* नींद की समस्या के समाधानः जिन लोगों को नींद नहीं आती, नींद आने की बहुत बड़ी समस्या है, वो लोग क्या करें। घर पर किस प्रकार से उसका सही रूप में 100% ट्रीटमेंट कैसे करें।
बहुत सारे लोग तो आज ऐसे हैं, जिन्हें सोने से पहले कई बार गोलियां लेनी पड़ती है उन्हें बिना दवाई लिए तो नींद आती ही नहीं है। इस प्रकार की नींद का क्या लाभ जो कि हमें दवाइयों से आए और बिना दवाइयों के नींद हमें कभी आए ही नहीं। घर पर क्या करें कि जिससे हमें स्वतः नीद आने लग जाए।
सबसे अच्छा है कि "प्राणायाम का अभ्यास"। हमारे शरीर को इस प्रकार के लिए तैयार कर देता है, नींद के लिए तैयार कर देता है। आप कुछ अपने जीवन की आदतों को सुधार लीजिए, स्वतः नींद आपको आने लग जाएगी।
मेरा ये मानना है और मैंने यह विश्वास के साथ लोगों में देखा है जो लोग नियमित रूप से 15 दिन तक केवल फॉलो कर लेते हैं कही हुई बातों को तो उन्हें 15 दिन तो क्या 5 दिन के अंदर ही बहुत अच्छे से नींद आने लग जाती है। उन्हें छटे दिन की भी आवश्यकता नहीं होती, इसलिए क्या करें।
सबसे पहले आप जीवन में अपना पहला रूल बनाइए कि आप कम से कम 10 किलोमीटर प्रति दिन पैदल चलना है। आपको किसी प्रकार की समस्या है, घुटनों में दर्द है, पैदल नहीं चल सकते। तब बात अलग है। अन्यथा आप नियमित रूप से बिना किसी अपवाद बनाएं, बिना किसी कारण के बताएं, आप नियमित रूप से पैदल चलिए। यदि आप पैदल चलते हैं तो आपका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम बहुत अच्छे से काम करता है। बॉडी के अंदर हार्मोन अच्छे बनते हैं और आपको नींद अच्छी आती है।
दूसरा आप प्रयास करिए, गाय का घी 4-4, 5-5 बूंद आप सुबह, दोपहर और शाम तीन समय दोनों नाकों में उसके ड्रॉप को डालिए। जिससे कि इस "नश्या-क्रिया" को करने से मस्तिष्क से संबंधित सभी प्रकार के विकार दूर हो जाते हैं, आपका जो मन हैं वो शांत होता है; क्योंकि नींद ना आने की समस्या कहीं ना कहीं 'चिंता' भी हो सकती है। 'डिप्रेशन' में रहने के कारण भी आपको नींद नहीं आ सकती हैं। कई बार 'हारमोनियम' बैलेंस न होने के कारण भी नींद नहीं आती है। तो "नश्या" को जरूर करिए, आप।
साथ-साथ में 'पादाभ्यांग' भी करिए, पैरों के तलवो कि आप मालिश करिए। कोई भी आप तेल प्रयोग में ले सकते हैं, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, सोयाबीन का तेल जो आपके पास उपलब्ध हो नारियल का तेल आप उसी तेल का प्रयोग कर लीजिए। लेकिन तेल की मालिश करने से आपकी आंखे तो मजबूत होती हैं। आंखों के साथ-साथ में आपके बाल अच्छे होते ही हैं। आपको ब्रेन से संबंधित स्ट्रैंथ मिलती है। इसलिए आप 'पादाभ्यांग' और "नश्या" जरूर करें।
प्राणायाम में आप सबसे ज्यादा प्रयास करिए, "अनुलोम विलोम प्राणायाम" करने का। केवल बैठ जाइए शांति से 'प्रसनचित मुद्रा' में और आनंद के साथ बांए नाक से श्वास भरिए, दांए नाक से श्वास धीमी गति से छोड़ दीजिए, जिस तरफ से छोड़ा उसी तरफ से वापस भरो और दूसरी तरफ से छोड़ दो। यह सिंपल अनुलोम विलोम प्राणायाम है। किसी प्रकार का इसमें नोक-जोक नहीं है कि इस प्रकार करना या उस प्रकार करना। केवल आप प्राणायाम करो केवल 30 मिनट तक लगातार नॉन स्टॉप अगर आप इसे करते हैं तो आपको करते-करते कई बार नींद महसूस होने लग जाती है। हमारा ब्रेन रिलैक्स होता है। ब्रेन के जो न्यूरॉन है वो रिलैक्स होने लग जाते हैं।
