* प्याज और लहसुन के फायदे और नुकसान: भारत में खाने का और रसोई का अपना एक अलग विज्ञान है। अगर आप देखे तो भारत के हर राज्य में खाने के लिए आपको भिन्नताएं नजर आ जाएंगी और एक ही राज्य में भी आपको भिन्नता अलग-अलग खाने की वस्तुएं मिल जाएंगी। भिन्नताएं काफी मिलती हैं।
अक्सर यह सवाल उठता है कि प्याज और लहसुन क्या हमें खाना चाहिए और अगर खाना चाहिए तो कितना खाना चाहिए और अगर नहीं खाना चाहिए तो इसके पीछे क्या कोई ठोस वैज्ञानिक कारण है?
कुछ लोग तो धार्मिक कारण से भी प्याज को लहसुन को नहीं खाते हैं। लेकिन प्याज और लहसुन ना खाने के पीछे एक ठोस वैज्ञानिक कारण भी है। आज हम इस आर्टिकल में दोनों कारणों वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों पर ही चर्चा करेंगे।
प्याज और लहसुन का उपयोग वैस्टर्न देशों की मेडिसन में होता है। उनके अनुसार, प्याज और लहसुन ये दोनों काम करते है, नेचुरल एंटीबायोटिक का। ये तो आपको भी पता होगा कि एंटीबायोटिक कब खाई जाती है। जब कोई व्यक्ति बीमार होता है, तभी वो व्यक्ति एंटीबायोटिक लेता है। क्या कोई स्वस्थ व्यक्ति एंटीबायोटिक लेता हैं। नहीं ना.. हम नहीं लेते; क्योंकि अगर हम स्वस्थ हैं तो डेली हर रोज एंटीबायोटिक खाएंगे तो संभ्वतः हम बीमार होंगे। जब बीमार होंगे तो यह एंटीबायोटिक काम करना बंद कर देंगे और लंबे समय तक हर रोज एंटीबायोटिक खाएंगे तो इनके साइड इफेक्ट भी नजर आएंगे।
भारत के प्राचीन ग्रंथों में और आयुर्वेद में यह कहा गया है कि किसी भी भोजन के किसी भी खाने में 3 गुण होते हैं- सतोगुणी, रजोगुणी, और तमोगुणी। सतोगुणी जिस खाने में किसी भी प्रकार के मिर्च-मसाला इत्यादि का प्रयोग ना किया गया हो। रजोगुणी में मिर्च मसाले का प्रयोग होता है और तमोगुणी जो मांसाहार और बासी भोजन होता है, जिसमें मिर्च-मसाला ज्यादा होता है। वो तमोगुणी में आता है।
एक वैज्ञानिक है, Robert E Swado के मुताबिक़ प्याज और लहसुन के बारे में बताते हैं कि जो राजसी और तामसी भोजन है, उनका शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कहीं ना कहीं वो बीमारियों को आमंत्रित करते हैं और हमारे शरीर को और हमें बीमार करते हैं। तो इनका कम से कम उपयोग हमें करना चाहिए और अगर ना करें तो सबसे अच्छा है।
एक चाइनीस धार्मिक पद्धति के अनुसार, वो भी यह मानती है कि लहसुन और प्याज का जीवन में उपयोग नहीं करना चाहिए। जहां एक तरफ लहसुन दिल पर दुष्प्रभाव डालता है, वही प्याज फेफड़ों को कमजोर करता है और इन पर दुष्प्रभाव डालता है।
इसके साथ ही यह तो हमारा धार्मिक तथ्य भी है कि हमें रजोगुणी, तमोगुणी आहार लेना नहीं चाहिए। सत्तोगुणी आहार लेना चाहिए और मॉडर्न साइंस के साइंटिस्ट भी इन्हीं धार्मिक बातों को दोहराते हैं।
साइंटिफिक बात और कर लेते हैं; क्योंकि धार्मिक दृष्टि से तो हमें इनका उपयोग कम से कम करना चाहिए और अगर नहीं करते हैं, तो सबसे अच्छा है। अगर मॉडर्न साइंस की बात करें तो एक साइंटिस्ट है, Robert Seback. वो ये कहते हैं कि लहसुन और प्याज दिमाग के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक है और ऐसा इसलिए है, उन्होंने अपनी स्टडी में बताया है, कि इसमें सल्फर हाइड्रोक्सिल आयरन होते हैं। ये सल्फर हाइड्रोक्सिल आयरन हमारे शरीर में जो भी हम कुछ खाते हैं, वो दिमाग तक बहुत ही कम पहुंचता है; क्योंकि हमारे दिमाग के बाहर एक कवरिंग होती है और उसको हम बोलते हैं, Blood Brain Barrier.
दिमाग तक हर चीज नहीं पहुंच पाती; क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हिस्सा है, हमारे शरीर का। यह सल्फर हाइड्रोक्सिल आयरन जो लहसुन और प्याज में होते है, ये इस ब्लड ब्रेन बैरियर को भी क्रॉस कर जाते हैं और हमारे ब्रेंन सेल्स पर इफेक्ट डालते हैं, उनके लिए यह हानिकारक है। जिसकी वजह से दिमाग की बीमारियां हो सकती हैं और आजकल यह बढ़ती भी जा रही है।
यह रिसर्च 1980 के दशक में हुई थी। इसके साथ एक और रिसर्च है, जो 1950 और 1960 के बीच में हुई थी। जिसमें यह बताया गया था कि जब किसी भी पायलट को हवाई जहाज को उड़ाने से पहले , यदि प्याज और लहसुन उसका 72 घंटे पहले बंद किया गया तो उसका जो रिएक्शन टाइम था, वो 2 से 3 गुना बढ़ जाएगा, जैसे- हमारे सामने कोई भी चीज आती है, तब तुरंत ही हम उस एक्शन का रिएक्शन देता है, तो इसको ही रिएक्शन टाइम बोला जाता है। तो यदि पायलट 72 घंटे पहले प्याज और लहसुन ना खाए , तब इस स्थिति में उसका रिएक्शन टाइम 2 से 3 गुना ज्यादा बढ़ जाता है। यह मेरी रिसर्च नहीं है, बल्कि मॉडल साइंस की रिसर्च है, वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च किया हैं।
1950 - 1960 के दशक में इस रिसर्च के बाद यह भी हुआ था, कि 72 घंटे पहले तक, मतलब हवाई जहाज उड़ाने से पहले पायलट को लहसुन और प्याज खाना छोड़ना नहीं चाहिए।
Religious Fact, Scientific Fact, & Spiritual Fact तीनों इसी Conclusion पर ही आते हैं, तीनों इस पर ही कंसंट्रेट करते हैं कि हमें इन दोनों का उपयोग कम से कम करना चाहिए और अगर हम बंद कर दे तो सबसे अच्छा है।
दवा के रूप में आप इनको ले सकते हैं, लहसुन और प्याज को। लेकिन अगर मेडिसन रोज ले जाए तो उसका जो असर होता है, वह खत्म हो जाता है। तो ऐसे मेडिसिन के रूप में इनको जरूर ले, लेकिन दिनचर्या में इनका उपयोग मत करें।
प्याज और लहसुन के फायदे और नुकसान
Reviewed by Tarun Baveja
on
September 04, 2020
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