* आयुर्वेद के अनुसार, दही के साथ उड़द नहीं खाना चाहिए बल्कि मूंग को खाया जा सकता है, क्यों: ऐसे बहुत सारे सवाल है, कि दही के साथ उड़द नहीं खाना चाहिए, उड़द का वड़ा नहीं खाना चाहिए; क्योंकि तकलीफ होती है, तो मूंग का वड़ा क्यों खाना चाहिए। ऐसा क्या अंतर है, मूंग और उड़द में। दही के साथ मूंग चलेगी और उड़द नहीं।
* नंबर 2: दही का जो दूसरा दोष है, वो कफ और पित्त को बढ़ाता है, ऐसे ही उड़द करता है, कफ और पित्त को बढ़ाने का काम करता है। तो दही भी कफ और पित्त को बढ़ाता है और उड़द भी कफ और पित्त को बढ़ाता है। जबकि मूंग जो है, वो कफ और पित्त को कम करता है। जी हां... मूंग जो है वो कफ और पित्त को कम करता है। इसी प्रकार दही और उड़द के इस दोष के साथ मूंग के इस गुण को सम्मिलित किया जा सकता है, जिससे शरीर में बैलेंस बना रहता है। इसीलिए दही के साथ मूंग को खाया जा सकता है जबकि उड़द को नहीं।
* नंबर 3: आयुर्वेद के अनुसार दही, पेट साफ करने में मदद करती है, जो उड़द है,वो भी बहुत ज्यादा मल बनाता है उससे भी पेट साफ होने में थोड़ी बहुत मदद मिलती है और जो मूंग है वो मल को शरीर में रोकने का काम करता है। इस प्रकार दही और उड़द का ये गुण और मूंग का ये विपरीत गुण के कारण दही और मूंग को एक साथ खाने में लाभदायक सिद्ध होता है, जबकि उड़द के साथ बेहद हानिकारक।
* नंबर 4: दही और उड़द का एक दोष यह है कि वो खून को खराब करने का काम करता है और जो मूंग है, वो खून को साफ करने का काम करता हैं। अर्थात दही और उड़द के इस दोष के कारण और मूंग के इस गुण के कारण भी दही और मूंग को एक साथ खाया जा सकता है, जिससे शरीर में बैलेंस बना रहता है। जबकि दही और उड़द को एक साथ नहीं खाया जा सकता।
उपरोक्त गुणों और दोषों के आधार पर आप देखेंगे की दही और उड़द में समानताएं हैं, जबकि मूंग इनके विपरीत है।
अर्थात यह कहा जा सकता है कि जैसे आपने दही या उड़द खायी, आपके शरीर में कफ और पित्त बड़ा और इसके साथ अगर आपने उड़द की कोई और आइटम खा ली तो वो आपके शरीर में कफ और पित्त को और कई गुना ज्यादा बढ़ा देगा, आइए उदाहरण से समझते हैं, कि किसी को प्यास लगी थी, एक गिलास की प्यास लगी थी तो दही आप देगे तो समझो वो एक गिलास की प्यास को कम करेगा और अगर साथ में उड़द ऐड कर दिया ना तो वो 10 गुना ज्यादा काम कर देगा। मतलब जरूरत से ज्यादा पानी को भर देगा यानी जरूरत से ज्यादा आपके शरीर में दोष बढ़ जाएगें। जो कि बीमारी का कारण बनेगा।
दूसरा दही भी गर्म है और उड़द भी गर्म है तो जब आप ये खाते हैं तो आपके शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी बढ़ती है, बहुत ज्यादा हिट बढ़ती है। जो कि खून में जाते ही पित्त को बिगाड़ने का काम करती है और कई बार लोग जब दही और उड़द एक साथ खाते हैं तो उनको लूज मोशन होने की भी समस्या होने लग जाती हैं। इसलिए दही और उड़द का जो कॉम्बिनेशन है, वो बहुत ही भयंकर कॉम्बिनेशन हो जाता है इसलिए खाने से उसको मना करते हैं। आपने ऐसा भी सुना होगा कि ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो ब्लड प्रेशर बढ़ने का मतलब यह है कि पित्त की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वो उड़द आपके शरीर में ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, बलीडिंग जैसी बीमारी करने का दही और उड़द का कॉम्बिनेशन कर सकता है, ये चांसेस होते हैं।
