एक जीनियस व्यक्ति इन 5 स्वास्थ्य आदतों को जरूर अपनाता है।

 *  आहार के सही ज्ञान से अपने शरीर का स्वास्थ्य फिट रखनाः एक जीनियस अपने फिटनेस कोर्स को कैसे अप्रोच करेगा, जीनियस से मेरा मतलब है वो इंसान जो ऐसी चेंजीस करेगा जो इंप्लीमेंट करने भी बहुत तेजी हो और उनका फायदा भी बहुत ज्यादा हो।

      एक जीनियस कभी भी अपनी फिटनेस जर्नी को सज़ा नहीं बनने देगा, ना ही वो टेस्ट में कॉम्प्रोमाइज करेगा और ना ही हेल्थ में। वर्कआउट ऐसा करेगा कि कम टाइम में ज्यादा रिजल्ट आए। इस पूरी जर्नी में पैसे भी स्टोर कर लेगा। जी हां.. यह बिल्कुल पॉसिबल है, बस इसमें स्मार्ट चॉइस करनी है और यही इस आर्टिकल का उद्देश्य है। आइए बात करते हैं, 5 हेल्दी हैबिट्स एक जीनियस की..

*  नंबर 1: एक जीनियस स्वीट डिश खाएगा। हम सब व्यक्ति को खाना खाने के बाद कुछ मीठा खाने का मन करता है। हालांकि, हम यह भी जानते हैं कि रोज रोज मिठाइयां खाने से हमारी बॉडी का फैट प्रंसेनटेज बढ़ने लगेगा, तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि अगर मीठा खाने का मन करे तो उसे कंट्रोल कर ले। बिल्कुल नहीं.. एक अनजान व्यक्ति ही ऐसा करेगा, जबकि एक जीनियस ना ही हर मील के बाद स्वीट खाएगा बल्कि उसे पता होगा कि इससे उसका फैट लॉस भी होगा।

    जी हां.. पुराने समय से हम भारतीय खाना खाने के बाद एक छोटा सा टुकड़ा गुड़ का खाते आ रहे हैं, ना ही इससे सिर्फ स्वीट क्रिएविंग सेटिस्फाई हो जाती हैं, बल्कि यह गुड हमारी डाइजेशन में भी बहुत हेल्प करता है। गुड़ खाने से लीवर भी डिटॉक्स होता है, जिससे स्किन पर ग्लो आता है। इसके अलावा गुड में भरपूर मात्रा में मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हमारी इम्यूनिटी को भी बढ़ाते हैं; क्योंकि गुड़ की तासीर गर्म होती है तो इसको सर्दियों में खाना बेस्ट होता है। 

   गर्मियों में आप गुड की जगह जैगरी पाउडर का यूज कर सकते हैं, यानी शक्कर का। गुड जितना डार्क होगा उतना ही प्योर होता है। खाने के बाद गुड़ के साथ सौंफ और अजवाइन खाना सभी डाइजेस्टिव प्रॉब्लम की बेस्ट मेडिसन है।

*  नंबर 2: एक जीनियस कभी रिफाईन नमक नहीं खाएगा। नमक हमारी डाइट का बहुत इंपॉर्टेंट भाग है। इसके बिना खाने में कोई टेस्ट नहीं आता। हालांकि, जिस नमक को हम रोज खा रहे हैं उसमें ना तो कोई न्यूट्रिएंट्स होता है और ऊपर से उसे एलुमिनियम से और सिलिकॉन जैसे हेवी मेटल के साथ केमिकली रिफाईन किया जाता है। हमारी बॉडी रिफाईन फ्री फलुईग नमक को अच्छे से पचा नहीं पाती, जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर और हाइप्रटेंशन जैसी प्रॉब्लम आती है।

