★तीन चीजें जो हर भारतीय को करनी चाहिए: आजादी के 73 साल हो चुके हैं। इस महान सभ्यता ने कई हमलो और कब्जों की टीज़ झेली है।
बहुत सारे संघर्ष और बलिदान के बाद 73 साल पहले हमें आजादी मिली। इन 73 सालों में कई महत्वपूर्ण चीजें की गई है। लेकिन अभी भी हमारे देश में ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें ठीक किए जाने की जरूरत है। हमारी स्पेस रिसर्च संस्थानों ने जबरदस्त काम किए है, हमारी व्यापारिक संस्थानों ने अनूठे काम किए हैं, हमारी शिक्षा संस्थानों का विकास हुआ है, बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। भारत के लोगों ने विश्व के हर कोने में जाकर बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं और जीवन के अलग-अलग आयामों में सफलता प्राप्त की है।
मगर साथ ही कुछ चीजें जो वाकई इस देश को अंदर से खाई जा रही हैं। उनमें इस देश के हर नागरिक को दिलचस्पी लेनी चाहिए और जिस भी रूप में वो कर सकें, इसे हल करने में उन्हें योगदान देना चाहिए।
तीन सबसे महत्वपूर्ण चीजें जीने आने वाले दशक में हमें हल करने की जरूरत हैै।
पहला है: जाति और वर्ग का भेद। जो इस देश को खोखला कर रहा है। हमें इसे सुलझाना ही होगा। हमारी पहचान को जाति, वर्ग, समुदाय से ऊपर उठकर एक पहचान बनना होगा। घर पर चाहे, हम जो भी करें। मगर हमारी पहचान हमारी राष्ट्रीयता से होनी चाहिए। ये हमारे लिए एक सफल राष्ट्र के तौर पर आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है।
जब, मैं सफल राष्ट्र कहता हूं तो मैं उन आधे अरब लोगों की बात करता हूं, जो युवा है। हम दुनिया के सबसे युवा देश हैं। अगर इस युवा वर्ग को अपने लिए एक जीवन तलाशना है, देश में कोई अंतर लाना है और दुनिया की खुशहाली में एक उल्लेखनीय योगदान करना है तो सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं, कि हम अपने मतों, जातियों और वर्गों, जैसी छोटी-छोटी पहचानों से परे, एक राष्ट्र के रूप में आपस में खुद को बांध ले।
आज दुनिया में हर कोई भारत को दुनिया के सफल भविष्य के रूप में देख रहा है। आने वाले 20 सालों में भारत दुनिया की सबसे बड़ी सफलताओ में से एक होगा। लेकिन हमें इसे सम्भव करना होगा। यह कोई भविष्यवाणी नहीं है। ये हमारा प्लान होना चाहिए।
अगले चीज यह है: कि आतंकवाद और बाहरी हमलों के खतरे। जिसके बारे में, मैं सरकार और एजेंसियों और लोगों से सतर्क रहने का अनुरोध करता हूं। ताकि हम फिर एक बार फिर अपने देश में ऐसी चीजें ना होने दें। हमें उन अत्याचारों को नहीं भूलना चाहिए। जो पिछले हजारों सालों में हमारे साथ हुए हैं, खास तौर पर पिछले 250 सालों में, ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम उसे ना भूले है। मगर ये भी बहुत महत्वपूर्ण है कि अतीत में हमारे साथ जो कुछ हुआ है, उसके लिए हम नाराजगी से भरे ना रहे। ये बहुत अहम है कि एक संस्कृति ने जो कष्ट झेला है, उसका अनुभव हमारे जीवन में समझदारी के रूप में रूपांतरित हो, जख्मों के रूप में नहीं।
अगर कोई चीज दर्द देती है, तो या तो हम समझदार बन सकते हैं या जख्मी हो सकते हैं। हमें समझदार बनना चाहिए। और ये पक्का करना होगा कि ये अनुभव हमें एक ऐसा देश और विश्व बनाने के लिए तैयार करते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के रहने के लायक होगा।
