दोस्तों.. हमारी बॉडी में 60% से भी ज्यादा पानी होता है। इसलिए उसके स्वस्थ रहने के लिए, पानी बहुत जरूरी है। लेकिन अगर वही पानी गलत वक्त और गलत तरीके से पिया जाए तो वो बहुत सी बीमारियों का कारण बन जाता है। जैसे कि डाइजेशन का कमजोर होना, जोड़ों का दर्द होना, माइग्रेन, स्किन प्रॉब्लम, बाल झड़ना, सुस्ती, किडनी और हार्ट की प्रॉब्लमस।
दुख की बात तो यह है कि आजकल के समय में 99% से भी ज्यादा लोग पानी गलत ढंग से पीते हैं। जिसकी वजह से वो पानी के फायदे लेने की बजाए, जाने अनजाने में अपने शरीर को खराब कर लेते हैं। तो दोस्तों.. अगर आप जानना चाहते हैं, कि क्या है, पानी पीने का सही तरीका तो जान सकते हैं आप, आज इस आर्टिकल में..
पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। बिना पानी हम खाने में से न्यूट्रिएंट्स तक एबर्सोब नहीं कर सकते। मगर पानी इतना जरूरी और फायदेमंद है, इसका मतलब यह नहीं कि इसको जब चाहे, जैसे चाहे पी ले।
यहां हम आपको उन पांच गलतयों के बारे में बताने जा रहे है, जो आप पानी को गलत ढंग से पीते हुए करते हैं, उसको कैसे ठीक किया जाए। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको क्लीयरली पता चल जाएगा कि पानी को कब, कैसे और कितना पिया जाए। ताकि वो आपको फायदा पहुंचाए, नुकसान नहीं। चलिए शुरु करते हैं..
* नंबर 1 से: पानी को खाने से पहले और खाने के बाद पीना।
खाना खाने के जस्ट बाद पानी पीना बहुत लोगों की आदत होती है। मगर शायद उन्हें ये नहीं पता होता, कि ये उन्हें कितना नुकसान करता है। आयुर्वेद में इसे जहर के बराबर कहा गया है। दोस्तों.. जब हम खाना खाते हैं तो बॉडी का टेंपरेचर बढ़ता है। ताकि डाईजेशन अच्छे से हो सके। लेकिन वही जैसे हम खाना खाने के जस्ट बाद पानी पी लेते हैं तो हमारे पेट के रस पतले हो जाते हैं, जिसकी वजह से डाइजेशन ठीक से नहीं हो पाता, और जब खाना पचता नहीं, वो सढ़ता है। और जब खाना सड़ता है तो उसमें से न्यूट्रिएंट्स को एबर्सोब करना तो दूर, बल्कि गैस, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन और बिलुटिंग जैसी प्रॉब्लम होने लगती है।
यही कारण है, जब आपने लोगों से सोना होगा कि मैं खाना तो बहुत खाता हूं, लेकिन मेरी बॉडी नहीं बनती है। मैं तो खूब पानी पीता हूं। लेकिन फिर भी मेरा वेट लॉस नहीं होता। इसलिए दोस्तों.. जितना हो सके खाने के बाद पानी ना पिए।
एक बड़ा आसान-सा तरीका जो मैं फॉलो करता हूं, कि मैं खाना खाने के बाद कुल्ला कर लेता हूं। इससे बड़ी हेल्प मिलती है।
* नंबर 2: पानी को तेजी से पीना।
आजकल भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग बहुत जल्दी-जल्दी पानी पीते हैं। आपको ये बात जानकर शायद बहुत हैरानी होगी कि पानी जिस तरह से बॉडी में गया, उससे बहुत फर्क पड़ता है। दोस्तों.. अगर आप बहुत तेजी से पानी पिएंगे तो बॉडी उसको एक्सेप्ट नहीं करती और किसी तरह बाहर फेंक देती है, और आप ये कभी नहीं चाहेंगे।
इसके अलावा हमारा पेट होता है, 'एसिडिक' और सलाइवा होता है, 'बेसिक'। जो कि 'स्टमक एसिड' को स्टेबेलाईज करता है। लेकिन जब हम एक बार में बहुत ज्यादा पानी घटक लेते हैं तो सलाइवा मिक्स नहीं हो पाता और हमारे पेट में एसिडिटी होने लगती है। ये वही सिचुएशन है, जब लोगों का बहुत ज्यादा पानी पीने के बाद भी वेट घटता नहीं हैं, बढ़ने लगता है। इसलिए कहते हैं कि पानी को धीरे-धीरे सिप करके पीए। ताकि सलाइवा उसमें मिक्स होकर जाए।
शुरू में बड़े मुंह वाली बोतल को अवॉइड करें और गिलास या सिपर से पानी पिए।
नंबर 3: फ्रिज का ठंडा पानी पीना। दोस्तों.. क्या आप भी ऑफिस से वापिस आकर सीधा फ्रिज खोलकर ठंडा पानी पीने लगते हैं। अगर हां.. तो शायद आप इसके नुकसान नहीं जानते।
