नाकामयाबी जैसी कोई चीज नहीं होती

सफलता और विफलता आपके जीवन में आने वाले दान की मात्रा में नहीं होती। सफलता और विफलता उस पहचान पर निर्भर नहीं है; जो आप दुनिया में पा रहे हैं। 
आप जीवन में सफल है, अगर आप जानते हैं; कि नर्क में से भी खुशी से कैसे गुजरे। मंदी नर्क नहीं है; मैं जानता हूं कि इसमें कुछ हद तक ग्लोबल वार्मिंग भी शामिल है। मगर वो नर्क जितना गर्म नहीं है,अब तक नहीं। वो बिल्कुल भी बुरा नहीं है। वो बहुत अच्छा है। मुझे विश्वास है, कि आप कम भोजन, छोटे घर, छोटी कार से काम चला सकते हैं; या पैदल चलना बहुत अच्छा है। 

   आप जानते हैं। पैदल चलना सेहत के लिए बहुत अच्छा है,क्या आप जानते हैं। कोयंबटूर में कोई आदमी, जो हाल ही में 100 साल का हुआ। मैं उनसे मिला नहीं। मैंने 1 महीने पहले ही अखबार में पढ़ा था। तब उनका 100वां जन्मदिन था। उनसें पूछा गया, आपकी सेहत और तंदुरुस्ती का राज क्या है; क्योंकि वो अब भी मजबूत और स्वस्थ है। वो बोले मैं एक वॉक-किंग हूं। आप जानते हैं, उन्होंने वाकिंग में एक हाईपन लगाया और कहा मैं एक वॉक-किंग हूँ; क्योंकि मैं हर दिन पैदल चलता हूं।100 साल का हूं, मैं अब भी चलता हूं। 

आप की विफलता आपकी सेहत के लिए बहुत अच्छी हो सकती है। आप जानते हैं; पैदल चलना स्वास्थ्य का सटीक नुस्खा है। विफलता जैसी कोई चीज नहीं है। विफलता एक विचार है; क्योंकि सफलता भी एक मूर्खतापूर्ण विचार है। यह आपका विचार हैं, कि सफलता क्या है और विफलता क्या है। दुनिया को बदलने की कोशिश करने की बजाय अपना विचार बदलिए, क्या यह आसान नहीं। 

आप सिर्फ सफलता और विफलता का अपना विचार बदल दे, सब कुछ बढ़िया है। है ना.. अगर आप सड़क पर एक भिखारी होते। आज आप किसी रेस्टोरेंट में जाकर एक मसाला डोसा खाकर ₹10 का बिल दे पाते; तो ये सफलता का चरम शिखर होता, है के नहीं। तो आप सामाजिक हालातों में फंस गए हैं; और ये आपका विचार भी नहीं है। मैं आपको इसका श्रेय क्यों दे रहा हूं। यह सफलता के बारे में किसी और का विचार है। है ना.. किसी और के विचार का दास मत बनिए। कम से कम अपना विचार रखिये। आपके पास अपना कोई विचार नहीं है। खुद को धोखा मत दीजिए। हर खयाल, हर विचार, हर भावना, हर मूल्य जो आपके पास है; आपने कहीं और से उठाया हैं, और वो अंदर से आप को नियंत्रित करता हैं। वो अंदर से आपको चलाता हैं। 

आपके धर्म, आपके समाज, आपकी संस्कृति ने आपको यह मानने के लिए प्रशिक्षित किया है; कि यही वो है। तो पहले,पहली और महत्वपूर्ण सफलता यह है; कि आप और किसी के विचार के दास नहीं हैं। ये सफलता है। जीवन के हालात जो भी हो; आप जीवित है,मतलब आप सफल हैं। है ना.. नहीं.. देखते हैं; कि आप सफल हैं या नहीं। यह सफलता है,आप जीवित हैं। आप जीवन का मूल्य नहीं जानते।

आप शेयर मार्केट का रोना रो रहे हैं। आप जीवन का महत्व नहीं जानते; क्योंकि ग्राफ ऊपर नीचे जा रहा है। आप मरना चाहते हैं। नहीं नहीं मगर मेरा बहुत नुकसान हो गया। ऐसी कोई चीज नहीं होती। ये सब सामाजिक चीजें हैं। यह अस्तित्व की चीजें नहीं है।

    हमने  समाज अपनी खुशहाली के लिए बनाया है। हमारी जान लेने के लिए नहीं। हा.. आपने अपना परिवार, अपना सामाजिक ढांचा और हर दूसरी चीज अपने खुशहाली के लिए बनाई है,अपनी जान देने के लिए नहीं है। है ना.. अब हर कमबख्त चीज आपकी जान ले सकती हैं। उन चीजों को जिन्हें आप बनाते हैं। चीजें जो इंसान बनाता है। अपने जीवन से बड़ा मत बनाइए, वही आपके कष्ट का कारण है।
नाकामयाबी जैसी कोई चीज नहीं होती नाकामयाबी जैसी कोई चीज नहीं होती Reviewed by Tarun Baveja on July 14, 2020 Rating: 5

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