इस स्वतंत्रता दिवस में चाहता हूं कि आप सभी हर भारतीय नागरिक, हम सभी ये जिम्मा ले। जो ये 3 बुराइयां इस देश को खोखला बना रही है, हम जिस रूप में कर सकें इन्हें सुलझाएंगे और एक दूसरे के खिलाफ काम नहीं करेंगे। एक दूसरों के खिलाफ नहीं बोलेंगे। बल्कि, देश के लिए बोलेंगे, देश के लिए काम करेंगे और इसे संभव कर दिखाएंगे; क्योंकि अब भी करीब 40 करोड लोगों ने ठीक से खाना नहीं खाया है। वो कुपोषित है, हमें इसे ठीक करना होगा। अगर ऐसा होना है तो एकता और राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक सामूहिक प्रयास करना होगा।
मैं आप में से हर एक से विनती करता हूं कि इस 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर, हमें खुद को ये सुनिश्चित करने के लिए खुद को प्रतिबंद्ध करना होगा कि जिन बदनसीब लोगों को इस देश में मूलभूत पोषण भी नहीं मिल रहा है, उनके लिए हमें अगले 5 से 10 सालों में ये स्थिति बदलनी ही होगी।
बहुत सारे संघर्ष और बलिदान के बाद 73 साल पहले हमें आजादी मिली। इन 73 सालों में कई महत्वपूर्ण चीजें की गई है। लेकिन अभी भी हमारे देश में ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें ठीक किए जाने की जरूरत है। हमारी स्पेस रिसर्च संस्थानों ने जबरदस्त काम किए है, हमारी व्यापारिक संस्थानों ने अनूठे काम किए हैं, हमारी शिक्षा संस्थानों का विकास हुआ है, बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। भारत के लोगों ने विश्व के हर कोने में जाकर बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं और जीवन के अलग-अलग आयामों में सफलता प्राप्त की है।
मगर साथ ही कुछ चीजें जो वाकई इस देश को अंदर से खाई जा रही हैं। उनमें इस देश के हर नागरिक को दिलचस्पी लेनी चाहिए और जिस भी रूप में वो कर सकें, इसे हल करने में उन्हें योगदान देना चाहिए।
तीन सबसे महत्वपूर्ण चीजें जीने आने वाले दशक में हमें हल करने की जरूरत हैै।
पहला है: जाति और वर्ग का भेद। जो इस देश को खोखला कर रहा है। हमें इसे सुलझाना ही होगा। हमारी पहचान को जाति, वर्ग, समुदाय से ऊपर उठकर एक पहचान बनना होगा। घर पर चाहे, हम जो भी करें। मगर हमारी पहचान हमारी राष्ट्रीयता से होनी चाहिए। ये हमारे लिए एक सफल राष्ट्र के तौर पर आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है।
जब, मैं सफल राष्ट्र कहता हूं तो मैं उन आधे अरब लोगों की बात करता हूं, जो युवा है। हम दुनिया के सबसे युवा देश हैं। अगर इस युवा वर्ग को अपने लिए एक जीवन तलाशना है, देश में कोई अंतर लाना है और दुनिया की खुशहाली में एक उल्लेखनीय योगदान करना है तो सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं, कि हम अपने मतों, जातियों और वर्गों, जैसी छोटी-छोटी पहचानों से परे, एक राष्ट्र के रूप में आपस में खुद को बांध ले।
अगर ये एक चीज हम करें और अपने युवा वर्ग को उत्साह और फोकस की स्थिति में ले आए, तो हम इस देश में चमत्कार कर सकते हैं। आबादी के आंकड़ों के हिसाब से अभी हम फायदे की स्थिति में है, और ये स्थिति ज्यादा से ज्यादा अगले से 10 से 20 सालों तक बनी रहेगी। अगर इन 10 से 20 सालों से हम अगर एक देश के रूप में एकजुट होकर दिखाएं।
एक दूसरे के खिलाफ काम करना छोड़ कर, एक दूसरे के खिलाफ बोलना छोड़ कर, एक दूसरे से लड़ना छोड़कर। अगर ये सारी आबादी एकजुट होकर, एक देश के रूप में साथ आ जाए तो हम एक जादुई देश बन जाएंगे। हमारे पास क्षमता है, हमारे पास बुद्धि है और हमारे पास सार्मथ्य हैं और पूरा विश्व हमसे कई तरीकों से उम्मीद कर रहा है; कि हम उन्हें रास्ता दिखाएं।
