आप नींद में कई नकारात्मक चीजों या सकारात्मक चीजों को बढ़ा सकते हैं। ये बहुत आसान है। बस नींद की साधना, तो एक अलार्म से अचानक जागना। जीवन जीने का सबसे अच्छा तरीका नहीं है।
आप में से कितने लोग किसी दिन सुबह उठने के बाद, बेवजह बहुत बुरा महसूस करते हैं। बिल्कुल बेवजह, अगर साल में कम से कम दो-तीन बार भी ऐसा हो रहा है। अगर ऐसा है, तो आपको सोने से पहले कुछ चीजें करनी चाहिए। ये बहुत ही महत्वपूर्ण है; क्योंकि आप को समझना चाहिए, कि आप नींद में कई नकारात्मक चीजों या सकारात्मक चीजों को बढ़ा सकते हैं।
बात सिर्फ, मानसिक अशांति की नहीं है। ये समय के साथ बड़ी शारीरिक समस्या पैदा कर सकता है। ये महत्वपूर्ण है, कि आप इन चीजों को अपने जीवन से हटाए।
रात को सोने से पहले आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप मांस और वैसा भोजन करते हैं, तो उसे सोने से कम से कम तीन-चार घंटे पहले खांए। ताकि पाचन पूरा हो जाए। सोने से पहले थोड़ा पानी पी कर सोने जाएं। आप देखेंगे, कि इसी से वो ठीक हो जाएगा।
एक आसान चीज की जा सकती है। वो है, स्नान। हमेशा सोने से पहले नहाएं। इससे काफी फर्क पड़ता है। रात को गर्म पानी से मत नहाएं। सर्दियों में आप गुनगुने पानी से नहा सकते हैं, ये आपको सजग बनाता है। आप सोचेगे, कि मैं सो नहीं पाऊगा, कोई फर्क नहीं पड़ता। आप 15-20 मिनट या आधे घंटे बाद सोएंगे। मगर नींद बेहतर आएगी ; क्योंकि इससें कुछ चीजें जाएगी। जब आप नहाते हैं, तब सिर्फ त्वचा की गन्दगी नहीं हटती। क्या आपने देखा है, जब आप बहुत तनाव या चिंता में होते हैं, तब सिर्फ नहाने से ऐसा लगता है; मानो बोझ लगभग उतर गया है, क्या आपने यह नहीं देखा है। तो ये सिर्फ त्वचा की सफाई नहीं है।
पानी के शरीर पर गिरने से बहुत सी चीजें होती हैं। आपका शरीर 70% से अधिक पानी है। अगर आप उस पर पानी गिराएं, तो एक तरह का शुद्धिकरण होता है। जो त्वचा की सफाई से परे है।
एक और चीज अगर आप करना चाहे, आप बस एक जैविक तेल का दियां जला ले। रुई की बाती और कोई भी तेल। यहां आप क्या इस्तेमाल करते हैं, साधारण खाने का तेल, राइस ब्रान ऑयल या, तिल का तेल, आपके पास क्या है.. रूई की बाती के साथ कोई भी एक जैविक तेल लेकर एक छोटा सा दिया, उस कमरे में कहीं जला ले, जहां आप सोते हैं। आप देखेंगे.. कि ये चीजें बिल्कुल गायब हो जाएगी।
अगर आप कोई मंत्र जप सके या सोने से पहले रात में कोई योगाभ्यास कर सके, तो बिस्तर पर बैठ कर उसे करें। अगर आप ईशा क्रिया करना चाहते हैं, तो वो इंटरनेट पर उपलब्ध है।
आमतौर पर भारत में आपसे कहा जाता है, कि सोते समय अपना सिर उत्तर दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए, आपको पता है। अगर आप रात में उत्तर की ओर से सिर करके सोते हैं। जब आप लेटे हुए होते हैं, तो धीरे-धीरे खून आपके दिमाग की ओर बढ़ने लगता है। जब दिमाग में रक्त संचार बढ़ जाएगा, तो आप शांति से नहीं सो पाएंगे। अगर आपके दिमाग में किसी प्रकार की भीतरी कमजोरी है या आप अधिक उम्र के हैं; तो आप नींद में मर सकते हैं, हेमरेज हो सकता है; क्योंकि ज्यादा खून दिमाग में घुसने की कोशिश करता है। जहां खून की नसें बाल जैसी होती है, और चुंबकीय शक्ति को ज्यादा खून भेजती है। सीधे खड़े होते समय ऐसा नहीं होता। जैसे ही आप लेटते हैं, सिर की ओर ये खिंचाव इतना तीव्र होता है; कि खून धीरे-धीरे दिमाग की ओर जाने की कोशिश करता है, तो इससे बचने के लिए ये सिर्फ उत्तरी गोलार्द्ध के लिए।
