"नींबू के छिलकों का प्रयोग"
(१) नींबू के छिलके कभी न फेंके जाए। छिलकों को धूप में डालते जाए। जब सूख जाए, तो उसे अच्छी तरह कूटकर रख लें। २०० ग्राम पानी में २० ग्राम नींबू का चूरा थोड़ा गर्म कर लें, सिर धोने से जू आदि सब ठीक हो जाते हैं।
(२) नींबू के ताजे छिलकों को छोटा-छोटा काटकर पानी में डालकर उबालें। नमक या गुड़ डालकर अचार बना सकते हैं। यह अचार तीन दिन से अधिक का प्रयोग न करें।
(३) नींबू के छिलके को उलट कर मुह पर रगड़ें, १० मिनट के बाद गर्म पानी से धो डालें। बाद में काले तिल के तेल से मालिश करें। इससे मुख की सुन्दरता बढ़ती है और चेचक के दागों में लाभ होता है।
(४) नींबू के छिलकों में नमक मिलाकर काँच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भरकर रखने से बहुत अच्छी खटाई तैयार हो जाएगी।
"नींबू का गलत प्रयोग न करें"
(१) नींबू को चीनी और पानी के साथ मिलाकर न पिंए।
(२) नींबू का अचार डालकर न खाइये ।
(३) नींबू को गर्म करके न खायें ।
(४) नीबू को अकेले न चूसें, पानी अथवा किसी वस्तु में मिलाकर ही प्रयोग करें। ध्यान रहे, नींबू का बीज पेट के अन्दर न जाने पाए।
"नींबू देखकर खरीदें"
बाजार में कुछ नींबू ऐसे आते हैं, जो देखने में पीले होते हैं, परन्तु उनमें रस नहीं होता है। यह कच्चे नींबू तोड़ कर पकाये जाते हैं। इनमें वह पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं, जो पेड़ के पके नींबू में होते हैं। नींबू ताजा और रसदार होना चाहिए।
"नींबू की सुरक्षा"
नींबू को पिसे हुये नमक में या शीशे के बर्तन में पानी भरकर रखने से नींबू ताजा बना रहता है।
"ध्यान रखिये"
सभी रोगों में नींबू लाभकारी है, परन्तु अलसर के रोगी को नींबू नहीं देना चाहिए।

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