ब्रह्मचर्य और सफलता के बीच संबंध

* ब्रह्मचर्य और सफलता के बीच संबंध: सभी समस्याओं का समाधान है, ब्रह्मचर्य। ब्रह्मचर्य मात्र आपके शरीर और व्याधियों से बचने के लिए नहीं बल्कि ब्रह्मचर्य आपके जीवन की सफलता के लिए, ब्रह्मचर्य आपकी उर्जा के लिए, क्षमता के लिए, ब्रह्माचर्य आपकी क्षमताओं के सही प्रयोग करने के लिए है; क्योंकि हमारी अधिकतर ऊर्जा आज के समय में कहां पर व्यय हो रही है, यह हमें देखना पड़ेगा। अधिकतर ऊर्जा से मेरा अर्थ यह है कि अधिकतर समय भी हमारा कहां लग रहा है, धन भी कहां लग रहा है और हमारा बल भी कहां लग रहा है, इन सभी विषयों पर यदि हम दृष्टि डालते हैं तो बात एक ही सामने आती है कि हमारी जन इंद्री हमें बहुत ज्यादा परेशान कर रही है, इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है और जब ये स्वछच्दन रूप से हम इसके साथ में बहे चले जाते हैं तो फिर ये सारी की सारी समस्याएं देखने को मिलती हैं।

      आज आप इस जीवन के महत्व को समझे, आप यह समझे कि यह जीवन इतना मूल्यवान जीवन है कि इसको कैसे सार्थक बनाना है, क्या एक क्षणिक सुख के लिए या फिर हम केवल अपने आज में थोड़ा आनंद देखते हुए, अपने पूरे जीवन को नष्ट कर रहे हैं या जो जीवन इतना आदर्श बन सकता था, जिसका उदाहरण व्यक्ति देते हैं और जिनका उदाहरण हम खुद देते हैं, जो हमारे महापुरुष हुए हैं, हम उस जीवन को वहां लिए जा रहे हैं, वहां खड़ा कर रहे हैं, जहां पर उपेक्षित भाव से हमें देखा जाए, जहां पर यह कहा जाए कि इन व्यक्तियों का संग ना करें। इससे आपको हानि हो सकती है, ऐसा हमें नहीं बनना है। हम ऐसा बनने के लिए पैदा नहीं हुए हैं; क्योंकि हम इस आर्यव्रत इस भारतवर्ष में पैदा हुए हैं, जन्म हुआ है ये हमारा सौभाग्य है, हमें ऐसी संस्कृति मिली है, हमें ऐसा मार्गदर्शन मिला है, हमारे ऋषियों से, हमारे ग्रंथों से, हमारी साधना पद्धति से, अगर हमने वहां पर अपनी उर्जा को, अपनी क्षमता को लगा दिया तो हम अपने जीवन में अमूलचूल परिवर्तन कर सकते हैं।

      ऊर्जा हम सबके अंदर विद्यमान है। उस ऊर्जा को कोई व्यक्ति ऐसे स्थान पर लगाता है, जहां पर वह नष्ट होती चली जाती है, हमें कमजोर बनाती चली जाती है; क्योंकि उस उर्जा का नाश होता है और उस ऊर्जा को कोई व्यक्ति उचित स्थान पर लगाता है, जहां पर वह हमारा आत्मबल बढ़ाती है, जहां पर आत्मविश्वास पर बढ़ाती है, और एक संकल्प शक्ति हमारे दृढ़ता को मजबूत करती है। अगर आप थोड़ा ध्यान दें,  अपने जीवन का थोड़ा अवलोकन करें और यह समझे कि अब हमें अपनी स्थिति को निरंतर सुधारते हुए, एक बेहतर स्तर तक लेकर जाना है। जब आप उस स्तर को प्राप्त कर लेंगे तो आपके लिए सभी प्रश्न निरर्थक हो जाएंगे, कि हमारा मन नहीं लगता है, हम अपने जीवन में कुछ कर नहीं पा रहे, हम अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।

      आपको अपने आप को एक सही लक्ष्य भी देना है और इस जीवन के महत्व को भी समझना है। अपने भविष्य के कुछ आगामी वर्षो की तरफ देखकर कुछ कल्पना करें कि वह किस दिशा में जा रहे हैं, फिर यह कल्पना करें कि उनको कितना बेहतर बनाया जा सकता है, दोनों ही प्रश्न के आपके पास उत्तर होंगे। ये भी उत्तर होगा कि अगर हम इसी तरह से जीतें रहेगे, इतनी ही लापरवाही से जीते रहेंगे तो हम बहुत सारी समस्याओं का सामना हमें करना पड़ेगा और यह उत्तर भी होगा कि इसी जीवन को बहुत सुंदर और बहुत ही आनंदमय भी बनाया जा सकता है, छोटी सी सावधानी के आधार पर।
      तो यह आपकी ऊर्जा है, इसको कहां पर लगाना है, यह आपका निर्णय है। आपकी संकल्प शक्ति है, जो आपको एक नया जीवन, एक नया बल दे सकती है।
ब्रह्मचर्य और सफलता के बीच संबंध ब्रह्मचर्य और सफलता के बीच संबंध Reviewed by Tarun Baveja on September 04, 2020 Rating: 5

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