इसके बाद आप "भ्रामरी" का नियमित रूप से अभ्यास करिए। भ्रामरी का प्राणायाम करने के लिए आपको कुछ नहीं करना होता, बस सिंपल से दोनों कानों को अंगूठे से बंद कर लो जो बाहर का साउंड है वह आपको सुनाई नहीं देना चाहिए और फिंर्गस को अपनी आंखों पर लगाते हुए, एक फिंगर को आइब्रो के ऊपर रखिए और सांस को अंदर भरो और भौरे की तरह साउंड भी करिए। इस प्रकार से आप कम से कम 5-5 मिनट के तीन बार अभ्यास यदि करते हैं आप इसका तो आपको नींद बहुत ही अच्छे से आती है।
* सोने से पहले क्या करेंः सोने से पहले आप को 'भ्रामरी' का अभ्यास जरूर करना है। 5 मिनट के लिए आंखें बन्द करके आप भ्रामरी कीजिए और 5 से 6 मिनट के लिए केवल कमर को सीधा कर के बैठे जाइयें, यदि आप कमर सीधा नहीं कर सकते तो आप तकिए का सपोर्ट लगाकर आप बैठिए और दोनों थम्प को मिला लीजिए इस प्रकार थम्प को मिलाकर बड़े आराम से शांति के साथ बैठिए, मुस्कुराते हुए केवल यह सोचिए कि मुझे नींद आ रही है और बहुत गहरी नींद आ रही है और इसी भाव के साथ कुछ समय के लिए बैठे रहिए।
बहुत सारे लोग तो आज ऐसे हैं, जिन्हें सोने से पहले कई बार गोलियां लेनी पड़ती है उन्हें बिना दवाई लिए तो नींद आती ही नहीं है। इस प्रकार की नींद का क्या लाभ जो कि हमें दवाइयों से आए और बिना दवाइयों के नींद हमें कभी आए ही नहीं। घर पर क्या करें कि जिससे हमें स्वतः नीद आने लग जाए।
सबसे अच्छा है कि "प्राणायाम का अभ्यास"। हमारे शरीर को इस प्रकार के लिए तैयार कर देता है, नींद के लिए तैयार कर देता है। आप कुछ अपने जीवन की आदतों को सुधार लीजिए, स्वतः नींद आपको आने लग जाएगी।
मेरा ये मानना है और मैंने यह विश्वास के साथ लोगों में देखा है जो लोग नियमित रूप से 15 दिन तक केवल फॉलो कर लेते हैं कही हुई बातों को तो उन्हें 15 दिन तो क्या 5 दिन के अंदर ही बहुत अच्छे से नींद आने लग जाती है। उन्हें छटे दिन की भी आवश्यकता नहीं होती, इसलिए क्या करें।
सबसे पहले आप जीवन में अपना पहला रूल बनाइए कि आप कम से कम 10 किलोमीटर प्रति दिन पैदल चलना है। आपको किसी प्रकार की समस्या है, घुटनों में दर्द है, पैदल नहीं चल सकते। तब बात अलग है। अन्यथा आप नियमित रूप से बिना किसी अपवाद बनाएं, बिना किसी कारण के बताएं, आप नियमित रूप से पैदल चलिए। यदि आप पैदल चलते हैं तो आपका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम बहुत अच्छे से काम करता है। बॉडी के अंदर हार्मोन अच्छे बनते हैं और आपको नींद अच्छी आती है।
दूसरा आप प्रयास करिए, गाय का घी 4-4, 5-5 बूंद आप सुबह, दोपहर और शाम तीन समय दोनों नाकों में उसके ड्रॉप को डालिए। जिससे कि इस "नश्या-क्रिया" को करने से मस्तिष्क से संबंधित सभी प्रकार के विकार दूर हो जाते हैं, आपका जो मन हैं वो शांत होता है; क्योंकि नींद ना आने की समस्या कहीं ना कहीं 'चिंता' भी हो सकती है। 'डिप्रेशन' में रहने के कारण भी आपको नींद नहीं आ सकती हैं। कई बार 'हारमोनियम' बैलेंस न होने के कारण भी नींद नहीं आती है। तो "नश्या" को जरूर करिए, आप।
साथ-साथ में 'पादाभ्यांग' भी करिए, पैरों के तलवो कि आप मालिश करिए। कोई भी आप तेल प्रयोग में ले सकते हैं, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, सोयाबीन का तेल जो आपके पास उपलब्ध हो नारियल का तेल आप उसी तेल का प्रयोग कर लीजिए। लेकिन तेल की मालिश करने से आपकी आंखे तो मजबूत होती हैं। आंखों के साथ-साथ में आपके बाल अच्छे होते ही हैं। आपको ब्रेन से संबंधित स्ट्रैंथ मिलती है। इसलिए आप 'पादाभ्यांग' और "नश्या" जरूर करें।
