* प्रत्येक बुरी आदत को कैसे छोड़े: यदि आप किसी अधिक मीठे पदार्थ को ग्रहण कर लेते हैं और उसके बाद आप कम मीठे पदार्थ को ग्रहण करते हैं तो वह जो कम मीठा पदार्थ है, वह आपको बिल्कुल फीका लगना शुरू हो जाता है। हालांकि, आप उतना ही मीठा पसंद करते हैं, स्वाभाविक रूप से, जितना वह पदार्थ है। लेकिन यदि आपने उससे पहले अधिक मीठे पदार्थ को ग्रहण कर लिया तो वह आपको फीका लगना शुरू हो गया।
यह बात हम इस तरीके से देख सकते हैं। अनेंको नवयुवक, अनेंको व्यक्ति के प्रश्न इस प्रकार के होते हैं, कि हमारी कुछ ऐसी आदतें हैं, जो कि हमारे मार्ग में अवरोध बनती है, जिसका हमें पता है कि यह गलत है, जिसका हमें पता है कि यह हमारे भविष्य के लिए उत्तम नहीं है। लेकिन हम उन्हें कैसे छोड़े। हम उन्हें छोड़ नहीं पाते हैं। हम उनमे लिप्ट है। वह आदतें हमें इस प्रकार से जकड़े हुए हैं कि उनसे बाहर निकलना हमारे लिए मुश्किल है।
उनके लिए यही उदाहरण में देना चाहूंगा कि आप जिन आदतों के अंदर फंसे हुए हैं, जहां पर आप आनंद महसूस करते हैं, जहां पर आप सुख की अनुभूति को तलाशते हैं, आप उससे उत्तम अनुभव अपने आपको दे देंगे। आप उससे उत्तम उद्देश्य अपने जीवन को दे देंगे। जिसको पूरा करना, जिसकी तरफ बढ़ना आपके जीवन के लिए सर्वाधिक सुखदायक हो जाएगा। तो आप जो यह छोटे-मोटे समस्याओं में फंसे हुए हैं, जो आप इंद्रिया सुख में फंसे हुए हैं, इनसे आप बाहर निकल सकेंगे। यह सब चीजें आपके लिए सामान्य हो जाएंगी। इनसे बाहर निकलना आपके लिए सहज हो जाएगा; क्योंकि आपने अपने आप को एक हाइयर टेस्ट दे दिया।
इसीलिए कहते हैं, Developer a higher taste and discard the lower one. यदि आप अपने आपको एक ऊंचा उद्देश्य दे देते हैं। आप उसकी प्राप्ति के लिए कार्य करते हैं। आप वह अनुभव प्राप्त करते हैं, जो कि जीवन की वास्तविकता से आपको जोड़ता है, तो जो छोटी-मोटी आपकी आदतें, आपकी छोटी-मोटी समस्यांए है, वह समस्या स्वतः ही समाप्त होनी शुरू हो जाती हैं।
तत्पश्चात आप अपने आपको ईश्वर से जोड़ने का प्रारंभ करते हैं। आप अपनी आत्मा में ईश्वर को धारण करना शुरू करते हैं। आप अनुभव करना शुरू करते हैं कि यह जीवन तो बड़ा ही क्षणिक है, यह जीवन तो स्वपन्न के समान है। जिस प्रकार आप रात्रि में स्वपन्न देखते हैं, आप एकदम से जागते हैं तो आपको लगता है कि मैं अब वास्तविक दुनिया में आया हूं। ऐसा भी तो हो सकता है, यह भी स्वपन्न हो और इसके बाद आप जागे। हो सकते है, यह बड़ा स्वपन्न हो।
क्योंकि आत्मा की कोई उम्र नहीं होती। आत्मा अजर है, अमर है। तो उसकी उम्र के अनुपात में यदि देखें तो यह जीवन एक स्वपन्न के समान ही है। इसकी कोई वैल्यू नहीं है, कोई टाइम पिरयड़ नहीं है। तो इस प्रेक्षेप में थोड़ा सोचे।
इस स्वपन्न को थोड़ा बेहतर बनाने की कोशिश करें। ऐसा ना हो कि जब आप जागे तो आपको लगे कि आपने सब कुछ खो दिया। अपने आपको उत्तम स्तर पर ले जाने की कोशिश करें, तो जो निक्रिष्ट लेवल के आपको जो सुख दिखते हैं। ये जो निक्रिष्ट लेवल के जो आपको सुख दिखते हैं। इंद्रिया सुख में आप इतने लिप्त हो चुके हैं कि सब कुछ छोड़-छाड़ कर के उनके पीछे चल देते हैं, आंखें बंद करके उनके पीछे चल देते हैं। उनसे अगर बचना चाहते हैं तो हाइयर टेस्ट डेवलप करना पड़ेगा। उत्तम स्तर के स्वाद को लेना पड़ेगा और यदि वह स्वाद आपकी जीवा को लग जाएगा तो जो दूसरे स्वाद है वो ऑटोमेटेकली ही आपको फीके लगने शुरू हो जाएंगे और आप अनुभव करना शुरू कर देंगे कि जहां आप पहले थे, वहां से कितने उत्तम स्तर पर आप आज हैं।
तो इसी प्रकार उस मीठे स्वाद का आस्वादन कीजिए। ईश्वर के नाम का आस्वादन कीजिए। उस हाइयर टेस्ट को डेवलप कीजिए। अपने जीवन में कुछ उद्देश्य को निर्धारित कीजिए और उन उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, अपने आप को दृढ़ संकल्प कीजिए और उन संकल्पों को पूरा करने में जो आनंद आपको मिलेगा। आत्मसिद्धि में जो आपको आनंद मिलेगा।
जब आप कोई लक्ष्य निर्धारित करेंगे और उसको आप प्राप्त करना शुरू करेंगे, जो छोटे-छोटे अचीवमेंट्स आप अपने जीवन में लेते चले जाएंगे, उनको प्राप्त करते चले जाएंगे। वह सुख इस प्रकार का होगा, वह आपको सात्विक आनन्द देने वाला होगा और वह आनन्द निरंतर बढ़ता ही चला जाएगा।
वह आत्मसिद्धि का आनंद होता है, वह संसाधनों का नहीं होता। आप ऐसा बिल्कुल ना सोचे कि आपको कुछ संसाधन मिला और आपको सुख मिल गया। वह टेंपरेरी होगा। वह सुख दिन प्रतिदिन घटना शुरू हो जाएगा। जिस दिन आप किसी संसाधन को आप ले करके आते हैं। आप अनुभव कर सकते हैं, अपने जीवन को देख सकते हैं कि यदि आप स्मार्ट फोन को ले करके आते हैं। जब आप प्रथम दिन उसे लेने के लिए जाते हैं तो मन में अलग उल्लास, अलग ही उमंग, अलग ही खुशी होती है, प्रसंता होती है।
आप उसे लेकर के आ गए। आपने उसे चलाना शुरु कर दिया। उसके फीर्चस को देखना शुरू कर दिया। आपको तब भी अच्छा अनुभव हो रहा है। उसके बाद आपने उसके सारे फीचर्स को देख लिया कि वह किस तरीके से कैमरा काम करता है, उसकी कितनी मैमोरी है, उसके क्या-क्या रिजुलेशन है और कैसे-कैसे काम करता है। इस तरह आपने उसकी सारी चीजें देख ली, अब आप उसके आदी हो गए, उसमें कुछ नया नहीं बचा।
उसके बाद वह सुख रिड्यूस होना शुरू हो जाएगा, धीरे-धीरे घटना शुरू हो जाएगा। प्रथम दिन जो सुख था, दूसरे दिन वह उतना नहीं रहेगा, दूसरे दिन और कम हो जाएगा और चौथे दिन उससे भी कम हो जाएगा और कुछ महीनों के अंदर-अंदर वह सुख आपके लिए क्षीण हो जाएगा। वह आपकी जरूरत को सिद्ध करने वाला एक यंत्र बनकर रह जाएगा। आपका शौकिया यंत्र। इस प्रकार का वह उल्लास का कारण नहीं बन पाएगा सदा के लिए।
तो यह जो संसाधन है, यह जो चीजें हैं, ये आपको टेंपरेरी प्लेजर दे सकती है। इनको अगर आप अपने जीवन का आधार समझ कर काम करेंगे तो हाथ में क्या आएगा, निराशा आएगी। यदि उद्देश्यों को और अपने आप को बेहतर बनाने के लिए आप काम करेंगे तो वह हाइयर टेस्ट होगा और निक्रिष्ट जो स्वाद है, आपके जीवन के। चाहे, आपकी कोई गृह आदत हो या आपकी कोई भी बुरी आदत हो, आपकी कोई भी इस प्रकार की लत हो, जिससे आप छुटना चाहतें हो, लेकिन नहीं छुट रहे हैं। वह सब आपको छोटी लगने लगेगी, वह सब चीजें आपको बेस्वाद लगने लगेगी; क्योंकि आपने हाइयर टेस्ट को डेवलप कर दिया।
मैं बस आपसे यही कहना चाहता हूं कि अपने जीवन में उत्तम स्तर पर जाने की कोशिश कीजिए और उन्हीं चीजों को अपने मस्तिष्क में आने दीजिए, जो कि उत्तम है और आपको उत्तम बना सकती है।
सभी बुरी आदतों को छोड़े केवल एक नियम से
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 27, 2020
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