कच्ची सब्जी और फलों का प्रयोग क्यों करें



* कच्ची सब्जी और फलों का प्रयोग क्यों करें -
   प्रकृति माँ ने प्राणी मात्र के लिये उत्तम से उत्तम खाद्य पदार्थ तैयार किए हैं। ससार में मनुष्य को छोड़कर कोई भी प्राणी खाद्य पदार्थों को बिगाड़ कर पका कर नहीं खाता है। भोजन के पकने से उसके पोषक तत्व तो कम हो जाते हैं। साथ ही भोजन में शीघ्र ही सजंद पैदा हो जाती है। कोई भी खाद्य पदार्थ पका कर रखने से जल्दी खराब होता है। बिना पकाया कई दिनों तक रख सकते हैं। यदि मानव कच्चा आहार लेना प्रारम्भ करे, तो
उसका शरीर अधिक दिनों तक रह सकता है। उसे कोई रोग भी नहीं हो सकता है ।
  


   भोजन के पकाने में जो समय लगता है, जब कम खर्च होता है, वह भी बच सकता है। चना, मूग, गेहूँ, आदि सूखे अनाज को २४ घंटे भिगोकर कपड़े में बांध देने से अंकुरित करके बड़े आराम से खाए जा सकते हैं। कच्चा अंकुरित अनाज एक सप्ताह तक खाया जा सकता है। यदि इसी अनाज को उबाल दिया जाए, तो २४ घन्टे में ही बदबू आ जाएगी। सारे विश्व में भोजन को पकाकर खाने की आदत बन गई है। इसको एकाएक बदलना कठिन ही है। परन्तु यदि लोग भोजन के साथ ५० प्रतिशत कच्चा भोजन लेने लगे, तो मानव समाज का अत्यन्त उपकार होगा।

* भोजन के साथ कच्चे भोजन को किस प्रकार से स्वादिष्ट और पौष्टिक स्वास्थ्यप्रद बनाकर खा सकते हैं -
   जो लोग यह चाहते हो, कि हम तथा हमारा परिवार कभी रोगी न हो। दवा, डाक्टर की कभी जरूरत न हो। उन्हें बताए गये अनुसार- दैनिक भोजन में दोनों समय कच्चा भोजन करना चाहिए। मैंने स्वयं कच्चे भोजन का प्रयोग किया है और बहुत से लोगों को कराया है। जिससे
आशा से भी अधिक लाभ हुआ हैं।

   टी० बी०, कैंसर, चर्म रोग, हार्ट, गैस्टिक टेबुल, ब्लडप्रेसर, जुकाम, खांसी, ज्वर आदि अनेकों रोगियों को कच्चे भोजन से लाभ हुआ है ।

   श्वेत कुष्ट, गलित कुष्ट आदि में तो कच्चा अंकुरित चना अमृत का लाभ देता है। चाहे, जैसी भी बीमारी हो। यदि १ वर्ष ६ माह केवल भोजन किया जाए, तो अत्यन्त लाभ होगा।

   श्रीरामचरित मानस में जो अच्छे सन्त, योगी, महात्मा थे। वह सदा कच्चा
भोजन ही प्रयोग करते थे। श्री भगवान राम जी ने १४ वर्ष तक केवल कन्द
मूल फल ही खाए। श्री राम का अनुकरण श्री भरत लाल जी ने भी किया। श्री भरत लाल जी का अनुकरण सारी प्रजा ने किया। जिससे मानव समाज निरोग रहकर सुखी जीवन व्यतीत कर सका इसी को राम राज्य कहते हैं।

        दैहिक दैविक भौतिक तापा ।
       राम राज्य दुःख काहु न व्यापा ।।

        सब सुन्दर सब विरुज शरीरा।
       अल्प मृत्यु नहिं कउनिउ पीरा ।।

कच्ची सब्जी और फलों का प्रयोग क्यों करें कच्ची सब्जी और फलों का प्रयोग क्यों करें Reviewed by Tarun Baveja on September 21, 2020 Rating: 5

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