जानिए भोजन कैसे पचता है

          "भोजन कैसे पचता है"

   हम जो कुछ खाते हैं। शरीर में उसे पचा कर आत्मसात करने की क्षमता रहती है । परन्तु जब हम पाचन शक्ति के सम्बन्ध में ज्ञान नहीं रखते हैं, तो भोजन करने में भूल कर जाते हैं। इन्हीं भूलों के कारण जब हमारी पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। भूख न होने पर भी हम शरीर में ताकत लाने के लिए कुछ न कुछ खाते रहते हैं। यदि मानव को भोजन कैसे पचता हैं, इसकी संक्षिप्त जानकारी हो जाए, तो भूल का सुधार हो जाए। भूल के सुधार से रोग अपने आप चला जाएगा और हम सदा स्वस्थ्य रहेंगे ।


   हम रोटी, चावल, आलू, केला, जिनमें चिकना पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट) होता है। उसका पाचन मुह से प्रारम्भ होता है । भोजन को यदि अधिक देर तक चबाया जाए, तो भोजन में लार मिलती है। लार के मिलने से कार्बोहाइड्रेट का पाचन हो जाता है। यदि भोजन को ठीक से न चबाया जाए, तो काबोंहाइड्रेट का पाचन फिर आंतो को करना पड़ेगा। इसलिए भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए।

   दांतों से चबाकर जब भोजन पेट में पहुंचता है, तो उसके पचने में शीघ्रता होती है। यदि भोजन चबाया न गया तो भोजन के बड़े टुकड़ों को पेट में गलने में देर होती है। अधिक सख्त पदार्थ तो और अधिक देर में पचते हैं।

   भोजन जब पेट में पहुंच जाता है। आमाशय से ३० मिनट के बाद रस निकल कर भोजन में मिलता है। यही रस भोजन को पचाने का कार्य करता है। जिस प्रकार पानी में पड़ी दाल जब पानी गर्म होता है, तो गलने लगती है। उसी प्रकार पित्ताशय की अग्नि से आमाशय का भोजन गर्म होता है। भोजन की वस्तुएं सब गलने लगती हैं और आमाशय से निकले रस के साथ घुल मिल जाती हैं। जिस प्रकार चीनी, नमक, पानी में मिलकर एक
होते हैं, उसी प्रकार भोजन के पदार्थ अमाशय के रस के साथ एक हो जाते हैं। प्रत्येक दो-तीन मिनट में भोजन अमाशय में इधर से उधर पलटता रहता है। जितना रस परिपक्व होता है, उतना रस पेट से छोटी आंत में उतर जाता है ।

   छोटी आंत में इस रस के चूसने के लिये ब्रुस होते हैं। वह रस को चूस कर जिगर में भेजते रहते हैं। जिगर में यह रस फिलटर यानी छनता है। छनकर पित्ताशय में जाता है। पित्ताशय में फिर रस को परिपक्व किया जाता है। पित्ताशय का रस फेफड़े में जाता है। भोजन का बचा हुआ भाग जो शरीर के योग्य नहीं होता है, छोटी आंत से बड़ी आंत में चला जाता है, जिसे 'मल' कहते हैं।

   एक बार का किया भोजन १८ से २४ घंटे के अन्दर शरीर के बाहर निकल जाए, तभी समझना चाहिये कि भोजन की पाचन क्रिया ठीक है, यदि अधिक समय लगे तो कब्ज समझना चाहिए। यदि दिन में कई बार पाखाना जाना पड़े, तो पाचन शक्ति ठीक नहीं है। बिना पचा हुआ भोजन निकलता है । ऐसे अवसर पर भोजन बन्द कर फलों का रस या मट्ठा का प्रयोग लाभकारी सिद्ध हुआ है।

                  "याद रखिये"

(१) रोटी, चावल, आलू, केला, आदि खूब चबाकर खाइये।
(२) भोजन के समय पानी न पियें, पाचन क्रिया देर से होती है। एक घन्टे पहले या दो घन्टे बाद पियें ।
(३) घी, तेल की बनी वस्तुएँ देर से पचती हैं, क्योंकि; चिकनाई का पाचन पित्ताशय में होता है।
(४) एक साथ अधिक वस्तुएं न खाइये ।

जानिए भोजन कैसे पचता है जानिए भोजन कैसे पचता है Reviewed by Tarun Baveja on September 18, 2020 Rating: 5

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