    ये ही नहीं, इस बात से आप हैरान हो जाएंगे कि आयोडाइज्ड नमक एक नाममात्र मार्केटिंग स्टार्ट है। हम भारतीयों को अच्छी खासी आयोडीन दालो, सब्जियों और मसालों से वैसे ही मिल जाती है और यह अलग से डाला हुआ पोटेशियम आयोडाइड मील्स में स्पर्म काउन को घटाता है तो क्या करें, क्या बिना नमक का खाना खाएं। बिल्कुल नहीं.. सिर्फ एक अनजान व्यक्ति ही ऐसा सोचेगा, बल्कि एक जीनियस ना ही सिर्फ अपनी हेल्थ का ध्यान रखेगा बल्कि टेस्ट में भी कंप्रोमाइज नहीं होने देगा।

      जीनियस बस रिफाईन नमक को सेंधा नमक से रिप्लेस कर देगा; क्योंकि उसे पता है सेंधा नमक वैसा ही टेस्ट भी देता है और ऊपर से विटामिन, मिनरल्स से भरपूर भी होता है। सेंधा नमक को हिमालय पिन सॉल्ट और रॉक सॉल्ट भी कह देते हैं। यह बिल्कुल नेचुरल होता है और कोई केमिकल रिफाइनरी नहीं की जाती, इसकी। टेस्ट भी, हेल्थ भी, क्यों यह हुई ना कुछ जीनियस वाली बात..

*  नंबर 3: एक जीनियस खाने को टेस्ट करेगा। खाना जब बहुत टेस्टी होता है तो हम उसे एंजॉय करते हैं और ये सिर्फ हमारी जीभ की वजह से है, जो हमें यह प्लेजर देती है। एक बार खाना मुंह से निकल पेट में पहुंच गया तो हमें पता भी नहीं चलता। मेरा कहने का मतलब यह है कि हम खाने को तभी एंजॉय कर पाते हैं, जब वो मुंह में होता है।

       एक अनजान व्यक्ति खाना खाएगा नहीं बल्कि ठूस लेगा। जबकि एक जीनियस कोशिश करेगा कि खाना उसके मुंह में ज्यादा से ज्यादा टाइम के लिए रहे, ताकि वो उसे अच्छे से टेस्ट कर सके, एंजॉय कर सके। ऐसा करने से खाने का पूरा स्वाद तो मिल ही रहा है, बल्कि खाना बहुत अच्छे से डाइजेस्ट भी हो जाएगा। जी हां.. हमारा इंटर्नल बॉडी सिस्टम इस तरह से डिजाइन है कि 50% से भी ज्यादा डाइजेशन मुंह में ही हो जाना चाहिए।

    अगर हम खाने को बहुत जल्दी-जल्दी ठूस लेंगे तो पेट को बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी, खाने को पचाने के लिए और ज्यादातर केसिस में  खाना पच भी नहीं पाता। इसी से नींद आती है, इनडाइजेशन होती है और करोनिक डीसीज आने लगती हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या खा रहे हैं, कहां खा रहें हैं, कितना खा रहे हैं, इतना पक्का सोच ले, कि खाने को अच्छी तरह से चबा-चबा कर एंजॉय करके ही खाएं। आपकी ये हैबिट 80% से ज्यादा प्रॉब्लम को खत्म कर सकती है।

*  नंबर 4: एक जीनियस खाने को भिगोकर ही खाएगा। चावल, दाल, मिलट्स, और चने भारत का स्टेबल फुड़ है। अगर आप वेजीटेरियन है तो ये आपके लिए प्रोटीन विटामिंस, मिनिरल्स, का भी मेन सोर्स है। लेकिन क्या आप इन सुपरफूड्स से पूरा न्यूट्रिशन ले पा रहे हैं। शायद नहीं.. सबसे आसान और इफेक्टिव तरीका इन सभी सुपरफुड्स से भरपूर न्यूट्रिशन लेने का यही है कि इनको बनाने से पहले पानी में भिगो लें। 

