* सोते समय सिर किस दिशा में होना चाहिए: पृथ्वी का एक उत्तरी ध्रुव है और एक दक्षिणी ध्रुव है यानी कि यह चुंबकीय केंद्र है। और आप यह भी जानते हैं कि धरती के पूरे भू-खंड़ और पूरे महाद्वीप धीरे-धीरे उत्तर की ओर खिसक रहे हैं, वो चल रहे हैं। भूमि ज्ञान से आप कम से कम यह तो जानते ही हैं, कि सारे भू-खंड खिसक रहे है। हिमालय की पर्वत श्रेणियां कैसे बनी। हिमालय पर्वत, मानसरोवर, आपको मानसरोवर में समुद्र की सीपीया मिलेंगी; क्योंकि किसी वक्त वह समुंद्र के लेवल पर थी। आज ये 15600 फुट की ऊंचाई पर है तो ये झील वहां कैसे पहुंचे।
एक समय में ये समुंद्र के लेवल पर थी और आज वहां पहुंच गई; क्योंकि असल में पूरा भारतीय उपमहाद्वीप सेंट्रल एशियन प्लेट से टकरा रहा है और इसी वजह से हिमालय के पहाड़ अब भी ऊंचे होते जा रहे हैं। यह बस उठते जा रहे हैं, एक टकराव के कारण। आपने कारों का ढे़र लगना देखा है, बस वैसे ही। भारत भी टकरा रहा है। भारत हर साल लगभग 1.23 सेंटीमीटर छोटा हो रहा है, मुझे बिल्कुल सही आंकड़ा नहीं पता। लेकिन यह लगभग उसी रेंज में है। हर साल भारत 1.23 सेंटीमीटर का इलाका खो रहा है; क्योंकि यह हिमालय क्षृंखला से टकरा रहा है और वहां पर ढे़र लग रहा है। जो कि उत्तरी ध्रुव का चुंबकीय आकर्षण धीरे-धीरे सारे भू-खंडों को ऊपर खींच रहा है। तो इतना विशाल चुंबकीय आकर्षण जिससे महाद्वीप ऊपर खिसक रहे हैं, उस तरह का चुंबकीय खिंचाव लगातार पूरे ग्लोब में कायम है।
मान लीजिए, आपको थोड़ा-सा एनीमिया है। अगर आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो वो आपके लिए क्या प्रेसक्राइब करेंगे, 'आयरन'। तो इसका मतलब आयरन आपके खून का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तो अगर आपका शरीर में आयरन तैर रहा है और मैं आपके सिर पर एक शक्तिशाली चुंबक लगा दूं तो हो सकता है, कि धीरे-धीरे खून उस दिशा में जाने लगे। मान लीजिए कि चुंबक बहुत ही शक्तिशाली है तो यह खून को धीरे-धीरे ऊपर खींचने लगेगा; क्योंकि खून में आयरन मौजूद है।
आपके शरीर की संरचना ऐसी है कि आपका दिल जो सरकुलेशन सिस्टम का पंपिंग स्टेशन है। वो 3/4 ऊपर की ओर है ना कि बीचो-बीच; क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की उलटी दिशा में पंप करना बहुत ही मुश्किल है और गुरुत्वाकर्षण की दिशा में पंप करना आसान है। आमतौर पर जो भी खून की नसें नीचे की ओर जा रही हैं, वो मोटी है और जो नसें ऊपर की ओर आ रही है, वो काफी पतली है। सिर तक पहुंचते-पहुंचते वह लगभग बाल की तरह पतली हो जाती है। इतनी बारीक कि आपके मस्तिष्क का सरकुलेशन सिस्टम ऐसा है कि अगर उसमें एक भी बूंद खून की ज्यादा चली गई तो ब्रेन हेमरेज हो जाएगा। लोगों को स्ट्रोक हो जाता है।
तो जब आप खडे़ रहते हैं और जब आप लेटे हुए होते हैं, तो पहले सिस्टम में थोड़ा-सा संतुलन है; क्योंकि दिल गुरुत्वाकर्षण के प्रतिरोध को ध्यान में रखकर पंप कर रहा था। अब अचानक गुरुत्वाकर्षण का प्रतिरोध नहीं रहा, आप लेट गए और अब आप अपना सर उत्तर की ओर कर लेते हैं। धीरे-धीरे खून आपके मस्तिष्क की ओर खींचता है तो एक चीज जो आपके साथ हो सकती है, वो ये कि आपको अच्छी नींद ना आए। अगर आप अपना सर उत्तर की तरफ रख कर सोते हैं, तो आपकी नींद खराब हो सकती है। हर किस्म के सपने आ सकते हैं। अगर आपकी उम्र ज्यादा है तो हो सकता है कि आपको स्ट्रोक हो जाए या आप नींद में मर सकते हैं। ऐसा बिल्कुल संभव है। ऐसा नहीं है कि आप एकदम सोए और आप मर जाएंगे।
हर रोज, दिन-प्रतिदिन आपका बिस्तर उसी तरह लगा हुआ है कि आप अपना सिर उत्तर की और रखते हैं तो आप मुसीबत को बुलावा दे रहे हैं। किसी ना किसी तरह की समस्या, हम नहीं जानते कि किस तरह की समस्या। वो आपके सिस्टम की मजबूती पर निर्भर रखता है। अगर वो बहुत कमजोर है तो आप मर सकते हैं या आपको स्ट्रोक आ सकता है या फिर आपकी नींद अशांत हो सकती हैं या आपको बुरे सपने आ सकते हैं या आप दिन के दौरान अजीब हरकतें करेंगे।
तो तमाम चीजें होंगी; क्योंकि मस्तिष्क में अधिक सरकुलेशन हो रहा है। जब इसे नहीं होना चाहिए। सिर्फ इसलिए, क्योंकि सोते समय आपने अपना उत्तर की ओर रखा था। तो यदि आप दक्षिणी अमेरिका जाते हैं तो आपको अपना सर दक्षिण की ओर नहीं करना चाहिए। अगर आप ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो आपको अपना सिर दक्षिण की ओर नहीं करना चाहिए, वहां पर आप अपना सिर उत्तर की दिशा में रख सकते हैं। उत्तरी गोलार्ध में आप अपना सिर उत्तर की ओर मत कीजिए। सोते समय अपना सिर पूर्व की और रखना सबसे अच्छा है और उत्तर-पूरब भी ठीक है, पश्चिम भी सही है, दक्षिण कोई और चारा ना हो तो, उत्तर में तो बिल्कुल भी नहीं।
सोते समय हमारा सिर किस दिशा में होना चाहिए
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 27, 2020
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Talking non sense. Iron is not present as a metal in our bodies but as a mineral. Mineral does not get attracted to magnetism.
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