श्री राम का जीवन मैनेजमेंट की मिसाल है

ऐसे बहुत कम लोग हैं। जो किसी भी परिस्थिति में वैसे ही रहेंगे, जैसे वो हैं।

       मैं किसी और शहर में था। जिसका नाम भी "मं" से शुरू होता है। मैं आंध्र प्रदेश के "मंगलौर" शहर की बात कर रहा था। स्कूल स्टूडेंट के एक बड़े समूह से फिर मैंने कहा कोई सवाल हो तो पूछिए एक 14 साल की लड़की ने खड़े होकर पूछा कि "कहते हैं कि राम अयोध्या से श्रीलंका तक पैदल गए थे, क्या ये प्रैक्टिकल है। कि कोई अयोध्या से श्रीलंका तक पैदल चलकर जाए या यह सिर्फ एक कहानी है"।

        मैंने उसे देखकर कहा देखो, तुम अभी छोटी बच्ची हो। कुछ सालों बाद तुम्हें एक पति खोज लोगी। जब तुम्हें पति मिलेगा, क्या तुम ऐसा पति चाहोगी जो कि मान लो, कि अगर तुमको कहीं खो गई कि वह अंतिम छोर तक तुम्हें ढूढंने जाएगा या ऐसा सोचे कि ये प्रैक्टिकल नहीं है, और अपने पड़ोस में ही कोई प्रैक्टिकल सॉल्यूशन ढूंढ ले।

       तुम कैसा ऐसा पति चाहिए? एक छोटी सी बच्ची भी जानती कि उसे कैसा पति चाहिए। मैं यह प्रश्न इसलिए बीच में ला रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि आप ये बात ध्यान से सुने। वरना, भक्तगण आधी बात सुनकर उबलने लगेंगे। राम का जीवन एक डिसएस्टर है। दुर्घटनाओं का एक निरंतर सिलसिला, उनका जन्म एक राजकुमार के रूप में हुआ। भावी राजा के रूप में राज्य अभिषेक हुआ।

       फिर तभी उनकी शादी अपनी युवा पत्नी से हुई। लेकिन कुछ राजनीतिक कारणों से वो जंगल पहुंच जाते हैं। जंगल में रहना शायद आपके कुछ टीवी सीरियल, इसे बड़े रोमांटिक जीवन जैसा दिखाते हो। जंगल में रहना कोई रोमांटिक अनुभव अनुभव नहीं है, मेरा यकीन कीजिए। मैं खुद कई हफ्तों तक जंगल में रहा हूं। जंगल में जो मिला उसी से पेट भर कर 3-4 हफ्तों बाद, जब मैं वापस शहर पहुंचा तो लोग मुझे पहचान नहीं पाए, ऐसे होता है, जंगल का जीवन।

       एक युवा पत्नी वो आदिवासी महिला नहीं है, एक राजकुमारी है। उनके साथ जंगल में रहना, कोई रोमांच भरा जीवन नहीं। बल्कि, बहुत बड़ा कठिन होगा। यह जानते हुए कि यह कितना कठिन जीवन है। ये जानते हुए कि ये कितना कठिन होगा, उनका छोटा भाई दोनों की मदद के लिए उनके साथ चल देता है; क्योंकि उसे पता है, कि युवा स्त्री के साथ उन्हें जंगल में कितनी दिक्कत होने वाली है।

       फिर जैसे उतना ही काफी नहीं था। उनकी पत्नी का अपहरण हो जाता है। श्रीलंका.. और चूंकि वो अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं, वो उदासी की हालत में ही पैदल पूरा सफर तय करते हैं। सफर आसान नहीं था, और उन्हें यह भी नहीं पता था कि उनकी पत्नी जिंदा है या मर चुकी है, या किस दशा में है। वो पैदल ही पूरा सफर तय करते हैं। तमिल लोगों की एक फौज तैयार करते हैं। समुंद्र पार करते हैं, एक सुंदर शहर को जला देते हैं, बहुत सारे लोगों को मार डाल देते हैं, अपनी पत्नी को वापस लेकर घर लौटते हैं।

