जब हम इस ब्रह्मांड को देखते हैं, इसकी विभिन्न क्रियाओं को देखते हैं। ये सवाल हम सब के मन में उठता है; कि आखिर ये ब्रह्मांड कैसे बना? इस एक सवाल की खोज में वैज्ञानिक सालों से लगे हुए हैं। लेकिन, इस सवाल के अलावा एक और सवाल हो रहे हैं, जो इससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट है; कि ये ब्रह्मांड क्यों बना?
क्यों का इंपॉर्टेंस, कैसे से ज्यादा है। सबसे बड़ा सवाल ही, ये क्यों है? आपके घर में कोई व्यक्ति आता है, तो आप सबसे पहले पूछते हो, क्यों आए। आप ये नहीं पूछते, कि कैसे आए। क्यों का महत्व , "कैसे" से अधिक है। इसीलिए, शायद साइंटिस्ट भी कहते हैं..
Why the universe exists? यानी ये ब्रह्मांड का अस्तित्व क्यों है? इसी सवाल का जवाब, हम आपको देने वाले हैं, तो हम बात कर रहे थे; कि आखिर ये ब्रह्मांड क्यों बना। इसका जवाब है, कि आप दुनिया में कोई भी वस्तु को आप देख लीजिए, उसके तीन मुख्य-कारण होते हैं।
पहला- बनाने वाला, दूसरा- जिस मटेरियल से बना गया और तीसरा जिसके लिए बनाया गया।
अब, यही बात ब्रह्मांड पर लागू होती है। ब्रह्मांड की जरूरत किसे है। ब्रह्मांड का उपयोग हम सब कर रहे हैं। इसकी जरूरत हम सबको है। इसलिए, ये ब्रह्मांड हमारे लिए बनाया गया है। आखिर, हमारी वो कौन-सी जरूरत है, जिसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता। हम सबकी जो जरूरत होगी। वो हम सब में कॉमन होगी, यानी हम सब में समान होगी।
और हां... जो लोग ईश्वर, जीव और प्रकृति इन तीनों को अनादि नहीं मानते। वो कभी भी इस सवाल का जवाब नहीं दे सकते। वेद में इन तीनों चीजों को अनादि। यानी बिगिनिंग लैस बताया है।
Why the universe exists? यानी ये ब्रह्मांड का अस्तित्व क्यों है? इसी सवाल का जवाब, हम आपको देने वाले हैं, तो हम बात कर रहे थे; कि आखिर ये ब्रह्मांड क्यों बना। इसका जवाब है, कि आप दुनिया में कोई भी वस्तु को आप देख लीजिए, उसके तीन मुख्य-कारण होते हैं।
पहला- बनाने वाला, दूसरा- जिस मटेरियल से बना गया और तीसरा जिसके लिए बनाया गया।
अब, यही बात ब्रह्मांड पर लागू होती है। ब्रह्मांड की जरूरत किसे है। ब्रह्मांड का उपयोग हम सब कर रहे हैं। इसकी जरूरत हम सबको है। इसलिए, ये ब्रह्मांड हमारे लिए बनाया गया है। आखिर, हमारी वो कौन-सी जरूरत है, जिसके बिना हमारा काम नहीं चल सकता। हम सबकी जो जरूरत होगी। वो हम सब में कॉमन होगी, यानी हम सब में समान होगी।
जैसे, हम सबको प्यास लगती है। ये बात हम सब में समान है। वैसे ही, वो कौन-सी जरूरत है, जो हम सब में समान हैं। सिर्फ, इंसान में ही नहीं। बल्कि, पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवो में। हमारी किस जरूरत को पूरा किया गया है, और उसे पूरा करने वाला भी कोई है। लेकिन, हमारा सवाल तो है, ब्रह्मांड क्यों बना? और इसके लिए हम को जानना होगा; कि हमारी जरूरत क्या है।
ऐसी कौन-सी जरूरत है, जो धरती पर हर जीव में समान है। इसका जवाब है; कि धरती पर रहने वाले प्रत्येक जीव। चाहे, वो छोटे से छोटा हो या बड़े से बड़ा। हर जीव में एक जरूरत सब में समान है,और वो है; कि उसे सुख चाहिए। और कौन-सी चीज ऐसी है, जिसे कोई भी जीव नहीं चाहता। जिससे सब दूर होना चाहते हैं। वो चीज है, दुख। इंसान ही नहीं। बल्कि, हर जीव सुख चाहता है, और दुख से दूर होना चाहता है। ये पूरे यूनिवर्स की हर जीव की जरूरत है। अगर, यूनिवर्स ना हो, ना धरती होगी, ना सूरज, ना हमारा शरीर। फिर सुख को कोई प्राप्त नहीं कर पाएगा।
ब्रह्मांड में तीन चीजें हमेशा से हैं। ईश्वर, जीव और प्रकृति। प्रकृति का मतलब: Material cause of the universe. अब इन तीन चीजों में जो आत्मा है। वो हम सब हैं। वो हम सब की प्रॉपर्टीज है। इच्छा, द्वेष, प्रयत्न,सुख-दुख और ज्ञान। यानी कि, हम सब में एक चीज कॉमन ये है; कि हमारे अंदर सुख के प्रति इच्छा, यानी अट्रैक्शन है। दुख के प्रति द्वेष, यानी पल्सन है। इच्छाओं को पूरी करने के लिए, हम अपने ज्ञान से प्रयत्न करते हैं। लेकिन, सबसे बड़ी प्रॉब्लम हमारे अंदर ये है; कि हमारा ज्ञान अल्प है। यानी कि: We are little knowlegible..
और दूसरी प्रॉब्लम यह है; कि बिना शरीर के हम कुछ नहीं कर सकते। मतलब, ईश्वर ;जो कि ऑल नॉलेजेबल है। ओमनीसीएंट है। वो हमारे लिए यूनिवर्स को बनाता है। हमारे शरीर को बनाता है, ताकि हम कुछ कर सके। हमारे अंदर जो प्रयत्न का गुण है, उसे सफल कर सकें, और हमारी जरूरत। यानि कि, सुख को प्राप्त कर सकें। इस तरह अपने प्रयत्न से जीव, मुक्ति-सुख को भी प्राप्त कर सकता है। जिसमें वो फ्री हो जाता है। पूरी यूनिवर्स को देख सकता है, इसलिए ईश्वर ब्रह्मांड को हमारे लिए बनाता है। सो फाइनली, ब्रह्मांड क्यों बना। तो जवाब यह है; कि ब्रह्मांड हमारे लिए बना।
और हां... जो लोग ईश्वर, जीव और प्रकृति इन तीनों को अनादि नहीं मानते। वो कभी भी इस सवाल का जवाब नहीं दे सकते। वेद में इन तीनों चीजों को अनादि। यानी बिगिनिंग लैस बताया है।
ये ब्रह्माण्ड क्यों बना?
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 13, 2020
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