* अच्छी पाचन शक्ति का रहस्य :--
भोजन करना भी एक कला है। मुँह पाचन का एक आवश्यक अंग है, जैसे आमाशय एवं अंतड़ियाँ। मुँह के दो बड़े कार्य हैं-
(१) खुराक को खूब चबाना और पाचन के लिए दूध जैसा पेय बना देना ।
(२) लार या थूक द्वारा ठोस खाद्यों को तर कर देना। पिसकर ही खुराक शरीर का एक अंश बन सकती है। यदि भोजन मोटा रहेगा, तो दाँत का कार्य आमाशय तथा अंतड़ियों को करना पड़ेगा और पाचन क्रिया में खराबी आ जाएगी।
लार या थूक मेल का काम देता है, जिससे खुराक हल्की होकर नीचे उतरती है। अत: अच्छे पाचन के लिए हमें कड़े पदार्थ को खूब महीन पीस कर पर्याप्त लार या थूक मिश्रित कर देनी चाहिए। नर्म चीजें भी चबाई जाएँ, धीरे-धीरे मुँह में काफी देर रख कर जायके से खाई जाएँ। हलुवा, खीर, दलिया, दूध इत्यादि को भी चबाने की आवश्यकता है ।
अच्छी तरह चबाने का तात्पर्य है, पाचन का आधा काम कर लेना। यदि भोजन को खूब चबाकर खाने की आदत डाली जाए, तो वह स्वास्थ्य रक्षा में निश्चय ही सहायक होगा।
वैसे तो मैदे से बने व्यंजन को कदापि नहीं खाना चाहिए। जिन आहारों में मैदा होती है, यदि उन्हें खूब चबाकर खाया जाए और पर्याप्त लार मिला दी जाए तो वे भी हजम हो जाते हैं। आलू, अरबी और जिमीकंद की बाबत यह बात सोलह आने ठीक है।
जहाँ पाचन क्रिया बहुत अच्छी तरह होती है, वहाँ मल बहुत थोड़ा उत्पन्न होता है। अंतड़ियों के अंदर सड़ने वाली गंदगी बहुत कम पैदा होती है। कब्ज और पेचिश होने का कम भय रहता है। चबाकर ग्रास निगलें ।
* आपकी खुराक क्या हो ?
नीचे की तालिका के अनुसार भोजन सामग्री की व्यवस्था करना बहुत उपयोगी है। ऐसा भोजन-विशेषज्ञों का मत है। पाठकों को इससे लाभ उठाना चाहिए।
१- घर के अंदर काम करने वालों के लिए सस्ती खुराक अनाज ( गेहूँ, चावल, मका इत्यादि ) १० औंस, दालें ३ औंस, पत्ते वाली सब्जी (किसी प्रकार की और सस्ती) ३ औंस देसी तोरई, अरबी, बैंगन इत्यादि ६ औंस, तेल ( खाने वाला )२ औंस, भुने हुए चने २ औंस, गुड़ २ औंस, फल ( यदि सस्ते हों) ४ औंस, छाछ ८ ओस। इसमें फल शामिल नहीं हैं, इसलिए चौथे दिन एक पाव फल खाये जाएं।
* घर के अंदर काम करने वालों के लिए बीच की खुराक :--
अनाज ( गेहूँ, चावल, मक्की इत्सादि ) १२ औंस, दालें, चना इत्यादि ३ औंस, सब्जी ( हर प्रकार के साग और करमकल्ला इत्यादि ) ३ औंस, तरकारियां ( आलू, परवल, गोभी, भिंडी, टमाटर, गाजर, चुकंदर, शलजम इत्यादि)६ औंस, तेल (खाने वाला ) १ औंस, धी १ औंस, फल ( केले, आम, पपीते, अमरूद, खरबूजा आदि ) ४ औंस गुड़ ३ औंस, दूध १२ औंस ।
* किसानों के वास्ते सस्ती खुराक :--
अनाज ( गेहूँ, चावल, मकी ) १२ औंस, मोटा नाज (ज्वार, बाजरा इत्यादि ) ४ औंस, दालें (मूंग, चना, अरहर इत्यादि ) २ औंस, भुना हुआ चना या चने के अंकुए ( नाश्ते में ), सब्जी ( लाल साग, बथुआ, चने का साग जो जाड़ों में कच्चा खाया जाता है) ४ औंस, तरकारी ( बैंगन, कहू, लौकी, भिंडी, अरबी, आलू जब सस्ते हों) ६ औंस, तेल ( खाने वाला आमतौर पर सरसों का तेल खाया जाता है, लेकिन तिली या महुए का तेल खाने में कोई हानि नहीं ) १ औंस, फल (ककड़ी, खरबूजा, अमरूद, जामुन, आम, पपीता) ४ औंस छाछ ( या दही की लस्सी) ८ औंस, गुड़२ औंस ।
* कारखानों के मजदूरों के वास्ते सस्ती खुराक :--
