* केले खाने का सही तरीका: केले के बारे में आपने बहुत से लोगों से सुना होगा कि इससे ताकत बढ़ती है, ये शरीर में यूरिया बढ़ाता है, ये शरीर की धातुओं के लिए मसल्स पावर के लिए इन सभी के लिए बहुत अच्छा है और बहुत सारे लोग आपको ये एडवाइस भी देते हुए मिल जाएंगे कि दूध और केला खाओ बहुत अच्छा होता है, पौष्टिक होता है। लेकिन आयुर्वेद कहता है कि दूध और केला कभी भी साथ मत खाओ; क्योंकि ये एक दूसरे के विरुद्ध है। इसके बदले घी और केला खाओ, वो ज्यादा सही सुरक्षित दूध और केले से कई गुना ज्यादा पावरफुल स्ट्रांग पदार्थ है, क्यों। आइए जानते हैं,
* नंबर 1: आयुर्वेद में केले को 'कधली' कहा जाता है। इसका संस्कृत नाम 'कधली' कहा जाता है। पके हुए जो केले होते हैं, वो कशाय और मधुर स्वाद वाले होते हैं। ये बल कारक है अर्थात शरीर में ताकत बढ़ाने का काम करते हैं। पित्त नाशक है, शरीर के जिनमें बहुत गर्मी हिट जैसी समस्या होती है उनके लिए केला बहुत अच्छा है। केला पचने में भारी माना गया है, आयुर्वेद में। आयुर्वेद के शब्दों के अनुसार केले का विवरण -
"प्रथयमनाम् मन्दालिने" अर्थात पथय उनके लिए नहीं है। उनके लिए बिल्कुल भी स्युटेबल नहीं है, जिनकी अग्नि मंद है मतलब जिनका 'पाचन तंत्र' डाइजेशन पावर स्लो है। उन्हें केला बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
आयुर्वेद में एक और शब्द- "शब्धयशुक्र विवर्धनम्" ऐसा एक और शब्द आया है अर्थात ये शुक्र धातु को बहुत तेजी से तुरंत बढ़ाने वाली जितनी भी वस्तुएं है उनमें से ये एक है। ये क्रीमयो का शरीर से नाश करता है, र्तीष्णा नाशक जो शरीर में बार-बार प्यास लगती है, ये सब है। कांतिकारक, ये शरीर का रंग अच्छा करता है और पचने में बहुत भारी माना गया है। ये तो गुण है, केले के।
* अगर आप केला और दूध साथ में खाते हैं, या फिर इसे आयुर्वेद क्यों विरुद्ध मानता है: केले के बारे में जैसा हमने पहले भी कहा है, यह पचने में बहुत ही हैवी है। साथ ही साथ जो दूध है, वो भी पचने में भारी माना गया है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि दूध लिक्विड पानी जैसा है, पी लिया तो हजम हो जाएगा।
घी का जो एक गुण है, वो ये है कि घी अग्नि वर्धक है यानी घी आपकी अग्नि को बढ़ाता है अर्थात डाइजेशन को बढ़ाता है। जैसे- आप जब यज्ञ करते हैं तो जब आप अग्नि में घी को डालते हैं तो वह अग्नि को इंप्रूव करता है। वैसे ही घी जो है, वो आपकी पाचन अंग्नि को बढ़ाता है तो अगर आप केला और घी साथ में खाते हैं तो इनके जो गुण हैं। वो एक दूसरे को बढ़ा देते हैं। बट, अपचन नहीं करते जैसे, केला भी शुक्र को बढ़ाता है और घी भी शुक्र को बढ़ाता है। केला भी बल कारक है और घी भी बल कारक है। केला स्ट्रैंथ ताकत बढ़ाने की बहुत अच्छी दवा है और घी भी बहुत अच्छी दवा है। ये दोनों चीजें एक साथ जब मिल जाती है तो शरीर की धातु, ताकत, बल इन सभी को बढ़ाते हैं, पर अपचन या मंदाग्नि ये सब नहीं करते।
इसलिए आयुर्वेद कहता है कि केला और घी आपको साथ में खाना चाहिए ना कि केला और दूध; क्योंकि केले और दूध का कॉम्बिनेशन सोने पर सुहागा जैसा काम करता है।
* इसे कब खा सकते हैं: सुबह जब आप व्यायाम, स्नान कर चुके हो, तब खाओ। कुछ लोग खाकर व्यायाम करते हैं, वो बहुत ही गलत है और आयुर्वेद में से कई रोगों का कारण माना गया है। तो सुबह के समय पर जब आप व्यायाम स्नान ये सब कर लें, इसके बाद जब खाने की शुरुआत करें तो केला और घी एक टाइम पर आपके लिए ज्यादा स्युटेबल है। इसके साथ में आप शक्कर या मिश्री मिलाकर भी खा सकते हैं, ये बहुत अच्छा फायदेमंद है और यहां तक कि ज्यादा खेला खाने से जो इनडाइजेशन होता है। उसकी जो चिकित्सा है, ऐसा लिखा गया है कि घी खाना चाहिए। अगर किसी ने एक साथ 4 से 12 केला खा लिये और उससे उसका पाचन बिगड़ गया है तो उस समय वो व्यक्ति घी खा लेता है। तो केले के कारण उसको जो अपचन हुआ है, घी उसको सुधार देता है। इसलिए आपको अगर शरीर बनाना है, फिट रहना है, शरीर को हेल्दी रखना है तो केला जरूर खाइए, पर दूध के साथ नहीं घी के साथ। ये एडवाइज है, आयुर्वेद की।
सबसे पहले केले के बारे में आयुर्वेद में कुछ गुण कहे गए हैं। वो जान लेते हैं, फिर आगे जानेंगे कि क्यों इसे दूध के साथ नहीं, बल्कि घी के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद होता है।
