* गर्म पानी पीने के क्या फायदे हैं और गर्म पानी को हम एक उत्कृष्ट औषधि कैसे बना सकते हैं: यह बहुत आसान तरीका है और आप सभी इस पर अमल कर सकते हैं। आज मॉडल साइंस भी यह मानती है कि जब हम पानी को उबालते हैं तो उसमे से बैक्टीरिया, वायरस, एक विशिष्ट तापमान पर नष्ट हो जाते है। पहले के जमाने में जब कोई वाटर प्यूरीफायर या फील्टर्स नहीं थे, तब पानी को शुद्ध करने के लिए उसको उबाला जाता था। यह तरीका अपनाया जाता था। आर्य शास्त्र ने भी इसके बहुत सारे फायदे बताए हैं।
आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी अग्नि दीपन करने वाला आम पाचक है। अग्नि दीपन यानी जो हमारी अग्नि हैं, जाठर अग्नि है, उसको यह बढ़ाता है। अगर किसी को भूख नहीं लगती है तो यह भूख को भी बढ़ाता है। अगर किसी को खाया हुआ अच्छे से पचन नहीं होता, खाने के बाद पेट में फूलापन लगता है, गैस बनती है, इसमें भी यह बहुत फायदा दिलाता है। किसी को हिचकी आ रही है तो उसको भी आप गर्म पानी दे सकते हैं। अगर किसी को वात दोष से संबंधित कुछ तकलीफ है, जैसे- जोड़ों में दर्द या फिर शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन है तो उनके लिए भी गर्म पानी बहुत लाभदायक है। इसके साथ-साथ ही कफ विकार। किसी को बार-बार सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होती है तो उनको भी गर्म पानी से बहुत फायदा मिल सकता है।
गर्म पानी हमारी पाचन क्रिया को बढ़ाता है और कफ दोष को कम करता है। अगर शरीर में अतिरिक्त फैट यानी चर्बी है तो उसको भी कम करने में मदद करता है। जिन लोगों में मोटापा है तो उन लोगों को भी गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। कुछ लोग वजन कम करने के लिए गर्म पानी के साथ शहद और नींबू का रस मिलाकर लेते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, शहद को कभी भी गर्म नहीं करना चाहिए और ना ही इसे गर्म चीजों के साथ सेवन करना चाहिए; इसलिए आप भी गर्म पानी के साथ शहद का सेवन मत करिए। अगर आपको शहद को पानी के साथ लेना ही है तो इस गर्म पानी को पहले ठंडा होने दीजिए, उसके बाद आप उस पानी के साथ शहद का सेवन कर सकते हैं।
* गर्म पानी का सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए- गर्म पानी का सेवन अपनी प्यास के अनुसार, ऋतु के अनुसार, अपनी प्रकृति के अनुसार या फिर आपको कोई बीमारी है तो आपको उसके अनुसार पीना करना चाहिए, इसकी ऐसी कोई निश्चित मात्रा नहीं है।
आचार्य वाग्भटृ के अनुसार अष्टांगहृदय सूत्रस्थान के पांचवें अध्याय में बताया है कि स्वस्थ व्यक्ति को पानी का सेवन आवश्यकताा से अधिक नहीं करना चाहिए; क्योंकि पानी अग्नि मंद करने का एक मूल कारण है और आयुर्वेद के अनुसार, अगर अग्नि मंद हुई तो वह सभी रोगों की जड़ में भूमिका निभाती है। इसलिए पानी का सेवन योग्य मात्रा में करना ही करें, जो कि हमारे लिए हितकर हैं।
* आयुर्वेद के अनुसार पानी को उबालने की भी चार पद्धति है-
* नंबर 1: अष्टमांश शेष- अगर आपने उबालने के लिए 8 कप पानी लिया तो उबलते हुए जब वह पानी 1 कप बच जाए तब उसका सेवन करें।
* नंबर 2: चतुर्थांश शेष - इस प्रक्रिया में 8 पानी में से 2 कप पानी बचाना है। फिर उसका सेवन करना है।
* नंबर 3: अर्धांश शेष- इस प्रक्रिया में 8 कप पानी में से 4 कप पानी बचाना है और फिर उसका सेवन करना है।
* नंबर 4: उबला हुआ- इस प्रक्रिया में सिर्फ उबला हुआ यानी गुनगुने पानी का ही सेवन होता है।
इसमें से जो अष्टमांश शेष यानी पहले प्रकार को ही श्रेष्ठ बताया गया है।
* गर्म पानी को एक उत्कृष्ट औषधि कैसे बनांए- पानी को उबालते समय इसमें हम कुछ औषधियां भी डाल सकते हैं। जिससे आपको एक फ्लेवर गर्म पानी भी मिलेगा और इसके फायदे भी मिलेंगे तो इसके लिए आपको क्या-क्या डालना है। यह देखते हैं-