अगर आप ऑस्ट्रेलिया जाए, तो आपको सिर दक्षिण की ओर नहीं करना चाहिए। अगर आप भारत में तो आपको सिर्फ उत्तर की ओर नहीं रखना चाहिए। आप उसे किसी और की तरफ रख सकते हैं, वो ठीक है।
इसे अपने मन में रखे, कि आप सच में नाशवान है। ठीक है.. सिर्फ शब्दों में नहीं.. सच में, आप अभी मर सकते हैं। आप युवा हो या बुढे़ कोई फर्क नहीं पड़ता। आप अभी मर सकते हैं। हां या ना.. सोने से पहले बिस्तर पर बैठकर सोचे, कि ये आपकी मृत्यु शैया हैं। आपके पास जीने के लिए सिर्फ 1 मिनट और हैं। पीछे मुड़कर देखें, कि आपने आज जो क्या, क्या वो सार्थक है। सिर्फ ये आसान अभ्यास करें, और आप नहीं जानते कि ये असल में कब होगा। आप मृत्यु शैया पर बैठे होंगे या अस्पताल में लेटे होंगे, और कई तरीके की चीजें आप से जुड़ी होंगी, किसे पता; कि वो कैसे होगा, पर रोज उसका आनंद लें, कि आप अपनी मृत्यु शैया पर बैठे हैं और पीछे मुड़ कर देखें, कि आज मैंने जो इन 24 घंटे में किया है, क्या वो सार्थक है; क्योंकि अब मैं मर रहा हूं। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप एक सार्थक जीवन जीएंगे। मेरा विश्वास कीजिए।
रोज रात को सोने से पहले आप सभी को ऐसा करना चाहिए। आखिरी तीन मिनट जो भी चीजें आप ने इकट्ठा की है, शरीर, मन की बातें, चीजें, छोटी चीजों को अनदेखा मत कीजिए, ये छोटी चीजें बड़ी चीजे है। मैंने देखा है; कि कैसे लोग अपना तकिया भी लेकर चलते हैं, क्योंकि वो बहुत महत्वपूर्ण है; तो आपका तकिया, आप की चप्पल, अगर आपके रिश्ते हैं, सब कुछ। जो आपने इकट्ठा किया है, उसे एक और रखकर सोएंये। अगर आप इस स्थिति में सोएंगे तो आप अधिक रोशनी, अधिक उर्जा और आपकी कल्पना से भी अधिक संभावनाओं के साथ जागेंगे। बस जीवन के रूप में सोएये, पुरुष या स्त्री के रूप में नहीं, उस या इस रूप में नहीं, सब कुछ नीचे रख दीजिए। बस, ये बहुत आसान है। सिर्फ नींद की साधना कम से कम आपको इतना करना चाहिए।
शारीरिक रूप से आपका एक महत्वपूर्ण पहलू है, आपका हृदय। जो आपके रक्त संचार के लिए पंपिंग स्टेशन है, जो शरीर में जीवन भरता है, ये ना हो तो कुछ नहीं होगा। ये बायीं तरफ से शुरू होता है, तो आपको पता है।
भारत में आपसे कहा जाता है, कि आप जब जागे, तो आपको दाहिनी ओर करवट लेकर उठना चाहिए। अगर आप बायीं तरफ करवट लेकर उठेंगे तो आपके साथ खराब चीजें होंगी। खराब चीजें उस तरह नहीं, जब आप आराम की स्थिति में होते हैं, जब शरीर आराम में होता है, तो मेटाबोलिक क्रिया धीमी होती है, और जब आप उठते हैं तो सक्रियता में उछाल आता है। इसलिए भारत में कहा जाता है। देखिए.. ये चीजें जीवन का हिस्सा है, जिन्हें आप छोड़ रहे हैं।
