★पानी पीने का सही तरीका क्या है- अमेरिका में, हर कोई गिलास को 3/4 आईस क्यूब से भर कर पीता है। अब मैं जो कहूंगा, वो लोगों को पसंद नहीं आएगा।
जब यौगिक संस्कृति में, अगर आप एक योगी हैं। अगर आप, आंतरिक रूपांतरण के मार्ग पर हैं। आप अपने सिस्टम को संम्भावने के एक दूसरे आयाम में रूपांतरित करना चाहते हैं। फिर आप सिर्फ 4 डिग्री अधिक या कम तापमान वाला पानी पीते हैं। यानी आपके शरीर का सामान्य तापमान करीब 36 डिग्री सेंटीग्रेड होता है तो आप 40 या 32 तक के तापमान का पानी पी सकते हैं। ये पानी पीने का बेहतरीन तरीका है।
यह कहना अलोकप्रिय हैं। मगर ये महत्वपूर्ण है, आप जो भी पिए, वो कहीं ना कहीं शरीर के तापमान की रेंज में हो। उससे अधिक अलग नहीं; क्योंकि शरीर के तापमान से बहुत अधिक अलग पानी या किसी अन्य पदार्थ का सेवन करने से, शरीर के अंदर पानी के बर्ताव में बहुत गड़बड़ी आ जाती है।
मैं जानता हूं, कि आइसक्रीम पसंद करने वाले लोग और अब मुझ पर चिल्लाएगें। मैं सिर्फ आपको आदर्श स्थितियां बता रहा हूं। आप में से कितने लोग आदर्श रेंज में या उसके प्रति चेतन रहना चाहते हैं। जहां भी संभव हो, वहां उसमें रहना एक बहुत अच्छी बात है।
मगर मस्तिष्क में सोडियम का स्तर गिरने से मस्तिष्क में सूजन हो जाएगी। इसका यह अर्थ नहीं है, कि आपका मस्तिष्क बढ़ रहा है। "सूजन एक तरह की बीमारी है"। ठीक है.. मस्तिष्क का विस्तार नहीं। सोडियम तत्व की कमी के कारण उसमें सूजन आ जाती है, तो सोडियम की कमी के कारण मस्तिष्क में अधिक पानी चला जाता है। जो संतुलन रखने के लिए जरूरी सोडियम की आपूर्ति करने की कोशिश करता है। आपके मस्तिष्क में अधिक पानी का मतलब है, कि आप अव्यवस्थित हो जाएगें। मनोवैज्ञानिक असंतुलन आ जाएगा।
लेकिन मान लीजिए.. अगर आप यदि 2 लीटर पानी पीते हैं, तो वो सारा शरीर में नहीं जाने वाला जितना जरूरत होगी ले लेगा, बाकी बाहर फेंक देगा। किसी को सिर्फ इसलिए पानी पीने की जरूरत नहीं है; क्योंकि आपको लगता है कि ऐसा करना अच्छी चीज है। जब आपको प्यास लगे तो आपको पानी पीना चाहिए। ये पक्का करने के लिए आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं। आप उसे 10% अधिक पीजिए। जितने कि आपको जरूरत है, 1-2 कप ज्यादा। सिर्फ ये पक्का करने के लिए कि आप कम नहीं पी रहे हैं।
साथ ही जब आपको पानी की जरूरत है। जब आपको प्यास लगी है। अगर आप नहीं पीते तो ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा। जब जरूरत पड़ने पर पानी शरीर में नहीं पहुंचता, तो दिल को भारी नुकसान होता है। लेकिन, जब मैं पानी कहता हूं, तो ये सिर्फ द्रव के रूप में पानी पीना नहीं है। आपको अधिक पानी वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। अगर आप एक फल खाते हैं, तो उसमें लगभग 90% पानी होता है। सब्जियों और बाकी चीजों में लगभग 70% पानी होता है। जब आप भोजन करें तो उसे कम से कम आप के शरीर में जल तत्व के प्रतिशत के बराबर होना चाहिए, तो आप जो भी खाएं उसमें कम से कम 70% जल तत्व होना चाहिए। इसलिए सब्जियों और फलों को आपके आहार का हिस्सा होना चाहिए, ताकि वो मौजूद रहे।
जब यौगिक संस्कृति में, अगर आप एक योगी हैं। अगर आप, आंतरिक रूपांतरण के मार्ग पर हैं। आप अपने सिस्टम को संम्भावने के एक दूसरे आयाम में रूपांतरित करना चाहते हैं। फिर आप सिर्फ 4 डिग्री अधिक या कम तापमान वाला पानी पीते हैं। यानी आपके शरीर का सामान्य तापमान करीब 36 डिग्री सेंटीग्रेड होता है तो आप 40 या 32 तक के तापमान का पानी पी सकते हैं। ये पानी पीने का बेहतरीन तरीका है।
अगर आप एक विद्यार्थी हैं, यानी आप ज्ञान को ग्रहण करना चाहते हैं, आप रूपांतरण की खोज में नहीं है, आपको सिर्फ ज्ञान ग्रहण करने में दिलचस्पी है, फिर आपको 8 डिग्री के अंतर के साथ पानी पीना चाहिए, यानी आप 44 डिग्री और 28 डिग्री तक पानी को पी सकते हैं। अगर आप एक ग्रहस्त हैं, किसी रूपांतरण या ज्ञान में दिलचस्पी नहीं है, और सिर्फ अपनी पत्नी और बच्चों और पति को संभालना चाहते हैं तो सिर्फ यही आपका काम है, फिर आप दोनों ओर 12 डिग्री के अंतर के साथ पानी पी सकते हैं, उसके आगे किसी के लिए भी अनुकूल नहीं माना जाता।