आज दुनिया में हर कोई भारत को दुनिया के सफल भविष्य के रूप में देख रहा है। आने वाले 20 सालों में भारत दुनिया की सबसे बड़ी सफलताओ में से एक होगा। लेकिन हमें इसे सम्भव करना होगा। यह कोई भविष्यवाणी नहीं है। ये हमारा प्लान होना चाहिए।
दूसरी चीज यह है कि: भ्रष्टाचार ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था के ढांचे को खोखला कर दिया है। इस संबंध में बहुत सारी चीजें की जा रही है। एक महत्वपूर्ण चीज ये है कि हमें लेन-देन के सभी पहलुओं में टेक्नोलॉजी को लाना होगा। हर तरह के लेनदेन में, चाहे वो जन्म प्रमाण-पत्र हो, मृत्यु प्रमाण-पत्र हो, बैंक के काम हो या कुछ और हो।
इन सब में अगर तकनीक का इस्तेमाल होने लगे तो भ्रष्टाचार के लिए कोई भी जगह नहीं बचेगी। इस दिशा में कोशिश की जा रही है। लोगों को उस में सहयोग करना चाहिए, और हमें सरकार से आगे जाकर इसे सम्भव करना चाहिए; क्योंकि ये हमारे हित में हैं, क्योंकि भ्रष्टाचार का संबंध सिर्फ पैसे से नहीं है। ये एक देश में रहने की मूलभूत मानवीय गरिमा को खत्म कर देता है।
अगले चीज यह है: कि आतंकवाद और बाहरी हमलों के खतरे। जिसके बारे में, मैं सरकार और एजेंसियों और लोगों से सतर्क रहने का अनुरोध करता हूं। ताकि हम फिर एक बार फिर अपने देश में ऐसी चीजें ना होने दें। हमें उन अत्याचारों को नहीं भूलना चाहिए। जो पिछले हजारों सालों में हमारे साथ हुए हैं, खास तौर पर पिछले 250 सालों में, ये बहुत महत्वपूर्ण है कि हम उसे ना भूले है। मगर ये भी बहुत महत्वपूर्ण है कि अतीत में हमारे साथ जो कुछ हुआ है, उसके लिए हम नाराजगी से भरे ना रहे। ये बहुत अहम है कि एक संस्कृति ने जो कष्ट झेला है, उसका अनुभव हमारे जीवन में समझदारी के रूप में रूपांतरित हो, जख्मों के रूप में नहीं।
अगर कोई चीज दर्द देती है, तो या तो हम समझदार बन सकते हैं या जख्मी हो सकते हैं। हमें समझदार बनना चाहिए। और ये पक्का करना होगा कि ये अनुभव हमें एक ऐसा देश और विश्व बनाने के लिए तैयार करते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के रहने के लायक होगा।
इस स्वतंत्रता दिवस में चाहता हूं कि आप सभी हर भारतीय नागरिक, हम सभी ये जिम्मा ले। जो ये 3 बुराइयां इस देश को खोखला बना रही है, हम जिस रूप में कर सकें इन्हें सुलझाएंगे और एक दूसरे के खिलाफ काम नहीं करेंगे। एक दूसरों के खिलाफ नहीं बोलेंगे। बल्कि, देश के लिए बोलेंगे, देश के लिए काम करेंगे और इसे संभव कर दिखाएंगे; क्योंकि अब भी करीब 40 करोड लोगों ने ठीक से खाना नहीं खाया है। वो कुपोषित है, हमें इसे ठीक करना होगा। अगर ऐसा होना है तो एकता और राष्ट्र-निर्माण की दिशा में एक सामूहिक प्रयास करना होगा।
मैं आप में से हर एक से विनती करता हूं कि इस 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर, हमें खुद को ये सुनिश्चित करने के लिए खुद को प्रतिबंद्ध करना होगा कि जिन बदनसीब लोगों को इस देश में मूलभूत पोषण भी नहीं मिल रहा है, उनके लिए हमें अगले 5 से 10 सालों में ये स्थिति बदलनी ही होगी।
ये तीन काम हर भारतीय को करने चाहिए
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 21, 2020
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