जीवन का पूरा विज्ञान जीवन का पूरा हिस्सा था। आपसे कहा गया, सुबह उठने से पहले अपनी दोनों हथेलियां आपस में रगड़ कर, हथेलियों को आंखों के सामने लाकर देखना चाहिए व हथेलियों को अपनी आंखों पर रखना चाहिए। आप ऐसा कीजिए, आप को भगवान दिखेंगे। ये भगवान देखने के बारे में नहीं है। अगर आप इन दोनों को साथ रगड़ेगे तो सभी नसों के सिरे, आपके हाथों में ढेर सारी नसों के सिरे होते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो शरीर तुरंत जाग जाता है। अगर आपको नींद आ रही है तो ऐसा करके देखिए, सब कुछ जागृत हो जाता है। सुबह शरीर को हिलाने से पहले आप उसे जगाइए। फिर हथेलियों को अपनी आंखों पर रखिए, तुरंत आपकी आंखों और आपकी इंद्रियों के दूसरे पहलुओं से जुड़ी नसे जागृत हो जाएंगी। शरीर के हिलने से पहले, शरीर और दिमाग को जागृत होना चाहिए। इसके पीछे यही मकसद है, समझे। तो आप ऐसा कीजिए, और फिर अपनी दाहिनी ओर करवट लेकर उठिए।
आज, अगर हम सब सोते हैं तो दुनिया में कल सुबह लगभग ढाई लाख लोग नहीं जागेंगे। प्राकृतिक मृत्यु के कारण। मान लीजिए, आप कल सुबह जागे, आपकी गारंटी है। क्या आप गारंटी कार्ड के साथ आए है। कोई गारंटी कार्ड नहीं तो मान लीजिए, आप जाग जाते हैं। बस इतना कीजिए, मैं बता रहा हूं। ये आध्यात्मिक प्रक्रिया का एक सरल कदम है।
कल सुबह जब आप जागे तब जांचये आप वाकई ही जगे है, या मर गए हैं। अगर आप जगे हैं तो छोटा सा जश्न तो बनता है। आप को उठकर नाचने की जरूरत नहीं है, कम से कम आप मुस्कुरा सकते हैं; कि आप अब भी जीवित है। ढाई लाख लोग मर गए, वो आपकी और मेरी तरह थे। उड़ गए, है ना.. कहीं भी देखिए, वे नहीं मिलेंगे। यहां मैं अब भी जीवित हूं, एक बड़ी मुस्कुराहट।
अगर ढाई लाख लोग तो कम से कम 30 से 50 लाख लोगों ने अपना कोई प्रिय जन खो दिया। आप उन तीन, चार, पांच लोगों को देखिए, जो आपके लिए मायने रखते हैं, वो सभी आज जिंदा है, एक और बड़ी मुस्कुराहट। देंगे या नहीं.. अगर मान लीजिए, अभी हम आपके सिर पर बंदूक रख देते हैं, क्या आप राहत महसूस करेंगे, नहीं.. आप डर जाएंगे, है ना.. तो जीवित होना इतना कीमती है, है कि नहीं.. आपका जीवित होना इतना कीमती है, तो कल सुबह ढाई लाख लोग रात में मर गए, मगर आप अब भी जीवित है। क्या इसके लिए कम से कम एक बड़ी मुस्कुराहट नहीं होनी चाहिए। सभी लोग जो आपके लिए मायने रखते हैं, वो सब आज जीवित, एक और बड़ी मुस्कुराहट।
आप में से कितने लोग किसी दिन सुबह उठने के बाद, बेवजह बहुत बुरा महसूस करते हैं। बिल्कुल बेवजह, अगर साल में कम से कम दो-तीन बार भी ऐसा हो रहा है। अगर ऐसा है, तो आपको सोने से पहले कुछ चीजें करनी चाहिए। ये बहुत ही महत्वपूर्ण है; क्योंकि आप को समझना चाहिए, कि आप नींद में कई नकारात्मक चीजों या सकारात्मक चीजों को बढ़ा सकते हैं।
आप नींद में सुखद का या अप्रियता को बहुत कुशलता से बिना रुकावट के बढ़ा सकते हैं। आप दिन में भी उन्हें बढ़ा सकता है, पर कई रुकावटें होगी। वो बहुत कुशलता से नहीं होता, पर अगर आप किसी निश्चित तरीके से सोने जाते हैं, और सुबह बहुत बुरा महसूस करते हुए उठते हैं। बिल्कुल बेवजह, तो मतलब आप रात में बहुत कुशलता से चीजों को सेहते हैं, खराब अण्डों को।