यह कहना अलोकप्रिय हैं। मगर ये महत्वपूर्ण है, आप जो भी पिए, वो कहीं ना कहीं शरीर के तापमान की रेंज में हो। उससे अधिक अलग नहीं; क्योंकि शरीर के तापमान से बहुत अधिक अलग पानी या किसी अन्य पदार्थ का सेवन करने से, शरीर के अंदर पानी के बर्ताव में बहुत गड़बड़ी आ जाती है।
मैं जानता हूं, कि आइसक्रीम पसंद करने वाले लोग और अब मुझ पर चिल्लाएगें। मैं सिर्फ आपको आदर्श स्थितियां बता रहा हूं। आप में से कितने लोग आदर्श रेंज में या उसके प्रति चेतन रहना चाहते हैं। जहां भी संभव हो, वहां उसमें रहना एक बहुत अच्छी बात है।
★पानी कैसे, कितना और कब पीना चाहिए- अगर आपको प्यास नहीं लगती। अगर आप पानी नहीं पीते तो कुछ नहीं होगा, आप ठीक रहेंगे। सिर्फ अमेरिका में अगर आप पानी नहीं पिएंगे तो आप मर जाएंगे। कहीं और लोग ऐसे ही पानी नहीं पीते। जब उन्हें प्यास लगती है तो वो पानी पीते हैं। वरना वो रेगिस्तान में भी ठीक रहते हैं। सिर्फ अमेरिका में ठंडे मौसम में हर कोई बोतल लेकर चलता है, और लगातार घूंट बढ़ता रहता है; क्योंकि मार्केटिंग मशीनों ने उन्हें ये यकीन दिला दिया है, कि उन्हें ढेर सारा पानी पीना चाहिए। पानी का अत्याधिक सेवन, खासकर अगर उसे छोटे घुटों में पिया जाए तो शरीर उसे सोख लेता है। जब वो सोखता है तो सोडियम का स्तर जिसका संतुलन बहुत ही नाजुक होता है, वो कम हो जाएगा। इसका असर बाकी शरीर पर भी पड़ता है। वो दिखे ये जरूर नहीं है।
मगर मस्तिष्क में सोडियम का स्तर गिरने से मस्तिष्क में सूजन हो जाएगी। इसका यह अर्थ नहीं है, कि आपका मस्तिष्क बढ़ रहा है। "सूजन एक तरह की बीमारी है"। ठीक है.. मस्तिष्क का विस्तार नहीं। सोडियम तत्व की कमी के कारण उसमें सूजन आ जाती है, तो सोडियम की कमी के कारण मस्तिष्क में अधिक पानी चला जाता है। जो संतुलन रखने के लिए जरूरी सोडियम की आपूर्ति करने की कोशिश करता है। आपके मस्तिष्क में अधिक पानी का मतलब है, कि आप अव्यवस्थित हो जाएगें। मनोवैज्ञानिक असंतुलन आ जाएगा।
देखिए.. अगर आप एक बार में ढेर सारा पानी पीते हैं, तो शरीर तय कर लेगा; कि कितना सोखना है, कितना बाहर फेकंना है। लेकिन अगर आप दिन भर में घूंट भरते रहेंगे तो शरीर एक प्रकार से भ्रमित हो जाता है और जरूरत से अधिक पानी सोख लेता है।
लेकिन मान लीजिए.. अगर आप यदि 2 लीटर पानी पीते हैं, तो वो सारा शरीर में नहीं जाने वाला जितना जरूरत होगी ले लेगा, बाकी बाहर फेंक देगा। किसी को सिर्फ इसलिए पानी पीने की जरूरत नहीं है; क्योंकि आपको लगता है कि ऐसा करना अच्छी चीज है। जब आपको प्यास लगे तो आपको पानी पीना चाहिए। ये पक्का करने के लिए आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं। आप उसे 10% अधिक पीजिए। जितने कि आपको जरूरत है, 1-2 कप ज्यादा। सिर्फ ये पक्का करने के लिए कि आप कम नहीं पी रहे हैं।
साथ ही जब आपको पानी की जरूरत है। जब आपको प्यास लगी है। अगर आप नहीं पीते तो ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा। जब जरूरत पड़ने पर पानी शरीर में नहीं पहुंचता, तो दिल को भारी नुकसान होता है। लेकिन, जब मैं पानी कहता हूं, तो ये सिर्फ द्रव के रूप में पानी पीना नहीं है। आपको अधिक पानी वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए। अगर आप एक फल खाते हैं, तो उसमें लगभग 90% पानी होता है। सब्जियों और बाकी चीजों में लगभग 70% पानी होता है। जब आप भोजन करें तो उसे कम से कम आप के शरीर में जल तत्व के प्रतिशत के बराबर होना चाहिए, तो आप जो भी खाएं उसमें कम से कम 70% जल तत्व होना चाहिए। इसलिए सब्जियों और फलों को आपके आहार का हिस्सा होना चाहिए, ताकि वो मौजूद रहे।
पानी पीने का सही तरीका - यौगिक संस्कृति में
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 21, 2020
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