       अब उनकी पत्नी गर्भवती। सोनोग्राम तो होता नहीं था, तो वो ये नहीं जानता थे कि लड़का है या लड़की या लड़के या लड़कियां, या क्या है। एक राजा के लिए यह बहुत जरूरी है। एक राजा के लिए बेटे का होना बहुत जरूरी होता था; क्योंकि उन्हें एक उत्तराधिकारी की जरूरत होती थी।

        मगर एक बार फिर राजनीतिक कारणों से वो अपनी गर्भवती पत्नी को जंगल भेज देते हैं। वो वहां जाकर दो बेटों को जन्म देती है, राम को यह पता नहीं चलता। फिर वो अपने ही बेटों के साथ युद्ध लड़ते हैं। किसी के भी जीवन में सबसे बड़ी दुर्घटना ये हो सकती है कि जाने या अनजाने में वो अपने ही बच्चों की ही जान ले ले। ये आपके साथ होने वाली सबसे बुरी घटना होगी। उनके साथ लगभग ऐसा हो ही गया था। उन्होंने अपने बच्चों को लगभग मार ही डाला था। किसी तरह भाग्य से या परिस्थिति के कारण, वो उन्हें मार नहीं पाए और उन्होंने उन्हें मारने की पूरी कोशिश की थी। बिना जाने की वो कौन है।

        उसके बाद सीता कभी भी उन्हें दोबारा देखे बिना प्राण त्याग देती है। क्या आप इसे सफल जीवन कहेंगे। नहीं.. लेकिन हम उनकी पूजा करते हैं। आप ऐसे असफल इंसान की पूजा क्यों करते हैं? क्योंकि, चाहे जो भी दुर्घटना हुई हो, उस इंसान ने कभी गुस्सा नहीं किया, कभी नफरत नहीं की, उन्होंने कभी अपना संयम नहीं खोया, उन्होंने अपना संतुलन 100% बनाए रखा। उन्होंने अपने जीवन के सिद्धांतों और मूल्यों का त्याग कभी नहीं किया। 

   उनके जीवन में मुसीबतें बराबर आती रही। लेकिन वो हमेशा स्थिर और परिस्थितियों से अछूते बने रहे। इन्हीं गुणों के कारण हम उनके आगे सिर झुकाते हैं। हम उनके आगे इसलिए सिर नहीं झुकाते, क्योंकि वो बहुत सफल थे। वो पूरी तरह से असफल रहे। लेकिन वो अपने भीतर आप चाहे कुछ भी कर ले, आप उनकी भीतरी प्रकृति को बदल नहीं सकते। उनके जीवन में जो हुआ, उसमें से अगर कोई एक भी घटना किसी के भी जीवन में हो जाए तो अधिकतर लोग टूट जाएंगे। है कि नहीं.. इनमें से सिर्फ एक दुर्घटना किसी के जीवन में हो जाए तो वो दिमागी संतुलन खो बैठेगा।

       दुर्घटना के बाद दुर्घटना, लेकिन पूरा संतुलन। हम उसी गुण के सामने सिर झुका रहे हैं; क्योंकि ये ही ईनर मैनेजमेंट है। अगर आप दुनिया के बाहर जाकर कुछ करना चाहते हैं तो दुनिया आप के ऊपर क्या फेंकेगी, इसका आप पर कोई कंट्रोल नहीं होता। लेकिन आप उससे क्या बनाते हैं, वो 100% आपका है। आप किसी भी परिस्थिति में पैर रखने से, इस दुनिया में किसी भी हालात का सामना करने से आप नहीं कतराएंगे; क्योंकि आपके भीतर आनंद की केमिस्ट्री है।

       राम एक शांतिमय केमिस्ट्री में हैं। चाहे, आप उनके ऊपर कितनी भी तकलीफे फेंके। उसी तरह अगर आपके पास आनंद की केमिस्ट्री है, चाहे कोई आपके ऊपर कितने भी गन्दगी फेंके, आप आनंद में ही रहेंगे।
श्री राम का जीवन मैनेजमेंट की मिसाल है श्री राम का जीवन मैनेजमेंट की मिसाल है Reviewed by Tarun Baveja on July 22, 2020 Rating: 5

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