बात सिर्फ, मानसिक अशांति की नहीं है। ये समय के साथ बड़ी शारीरिक समस्या पैदा कर सकता है। ये महत्वपूर्ण है, कि आप इन चीजों को अपने जीवन से हटाए।
रात को सोने से पहले आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए। अगर आप मांस और वैसा भोजन करते हैं, तो उसे सोने से कम से कम तीन-चार घंटे पहले खांए। ताकि पाचन पूरा हो जाए। सोने से पहले थोड़ा पानी पी कर सोने जाएं। आप देखेंगे, कि इसी से वो ठीक हो जाएगा।
एक आसान चीज की जा सकती है। वो है, स्नान। हमेशा सोने से पहले नहाएं। इससे काफी फर्क पड़ता है। रात को गर्म पानी से मत नहाएं। सर्दियों में आप गुनगुने पानी से नहा सकते हैं, ये आपको सजग बनाता है। आप सोचेगे, कि मैं सो नहीं पाऊगा, कोई फर्क नहीं पड़ता। आप 15-20 मिनट या आधे घंटे बाद सोएंगे। मगर नींद बेहतर आएगी ; क्योंकि इससें कुछ चीजें जाएगी। जब आप नहाते हैं, तब सिर्फ त्वचा की गन्दगी नहीं हटती। क्या आपने देखा है, जब आप बहुत तनाव या चिंता में होते हैं, तब सिर्फ नहाने से ऐसा लगता है; मानो बोझ लगभग उतर गया है, क्या आपने यह नहीं देखा है। तो ये सिर्फ त्वचा की सफाई नहीं है।
पानी के शरीर पर गिरने से बहुत सी चीजें होती हैं। आपका शरीर 70% से अधिक पानी है। अगर आप उस पर पानी गिराएं, तो एक तरह का शुद्धिकरण होता है। जो त्वचा की सफाई से परे है।
एक और चीज अगर आप करना चाहे, आप बस एक जैविक तेल का दियां जला ले। रुई की बाती और कोई भी तेल। यहां आप क्या इस्तेमाल करते हैं, साधारण खाने का तेल, राइस ब्रान ऑयल या, तिल का तेल, आपके पास क्या है.. रूई की बाती के साथ कोई भी एक जैविक तेल लेकर एक छोटा सा दिया, उस कमरे में कहीं जला ले, जहां आप सोते हैं। आप देखेंगे.. कि ये चीजें बिल्कुल गायब हो जाएगी।
अगर आप कोई मंत्र जप सके या सोने से पहले रात में कोई योगाभ्यास कर सके, तो बिस्तर पर बैठ कर उसे करें। अगर आप ईशा क्रिया करना चाहते हैं, तो वो इंटरनेट पर उपलब्ध है।
आमतौर पर भारत में आपसे कहा जाता है, कि सोते समय अपना सिर उत्तर दिशा की ओर नहीं रखना चाहिए, आपको पता है। अगर आप रात में उत्तर की ओर से सिर करके सोते हैं। जब आप लेटे हुए होते हैं, तो धीरे-धीरे खून आपके दिमाग की ओर बढ़ने लगता है। जब दिमाग में रक्त संचार बढ़ जाएगा, तो आप शांति से नहीं सो पाएंगे। अगर आपके दिमाग में किसी प्रकार की भीतरी कमजोरी है या आप अधिक उम्र के हैं; तो आप नींद में मर सकते हैं, हेमरेज हो सकता है; क्योंकि ज्यादा खून दिमाग में घुसने की कोशिश करता है। जहां खून की नसें बाल जैसी होती है, और चुंबकीय शक्ति को ज्यादा खून भेजती है। सीधे खड़े होते समय ऐसा नहीं होता। जैसे ही आप लेटते हैं, सिर की ओर ये खिंचाव इतना तीव्र होता है; कि खून धीरे-धीरे दिमाग की ओर जाने की कोशिश करता है, तो इससे बचने के लिए ये सिर्फ उत्तरी गोलार्द्ध के लिए।
अगर आप ऑस्ट्रेलिया जाए, तो आपको सिर दक्षिण की ओर नहीं करना चाहिए। अगर आप भारत में तो आपको सिर्फ उत्तर की ओर नहीं रखना चाहिए। आप उसे किसी और की तरफ रख सकते हैं, वो ठीक है।
