* फल या फलो का रस कौन अधिक लाभदायक- हमारे लिए फल खाना अच्छा है या इन फलों से निकला हुआ जूस पीना हमारे लिए फायदेमंद है। आजकल कुछ सालों से ही जूस पीने का प्रचलन बहुत बढ़ता जा रहा है। यहां तक कि जो लोग मॉर्निंग वॉक के लिए जाते हैं या एक्सरसाइज करने के बाद फलो के जूस का सेवन करते है। कुछ लोगों के घरों में तो जैसे दूध के पैकेट आते हैं, वैसे ही इन जूस के पैकेट भी आते हैं और इसमें सिर्फ फलों का ही जूस नहीं, बल्कि गाजर के रस, करेले के रस, लौकी के रस के पैकेट भी सुबह-सुबह आ जाते हैं और अधिकतर लोग रोज़ ही इसका सेवन करते हैं।
तो आइए देखते हैं कि फल खाने से क्या फायदा होता है और फलों का जूस पीने से क्या फायदा होता है और साथ ही सब्जियों का रस जब आप लेते हैं तो इससे क्या होता है, तो इसको लेना है या नहीं लेना है, इसके बारे में आज हम चर्चा करेंगे।
* फलों का सेवन- जब हम फलों का सेवन करते हैं तो हम उसका स्वाद ले लेकर खाते हैं, जो कि हमारे स्वाद कलिकांए उसको फलों के नेचुरल टेस्ट का पता चलता है। लेकिन जब हम फलों का रस या जूस लेते हैं तो हल्का-सा उसका टेस्ट बदल जाता है और जूस पीते समय उसे फटाफट पी लेते हैं, तो जो हमारी टेस्ट कलिकांए है, उसका जो स्वाद है, इतना पता ही नहीं चलता।
दूसरी बात मन की तृप्ति- अगर आप संतरे खा रहे हैं तो एक या दो संतरे खाने के बाद ही आपकी मन की तृप्ति हो जाएगी। तब आपको पता चलेगा कि बस.. अभी इसके आगे मुझे नहीं चाहिए, शरीर के लिए इतना ही काफी है। लेकिन जब हम उसी संतरों का जूस बनाएंगे तो एक गिलास जूस कम से कम तीन या चार संतरे से बनता है तो साथ ही जब जूस के गिलास का सेवन करेंगे तो शरीर के लिए कभी-कभी इतना आवश्यक नहीं रहता तो उसके साथ ही हम उसको फटाफट भी पी लेते हैं, तो जो मन की तृप्ति होती है, वह भी हमें पता नहीं चलती।
जब भी हम फल खाते हैं तो फल को हम चबा-चबा कर खाते हैं। इस चबाने की प्रक्रिया में जो हमारे मुंह की लार है, स्लाइवा। वह भी उस में मिक्स होता है और जो भी हम खाते हैं, उसका पचन हमारे मुंह से ही शुरु होता है। तो जब हम फल खाते हैं तो उसका पचन आसानी से हो जाता है। लेकिन जब हम फलों का जूस लेते हैं तो उसको स्लाइवा बनने के लिए इतना समय ही नहीं रहता, इसके साथ ही जो फलों का रस पचने में हैवी होता है। तो जिन लोगों का अग्नि मंद है, उनको कभी-कभी ऐसा भी हो सकता है कि अगर वह फलों का रस बार-बार सेवन करते हैं तो उनको अपचन जैसी तकलीफें हो सकती हैं।
जब हम फलों का सेवन करते हैं तो उसके फाइबर भी हमें मिलते हैं और यह जो फाइबर होते हैं, उस फल को पचाने में मदद करते हैं। लेकिन जब हम जूस पीते हैं तो उसके फाइबर पहले से ही निकाल दिए जाते हैं।
जूस पीने से क्या होता है-
* नेचुरल फिटनेस- जब हम फल खाते हैं तो उसका जो मूल स्वाद है, वो हमें पता चलता है। लेकिन जब हम जूस पीते है तो उसमें अलग से चीनी यानी शुगर ऐड कर दी जाती है। जिससे कैलोरी बढ़ जाती है। कुछ लोग एक्सरसाइज करके कैलोरी को बर्न करते हैं और एक्सरसाइज करने के बाद जूस पी लेते हैं, जिससे फिर से उनकी बहुत ज्यादा कैलोरी बढ़ जाती है। तब उनको एक्सरसाइज करने का कोई भी फायदा नहीं होता।
* मार्केट के जूस और घर में बने जूस में अन्तर- जब आप घर से बाहर जूस पीते हैं तो उस जूस को बनाते समय काफी बार उसमें पानी या बर्फ भी काफी बार मिलाया जाता है, जो कि बर्फ या पानी की शुद्धता के बारे में तो हमें पता नहीं रहता तो इस बारे में भी थोड़ी सावधानी बरतना जरूरी है।
जब हम घर में फल खाते हैं तो उसका जो रंग रूप है, वैसा का वैसा ही रहता है। लेकिन जब हम फलों का रस बनाते हैं, जैसे- आपने घर में फलों का रस बनाते हैं तो जूस का रंग फल के मूल रंग जैसा ही रहेगा। लेकिन अगर आप इसको कुछ समय के लिए रख देते हैं, तो यह थोड़ी देर रखने के बाद ही काला पड़ने लगता है।
लेकिन बाजार में जो फलों का रस मिलता हैं तो उसका रंग वैसे का वैसे ही रहता है, इसमें तो कई बार लिखा भी रहता है कि नो एडिट कलर और नो प्रेसरटेटिव। हालांकि इसको हम तक पहुंचने में भी कुछ समय लगता है, फिर भी इसका रंग वैसे के वैसे कैसा रह सकता है। यह भी सोचने की बात है तो अगली बार जूस पीने से पहले इन बातों के बारे में जरूर सोचे और स्वस्थ रहें, आनंदित रहें
फल खाना अच्छा है या फलों का जूस पीना अच्छा है
Reviewed by Tarun Baveja
on
September 03, 2020
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