बाधाएं शक्ति का उद्गम है :अद्भुत कहानी
एक था आदमी बहुत ही अच्छा, अत्यन्त शरीफ। उसने एक नौकर रख रखा था। बेहद शरारती, बहुत ही दुष्ट। यह नौकर जो काम करता, गलत तरीके से करता। हर बात में उलटे ढंग का प्रयोग करता। अपने मालिक के आदेश का पालन अनोखे निराले भाव से करता। सच पूछिये, तो इसके काम करने की रीति कुछ ऐसी विचित्र होती थी कि देखकर धीर से धीर व्यक्ति भी आपे से बाहर हुए बिना नहीं रह सकता था। परन्तु वह विश्वसनीय साधु-स्वभाव मालिक इस नौकर से कभी क्रोधित नहीं होता था, कभी झुंझलाता नहीं था, कभी क्रोधावेश में नहीं आता था, बल्कि इससे बड़ा प्यारा, बड़ा मनोहर व्यवहार करता था।

एक बार एक अतिथि ने इस नौकर के विरुद्ध आपत्ति उठाई और शिकायत की। अतिथि इस नौकर के व्यवहार तथा तौर-तरीके से बहुत ही अप्रसन्न और बौखला उठा था। इसने मालिक से कहा कि वह इस नौकर को हटा दे। मालिक बोला, "आपकी सलाह तो बहुत अच्छी है और यह सलाह आपने बहुत ही अच्छी नीयत से दी है। मैं जानता हूँ कि आप मेरी भलाई चाहते हैं। मैं जानता हूँ कि आप मेरे काम-काज की उन्नति चाहते हैं और यही कारण है कि आप मुझे यह सलाह देते हैं, परन्तु में बेहतर जानता हूं- मुझे अच्छी तरह मालूम है कि मेरा काम बिगाड़ा जा रहा है, मैं जानता हूँ कि मेरे काम-काज को हानि पहुंचती है। परन्तु मैं इस नौकर को केवल इसी आधार पर या इस वास्तव स्थिति के कारण रखे हुए हूँ कि यह बहुत अविश्वस्त है। यह इसका बूरा व्यवहार और इसका दुष्टतापूर्ण स्वभाव ही है, जिसके कारण यह मुझे बहुत प्यारा लगता है। मैं इसे बहुत प्यार करता हूं, क्योंकि यह एक पापी, एक दुष्ट और अविश्वस्त नौकर है।"
यह बहुत ही अजीब विचार-युक्त उत्तर था। सुनकर अतिथि आश्चर्य से अवाक रह गया।
मालिक ने बात को जारी रखते हुए कहा, "यह नौकर ही संसार में एकमात्र ऐसा व्यक्ति मेरे सम्पर्क में आया है, जो मेरी आज्ञा नहीं मानता। यही एक व्यक्ति है, जो ऐसी बाते-ऐसे काम करता है, जो मेरे लिए अप्रशंसनीय, अपमानजनक तथा हानिकर हैं। अन्य सब लोग, जो मेरे सम्पर्क में आते हैं या जिनसे मेरा वास्ता पड़ता है, इतने शरीफ़, इतने नेक, इतने प्यारे, इतने अच्छे हैं कि वे मेरा विरोध करने, मुझे हानि पहुंचाने का साहस नहीं करते, इसलिए मेरा यह नौकर साधारण व्यक्तियों की गिनती में नहीं आता। यह मेरे आध्यात्मिक अपने आप या आत्मा के लिए डम्बलों को एक किस्म है, एक विशेष प्रशिक्षण, एक स्पेशल ट्रेनिंग है। ठीक जिस प्रकार बहुत-से लोग अपनी शारीरिक शक्ति को बढ़ाने के उद्देश्य ने अपने अवयवों या पुट्ठों के व्यायाम के लिए डम्बलों, पुलियों और भारी बोझों (वेटों) का प्रयोग करते हैं, उसी प्रकार यह नौकर एक प्रकार का वेट या डम्बल है, जिसके द्वारा मेरे आध्यात्मिक शरीर की शक्ति बढ़ती है, उसे सुदृढ़-सबल बनाता है। इस नौकर के माध्यम से मैं शक्ति प्राप्त करता हूँ। मैं इस नौकर के साथ एक प्रकार की कुश्ती करने पर विवश हो जाता हूँ, जिसके परिणाम में मुझे बल मिलता है।"
यदि आप समझते हैं कि आपके पारिवारिक सम्बन्ध या संसार की अन्य अप्रिय बातें आपके मार्ग में एक बाधा, एक गिराने वाली रुकावट हैं, तो आपको झुंझलाने झल्लाने या घबरा उठने की आवश्यकता नहीं। आप उक्त वफादार, विश्वासपात्र मालिक के उदाहरण का अनुकरण कीजिये; कठिनाइयों, मतभेदों, विरोधों को बल और शक्ति का अतिरिक्त स्रोत या उद्गम बना लीजिये।
निष्कर्ष
रुकावटों, बाधाओं, यहां तक कि विपत्तियों का उपयुक्त प्रयोग, इन्हें शक्ति व बल के स्रोत में बदल सकता है। एक शाइर ने क्या खूब कहा है
"अजब नहीं कि यही बिजलियां हवादिस' की, हमारे तौसनि-हिम्मत को ताजियाना' करें।"
अर्थात् यह बात विचित्र नहीं कि विपत्तियों की यही तिजलियां हमारे हिम्मत के घोड़े को चाबुक लगाएं-हमारी हिम्मत को बढ़ा दें।

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