चमत्कारी औषधि गिलोय के गुणऔर इसके फायदे

* एक चमत्कारी औषधि गिलोय: आज के टॉपिक में हम एक ऐसी वनस्पति के बारे में बात करेंगे। जो स्वास्थ्य के लिए वरदान हैं। वात, पित्त, कफ यह जो तीनों दोष है। इसमें होने वाली किसी भी बीमारीयो में यह जो वनस्पति है, बहुत लाभदायक है। इसका नाम है, गुडूची।

      इस वनस्पति को अलग-अलग क्षेत्रो में अलग-अलग नाम से भी पुकारा जाता है। जैसे, गिलोय, गुडूची, अमृता, अमृतलता, अमृतवल्ली, चक्रलक्षणा, रसायनी, ज्वरनाशी और इसको मराठी में गुलवेल बोलते हैं। हिंदी में इसको गिलोय बोलते हैं। इसका जो लेटिन नाम है, वो है टीनोस्पोरा कार्डिफोलया।

      यह एक बेल के रूप मे होती है। किसी भी बड़े पेड़ पर, जैसे-आम का पेड़ है या फिर नीम का पेड़। इसके ऊपर यह बेल चढ़ती है। जो गिलोय की बेल नीम के ऊपर चढ़ी हुई होती है, वह सर्वोत्तम और सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। अगर आपने यह बेल देखी होगी तो इसका जो कांड यानी स्टेम रहता है, इसके ऊपर एक बहुत पतली लेयर रहती है, जो आराम से निकल जाती है। उसका जो अंदर का भाग रहता है, वह हरे रंग का होता है। ठण्ड में इसमे बहुत छोटे-छोटे फल लगते हैं। यह लाल रंग के होते हैं। इसके साथ ही गिलोय के पत्ते हार्ट शेप के होते हैं। अगर आपने मनी प्लांट की बेल को देखा होगा तो उसके जैसे ही इसके पत्ते दिखते हैं। जो कि औषधि द्रव्यों में इसका जो कांड है और इसके जो पत्ते हैं, वो इस्तेमाल किए जाते हैं। 

* गिलोय के गुण: अमृता यानी गिलोय के गुण कौन से हैं। कौन-सी व्याधियों में इसे हम ले सकते हैं। इसके सेवन की विधि क्या है। इसकी लेने की मात्रा क्या है।  

      आचार्य वाग्भट्ट जो अष्टांग संग्रह ग्रन्थ है, उसके सूत्र स्थान के 12 वें अध्याय में गिलोय के गुणों के बारे में बताते हैं- यह स्निग्ध है, तिक्त रस का है यानी इसका रस कड़वा होता है और साथ ही इसमें तीखा और कसेला रस भी है। यह तीनों दोषों का शमन करने वाली है। अगर आपको कोई भी बीमारी नहीं है। तो स्वस्थ अवस्था में भी आप ले सकते हैं और अगर वात, पित्त, कफ इन  तीनों दोषों की वजह से या इनमें से कोई सा भी एक दोष की बढ़ने की वजह से कोई बीमारी होती है तो उसमें भी आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं ।

      यह ऊष्ण वीर्य है। इसे उत्कृष्ट रसायन औषधि बताया गया है यानी जो रसायन औषधि है, ये आयु को बढ़ाती है, तरुणा अवस्था को बनाए रखने में मदद करती है। बलो को बढ़ाती है। ओज़ को बढ़ाती है। इस तरह से यह हमारे शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करती है।

      शरीर के सात धातु- रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, शुक्र। यह सातों धातुओं पर गिलोय काम करने वाली होती है। इसीलिए यह बहुत ही श्रेष्ठ औषधि है।  * गिलोय कौन-कौन सी बीमारियों में काम करती है: यह रक्तवर्धक है। अगर शरीर में खून की कमी है, मतलब एनीमिया या पांडुरोग है तो भी ये उसमें खून बढ़ाने में बहुत मदद करती है। अगर किसी को डेंगू हुआ है और शरीर में प्लेट लेट्स की कमी है तो भी गिलोय उसमें भी प्लेट लेट्स को बढ़ाने में बहुत मदद करती है। उसके साथ-साथ ही जॉन्डिस यानी पीलिया, अगर पीलिया किसी को हुआ है तो उसमें भी यह बहुत लाभदायक है। पचन संस्थान जो हमारा डाइजेशन सिस्टम है, उसमें भी यह बहुत अच्छा लाभ दिलाती है। अगर किसी को भूख नहीं लगती या फिर खाने का मन नहीं होता या खाया हुआ अच्छे से नही पचता, तो उसमें भी गिलोय बहुत फायदेमंद होती है। यह दीपन पाचन करने वाली  है यानी भूख बढ़ाने वाली है, अगर शरीर में आम दोष है तो उसका पचन करने वाली है।