इसे अपने मन में रखे, कि आप सच में नाशवान है। ठीक है.. सिर्फ शब्दों में नहीं.. सच में, आप अभी मर सकते हैं। आप युवा हो या बुढे़ कोई फर्क नहीं पड़ता। आप अभी मर सकते हैं। हां या ना.. सोने से पहले बिस्तर पर बैठकर सोचे, कि ये आपकी मृत्यु शैया हैं। आपके पास जीने के लिए सिर्फ 1 मिनट और हैं। पीछे मुड़कर देखें, कि आपने आज जो क्या, क्या वो सार्थक है। सिर्फ ये आसान अभ्यास करें, और आप नहीं जानते कि ये असल में कब होगा। आप मृत्यु शैया पर बैठे होंगे या अस्पताल में लेटे होंगे, और कई तरीके की चीजें आप से जुड़ी होंगी, किसे पता; कि वो कैसे होगा, पर रोज उसका आनंद लें, कि आप अपनी मृत्यु शैया पर बैठे हैं और पीछे मुड़ कर देखें, कि आज मैंने जो इन 24 घंटे में किया है, क्या वो सार्थक है; क्योंकि अब मैं मर रहा हूं। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप एक सार्थक जीवन जीएंगे। मेरा विश्वास कीजिए।
रोज रात को सोने से पहले आप सभी को ऐसा करना चाहिए। आखिरी तीन मिनट जो भी चीजें आप ने इकट्ठा की है, शरीर, मन की बातें, चीजें, छोटी चीजों को अनदेखा मत कीजिए, ये छोटी चीजें बड़ी चीजे है। मैंने देखा है; कि कैसे लोग अपना तकिया भी लेकर चलते हैं, क्योंकि वो बहुत महत्वपूर्ण है; तो आपका तकिया, आप की चप्पल, अगर आपके रिश्ते हैं, सब कुछ। जो आपने इकट्ठा किया है, उसे एक और रखकर सोएंये। अगर आप इस स्थिति में सोएंगे तो आप अधिक रोशनी, अधिक उर्जा और आपकी कल्पना से भी अधिक संभावनाओं के साथ जागेंगे। बस जीवन के रूप में सोएये, पुरुष या स्त्री के रूप में नहीं, उस या इस रूप में नहीं, सब कुछ नीचे रख दीजिए। बस, ये बहुत आसान है। सिर्फ नींद की साधना कम से कम आपको इतना करना चाहिए।
★अच्छे से जागने के टिप्स- "अलार्म का उपयोग ना करें", तो जैसे ही आप ध्वनियों में जागते हैं। वो कई रूपों में आपकी दिन की प्रकृति और आपके जीवन का भविष्य तय करेगी। एक अलार्म से अचानक जागना, जीवन जीने का सबसे अच्छा तरीका नहीं है। अच्छा होगा, कि अगर आपकी नींद जिस तरह का भोजन आप करते हैं, और जिस तरह के विचार और भावनाएं अपने अंदर रखते हैं, और आपने अपने शरीर में जीवंता का का जो स्तर बनाए रखा है, उससे तय होगा, कि आप को कितनी नींद की जरूरत है।
मान लीजिए.. आपको 8 से 12 घंटे की नींद की जरूरत है। आपको जितनी भी नींद चाहिए, आप अपनी जरूरत जानते हैं। पर्याप्त जल्दी सोने चले जाए, ताकि आप अपने आप जल्दी जाग सके। अगर आप खुद जागते हैं, और मान लीजिए.. आपको संदेह है, कि आप जाग पाएंगे या नहीं, तो अगर आपके पास अगर कोई मंत्र है, अगर आप किसी वैराग्य मंत्र से जुड़ गए हैं, तो आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
शारीरिक रूप से आपका एक महत्वपूर्ण पहलू है, आपका हृदय। जो आपके रक्त संचार के लिए पंपिंग स्टेशन है, जो शरीर में जीवन भरता है, ये ना हो तो कुछ नहीं होगा। ये बायीं तरफ से शुरू होता है, तो आपको पता है।