फ्रिज का ठंडा पानी पीने से तो गला तो खराब हो ही सकता है। इसके अलावा ये आपकी डाइजेशन को भी ठप कर देता है। ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को श्रिंक कर देता है। खाने में से फैट को सॉलिडिफाईज कर देता है। जिस वजह से इनडाइजेशन होती है।
ठंडा पानी पीने का एक और बहुत कॉमन साइड इफेक्ट है, जो है ज्वाइंट पैंस। ये हार्ट रेट को भी धीमा करता है। वैसे तो गुनगुना पानी पीना बेस्ट होता है। लेकिन इतनी गर्मी में कौन पिए। इसलिए सबसे बेस्ट है कि आप मिट्टी के घड़े का पानी पिए। एक तो वो नेचुरली पानी को ठंडा करता है और ऊपर से पानी की पिएट को भी मेंटेन रखता है।
* नंबर 4ः बहुत ज्यादा पानी पीना। मैंने देखा है और शायद आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग पूरे दिन पानी पीते रहते हैं। चाहे, उन्हें प्यास ना भी लगे; क्योंकि शायद उन्हें किसी ने कह दिया है कि तुम ज्यादा पानी पियोगे, उतना फायदा होगा। ये सही है कि शरीर को प्रॉपर्ली हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बस पूरे दिन पानी पीते रहे। अमृत भी अधिकता में विष बन जाता है। ऐसे ही बहुत ज्यादा पानी पीने से बॉडी के फुलुईडस पतले होने लगते हैं, और सेल्स में पानी भरने लगता है और ये ही नहीं.. अगर ब्रेन में पानी भर जाए तो बहुत प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए पानी बस उतना ही पिए, जितनी प्यास हो।
यललोईश यूरीन, फटे होंठ कुछ साईनस है कि आपके बॉडी में पानी की कमी है।
* नंबर 5 हैः खड़े होकर पानी पीना। आजकल लोग इतनी जल्दी में रहते हैं कि आराम से बैठ कर पानी पीना तो दूर, बल्कि भागते-भागते भी पानी पीने लगते हैं। ये बहुत गलत है, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो हमारी किडनी सही तरीके से पानी को फिल्टर नहीं कर पाती, और अगर किडनी बेस्ट को फिल्टर करके सही से बाहर ना पाए तो इससे बॉडी में 100 तरह की बीमारियां हो सकती है।
खड़े होकर पानी पीने से शरीर का फलुईड बैलेंस भी बिगड़ता है। जिससे अर्थराईट्स की प्रॉब्लम के चांस भी बढ़ जाते हैं। इसलिए जितना हो सके बैठ कर आराम से पानी पिए।
तो दोस्तों.. ये थी, वो कॉमन गलतियां जो हम पानी पीते हुए जाने अनजाने में करते हैं।
* अब हम जानते हैं कि पानी को कब, कैसे, कितना और किस बर्तन में पीना चाहिए ?
पानी को दो मिल्स के बीच में पिए और ना कि खाना के साथ। खाने के 1 घंटे बाद तक और 30 मिनट पहले तक पानी ना पिए
* कितना पानी पिए: दोस्तों.. किसी इंसान को कितना पानी पीना चाहिए, ये बहुत से पैटर्स पर डिपेंड करता है। जैसे की- बॉडी टाइप, वेट, डेली रूटीन, और क्लाइमेट। हमें ये भी समझना चाहिए कि हमें पानी फ्रूटस और वेजिटेबल से भी मिलता है। इसलिए कोई एक फिक्स क्वांटिटी बताना सही नहीं होगा। आमतौर पर 2.5 से 3 लीटर पानी काफी होता है।
* किस बर्तन में पानी पिएः पानी तो वैसे किसी भी बर्तन में पिया जा सकता है। हालांकि, अगर आप तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी पिएंगे तो उसके फायदे लाजवाब होंगे। इसलिए तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर अपने पास एक लकड़ी की शेल पर रखकर सोएं और सुबह उठकर उसको पिए। इस कॉपर चार्ज वाटर को किसी और भी मेटल कंटेनर में ना डालें। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी को अमृत के समान कहा गया है। 3 महीने के लिए लगातार पानी पिए और फिर 1 महीने के लिए बंद कर दे, बहुत फायदा होगा।
दोस्तों.. पानी कुदरत का एक वरदान है। ये लाखों बीमारियों की दवा है। बस हमें इसे ठीक ढंग से पीना चाहिए।
दुख की बात तो यह है कि आजकल के समय में 99% से भी ज्यादा लोग पानी गलत ढंग से पीते हैं। जिसकी वजह से वो पानी के फायदे लेने की बजाए, जाने अनजाने में अपने शरीर को खराब कर लेते हैं। तो दोस्तों.. अगर आप जानना चाहते हैं, कि क्या है, पानी पीने का सही तरीका तो जान सकते हैं आप, आज इस आर्टिकल में..
पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। बिना पानी हम खाने में से न्यूट्रिएंट्स तक एबर्सोब नहीं कर सकते। मगर पानी इतना जरूरी और फायदेमंद है, इसका मतलब यह नहीं कि इसको जब चाहे, जैसे चाहे पी ले।
यहां हम आपको उन पांच गलतयों के बारे में बताने जा रहे है, जो आप पानी को गलत ढंग से पीते हुए करते हैं, उसको कैसे ठीक किया जाए। इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आपको क्लीयरली पता चल जाएगा कि पानी को कब, कैसे और कितना पिया जाए। ताकि वो आपको फायदा पहुंचाए, नुकसान नहीं। चलिए शुरु करते हैं..
* नंबर 1 से: पानी को खाने से पहले और खाने के बाद पीना।
खाना खाने के जस्ट बाद पानी पीना बहुत लोगों की आदत होती है। मगर शायद उन्हें ये नहीं पता होता, कि ये उन्हें कितना नुकसान करता है। आयुर्वेद में इसे जहर के बराबर कहा गया है। दोस्तों.. जब हम खाना खाते हैं तो बॉडी का टेंपरेचर बढ़ता है। ताकि डाईजेशन अच्छे से हो सके। लेकिन वही जैसे हम खाना खाने के जस्ट बाद पानी पी लेते हैं तो हमारे पेट के रस पतले हो जाते हैं, जिसकी वजह से डाइजेशन ठीक से नहीं हो पाता, और जब खाना पचता नहीं, वो सढ़ता है। और जब खाना सड़ता है तो उसमें से न्यूट्रिएंट्स को एबर्सोब करना तो दूर, बल्कि गैस, इनडाइजेशन, कॉन्स्टिपेशन और बिलुटिंग जैसी प्रॉब्लम होने लगती है।
यही कारण है, जब आपने लोगों से सोना होगा कि मैं खाना तो बहुत खाता हूं, लेकिन मेरी बॉडी नहीं बनती है। मैं तो खूब पानी पीता हूं। लेकिन फिर भी मेरा वेट लॉस नहीं होता। इसलिए दोस्तों.. जितना हो सके खाने के बाद पानी ना पिए।
एक बड़ा आसान-सा तरीका जो मैं फॉलो करता हूं, कि मैं खाना खाने के बाद कुल्ला कर लेता हूं। इससे बड़ी हेल्प मिलती है।
* नंबर 2: पानी को तेजी से पीना।
आजकल भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग बहुत जल्दी-जल्दी पानी पीते हैं। आपको ये बात जानकर शायद बहुत हैरानी होगी कि पानी जिस तरह से बॉडी में गया, उससे बहुत फर्क पड़ता है। दोस्तों.. अगर आप बहुत तेजी से पानी पिएंगे तो बॉडी उसको एक्सेप्ट नहीं करती और किसी तरह बाहर फेंक देती है, और आप ये कभी नहीं चाहेंगे।
इसके अलावा हमारा पेट होता है, 'एसिडिक' और सलाइवा होता है, 'बेसिक'। जो कि 'स्टमक एसिड' को स्टेबेलाईज करता है। लेकिन जब हम एक बार में बहुत ज्यादा पानी घटक लेते हैं तो सलाइवा मिक्स नहीं हो पाता और हमारे पेट में एसिडिटी होने लगती है। ये वही सिचुएशन है, जब लोगों का बहुत ज्यादा पानी पीने के बाद भी वेट घटता नहीं हैं, बढ़ने लगता है। इसलिए कहते हैं कि पानी को धीरे-धीरे सिप करके पीए। ताकि सलाइवा उसमें मिक्स होकर जाए।
शुरू में बड़े मुंह वाली बोतल को अवॉइड करें और गिलास या सिपर से पानी पिए।
नंबर 3: फ्रिज का ठंडा पानी पीना। दोस्तों.. क्या आप भी ऑफिस से वापिस आकर सीधा फ्रिज खोलकर ठंडा पानी पीने लगते हैं। अगर हां.. तो शायद आप इसके नुकसान नहीं जानते।
फ्रिज का ठंडा पानी पीने से तो गला तो खराब हो ही सकता है। इसके अलावा ये आपकी डाइजेशन को भी ठप कर देता है। ठंडा पानी ब्लड वेसल्स को श्रिंक कर देता है। खाने में से फैट को सॉलिडिफाईज कर देता है। जिस वजह से इनडाइजेशन होती है।
