बवासीर का स्थायी और अचूक घरेलू उपचार

बवासीर का स्थायी और अचूक घरेलू उपचार

दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दें। सवेरे खाली पेट उनको खाएँ ।' इसी प्रकार सवेरे के भिगोये दो अंजीर शाम चार-पाँच बजे खाएँ। एक घंटा आगे कुछ न लें। आठ-दस दिन के सेवन से बादी और खूनी हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को जड़ से दूर करने के लिए और पुन: न होने देने के लिए छाछ सर्वोत्तम है। दोपहर के भोजन के बाद छाछ में डेढ़ ग्राम (चौथाई चम्मच) पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम सैंधा नमक मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है और नष्ट हुए बवासीर के मस्से पुन: उत्पन्न नहीं होते । 


बवासीर के मस्सों पर लगाने के लिए-(१) कपूर को आठ गुना थोड़ा गर्म एरण्डी के तेल में (आग से नीचे उतारकर) मिला व घोलकर रख लें। पाखाना करने के बाद मस्सों को धोकर और पौंछकर इस तेल को दिन में दो बार नर्मी से मस्सों पर इतना मलें कि मस्सों में शोषित हो जाये। इस तेल की नर्मी से मालिश से मस्सों की तीव्र शोथ, दर्द, जलन, सुईयाँ चुभने को आराम आ जाता है और निरन्तर प्रयोग से मस्से खुश्क हो जाते हैं। बवासीर के मस्से सूजकर अंगूर की भाँति मोटे हो जाते हैं और कभी-कभी गुदा से बाहर निकल आते हैं। ऐसी अवस्था में यदि उन पर इस तेल को लगाकर अन्दर किया जाये तो दर्द नहीं होता और मस्से नर्म होकर आसानी से गुदा के अन्दर प्रवेश किए जा सकते हैं। 

सहायक उपचार

(१) बवासीर की उग्र अवस्था में भोजन में केवल दही और चावल, मूंग की खिचड़ी लें। देसी घी प्रयोग में लाएँ । मल को सख्त और कब्ज न होने दें। अधिक तेज मिर्च-मसालेदार, उत्तेजक और गरिष्ठ पदार्थों के सेवन से बचें। 

(२) खूनी बवासीर में छाछ या दही के साथ कच्चा प्याज (या पिसी हुई प्याज की चटनी) खाना चाहिए । 

(३) रक्तस्रावी बवासीर में दोपहर के भोजन के एक घंटे बाद. आधा किलो अच्छा पपीता खाना हितकर है । 

(४) बवासीर चाहे कैसी भी हो—बादी हो अथवा खूनी-मूली भी अक्सीर है। कच्ची मूली (पत्तों सहित) खाना या इसके रस का पच्चीस से पचास ग्राम की मात्रा से कुछ दिन सेवन बवासीर के अतिरिक्त रक्त के दोषों को निकालकर रक्त को शुद्ध करता है। 

विशेष

(१) बवासीर से बचने के लिए गुदा को गर्म पानी से न धोएँ । खासकर जब तेज गर्मियों के मौसम में छत की टंकियों व नलों से बहुत गर्म पानी आता है तब गुदा को उस गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए। 

(२) एक बार बवासीर ठीक हो जाने के बाद बदपरहेजी (जैसे अत्यधिक मिर्च-मसालेदार, गरिष्ठ और उत्तेजक पदार्थों का सेवन) के कारण उसके दुबारा होने की संभावना रहती है। अत: बवासीर के रोगी के लिए बदपरहेजी से बचना परम आवश्यक है।




बवासीर का स्थायी और अचूक घरेलू उपचार बवासीर का स्थायी और अचूक घरेलू उपचार Reviewed by Tarun Baveja on July 30, 2021 Rating: 5

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