   एक आम इंसान सिर्फ चने, राजमा वगैरह को ही भिगोता है; क्योंकि यह कुक होने में बहुत टाइम लेते हैं। हालांकि, सभी धुली दाले और चावल जो आसानी से पक जाते हैं, उन्हें बहुत ही कम लोग भिगोते हैं। लेकिन एक जीनियस सभी दालें, चावल, मिलट्स, ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर ही खायेगा।

       खाने को भिगोकर बनाने से, खाना जल्दी तो बनता ही है ऊपर से आपकी गैस बचाएगा, टेस्ट इंप्रूव करेगा, फायटिक एसिड को रिमूव कर देगा। फाइटिक एसिड अगर दालो और अनाज से ना निकले तो ये बाकी इंपॉर्टेंट विटामिन और मिनरल्स को बॉडी में एबर्सोब नहीं होने देगा। रोज-रोज बिना भिगोए खाना से, बॉडी में कमजोरी आने लगती है और इससे डाइजेशन भी बिगड़ती है। यही कारण है कि रोज इतने न्यूट्रिएंट्स डाइट फूड खाने के बाद भी और ज्यादातर लोगों को  विटामिन डिफेंशियंसिस को पूरा करने के लिए  गोलियों का सहारा लेना पड़ता है।

     अगर आपको दाल खाते ही पेट फूल जाता है तो ये ही कारण हो सकता है। इसी तरह से 5 भीगे हुए बादामों में से न्यूट्रिएंट्स एबर्सोशन एक मुट्ठी बादाम के बराबर है। इसलिए ड्राई फ्रूट्स को भिगोकर, छिलका उतारकर खाने से आपके पैसे भी बचेंगे। इसलिए आगे से इन फ्रूट्स को भिगो कर ही खाएं; क्योंकि एक जीनियस ही जानते हैं कि फ्रूट कितना खाया है, उसकी वैल्यू नहीं। बल्कि फ्रूट कितना पचाया बॉडी ने उसकी वैल्यू है।

*  नंबर 5: जीनियस फैट को दुगनी स्पीड से लूस करेगा। जी हां.. अगर आपने सब कुछ ट्राई कर लिया है, लेकिन आपका वो स्टेबल फैट निकल ही नहीं रहा है तो इस जीनियस हैबिट से आपका फैट लॉस होने लगेगा, डबल स्पीड पर। आपको बस यह करना है कि रोज सुबह खाली पेट रनिंग करनी है। रोज सुबह उठो, पानी पियो, फ्रेश हो जाओ, रनिंग शूज पहनो और भागो। चार से पांच फ्रेंडस 15 से 20 मिनट के अंदर बस इतना ही करना है, आपको अपने मेटाबॉलिज्म को बहुत तेजी से बढ़ाने के लिए इस इंक्रीज मेटाबॉलिज्म से आपको  पूरे दिन फैट लॉस में हेल्प होगी।

      सुबह उठकर खाली पेट 15 मिनट  कार्डियो करना, शाम को एक घंटा कार्डियो करने के बराबर है। ऐसा, इसलिए क्योंकि सुबह खाली पेट हमारी बॉडी डिपलीटिड होती है और इसमें एनर्जी के लिए फैट सेल्स का यूज करती है। घबराइए मत.. 15 मिनट में आपका कोई मसल्स लॉस नहीं होने वाला। बल्कि रिग्रेस कार्डियो करने से आपके फैट सेल्स टारगेट होगे।

      आप एक जगह पर ही तेज-तेज जोगिंग भी कर सकते हैं। रोज 15 मिनट 10 दिन के लिए, ऐसा ट्राई कर के देखो, आप रिजल्ट से हैरान हो जाओगे तो दोस्तों यह थे वो फिटनेस सूत्र जो आपकी फिटनेस जर्नी को बनाएंगे फास्ट, ईजी और स्मूथ।
एक जीनियस व्यक्ति इन 5 स्वास्थ्य आदतों को जरूर अपनाता है। एक जीनियस व्यक्ति इन 5 स्वास्थ्य आदतों को जरूर अपनाता है। Reviewed by Tarun Baveja on July 19, 2020 Rating: 5

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