      इसके साथ-साथ ही अगर किसी को बार-बार प्यास लगती है। पानी पीने के बाद भी तृष्णा का शमन नहीं होता तो उसमें भी गिलोय बहुत अच्छा काम करती है। अगर किसी को बार-बार जुलाब होते हैं यानी दस्त होते हैं तो इसमे भी यह ग्राही है यानी मल को बांधने वाली है। जुलाब  को भी कम करने में गिलोय बहुत अच्छा काम करती है। इसके साथ-साथ ही गिलोय कृमिग्न है, अगर शरीर में कृमि हैं  तो उसको भी यह नष्ट करने वाली है। इसके साथ अगर कहीं पर दर्द होता है या फिर खट्टी डकारे आना, जी मचलना उसमें भी यह गिलोय बहुत फायदेमंद है।

      इसके साथ गिलोय ज्वर अग्न है यानी बुखार को कम करने वाली है। खासकर के जीर्ण ज्वर या विषम ज्वर यानी अगर बहुत दिनों से बुखार आ रहा है, उसका कोई निदान नही हो रहा है, इस तरह के बुखार में भी गिलोय बहुत फायदेमंद है।

      इसके साथ-साथ अगर किसी को आम वात है यानी Rheumatoid Arthritis है। इसमे शरीर के जोड़ों में दर्द रहना, सूजन आना, सुबह उठने के बाद बहुत जकड़न महसूस होना, बहुत दर्द होना तो इसमें गिलोय का काढ़ा या गिलोय का चूर्ण बहुत फायदेमंद है।

      इसके साथ-साथ जो वात रक्त बीमारी है, जिसमें यूरिक एसिड बढ़ता है, जिसे गाउट भी कहते है। इसमें भी गिलोय काफी फायदेमंद है। सर्दी, खांसी कफज बुखार, जुकाम इसमें भी गिलोय बहुत फायदेमंद है। यहां तक कि बुखार के बाद अगर कमजोरी रहती है या फिर भूख कम लगती है। हाथ पैर में जलन होती है तो इसमें भी यह बहुत लाभ दिलाती है।

      त्वचा के विकारों में भी गिलोय बहुत फायदेमंद है; क्योंकि गिलोय कफ दोष को कम करने वाली है तो अगर त्वचा के विकारों में- खुजली है, जलन है, फोड़े - फुंसी है। इन सब में भी गिलोय बहुत फायदा दिलाती है। यह रक्त धातु को शुद्ध करती है और इससे त्वचा के काफी विकार कम होने में हमें मदद मिलती है।

      यह डायबिटीज में भी खाए बहुत फायदे दिलाती है। कफ की विकृति मेधद की विकृति होती है तो इसमें गिलोय बहुत फायदा दिलाती है। जिनको डायबिटीज है, उनको बार-बार प्यास लगती है, पेशाब के लिए बार बार जाना पड़ता है, हाथ-पांव में जलन रहती है तो इन सब में गिलोय इन सब लक्षणों को कम करती है।   

* गिलोय का सेवन कैसे कर सकते हैं:  गिलोय का काढ़ा बनाकर ले सकते हैं। हो सके, तो गिलोय का कांढ़ा या स्टेम को ताजा इस्तेमाल करें। इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके, इसे कूट लेना। रात को चार कप पानी में भिगोकर  ढ़क दे और सुबह इसको उबालकर जब पानी एक कप रह जाए है, तब उसमें से आधा कप सुबह और आधा कप शाम को ले सकते हैं।

      काढ़े की मात्रा को आप 40 से 80 ml तक ले सकते हैं। अगर आप इसका चूर्ण इस्तेमाल करते हैं, तो इसको 1 से 3 ग्राम की मात्रा में ले सकते हैं। इसको भी आप दोषों के अनुसार सेवन कर सकते हैं। यानी अगर वात दोष से कोई बीमारी हुई है तो आप गिलोय का चूर्ण है उसको घी के साथ ले सकते हैं। इसमें आधा चम्मच गिलोय का चूर्ण और एक चम्मच घी ले सकते हैं। अगर पित्त दोष की वजह से कोई बीमारी है तो आप इसे मिश्री के साथ ले सकते हैं या फिर कफ दोष से कोई विकृति है तो आप इसे शहद के साथ ले सकते हैं। वैसे ही आधे चम्मच गिलोय का चूर्ण और एक चम्मच शहद इसको मिक्स करके आपने लेना है।

      अगर आपको काढ़ा बहुत ही कड़वा लगा तो इसमें आप एक चम्मच शहद भी डाल सकते हैं। अगर आपको डायबिटीज है तो हो सके तो इसमें शहद ना डालें। सर्दी, खांसी, बुखार और कफज विकारों में आप गिलोय के काढ़े के साथ पीपली का चूर्ण और शहद मिलाकर ले सकते हैं। इसके साथ-साथ आम वत के दोष में यानी Rheumatoid Arthritis. जोड़ों में दर्द रहना या अन्य भी लक्षण रहते है, उसमें भी गिलोय के काढ़े को आप सौंठ के चूर्ण के भी साथ ले सकते हैं। इस प्रकार से गिलोय एक बहुत ही महत्वपूर्ण और चमत्कारी औषधि है, जिसका निरंतर सेंवन करने से आप स्वस्थ और आनन्दित रह सकते हैं।
चमत्कारी औषधि गिलोय के गुणऔर इसके फायदे चमत्कारी औषधि  गिलोय के गुणऔर इसके फायदे Reviewed by Tarun Baveja on September 04, 2020 Rating: 5

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