* नंबर 1: आयुर्वेद में केले को 'कधली' कहा जाता है। इसका संस्कृत नाम 'कधली' कहा जाता है। पके हुए जो केले होते हैं, वो कशाय और मधुर स्वाद वाले होते हैं। ये बल कारक है अर्थात शरीर में ताकत बढ़ाने का काम करते हैं। पित्त नाशक है, शरीर के जिनमें बहुत गर्मी हिट जैसी समस्या होती है उनके लिए केला बहुत अच्छा है। केला पचने में भारी माना गया है, आयुर्वेद में। आयुर्वेद के शब्दों के अनुसार केले का विवरण -
"प्रथयमनाम् मन्दालिने" अर्थात पथय उनके लिए नहीं है। उनके लिए बिल्कुल भी स्युटेबल नहीं है, जिनकी अग्नि मंद है मतलब जिनका 'पाचन तंत्र' डाइजेशन पावर स्लो है। उन्हें केला बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
आयुर्वेद में एक और शब्द- "शब्धयशुक्र विवर्धनम्" ऐसा एक और शब्द आया है अर्थात ये शुक्र धातु को बहुत तेजी से तुरंत बढ़ाने वाली जितनी भी वस्तुएं है उनमें से ये एक है। ये क्रीमयो का शरीर से नाश करता है, र्तीष्णा नाशक जो शरीर में बार-बार प्यास लगती है, ये सब है। कांतिकारक, ये शरीर का रंग अच्छा करता है और पचने में बहुत भारी माना गया है। ये तो गुण है, केले के।
* अगर आप केला और दूध साथ में खाते हैं, या फिर इसे आयुर्वेद क्यों विरुद्ध मानता है: केले के बारे में जैसा हमने पहले भी कहा है, यह पचने में बहुत ही हैवी है। साथ ही साथ जो दूध है, वो भी पचने में भारी माना गया है। बहुत सारे लोगों को लगता है कि दूध लिक्विड पानी जैसा है, पी लिया तो हजम हो जाएगा।
आयुर्वेद में दूध को अग्नि मन्द करने वाले पदार्थों में से एक माना गया है। तो केला ऑलरेडी अग्नि को मन्द करता है, अगर उसके साथ आपने दूध भी ले लिया तो ये दोनों की दोनों चीजें आपके पाचन तंत्र, आपकी अग्नि को बहुत मन्द कर देते हैं और आगे जाकर ये आम विष, कई तरह के चर्म रोग, स्किन डिसऑर्डर ऐसी सारी सम्स्याएं शरीर में पैदा कर देते हैं। इसलिए जो विरूद्ध आहार की लिस्ट आयुर्वेद में दी गई है, उसमें केला और दूध मना है।तो आयुर्वेद कहता है केला, दूध के साथ नहीं बल्कि घी के साथ खाओ। क्यों घी के साथ खाओ।
घी का जो एक गुण है, वो ये है कि घी अग्नि वर्धक है यानी घी आपकी अग्नि को बढ़ाता है अर्थात डाइजेशन को बढ़ाता है। जैसे- आप जब यज्ञ करते हैं तो जब आप अग्नि में घी को डालते हैं तो वह अग्नि को इंप्रूव करता है। वैसे ही घी जो है, वो आपकी पाचन अंग्नि को बढ़ाता है तो अगर आप केला और घी साथ में खाते हैं तो इनके जो गुण हैं। वो एक दूसरे को बढ़ा देते हैं। बट, अपचन नहीं करते जैसे, केला भी शुक्र को बढ़ाता है और घी भी शुक्र को बढ़ाता है। केला भी बल कारक है और घी भी बल कारक है। केला स्ट्रैंथ ताकत बढ़ाने की बहुत अच्छी दवा है और घी भी बहुत अच्छी दवा है। ये दोनों चीजें एक साथ जब मिल जाती है तो शरीर की धातु, ताकत, बल इन सभी को बढ़ाते हैं, पर अपचन या मंदाग्नि ये सब नहीं करते।
इसलिए आयुर्वेद कहता है कि केला और घी आपको साथ में खाना चाहिए ना कि केला और दूध; क्योंकि केले और दूध का कॉम्बिनेशन सोने पर सुहागा जैसा काम करता है।
* इसे कब खा सकते हैं: सुबह जब आप व्यायाम, स्नान कर चुके हो, तब खाओ। कुछ लोग खाकर व्यायाम करते हैं, वो बहुत ही गलत है और आयुर्वेद में से कई रोगों का कारण माना गया है। तो सुबह के समय पर जब आप व्यायाम स्नान ये सब कर लें, इसके बाद जब खाने की शुरुआत करें तो केला और घी एक टाइम पर आपके लिए ज्यादा स्युटेबल है। इसके साथ में आप शक्कर या मिश्री मिलाकर भी खा सकते हैं, ये बहुत अच्छा फायदेमंद है और यहां तक कि ज्यादा खेला खाने से जो इनडाइजेशन होता है। उसकी जो चिकित्सा है, ऐसा लिखा गया है कि घी खाना चाहिए। अगर किसी ने एक साथ 4 से 12 केला खा लिये और उससे उसका पाचन बिगड़ गया है तो उस समय वो व्यक्ति घी खा लेता है। तो केले के कारण उसको जो अपचन हुआ है, घी उसको सुधार देता है। इसलिए आपको अगर शरीर बनाना है, फिट रहना है, शरीर को हेल्दी रखना है तो केला जरूर खाइए, पर दूध के साथ नहीं घी के साथ। ये एडवाइज है, आयुर्वेद की।
केला खाने का सही तरीका। क्यों banana shake नहीं पीना चाहिए
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 24, 2020
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July 24, 2020
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