प्रेरणादायक कहानी - लक्ष्य पर अडिग रहें, अपने क्षेत्र से ना भागे

* जीवन के लक्ष्य पर अडिंग कैसे रहें:
     काफी प्राचीन समय में एक राजा हुआ करता था। उस राजा के क्षेत्र में किसी व्यक्ति ने कुछ पाप कर दिया, कुछ  अपराध कर दिया। उस व्यक्ति को उस राजा ने बुलाया और उसे कहा कि आपको इस पाप के लिए दंडित किया जाएगा और दंड स्वरूप आपको दो ऑप्शन दिए जाते हैं, कि या तो आप 100 प्याज खा लीजिए या आप 100 कोड़े लगवा लीजिए। उस व्यक्ति ने सोचा कि 100 प्याज खाने तो बड़े मुश्किल हो जाएंगे। तो वह कहने लगा, कि मैं 100 कोड़े लगवा लूंगा।

      प्रक्रिया शुरू हुई, उसको उस स्थान पर ले जाया गया जहां पर राजा दंडित करवाता था। उसको बांध दिया गया और जैसे ही कोड़े मारने शुरू किए गए, पहला कोड़ा लगा, दूसरा कोड़ा लगा, तीसरा कोड़ा लगा, चौथा कोड़ा लगा, पांचवें पर जाकर कहने लगा,  कि बस रुक जाओ। यह तो बहुत ही मुश्किल स्थिति है, इसमें तो बड़ी ही वेंदना, बड़ी ही परेशानी मुझे उठाने पड़ रही है, इसको रोक दो। मैं 100 प्याज खा लेता हूं। वह 100 प्याज खाने के लिए जैसे ही बड़ा, उसने पहला प्याज खाया, दूसरा खाया जब ऐसे करके उसने पांच प्याज खाए और छठे पर जाकर बोला, ये तो उससे भी बुरी स्थिति है, इससे ठीक तो पहले ही था, मैं 100 कोड़े लगवा लेता हूं।

      फिर उसने कोड़े लगवाना शुरू कर दिया, जब कोड़े दोबारा एक से ही शुरू हुए, 12 कोड़े खाने के बाद जैसे ही वह 13 - 14 तक गया, उसने वहां पर फिर से उसको छोड़ने के लिए कहा, रोकने के लिए कहा, कि अब मैं बिल्कुल भी सहन नहीं कर सकता, मेरी स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है, अब मैं 100 प्याज खा लूंगा, इससे तो प्याज ही ठीक है। जैसे ही उसने प्याज खाने शुरू करें, फिर 10 -15 प्याज खाने के बाद बोला कि प्याज खाना तो बहुत ही मुश्किल है, मैं कोड़े ही लगवा लेता हूं।

      इसी तरह से यह प्रक्रिया चलती रही और चलती रही और ऐसे ही करते-करते उसमें सौ कोड़े भी लगवा लिया और उसने सौ प्याज भी खा लिए, दोनों ही उसने कर लिए। यही स्थिति आज के समय में अनेकों नवयुवकों की, अनेकों लोगों की है। वह एक कार्य शुरू करते हैं, जब देखते हैं कि इस कार्य में बड़ी कठिनाई है, जब उन्हें ऐसा लगता है कि इसको करने में तो बड़ी ही तकलीफ का सामना उठाना पड़ेगा, इस कार्य को करने के लिए हमें अपने आप को बहुत ही ज्यादा बदलना पड़ेगा, हमें अपने कम्फर्ट जोन से बाहर आना पड़ेगा तो वह उस कार्य को छोड़कर के दूसरे कार्य को करना प्रारंभ कर देते हैं और फिर जब वो दूसरे कार्य को करना शुरू करते हैं, तो लगता है कि इससे बेहतर तो पहले वाला ही था, क्यों ना उसे ही कर लिया जाए और फिर वह पहले वाले को भी नहीं कर पाते, दूसरे को भी नहीं और उसके बाद जब  तीसरा काम करना शुरू करते हैं और तीसरे में और अलग तरीके की परेशानियों  का सामना उन्हें करना पड़ता है, मुश्किलें  उनके सामने आती है, इसी प्रकार से वह थक जाते हैं, हार जाते हैं, और दोष देना शुरु कर देते हैं, परिस्थितियों को। दोष देना शुरु कर देते अपने पारिवारिक स्थितियों को और कभी-कभी अपनी दूसरी प्रकार की अनेक प्रकार की स्थितियों को और बहाने बनाता है, व्यक्ति।

      लेकिन वास्तविकता यह है कि हम भागते हैं तो क्षेत्र छोड़कर के। जिन लोगों ने जीवन में कुछ भी किया है, वो क्षेत्र  छोड़कर कभी नहीं भागेंगे और जिन लोगों ने डटकर परिस्थितियों का मुकाबला किया है। उन लोगों ने यह नहीं सोचा कि मैं इससे आसान कुछ ढूंढ लो, उन लोगों ने बल्कि यह सोचा कि मैं अपने आप में परिवर्तन करूंगा और इस काम के लायक बनूंगा। वो काम नहीं बदलते बल्कि स्वयं को बदलने के निरंतर कार्य करते हैं। अतः इस क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है। बड़ी छोटी सी सोच आती है, बड़ी सुंदर लगती है; Thought focus in your goals, like a laser beam intensity.

      लेजर बीम किस तरीके की होती है, वह जहां पर हम उसको डालते हैं, वह वहीं पर जाकर, उसी पॉइंट पर जाकर लगती है, उसका डिस्ट्रक्शन नहीं होता। वह दाएं-बाएं कहीं नहीं जाती, वह एक बिंदु पर जाकर, जहां पर भी उसका लक्ष्य होता है, वहीं पर जाकर लगती है। इस प्रकार की फोकस, इस प्रकार का कंसंट्रेशन जब हमारे माइंड में आ जाएगा, इस प्रकार की स्थिरता जब हमारे माइंड में आ जाएगी। तब हम जीवन में हर एक कार्य को कर सकेगे, हर एक चुनौती को पार कर सकेगें।

      तो मेरी आप सभी से यही सलाह है, जो भी व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी करना चाहते हैं, जो भी व्यक्ति किसी भी कार्य क्षेत्र में आज कार्य कर रहे हैं, उद्धत है। वह उस कार्य क्षेत्र को ना छोड़े, चाहे कुछ भी स्थिति आ जाए, एक दिन वह  स्थिति भी आप पार कर लेंगे, आप उस क्षेत्र में जब डटे रहेंगे तो आप उस कार्य में पारंगत हो जाएंगे और कोई भी स्थिति आपके सामने अड़ नहीं पाएगी, कोई भी मुश्किल आपको बड़ी नहीं लगेगी और आप निश्चित रूप से आप अपने कार्य में अपने उद्देश्यों को प्राप्त करके जीवन में आगे बढ़ेंगे।
प्रेरणादायक कहानी - लक्ष्य पर अडिग रहें, अपने क्षेत्र से ना भागे प्रेरणादायक कहानी - लक्ष्य पर अडिग रहें, अपने क्षेत्र से ना भागे Reviewed by Tarun Baveja on July 27, 2020 Rating: 5

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