अब बात करते हैं, दही को मूंग के साथ क्यों खा सकते हैं। आप देखेंगे कि मूंग जो है , वो दही के बिल्कुल अपॉजिट है अर्थात अगर दहीं गर्म है तो मूंग ठंडा है। तो मूंग क्या करता है, अगर आप जमी हुई दहीं खा रहे हैं और दही के साथ मूंग की कोई सब्जी, मूंग की खिचड़ी या मूंग का वडा ऐसा कुछ खा रहे हैं तो दही की जो गर्मी है, मूंग ठंडा है तो बैलेंस कर दिया।
दही कफ और पित्त को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है, मूंग कफ और पित्त को कम कर देता है तो बैलेंस कर दिया। दही खाने से अगर किसी को लूज मोशन हो रहे हैं तो मूंग जो है वो मल को रोकने का काम करता हैं अर्थात बैलेंस कर देता है। तो मूंग जो है, दही की जो चीजें खाने से। अब दही के बहुत सारे फायदे भी है, पर दही खाने से अगर आपको कुछ नुकसान होने वाला है तो उस नुकसान को मूंग शांत कर देता है।
इसका एक मैन कारण है कि आप दही के साथ उड़द क्यों मना करते हैं, पर मूंग को नहीं। सबसे पहले उनके गुणों और दोषों को जान लेते हैं, इनके गुणों - दोषों के आधार पर ही इनमें अंतर किया जा सकता है और समानताएं देखी जा सकती है, जिसके आधार पर स्पष्ट हो जाएगा है कि क्यों दही के साथ उड़द को नहीं खाना चाहिए और बल्कि मूंग को खाया जा सकता है। तो आइए शुरू करते हैं,
नंबर 1: आयुर्वेद में दही के गुण को "उष्ण" कहा गया है। दही का जो नेचर है, दही की जो प्रकृति है, वो उष्ण है, गर्म है। और उड़द का जो गुण हैं वो भी 'उष्ण' है, यानी गर्म है। तो दही गर्म और उड़द गर्म। जबकि मूंग जो है, मूंग 'शीत' है यानी 'ठंडा' है। तो जो मूंग का नेचर है, वो शीत है। दही और उड़द गर्म है। यही कारण है, जिससे दही को मूंग के साथ खाया जा सकता है, उड़द के साथ नहीं; क्योंकि दही और मूंग के गुण एक दूसरे के विपरीत है, जबकि दही और उड़द के गुणों में समानता देखी जा सकती है।
* नंबर 2: दही का जो दूसरा दोष है, वो कफ और पित्त को बढ़ाता है, ऐसे ही उड़द करता है, कफ और पित्त को बढ़ाने का काम करता है। तो दही भी कफ और पित्त को बढ़ाता है और उड़द भी कफ और पित्त को बढ़ाता है। जबकि मूंग जो है, वो कफ और पित्त को कम करता है। जी हां... मूंग जो है वो कफ और पित्त को कम करता है। इसी प्रकार दही और उड़द के इस दोष के साथ मूंग के इस गुण को सम्मिलित किया जा सकता है, जिससे शरीर में बैलेंस बना रहता है। इसीलिए दही के साथ मूंग को खाया जा सकता है जबकि उड़द को नहीं।
* नंबर 3: आयुर्वेद के अनुसार दही, पेट साफ करने में मदद करती है, जो उड़द है,वो भी बहुत ज्यादा मल बनाता है उससे भी पेट साफ होने में थोड़ी बहुत मदद मिलती है और जो मूंग है वो मल को शरीर में रोकने का काम करता है। इस प्रकार दही और उड़द का ये गुण और मूंग का ये विपरीत गुण के कारण दही और मूंग को एक साथ खाने में लाभदायक सिद्ध होता है, जबकि उड़द के साथ बेहद हानिकारक।
* नंबर 4: दही और उड़द का एक दोष यह है कि वो खून को खराब करने का काम करता है और जो मूंग है, वो खून को साफ करने का काम करता हैं। अर्थात दही और उड़द के इस दोष के कारण और मूंग के इस गुण के कारण भी दही और मूंग को एक साथ खाया जा सकता है, जिससे शरीर में बैलेंस बना रहता है। जबकि दही और उड़द को एक साथ नहीं खाया जा सकता।
