मचर्य के चरित्र के बल से यहां से हट जाए और भारत पुनः विश्व का सम्राट बन जाए। प्रभु से यही मेरी ऐसी प्रार्थना है।
प्रभु के आदेश का पालन करें हम सभी
हम प्रभु के आदेश का पालन करते हुए अपने जीवन को संयमी बनाएं। पवित्र बनाएं। चरित्र से ही युक्त बनाएं।सदा शाकाहारी पवित्र भोजन करके और इस प्रभु के आनंद को पाए।
ओम शांति।
ब्रह्मचर्य की शुरुआत कैसे करें
Reviewed by Tarun Baveja
on
August 07, 2021
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