जानिए कैसे प्राकृतिक जीवन शैली हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है

 

जानिए कैसे प्राकृतिक जीवन शैली हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है


धरती पर रहने वाले सभी जीवो में सबसे पावरफुल इंसान को माना जाता है क्योंकि इंसान के पास दिमाग है। इंसान ने अपने दिमाग का इस्तेमाल करते हुए साइंस में काफी ज्यादा प्रगति की है। कभी धरती को ना जानने वाला इंसान आज पूरे ब्रह्मांड को जान रहा है। मंगल पर ही नया घर बसाने की  योजना बना रहा है। आपने विज्ञान के बल पर इंसान ने पूरी दुनिया और धरती पर अपना राज्य कर लिया है।
जानिए कैसे प्राकृतिक जीवन शैली हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है

 

जल, थल और आकाश पर इंसान का अनैतिक राज 

जल , थल , आकाश सब पर इस इंसान का राज है लेकिन इतनी प्रगति के बाद भी यह इंसान एक प्राकृतिक लाइफस्टाइल नहीं जी पाया। विज्ञान के इस अंधे दौर में इंसान ने धरती के पर्यवारण को नष्ट कर डाला है। जमीन, पानी, हवा ,इकोसिस्टम, जीव, जंतु किसी को भी इंसान ने नहीं बख्शा। पानी में, हवा में, खाने में, हर जगह जहर घोल दिया है। जिसका खामियाजा इस धरती को, इकोसिस्टम को, पर्यावरण को समय-समय पर भुगतना पड़ता है। विज्ञान तो आज से हजारों वर्ष पहले भी था। जो आज लुप्त है और उसी के अनुसार सब की लाइफ स्टाइल थी।

प्राचीन विज्ञान प्रकृति के अनुकूल था 

प्राचीन विज्ञान प्रकृति था। प्राकृतिक के साथ चलने वाला था। आज उन प्राचीन वैज्ञानिक बातों को एक छोटे से वायरस ने पूरी दुनिया को समझा दिया है। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को वह प्राचीन लाइफस्टाइल समझा दी है। जो आपको प्रकृति से जोड़ेगी। आइए जानते हैं वह कौन सी विज्ञानिक लाइफ़स्टाइल है जो आज दुनिया को अपने आप समझ में आ रही है। कैसे यह लाइफस्टाइल आपको रोगों से दूर रखने वाली है। 

भारतीय परंपरा नमस्ते का वैज्ञानिक लाभ

नमस्ते। आप सभी इस बारे में जानते हैं। नमस्ते का अभिवादन करने से वायरस और बैक्टीरिया के फैलने के चांसेस काफी हद तक कम हो जाते हैं। आज पूरी दुनिया के लोग नमस्ते को अपना रहे हैं। चाहे वो ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स हो या डोनाल्ड ट्रंप हो। वहीं पर इजरायल के प्रधानमंत्री ने अपने सिटीजन को भारत की तरह नमस्ते करने की हिदायत दी है। तो इस तरह वैदिक अभिवादन नमस्ते पूरी दुनिया अपना रही है।

शव दहन भी प्रकृति के अनुकूल है

दहन जहां दुनिया ने नमस्ते को अपनाया वहीं पर किसी मरीज की मृत्यु होने पर बॉडी के अंतिम संस्कार के लिए भी जलाने को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। इटली में कोरोना वायरस से काफी ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। बिजनेस इंस्ड अखबार के अनुसार अथर्टीस कहना है कि इन डेड बॉडी को दफनाने की बजाय जलाना ज्यादा बेहतर रहेगा। वहीं पर चीन के वुहान में हजारों डेड बॉडीस को भी जलाया जा रहा है। क्योंकि एक साथ इतनी डेड बॉडी को दफनाने की व्यवस्था करने में काफी मेन पावर की जरूरत होगी।


शव दाह के पीछे की वैज्ञानिकता

असल में अंतिम संस्कार शव दह से होता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिकता छिपी है। जलाने में प्रदूषण कम से कम होता है। वही दफनाने पर भूमि खराब हो जाती है। एक ही श्मशान में लाखों लोगों को जलाया जा सकता है। वहीं लाखों लोगों को दफनाने में कई गुना अधिक भूमि खराब हो जाती हैं। वहीं पर कई एक्सपर्ट के अनुसार जलाने पर किसी भी प्रकार के वायरस बैक्टीरिया पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं।

योग एक प्राकृतिक विज्ञान 

योग हमारे पूर्वजों की शैली का एक मुख्य अंग योग था। इस प्राकृतिक जीवन शैली से इम्युन सिस्टम काफी अच्छा बन जाता है। कोरोना वायरस से बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा इम्यूनिटी को बढ़ाना होगा। जिससे यह अगर वायरस हमारे शरीर में एंटर कर भी जाए तब हमारे इम्यून सेल्स इसे नष्ट कर दे। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अधिक से अधिक फल फ्रूट खाने पर जोर दिया जा रहा है। विटामिन सी का अधिक मात्रा पर सेवन किया जा रहा है और साथ ही घर से बाहर ना निकलकर घर पर ही रह कर इस वायरस की चैन को ब्रेक किया जा रहा है। 

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए एक चीज जो इन सब से भी ज्यादा हेल्पफुल है वह है योग।

सुबह-सुबह प्राणायाम करने पर आप अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा आपके शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाएगी। अगर आप घर पर बैठे हैं। और फल फ्रूट खत्म होने पर आप बाहर नहीं जा सकते। तब आप बिना फल फ्रूट के भी प्राणायाम से अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं। जिस पर ना कोई पैसे लगेंगे न ऑक्सीजन खत्म होगी। अपने घर से कम से कम निकल कर अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं। पूरी दुनिया में अनेकों लोग योग की मदद से अपनी इम्यूनिटी को बढ़ा रहे हैं ताकि वह इन वायरस से बच सकें।

प्राचीन प्राकृतिक विज्ञान की शाखा है शाकाहार

शाकाहार एक ऐसी चीज है जिसकी वजह से कभी कोई ऐसी भयंकर बीमारी नहीं आई क्योंकि शाकाहार इंसान का स्वभाविक भोजन है। मांसाहार करने से हमारे शरीर में दूसरे जानवरों के वायरस आने के चांसेस ज्यादा होते हैं और इसी वजह से मांसाहार के कारण कई बीमारियां पैदा हुई हैं। आज धीरे-धीरे लोगो मे शाकाहार के प्रति समझ पड़ रही है। कोरोना वायरस के फैलने के पीछे एक कारण मांसाहार को ही बताया जा रहा है।

सनातन धर्म की वैज्ञानिकता

तो दोस्तों इस तरह आज सनातन धर्म के वैज्ञानिकता के दर्शन आपको पूरी दुनिया में हो रहे हैं। दुनिया इस वैज्ञानिक बातों को अपना रही है जो चीज इंसान खुद नहीं समझा सका उसे एक वायरस ने समझा दिया। इसमें आपको यही कहूंगा कि हम सबको गवर्नमेंट के कायदे के हिसाब से चलना जरूरी है। ताकि यह वायरस फिर ना पाए और धीरे-धीरे इसका प्रभाव खत्म हो जाए। क्या आप इस वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं? अगर हां तो कैसे?

जानिए कैसे प्राकृतिक जीवन शैली हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है जानिए कैसे प्राकृतिक जीवन शैली हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है Reviewed by Tarun Baveja on August 06, 2021 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.