उपरोक्त गुणों और दोषों के आधार पर आप देखेंगे की दही और उड़द में समानताएं हैं, जबकि मूंग इनके विपरीत है।
अर्थात यह कहा जा सकता है कि जैसे आपने दही या उड़द खायी, आपके शरीर में कफ और पित्त बड़ा और इसके साथ अगर आपने उड़द की कोई और आइटम खा ली तो वो आपके शरीर में कफ और पित्त को और कई गुना ज्यादा बढ़ा देगा, आइए उदाहरण से समझते हैं, कि किसी को प्यास लगी थी, एक गिलास की प्यास लगी थी तो दही आप देगे तो समझो वो एक गिलास की प्यास को कम करेगा और अगर साथ में उड़द ऐड कर दिया ना तो वो 10 गुना ज्यादा काम कर देगा। मतलब जरूरत से ज्यादा पानी को भर देगा यानी जरूरत से ज्यादा आपके शरीर में दोष बढ़ जाएगें। जो कि बीमारी का कारण बनेगा।
दूसरा दही भी गर्म है और उड़द भी गर्म है तो जब आप ये खाते हैं तो आपके शरीर में बहुत ज्यादा गर्मी बढ़ती है, बहुत ज्यादा हिट बढ़ती है। जो कि खून में जाते ही पित्त को बिगाड़ने का काम करती है और कई बार लोग जब दही और उड़द एक साथ खाते हैं तो उनको लूज मोशन होने की भी समस्या होने लग जाती हैं। इसलिए दही और उड़द का जो कॉम्बिनेशन है, वो बहुत ही भयंकर कॉम्बिनेशन हो जाता है इसलिए खाने से उसको मना करते हैं। आपने ऐसा भी सुना होगा कि ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है तो ब्लड प्रेशर बढ़ने का मतलब यह है कि पित्त की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि वो उड़द आपके शरीर में ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, बलीडिंग जैसी बीमारी करने का दही और उड़द का कॉम्बिनेशन कर सकता है, ये चांसेस होते हैं।
अब बात करते हैं, दही को मूंग के साथ क्यों खा सकते हैं। आप देखेंगे कि मूंग जो है , वो दही के बिल्कुल अपॉजिट है अर्थात अगर दहीं गर्म है तो मूंग ठंडा है। तो मूंग क्या करता है, अगर आप जमी हुई दहीं खा रहे हैं और दही के साथ मूंग की कोई सब्जी, मूंग की खिचड़ी या मूंग का वडा ऐसा कुछ खा रहे हैं तो दही की जो गर्मी है, मूंग ठंडा है तो बैलेंस कर दिया।
दही कफ और पित्त को बहुत ज्यादा बढ़ा देता है, मूंग कफ और पित्त को कम कर देता है तो बैलेंस कर दिया। दही खाने से अगर किसी को लूज मोशन हो रहे हैं तो मूंग जो है वो मल को रोकने का काम करता हैं अर्थात बैलेंस कर देता है। तो मूंग जो है, दही की जो चीजें खाने से। अब दही के बहुत सारे फायदे भी है, पर दही खाने से अगर आपको कुछ नुकसान होने वाला है तो उस नुकसान को मूंग शांत कर देता है।
इसलिए आयुर्वेद में दही और उड़द मना करते हैं पर मूंग को नहीं और दही और मूंग खाने के लिए कहते हैं या फिर आपको दही को किसी दाल के साथ खाना है तो उसके साथ आप मूंग जरूर रखियें; क्योंकि अगर दही खाने से अगर आपको कुछ नुकसान होने वाला है तो ये उसमें आपकी मदद करेगा तो यही कारण है कि जिसमें आयुर्वेद में दही और मूंग को खाने के लिए बोलते हैं, जरूर खाओ जबकि दही और उड़द को मना करते हैं।
क्यों दही+उड़द जहर है और दही+मुंग अमृत है?
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 24, 2020
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