प्राणायाम में आप सबसे ज्यादा प्रयास करिए, "अनुलोम विलोम प्राणायाम" करने का। केवल बैठ जाइए शांति से 'प्रसनचित मुद्रा' में और आनंद के साथ बांए नाक से श्वास भरिए, दांए नाक से श्वास धीमी गति से छोड़ दीजिए, जिस तरफ से छोड़ा उसी तरफ से वापस भरो और दूसरी तरफ से छोड़ दो। यह सिंपल अनुलोम विलोम प्राणायाम है। किसी प्रकार का इसमें नोक-जोक नहीं है कि इस प्रकार करना या उस प्रकार करना। केवल आप प्राणायाम करो केवल 30 मिनट तक लगातार नॉन स्टॉप अगर आप इसे करते हैं तो आपको करते-करते कई बार नींद महसूस होने लग जाती है। हमारा ब्रेन रिलैक्स होता है। ब्रेन के जो न्यूरॉन है वो रिलैक्स होने लग जाते हैं।
इसके बाद आप "भ्रामरी" का नियमित रूप से अभ्यास करिए। भ्रामरी का प्राणायाम करने के लिए आपको कुछ नहीं करना होता, बस सिंपल से दोनों कानों को अंगूठे से बंद कर लो जो बाहर का साउंड है वह आपको सुनाई नहीं देना चाहिए और फिंर्गस को अपनी आंखों पर लगाते हुए, एक फिंगर को आइब्रो के ऊपर रखिए और सांस को अंदर भरो और भौरे की तरह साउंड भी करिए। इस प्रकार से आप कम से कम 5-5 मिनट के तीन बार अभ्यास यदि करते हैं आप इसका तो आपको नींद बहुत ही अच्छे से आती है।
* सोने से पहले क्या करेंः सोने से पहले आप को 'भ्रामरी' का अभ्यास जरूर करना है। 5 मिनट के लिए आंखें बन्द करके आप भ्रामरी कीजिए और 5 से 6 मिनट के लिए केवल कमर को सीधा कर के बैठे जाइयें, यदि आप कमर सीधा नहीं कर सकते तो आप तकिए का सपोर्ट लगाकर आप बैठिए और दोनों थम्प को मिला लीजिए इस प्रकार थम्प को मिलाकर बड़े आराम से शांति के साथ बैठिए, मुस्कुराते हुए केवल यह सोचिए कि मुझे नींद आ रही है और बहुत गहरी नींद आ रही है और इसी भाव के साथ कुछ समय के लिए बैठे रहिए।
आप देखेंगे कि आपको 2 से 3 मिनट के बाद आपका ब्रेन रिलैक्स होने लगता है और आपको नींद का एहसास होने लगता है। आप उस समय सोना मत, यदि आप उसी समय सो गए तो आपकी नींद टूट जाएगी, थोड़ी देर के बाद। आप कुछ समय का इंतजार करिए लगभग 50 से 60 सेकंड, 70 सेकंड, 100 सेकंड के बाद, एक-डेढ़ मिनट के बाद आपको इस प्रकार से नींद की झपकी आने लगती है तो आप पहली बार में नहीं, दूसरी बार में नहीं, तीसरी बार में बिना कुछ बोले, बिना मोबाइल को छेड़े डायरेक्ट जा कर सो जाइए। जहां पर हैं बिस्तर पर वहीं लेट जाइए।
आप देखेंगे कि आप को कम से कम 5 से 6 घंटे की गहरी नींद आएगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप इसे जीवन में अप्लाई करिए। बिना किसी संदेह के और निरोग बनिए क्योंकि नींद आपके स्वस्थ जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। यदि आप दीर्घायु होना चाहते हैं, निरोगवान होना चाहते है, हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहना चाहते हैं तो एक सुखी जीवन के लिए नींद आवश्यक तत्व है इसलिए उस चीज को भी आनंद के साथ महसूस करो और अपने जीवन में धारण करो।
नींद ना आने की समस्या का समाधान, प्राणायाम के द्वारा
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 21, 2020
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