नारद मुनि चुगलीखोर या महान वैज्ञानिक, वास्तविकता जाने
टीवी सीरियल में हम जब भी नारद मुनि को देखते हैं तो उनको एक ऐसा व्यक्ति दिखाया गया है। जिसका काम सिर्फ इधर की बातें उधर करना होता है और जो सिर्फ नारायण नारायण करते हुए ब्रहमांड में घूमते रहते हैं और चुगली करता रहता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या नारद मुनि वास्तव में एक ऐसे व्यक्ति थे? जबकि नारद को ऐसा दिखाना बिल्कुल गलत और मूर्खता है।वास्तव में महा ऋषि नारद एक वैज्ञानिक थे
वास्तव में महा ऋषि नारद एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने पूरी सृष्टि का ज्ञान प्राप्त किया था। महा ऋषि नारद सृष्टि को कितना जानते थे। वास्तव में ऋषि का मतलब एक वैज्ञानिक होता है और वैज्ञानिकों में भी एक महान वैज्ञानिक को देवऋषि कहा जाता है।
महृषि नारद ने सम्पूर्ण सृष्टि का ज्ञान प्राप्त कर लिया था
महा ऋषि नारद इतने बड़े वैज्ञानिक थे कि उन्होंने संपूर्ण सृष्टि का ज्ञान प्राप्त कर लिया था। महा ऋषि नारद अकेले अनेकों विषयों का पूर्ण ज्ञान था। आज हम धरती पर एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं ढूंढ सकते जिसे किसी भी एक विषय पर पूर्ण ज्ञान और परफेक्ट नॉलेज हो। तो आइए जानते हैं महा ऋषि नारद को किन-किन विषयों का ज्ञान था।
देवऋषि नारद का सम्पूर्ण परिचय
छान्दोग्य उपनिषद में देवऋषि नारद की एक कहानी आती है। जिससे पता चलता है कि उनको कितना ज्यादा नॉलेज था। एक बार देव ऋषि नारद महाऋषि सनत कुमार के पास जाते हैं और उनसे कहते हुए और एक समस्या बताते हैं। वह कहते हैं मैंने राशिम यानी गणित शास्त्र को पढ़ लिया है। देवम, मौसम विज्ञान, प्राकृतिक प्रकोप से संबंधित ज्ञान को और कर्म फल विज्ञान को भी जान लिया है। निधिम यानी अर्थशास्त्र को जान लिया है।
इसके इलावा तर्कशास्त्र, विधिशास्त्र और नीतिशास्त्र को भी जान लिया है। देव विद्याम यानी समस्तसूक्ष्म पदार्थों का विज्ञान यानी कंवटम फिजिक्स और वेद मंत्रों के विभिन्न देवताओं के विज्ञान को जान लिया है।
मैंने ब्रम्हविद्याम यानि विद्युत विद्या मन वाक तत्व आदि के विज्ञान और ईश्वरतत्व के विज्ञान को भी जान लिया है। मैंने भूतविद्या यानि की भौतिक विज्ञान, रसायनिक विज्ञान, प्राणी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान जान लिया है। मैंने शस्त्र विद्या युद्ध और अस्त्र-शस्त्र विद्या को जान लिया है। मैंने नक्षत्र विद्या एस्ट्रोफिजिक्स, एस्ट्रोनॉमी, सूर्य और तारों का विज्ञान जान लिया है।
मैंने सर्प देवजन विद्याम यानी पृथ्वी पर रेंगने वाले प्राणी के विज्ञान को भी जाना है। शिल्प शास्त्र यानि हर प्रकार की इंजीनियरिंग की विद्या को भी जान लिया है। मैंने संगीत आदि ललित विद्या को भी जाना है। इस तरह मैंने चारों वेदों और उनके सहायक अन्य ग्रंथों के विज्ञान को भी पूरा जान लिया है।
अंत में नारद जी की समस्या
लेकिन नारद अंत में अपनी समस्या बताते हैं। लगभग पूरी सृष्टि को जान लेने के बाद भी कुछ ना कुछ परेशानी या दुख उन्हें होता है। ऐसे में वह क्या करें कि उन्हें यह दुख ना हो। असल में ये नॉलेज ही है जो इंसान को परेशानियों से मुक्त कर सकता है। लेकिन अब कहते हैं लगभग पूरी सृष्टि को जानने के बाद भी कुछ भी ना कुछ परेशानियों का सामना क्यों करना पड़ता है।
सृष्टि के विज्ञान से भी महत्वपूर्ण है आत्मा का ज्ञान
इसका सलूशन महाऋषि सनत कुमार बताते हैं कि आपने लगभग पूरी सृष्टि को जान लिया है। जोकि बहुत आवश्यक है। बिना इसे जानने ईश्वर को जान नहीं सकते लेकिन अब आप को खुद को भी जानना बाकी है। महाऋषि सनत उन्हें पूरी सृष्टि की जानने के बाद आत्मा के विज्ञान को जानने की सलाह देते हैं।
यहां पर एक बात नोट कर लेनी चाहिए बिना यूनिवर्स को जाने आप आत्मा और ईश्वर को जान नहीं सकते। इसलिए महा ऋषि नारद ने सबसे पहले पूरे यूनिवर्स को जानने का प्रयास किया। यहां आपने देखा महा ऋषि नारद का ज्ञान कितना विशाल था।
टीवी सीरियल ने देव ऋषि नारद के बारे में सिर्फ झूठ दिखाया
यह स्पष्ट है कि देव ऋषि नारद एक बहुत बड़े वैज्ञानिक थे। ऐसे महान व्यक्ति को टीवी सीरियल वालों ने टीवी में चुगली खोर दिखा कर इनका अपमान किया है। तो फ्रेंड्स इस वीडियो में हम यह बताना चाहते हैं। असल में नारद चुगली खोर टाइप इंसान नहीं थे। इस टॉपिक को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि लोगों को पता चल सके वास्तव में महा ऋषि नारद कौन थे।
नारद मुनि चुगलीखोर या महान वैज्ञानिक, वास्तविकता जाने
Reviewed by Tarun Baveja
on
August 06, 2021
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