लौंग, काली मिर्च, धनिया, अजवाइन, सौंफ, अदरक, सौंठ, जीरा, दालचीनी के पत्ते, तुलसी के पत्ते, पुदीने के पत्ते इसमें से कुछ भी आप डाल सकते हैं। आप एक साथ एक या दो वनस्पति भी डाल सकते हैं या फिर आप 1-1 का भी प्रयोग कर सकते हैं। अपने स्वाद के अनुसार, ऋतु के अनुसार या फिर अपनी प्रकृति के अनुसार, आपकी जो भी व्याधि है, उसके अनुसार आप इसका सेवन कर सकते हैं।
यह सभी औषधिंया दीपन पाचन प्रकृति की है। हमारी अग्नि को बढ़ाने वाली है। इसके साथ जिनको कफ दोष से संबंधित कोई भी बीमारी है या फिर जिनकी कफ प्रकृति है, उनमें यह बहुत फायदेमंद है। इसके साथ ही कुछ अलग-अलग विकारों में भी यह औषधिंया बहुत फायदा पहुंचाती है, जैसे-
अगर किसी को सीने में कफ जमा है, उल्टी हो रही है तो इसमें लौंग बहुत फायदा दिलाती है। इसके लिए आप पानी उबालते समय उसमें लौंग डालकर उस पानी का सेवन कर सकते हैं। इसके साथ ही लौंग का चूर्ण आप शहद के साथ ले सकते हैं। अगर किसी को तृष्णा यानी प्यास बार-बार लगती है तो उसके लिए लौंग का काढ़ा बताया गया है तो काढ़े के लिए हमें रात को एक कप पानी लेना है, उसमें आप 4 -5 लौंग कूट कर आप इसमें पानी में डालकर और ढ़ककर रख दें और सुबह उठकर आप इसका सेवन करेंगे, तो यह आपकी प्यास को कम करने में भी बहुत मदद करती है।
* सौंठ के साथ- सौंठ बहुत ही गुणकारी होती है। सौंठ अदरक से ही बनती है, यानी दोनो एक ही हैं। जबकि अदरक पित्तकारी होती है और सौंठ पित्तशामक होती है; क्योंकि अदरक, सौंठ में बदलते ही इसके गुण-धर्म बदल जाते हैं। सौंठ का काढ़ा, अगर किसी को दस्त हो रहे हैं या फिर उल्टी होती हो तो उसमें यह बहुत फायदा दिलाता है।
अगर किसी को एसिडिटी है तो सौंठ का चूर्ण आप मिश्री के साथ ले सकते हैं। आम वात यानी Rheumatoid Arthritis में यानी जोड़ों में दर्द है, सूजन है, जकड़ाहट है तो उसमें भी यह सौंठ का काढ़ा बहुत लाभदायक है। शीतपित्त यानी किसी को तव्चा पर चकत्ते आना, खुजली होना यह बीमारी है तो उनमें भी यह सौंठ का काढ़ा है, बहुत फायदा दिलाता है। अगर पित्त दोष के बढ़ने से किसी को बुखार है तो उसमें भी यह आराम दे सकता है। इसके साथ-साथ ही महिलाओं में प्रसुति होने के बाद वात का प्रकोप ना हो; इसमें भी यह सौंठ का काढ़ा बहुत लाभ दिलाता है।
* धनिया के साथ- जिनको उल्टी हो रही हैं, दस्त है, पेट में दर्द है या फिर किसी को बुखार है तो उसके साथ-साथ शरीर में बहुत जलन हो रही है, सर में दर्द है तो गर्म पानी में आप धनिया डालकर उसका सेंवन कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर किसी को पेशाब के लिए बार-बार जाना पड़ता है, जलन है, दर्द है तो इसमें भी आप इस काढ़े को ले सकते हैं। किसी को एसिडिटी है तो उन्हें धनियां और जीरा दोनों डालकर गर्म पानी का सेवन करने से उसका लाभ मिल सकता है।
* अजवाइन के साथ- किसी को पेट में दर्द है या विंछु में कृमि है तो ये इसमें भी फायदा दिला सकता है। इसके साथ-साथ ही महिलाओं में मासिक धर्म के समय उनके पेट के दर्द है या फिर प्रसुति के बाद भी वात शमन के लिए यह बहुत अच्छी औषधि है।
* काली मिर्च के साथ- अगर आप पानी उबालते समय उसमें काली मिर्च डालते हैं तो अगर आपको कफ दोष से संबंधित या वात से सम्बंधित कोई बीमारी है और आपकी कफ या वात प्रकृति है तो आपको यह फायदा दिलाएगी। लेकिन ऊष्ण तीष्ण है या जिनकी पित्त प्रकृति है या जिनको एसिडिटी होती है या फिर जो ऋतु पित्त वर्धक है। जैसे- शरद ऋतु में पित्त बढ़ता है तो उस समय में आप कालीमिर्च का सेवन मत करें। तो आप भी इस तरह से बनांए हुए, औषधि सिद्ध गर्म पानी का सेवन करें। और स्वस्थ रहे, आन्नदित रहे।
आयुर्वेदानुसार गर्म पानी पीने के फायदे
Reviewed by Tarun Baveja
on
September 03, 2020
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