जैसे ही हमने एक मनुष्य के रूप में जन्म लिया। किसी न किसी तरह हमारा जीवन जटिल हो गया। मगर हम किस ग्रह पर किसी अन्य प्राणी के रूप में आए होते, तो जीवन बहुत सरल होता। खाना, सोना, बच्चे पैदा करना और 1 दिन मर जाना। अब हमें वो सारी चीजें करनी हैं। लेकिन किसी ना किसी तरह आप अभी जहां हैं; आप चाहे जहां भी हूं, वो पर्याप्त नहीं है। है ना.. आप अभी जो हैं, आप उससे थोड़ी अधिक होना चाहते हैं।
अगर आप केवल पैसे जानते हैं; तो शायद आप थोड़े अधिक पैसे के बारे में सोच रहे हैं। अगर आप केवल सुख जानते हैं, तो शायद थोड़ा और सुख, ताकत, थोड़ी और ताकत हर कोई अपनी मौजूदा स्थिति से थोड़ा अधिक होने की चाहत कर रहा हैं। इच्छा की प्रक्रिया लगातार चल रही है। चाहे आप काम पर जा रहे हैं, या आप शराब पीने जा रहे हैं, या आप मन्दिर जा रहे हैं, या आपकी शादी हो रही हैं, या बच्चे पैदा कर रहे हैं, या आप यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। जीवन के सभी प्रयास सब कुछ खुशी की खोज में ही था। है कि नहीं..
पिछले 100 सालों से विज्ञान और तकनीक का उपयोग करके हमने इस ग्रह का चेहरा ही बदल दिया। आज हमारे पास ऐसी सुख सुविधाएं हैं, जिनकी कोई दूसरी पीढ़ी कभी कल्पना भी नहीं कर सकती थी। हम निश्चित रूप इस ग्रह पर अब तक की सबसे ज्यादा आराम में जीने वाली पीढ़ी है। क्या ऐसा है। लेकिन क्या हम सबसे ज्यादा खुशहाल पीढ़ी हैं। तो इसने काम नहीं किया है। हर प्राणी में पेड़ पौधों से लेकर जानवरों तक और इंसानों में भी इन सुख-सुविधाओं को बनाने के लिए एक बहुत बड़ी कीमत चुकाई है; और हम खुश भी नहीं है। फिर इसका क्या फायदा है।
हमने आज दुनिया को कई तरीकों से इंजीनियर किया है। ताकि हमारे लिए बेहतर तरीके से काम करें। है ना.. हमने अपने बारे में कुछ नहीं किया हैं। इस चीज पर ध्यान देने का समय आ गया है। है ना.. पिछले 24 घंटो में आपने खुशी के कितने पलों का अनुभव किया है। जब आप 5 साल के थे, जब आप एक बच्चे थे, 24 घंटों में खुशी के कितने पल अनुभव करते थे। किसी तरह पूरा समीकरण ही पलट गया है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, कि आप कहां है; चाहे आप एक महल में बैठे हो या स्वर्ग में। लेकिन अगर आपकी भीतरी स्थिति अच्छी नहीं है, तो वो कोई मायने नहीं रखता है। है ना.. ये मन परमानंद का स्रोत हो सकता था। लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए यह मन दुख का स्रोत बन गया। तनाव, चिंता, टेंशन क्यों। आप बस इसे संभालना नहीं जानते हैं। है ना..
देखिये,आपके जीवन में केवल एक ही समस्या है। जीवन उस तरह से नहीं हो रहा है।जैसा आप सोचते हैं, कि उसे होना चाहिए। यही एकमात्र समस्याएं है। क्या कोई और समस्या है। आपके आसपास कोई भी इंसान कभी भी 100% वैसा नहीं होगा, जैसा आप चाहते हैं। है कि नहीं.. हा..कोई भी वैसा नहीं है, जैसा आप चाहते हैं। कोई बात नहीं।
समस्या यह है, कि यह इंसान वैसा नहीं है। जैसा आप चाहते हैं ,यही समस्या है। है ना.. लोगों ने निष्कर्ष निकाल लिया है; कि तनाव उनके जीवन का एक हिस्सा हैं। तनाव आपके जीवन का हिस्सा नहीं है। बात सिर्फ इतनी है, कि आप अपने शरीर को मैनेज करना नहीं जानते। आप अपने मन को मैनेज करना नहीं जानते। आप अपनी भावनाओं को मैनेज करना नहीं जानते और ना ही अपनी जीवन ऊर्जाओ को, सब कुछ संयोग से हो रहा है।
अगर चीजों को वैसा होना है; जैसा आप चाहते हैं, तो दुनिया के मामले में आप यह समझने लगे हैं; कि आपको उन्हें इंजीनियर करना होगा। ये आपके साथ भी लागू होता है। आपके लिए कोई अलग इंजीनियरिंग नहीं की गई है। है ना.. आप बस सहयोग से जीने की कोशिश कर रहे हैं। अब मैं आपके भीतर सही तरह की केमिस्ट्री बनाने की बात कर रहा हूं। जहां शांत और खुश होना आपके लिए स्वाभाविक है।
असली खुशी कहां से मिलेगी
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 14, 2020
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