सारे शरीर में खुजली का अचूक घरेलू उपचार
१०० ग्राम नारियल के तेल में ५ ग्राम देशी कपूर (कपूर डेला) मिलाकर कि कांच की शीशी में भर लें और कसकर डाट लगा दें। हिलाने अथवा कुछ देर शीष को धूप लगाने से तेल और कपूर मिलकर एकरस होकर घुल जायेंगे। रोजाना स से पहले इस तेल की मालिश करने से सारे शरीर में उठने वाली सूखी खुजली आराम होता है। दाद आदि चर्म विकार भी दूर होते हैं। सारे बदन पर खाज हेज पर इस कपूर के तेल की १० बूंदें बाल्टी भर पानी में डालकर नहाने से भी व शान्त हो जाती है।
विशेष
(१) दाद विशेषकर (जिसमें फुन्सी की तरह दाना निकलकर जलन अh खुजली के साथ पानी भी निकलता हो) में इस तेल को रात सोते समय दाद पा स्थान पर लगायें। पट्टी की आवश्यकता नहीं है। सप्ताह अथवा कुछ दिनों में पते भर जायेगा और पहले सफेद खाल आयेगी। सफेद खाल आने पर अकेला नारिप में का तेल लगाएँ। प्राय: एक मास में त्वचा अपने असली रंग में आ जाती है। जि यदि अंगुलियों के अग्रिम पोरों में या नाखूनों के आसपास कपड़ा धोने से (सानु के दुष्प्रभाव से) सूजन, दर्द हो या पपड़ी जम जाती हो तो कपड़ा धोने के बाद इ घोल को लगाते रहने से अंगुलियाँ और नाखून ठीक रहते हैं।
सहायक उपचार
(१) साथ ही त्रिफला चूर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) निरन सोते समय पानी के साथ सेवन करते रहें जब तक कि खुजली को आराम न पा जाये। इससे खुजली समाप्त हो जाती है। तेल, मिर्च, खटाई का परहेज सेवन कदि में करे तो शीघ्र और स्थायी लाभ होगा।
(२) त्रिफला चूर्ण के सेवन के साथ त्रिफासे जल (२५ ग्राम त्रिफला चूर्ण ५०० ग्राम जल में १२ घंटे भिगोकर) से खाज-खुजाअ ग्रस्त अंगों को दिन में एक बार धोते रहने से आँखों, सिर व गुदा की खुजली अदि बवासीर में लाभ होता है और चर्म रोग दूर होते हैं।
(३) काली मिर्च का चूर्ण एचा का प्रभाव दूर होता है। नित्य प्रायः खाली पेट इक्कीस दिन तक लें। इसे लेने अ एवं आ बाद दो घंटे तक कुछ न खाएँ।
(४) चने के आटे की रोटी बिना नमक की दो मास क खाने से खुजली और दाद दोनों दूर हो जाते हैं।
विकल्प
नीम की २१ कोपलें साफ कर लें। जाला, मिट्टी न होनी चाहिए। ११ काली मिर्च भी मिला लें। ६० ग्राम पानी में घोंटकर सुबह-शाम सात दिन पीने ने खून साफ हो जाता है और खुजली नहीं रहती। बालकों को अवस्थानुसार ५, ७, १ कोपलें १०, २०, ३० ग्राम पानी में घोटकर पिलाएँ। साथ ही फुन्सी पर नीम की छाल को अन्दर की तरफ से चन्दन की तरह पानी में घिसकर लगायें। इसके साथ नीम के पत्ते (साफ कर) उबले पानी से स्नान करे। नीम के पानी से करे जो स्नान खाज खुजली जो दूषित खून मिट जाये सब, निश्चित जान । इस नीम के पानी से बगल को धोते रहने से एक सप्ताह में बगलगन्ध दूर हो जाती है।

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