ठंडा पानी पीने का एक और बहुत कॉमन साइड इफेक्ट है, जो है ज्वाइंट पैंस। ये हार्ट रेट को भी धीमा करता है। वैसे तो गुनगुना पानी पीना बेस्ट होता है। लेकिन इतनी गर्मी में कौन पिए। इसलिए सबसे बेस्ट है कि आप मिट्टी के घड़े का पानी पिए। एक तो वो नेचुरली पानी को ठंडा करता है और ऊपर से पानी की पिएट को भी मेंटेन रखता है।
* नंबर 4ः बहुत ज्यादा पानी पीना। मैंने देखा है और शायद आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग पूरे दिन पानी पीते रहते हैं। चाहे, उन्हें प्यास ना भी लगे; क्योंकि शायद उन्हें किसी ने कह दिया है कि तुम ज्यादा पानी पियोगे, उतना फायदा होगा। ये सही है कि शरीर को प्रॉपर्ली हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि बस पूरे दिन पानी पीते रहे। अमृत भी अधिकता में विष बन जाता है। ऐसे ही बहुत ज्यादा पानी पीने से बॉडी के फुलुईडस पतले होने लगते हैं, और सेल्स में पानी भरने लगता है और ये ही नहीं.. अगर ब्रेन में पानी भर जाए तो बहुत प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए पानी बस उतना ही पिए, जितनी प्यास हो।
यललोईश यूरीन, फटे होंठ कुछ साईनस है कि आपके बॉडी में पानी की कमी है।
* नंबर 5 हैः खड़े होकर पानी पीना। आजकल लोग इतनी जल्दी में रहते हैं कि आराम से बैठ कर पानी पीना तो दूर, बल्कि भागते-भागते भी पानी पीने लगते हैं। ये बहुत गलत है, जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं तो हमारी किडनी सही तरीके से पानी को फिल्टर नहीं कर पाती, और अगर किडनी बेस्ट को फिल्टर करके सही से बाहर ना पाए तो इससे बॉडी में 100 तरह की बीमारियां हो सकती है।
खड़े होकर पानी पीने से शरीर का फलुईड बैलेंस भी बिगड़ता है। जिससे अर्थराईट्स की प्रॉब्लम के चांस भी बढ़ जाते हैं। इसलिए जितना हो सके बैठ कर आराम से पानी पिए।
तो दोस्तों.. ये थी, वो कॉमन गलतियां जो हम पानी पीते हुए जाने अनजाने में करते हैं।
* अब हम जानते हैं कि पानी को कब, कैसे, कितना और किस बर्तन में पीना चाहिए ?
पानी को दो मिल्स के बीच में पिए और ना कि खाना के साथ। खाने के 1 घंटे बाद तक और 30 मिनट पहले तक पानी ना पिए
* कितना पानी पिए: दोस्तों.. किसी इंसान को कितना पानी पीना चाहिए, ये बहुत से पैटर्स पर डिपेंड करता है। जैसे की- बॉडी टाइप, वेट, डेली रूटीन, और क्लाइमेट। हमें ये भी समझना चाहिए कि हमें पानी फ्रूटस और वेजिटेबल से भी मिलता है। इसलिए कोई एक फिक्स क्वांटिटी बताना सही नहीं होगा। आमतौर पर 2.5 से 3 लीटर पानी काफी होता है।
* किस बर्तन में पानी पिएः पानी तो वैसे किसी भी बर्तन में पिया जा सकता है। हालांकि, अगर आप तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी पिएंगे तो उसके फायदे लाजवाब होंगे। इसलिए तांबे के बर्तन में रात को पानी भरकर अपने पास एक लकड़ी की शेल पर रखकर सोएं और सुबह उठकर उसको पिए। इस कॉपर चार्ज वाटर को किसी और भी मेटल कंटेनर में ना डालें। आयुर्वेद में तांबे के बर्तन में रखा बासी पानी को अमृत के समान कहा गया है। 3 महीने के लिए लगातार पानी पिए और फिर 1 महीने के लिए बंद कर दे, बहुत फायदा होगा।
दोस्तों.. पानी कुदरत का एक वरदान है। ये लाखों बीमारियों की दवा है। बस हमें इसे ठीक ढंग से पीना चाहिए।
पानी पीने का सही तरीका
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 21, 2020
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