नजला-जुकाम खत्म केवल एक डोज़ से
सुहागे को तवे पर फूलाकर बारीक पीसकर शीशी में भर लें। नजला-जुकाम होने पर आधा ग्राम (बच्चों के लिए आधी मात्रा) गरम पानी के साथ दिन में तीन बार लेने से पहले ही दिन अन्यथा दूसरे तीसरे दिन तो रोग का नामोनिशान न रहेगा। सैकड़ों बार अनुभूत, हानिरहित और चमत्कारपूर्ण हैं।
विशेष-सुहागे का फूला बनाने की विधि-सुहागा को फुलाने या खील बनाने (शुद्ध करने) के लिए बारीक कूटकर लोहे की स्वच्छ कड़ाही में या तवे पर डालें और तेज आंच में इतना पकाएँ कि पिघलने के पश्चात् सूख जाये । अब यह धीरे-धीरे फूलने लगेगा। फूलने के बीच थोडे-थोड़े समय बाद लोहे की छुरी से इसे उलट-पुलट करते रहे। इस प्रकार सारा सुहागा फूल जायेगा। फिर इसे बारीक पीसकर किसी शीशी में भरकर रख लें।
विकल्प-(१)
सात काली मिर्च और सात बताशे पाव भर जल में पकावें । चौथाई रहने पर इसे गरमागरम पी लें और सिर तथा सारा बदन ढककर दस मिनट तक लेट जाएँ। सुबह खाली पेट और रात सोते समय दो दिन प्रयोग करें। दो दिन में ही नजले में बिल्कुल आराम हो जाएगा। इससे जुकाम, खाँसी, हल्की हरारत और शरीर के दर्द में आराम हो जाता है और पसीना आकर शरीर फूल सा हल्का हो जाता है। ज्वर सहित जुकाम होने पर सात तुलसी की पत्तियाँ भी काढ़ा बनाते समय उसमें डाल दें और यह काढ़ा दिन में दो बार दो दिन लें।
विकल्प-(२)
तुलसी की चाय-ताजा तुलसी की पत्तियाँ ७ से ११ तक (अथवा छाया में सुखाई गई तुलसी की पत्तियों का चूर्ण एक ग्राम या चौथाई चम्मच), ताजा अदरक दो ग्राम (या सूखी सौंठ का चूर्ण आधा ग्राम), काली मिर्च (थोड़ी कूटी हुई) सात नग–तीनों वस्तुओं को २०० ग्राम उबलते हुए पानी में डालकर दो मिनट उबालें। तत्पश्चात् नीचे उतार कर दो मिनट ढककर रख दें। दो मिनट बाद छानकर २१ इसमें उबला हुआ दूध १०० ग्राम और मिश्री या चीनी एक-दो चम्मच डालकर गरम-गरम पी लें और ओढ़कर पाँच-दस मिनट सो जाएँ। इससे सर्दी का सिर दर्द, नाक में सर्दी, जुकाम, पीनस, श्वास नली में सूजन एवं दर्द (Bronchitis), साधारण बुखार, मलेरिया, बदहजमी आदि रोग दूर होते हैं। बच्चों की चाय में आधी मात्रा डालें। दिन में दो बार, आवश्यकतानुसार दो-तीन दिन लें। गले के रोगों और श्वसन प्रणाली की झिल्ली पर स्वास्थ्यकर प्रभाव डालने की तुलसी में अद्भुत क्षमता है। इससे छाती का जमा हुआ कफ ढीला होकर निकल जाता है। सर्दी से हुई छाती की अकड़न और पसलियों का दर्द दूर हो जाता है।
जुकाम में नाक बन्द होना
१० ग्राम अजवायन को एक साफ कपड़े की पोटली में बाँधकर तवे पर गर्म कर लें। फिर इसे बार-बार सूंघने से जुकाम में आराम होता है, बन्द नाक खुल जाती है, गन्दा पानी निकल जाता है व सिर का भारीपन मिट जाता है।
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 31, 2021
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