भारत में आपसे कहा जाता है, कि आप जब जागे, तो आपको दाहिनी ओर करवट लेकर उठना चाहिए। अगर आप बायीं तरफ करवट लेकर उठेंगे तो आपके साथ खराब चीजें होंगी। खराब चीजें उस तरह नहीं, जब आप आराम की स्थिति में होते हैं, जब शरीर आराम में होता है, तो मेटाबोलिक क्रिया धीमी होती है, और जब आप उठते हैं तो सक्रियता में उछाल आता है। इसलिए भारत में कहा जाता है। देखिए.. ये चीजें जीवन का हिस्सा है, जिन्हें आप छोड़ रहे हैं।
जीवन का पूरा विज्ञान जीवन का पूरा हिस्सा था। आपसे कहा गया, सुबह उठने से पहले अपनी दोनों हथेलियां आपस में रगड़ कर, हथेलियों को आंखों के सामने लाकर देखना चाहिए व हथेलियों को अपनी आंखों पर रखना चाहिए। आप ऐसा कीजिए, आप को भगवान दिखेंगे। ये भगवान देखने के बारे में नहीं है। अगर आप इन दोनों को साथ रगड़ेगे तो सभी नसों के सिरे, आपके हाथों में ढेर सारी नसों के सिरे होते हैं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो शरीर तुरंत जाग जाता है। अगर आपको नींद आ रही है तो ऐसा करके देखिए, सब कुछ जागृत हो जाता है। सुबह शरीर को हिलाने से पहले आप उसे जगाइए। फिर हथेलियों को अपनी आंखों पर रखिए, तुरंत आपकी आंखों और आपकी इंद्रियों के दूसरे पहलुओं से जुड़ी नसे जागृत हो जाएंगी। शरीर के हिलने से पहले, शरीर और दिमाग को जागृत होना चाहिए। इसके पीछे यही मकसद है, समझे। तो आप ऐसा कीजिए, और फिर अपनी दाहिनी ओर करवट लेकर उठिए।
आज, अगर हम सब सोते हैं तो दुनिया में कल सुबह लगभग ढाई लाख लोग नहीं जागेंगे। प्राकृतिक मृत्यु के कारण। मान लीजिए, आप कल सुबह जागे, आपकी गारंटी है। क्या आप गारंटी कार्ड के साथ आए है। कोई गारंटी कार्ड नहीं तो मान लीजिए, आप जाग जाते हैं। बस इतना कीजिए, मैं बता रहा हूं। ये आध्यात्मिक प्रक्रिया का एक सरल कदम है।
कल सुबह जब आप जागे तब जांचये आप वाकई ही जगे है, या मर गए हैं। अगर आप जगे हैं तो छोटा सा जश्न तो बनता है। आप को उठकर नाचने की जरूरत नहीं है, कम से कम आप मुस्कुरा सकते हैं; कि आप अब भी जीवित है। ढाई लाख लोग मर गए, वो आपकी और मेरी तरह थे। उड़ गए, है ना.. कहीं भी देखिए, वे नहीं मिलेंगे। यहां मैं अब भी जीवित हूं, एक बड़ी मुस्कुराहट।
अगर ढाई लाख लोग तो कम से कम 30 से 50 लाख लोगों ने अपना कोई प्रिय जन खो दिया। आप उन तीन, चार, पांच लोगों को देखिए, जो आपके लिए मायने रखते हैं, वो सभी आज जिंदा है, एक और बड़ी मुस्कुराहट। देंगे या नहीं.. अगर मान लीजिए, अभी हम आपके सिर पर बंदूक रख देते हैं, क्या आप राहत महसूस करेंगे, नहीं.. आप डर जाएंगे, है ना.. तो जीवित होना इतना कीमती है, है कि नहीं.. आपका जीवित होना इतना कीमती है, तो कल सुबह ढाई लाख लोग रात में मर गए, मगर आप अब भी जीवित है। क्या इसके लिए कम से कम एक बड़ी मुस्कुराहट नहीं होनी चाहिए। सभी लोग जो आपके लिए मायने रखते हैं, वो सब आज जीवित, एक और बड़ी मुस्कुराहट।
गहरी और अच्छी नींद के लिए 10 अनमोल टिप्स
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 22, 2020
Rating:
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 22, 2020
Rating:
No comments: