नीम के कई अनूठे लाभ है, पर एक महत्वपूर्ण लाभ है; कि ये कैंसर कोशिकाओं को मारता है। चूंकि ये शुक्राणु को भी मारता है, तो इसे कम मात्रा में खाना चाहिए।
कैंसर कोशिकाओं से मेरा मतलब है, हम सभी के शरीर में कैंसर कोशिकाएं होती हैं। लेकिन वे संगठित नहीं होती। वे हर जगह मौजूद होती हैं। अगर आप किसी वजह से अपने शरीर में कुछ खास स्थितियां पैदा करते हैं, तो वो संगठित हो जाती हैं तो छोटे-मोटे अपराध से, संगठित अपराध ये बड़ी समस्या है। है ना..
छोटे-मोटे अपराधी हर शहर में होते यहां-वहां वो रोज जेबे काटते हैं। ऐसे काम करते हैं, कोई बात नहीं। लेकिन अगर 50 ऐसे लोग कोयंबटूर शहर में संगठित हो जाए, तो अचानक पूरे शहर का माहौल बदल जाएगा; क्योंकि ये 50 लोग मिलकर ऐसी चीजें कर सकते हैं कि आपके लिए बाहर कदम रखना खतरनाक हो जाएगा।
ऐसा ही बस शरीर में भी होता है। कैंसर कोशिकाएं, अपराधी कोशिकाएं होती हैं। वे हर जगह घूमती रहती है। अगर वे अकेले घूमे तो कोई परेशानी नहीं है, अगर वे एकजुट हो जाएं, अगर वे एक जगह मिले और उनका मेल हो जाए तो परेशानी होती है। तो अगर कानून व्यवस्था अच्छी है, वो ये देखते हैं, शुरू में एक अपराधी जेबे काटकर खुश होता है।
"रोज नीम खाने से बस यही होता है, वो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की संख्या को एक खास प्रतिशत तक रखता है"। ताकि, वो शरीर के खिलाफ गिरोह ना बना सके। इसलिए नीम खाना बहुत जरूरी है। नीम से जुड़ी सिर्फ एक चीज है, अगर आप इसे ज्यादा खा ले तो ये "स्पॉन सेल्स या शुक्राणु" को भी मारता है।
मतलब हमें कम आबादी का सौभाग्य मिलेगा। अगर दुनिया में सभी काफी नीम खाने लगे। ये शुक्राणुओं को मारता है, इसलिए इसे कम मात्रा में खाना चाहिए; क्योंकि किसी के साथ होना चाहिए यह तय करना हमारा काम नहीं है, और गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद 4 महीनों तक या सुरक्षित होने के लिए गर्भधारण करने के बाद 5 महीनो तक नीम नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये शुक्राणु को मारते हैं। जब गर्भ में बच्चे का विकास हो रहा होता है। तब भी शुक्राणु की भूमिका होती है, एक खास समय तक। 4 महीने का समय बताया गया है, पर मैं 5 महीने कह रहा हूं, 5 महीनों के बाद खाना ठीक है।
कैंसर कोशिकाओं से मेरा मतलब है, हम सभी के शरीर में कैंसर कोशिकाएं होती हैं। लेकिन वे संगठित नहीं होती। वे हर जगह मौजूद होती हैं। अगर आप किसी वजह से अपने शरीर में कुछ खास स्थितियां पैदा करते हैं, तो वो संगठित हो जाती हैं तो छोटे-मोटे अपराध से, संगठित अपराध ये बड़ी समस्या है। है ना..
छोटे-मोटे अपराधी हर शहर में होते यहां-वहां वो रोज जेबे काटते हैं। ऐसे काम करते हैं, कोई बात नहीं। लेकिन अगर 50 ऐसे लोग कोयंबटूर शहर में संगठित हो जाए, तो अचानक पूरे शहर का माहौल बदल जाएगा; क्योंकि ये 50 लोग मिलकर ऐसी चीजें कर सकते हैं कि आपके लिए बाहर कदम रखना खतरनाक हो जाएगा।
ऐसा ही बस शरीर में भी होता है। कैंसर कोशिकाएं, अपराधी कोशिकाएं होती हैं। वे हर जगह घूमती रहती है। अगर वे अकेले घूमे तो कोई परेशानी नहीं है, अगर वे एकजुट हो जाएं, अगर वे एक जगह मिले और उनका मेल हो जाए तो परेशानी होती है। तो अगर कानून व्यवस्था अच्छी है, वो ये देखते हैं, शुरू में एक अपराधी जेबे काटकर खुश होता है।
रोज जेबे काटते-काटते, जब दो ऐसे लोग मिलते हैं तो वे घर लूटने का सपना देखते हैं। जब पांच ऐसे लोग मिलते हैं तो वो बैंक लूटने का सपना देखते हैं, ये ऐसे ही होता है। तो अगर कानून व्यवस्था संचेत और सक्रिय हैं, तो वे यहां-वहां से ऐसे लोगों को पकड़कर जेल में डालेंगे। वे कुछ ना कुछ करेंगे, ताकि ऐसे लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर, बड़ी समस्या ना पाए। तो शरीर के साथ भी ऐसा है, उनके गिरोह बनने से पहले, अगर आप उन्हें यहां-वहां तोड़ते रहे, कुछ लोग को मारते हैं।
"रोज नीम खाने से बस यही होता है, वो शरीर में कैंसर कोशिकाओं की संख्या को एक खास प्रतिशत तक रखता है"। ताकि, वो शरीर के खिलाफ गिरोह ना बना सके। इसलिए नीम खाना बहुत जरूरी है। नीम से जुड़ी सिर्फ एक चीज है, अगर आप इसे ज्यादा खा ले तो ये "स्पॉन सेल्स या शुक्राणु" को भी मारता है।
मतलब हमें कम आबादी का सौभाग्य मिलेगा। अगर दुनिया में सभी काफी नीम खाने लगे। ये शुक्राणुओं को मारता है, इसलिए इसे कम मात्रा में खाना चाहिए; क्योंकि किसी के साथ होना चाहिए यह तय करना हमारा काम नहीं है, और गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण करने के बाद 4 महीनों तक या सुरक्षित होने के लिए गर्भधारण करने के बाद 5 महीनो तक नीम नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ये शुक्राणु को मारते हैं। जब गर्भ में बच्चे का विकास हो रहा होता है। तब भी शुक्राणु की भूमिका होती है, एक खास समय तक। 4 महीने का समय बताया गया है, पर मैं 5 महीने कह रहा हूं, 5 महीनों के बाद खाना ठीक है।
नीम रखेगा आपको कैंसर से दूर
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 22, 2020
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