अनाज ( गेहूँ, चावल, मका इत्यादि ) १६ औंस, दालें२ औंस, भुने चने (या भीगे चने नाश्ते में ) ४ औंस, सब्जी ( हर प्रकार के साग ) ३ औंस, तरकारियां ( आलू, गाजर, करमकल्ला, भिंडी, बैंगन, कद्दू इत्यादि ) ६ औंस, फल और मसाला ( कुचली हुई प्याज, टमाटर, मूली, खीरा, गाजर ) २ औंस, हरी मिर्च ( जो ताजे नीबू के रस में भिगोई हुई हों इत्यादि ) और फल (जैसे कि आम, कटहल, जामुन, अमरूद आदि) २ से ४ औंस तक, दूध ८ औंस, गुड़ २ औंस, अगर दूध मँहगा हो, तो दही या मक्खन निकला दूध भी मुनासिब होगा ।
* कलाकारों के वास्ते अच्छी खुराक :--
अनाज १६ औंस, दालें ३ औंस, तरकारियाँ ८ औंस, तेल १ औंस, घी १ औंस, दूध १० औंस, फल ४ औंस। मसाले और कच्ची तरकारियाँ ( कटी हुई मूली, टमाटर, खीरे इत्यादि ) ४ औंस, शक्कर या गुड़ ३ औंस।
* खुराक के उचित सम भाग :--
अनाज १४ औंस, दालें तीन औंस, सब्जी ८ औंस, कंद ( जड़ ) ३ औंस, दूसरी तरकारियाँ ३ औंस, दूध १० औंस, शक्कर या गुड़ २ औंस, तेल, घी इत्यादि २ औंस।
* गर्भवती स्त्रियों के लिए :--
अनाज ७ छटांक, दालें डेढ़ छटांक, बिना पते की तरकारियां (बैंगन, कद्दू, भिंडी, आलू, गाजर, लाल चौलाई, सफेद कद्दू ) ३ छटांक, पत्तेदार सब्जियां ( बंदगोभी-सरसों और चने का साग, लाल चौलाई, सेंजन ) २ छटांक, घी या पकाने वाले तेल १ छटांक, दूध ८ छटांक, शकर या गुड़ १ छटांक, फल १ छटांक।
* दूध पिलाने वाली स्त्रियों के लिए :--
अनाज ७ छटांक, दालें १ छ., बिना पत्ते की तरकारियां ३ छ., पत्तेदार सब्जियां २ छ., घी या पकाने वाले तेल १ छ., दूध १० छ. से १२ छ., शक्कर या गुड़ १ छ. फल और ( नारियल ) २ छ., मसाले आवश्यकतानुसार।
* बच्चों के लिए उचित भोजन :--
दूध १ छटांक, शक्कर या गुड़ १ छ., सब्जियां १ छ., अनाज आधी छ., फलों का रस आधी छ., ।
* ३ से ४ वर्ष की आयु के :--
दूध २ छटांक, शक्कर या गुड़ १ छ., सब्जियां १ छ., अनाज १ छटांक, फलों का रस १ छटांक।
* ५ से ७ वर्ष की आयु के :--
अनाज २ छटांक, दूध १२ छटांक, शक्कर या गुड़ १ छ., सब्जियाँ २ छ., फल १ छटांक।
* ८ से १२ वर्ष की आयु के :--
अनाज ३ से ५ छटांक, दूध ८ छ., दालें आधी छ., पत्ते वाली सब्जियाँ १ छ., दूसरी सब्जियाँ २ छ., फल १ छ., मक्कखन आधी छ., घी या तेल आधी छ., शकर या गुड़ १ छटांक।
* १२ से १४ वर्ष की आयु के :--
अनाज ( गेहूँ या चावल ) ५ से ६ छटांक, दालें १ छ., पत्तेवाली सब्जियाँ १ छ., बिना पत्ते वाली सब्जियाँ ३ छ. कच्ची सब्जियां १ छ., मक्कखन आधी छ., घी या तेल आधी छ., दूध ८ छ. शक्कर या गुड़ १ छ., फल २ छटांक।
* खुराक में धातुओं और चिकनाइयों की आवश्यकता और उसे प्राप्त करने के उपाय :--
लोहा ३० से ४० मिलीग्राम, कैल्शियम ०.८ से ३.१ ग्राम तक, फास्फोरस १.० ग्राम, चिकनाई ६ से ८ ग्राम तक ।
* यह कैसे प्राप्त हो सकते हैं?
लोहा-मक्का, अखरोट, मूंगफली, बाजरा, सूखे मेवे, गेहूँ, जौ, सोयाबीन, पालक। कैल्शियम- दूध, सब्जियाँ, रोटी। फास्फोरस- मटर, दूध, अनाज। चिकनाई-माखन, गोला का तेल, घी ।
नोट- एक ग्राम तीन रत्ती के बराबर है।
एक छटांक २ औंस के बराबर है।
* खुराक कैसे बेकार जाती है ?
१- उस पानी को फेंक देने से जिसमें चावल या तरकारियां पकाई गई हैं।
२- बहुत अधिक पकाने या खुले बर्तनों में पकाने से।
३- सोडा जो धोने में उपयोग होता है- तरकारियों में मिलाने से ।
४- जितना खाया जाता है, उससे अधिक पकाने से।
५- चावल और अन्य अनाजों को बहुत बारीक पीसने या अधिक साफ करने से।
६- ऐसे छिलके फेंक देने से जो खाये जा सकते हैं।
७- चूहों और कीड़ों के कारण जो अनाज ठीक से नहीं रखा जाता।
८- जितनी आवश्यकता हो, उससे अधिक खरीद लेने से ।
९- खाने के लिए प्लेटों में अधिक निकाल देने से।
१०- बड़ी और शानदार दावत करने से ।

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