आयुर्वेद के अनुसार, भीगे हुए चने खाने का सही तरीका
नमस्कार दोस्तों आज हम जानेंगे भीगे हुए चने को खाने का सही तरीका। आपने बहुत सारे फायदे सुने होंगे। भैया भीगे हुए चने खाने से यह हो जाएगा। भीगे हुए चने खाने से सिक्स पैक निकल जाएंगे। भीगे हुए चने खाने से शरीर फौलाद बन जाएगा। भीगे हुए चने खाने से ये हो जाएगा वो हो जाएगा। लेकिन भीगे हुए चने जब शरीर में पचेंगे ही नहीं। भीगे हुए चने खाने का सही तरीका ही नहीं पता रहेगा। तो उन फायदों का क्या होगा। समझ रहे हैं ना आप। आप जरा खुद बुद्धि लगाए। जब वो चने आपके शरीर में पचेंगे ही नहीं तो उससे मिलने वाले फायदे कहां से मिल जाएंगे। इसीलिए इसी को ध्यान में रखकर मैं आज मैं बताऊंगा। भैया भीगे हुए चने खाने का सही तरीका है क्या। सही विधि है क्या।
इसमें फायदे नहीं बताऊंगा। क्योंकि फायदे आपको पहले ही पता है। बहुत से लोग आपको फायदे पहले ही बता चुके हैं मैं बताने वाला हूं तो विधि बताने वाला हूं। तो आइए जानते हैं। पहले यह जान ले कि इसको लेने का सबसे बेस्ट टाइम कौन सा है। मेरे हिसाब से भीगे हुए चने को लेने का सबसे बेस्ट टाइम है सुबह सुबह खाली पेट। जी हां जब भी आप खाली पेट इसे खाएं उसके कुल 12 घंटे पहले जितना भी आप खाना चाहते हैं।मान लो एक मुट्ठी खाना चाहते हैं। तो एक मुट्ठी चने को मिट्टी के पात्र में ,या मिट्टी के बर्तन में ,या मिट्टी के किसी बाउल में भिगो दें। अब चने को भिगोने के बाद मतलब पानी के डालने के बाद पूरा घंटे 12 घंटे रुकना है।
आप चाहे तो चने के साथ-साथ कुछ 10 या 12 किशमिश भी मिला सकते हैं। किशमिश मिलाने से इसके फायदे और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे। जब 12 घंटे हो जाएं और ज्यादा भी हो सकते हैं। जब आपको खाना हो तब खाने से पहले आपको उन्ही भीगे हुए चने को उसी मिट्टी के बर्तन के साथ पकाना है। अब यह पकने की प्रोसेस आपका कुछ समय ले सकती है। लेकिन आप दे देना। पकाने के बाद इसकी डाइजेशन 100% हो जाएगी। आपको तब तक पकाना है जब तक आपको लगने लगे यह थोड़े नरम हो गए हैं। अब आप बोलेंगे। भैया तुम तो पकाने के बारे में बोल रहा है। पकाने के बारे में ऐसा सुना होगा। पकाने से मतलब कोई भी चीज आप पका लो, कोई भी पदार्थ या कोई भी भोजन आप पका लो तो उसमें से पोषक तत्व कम होने लगते हैं। कई लोग ऐसा भी बोलते हैं कि हमें कच्चे भोजन में ज्यादा ध्यान देना है।
साग सब्जी कच्ची कच्ची ज्यादा खानी है। ऐसा नहीं सुना होगा। कच्ची चीज बहुत भारी होती है पचने में। आप यह खा तो लेंगे लेकिन पेट में जा के ये बहुत गैस बनाती हैं। कच्ची चीजें को पचाने के लिए आपकी डाइजेशन पावर बहुत अच्छी होना बहुत जरूरी है। आपकी डाइजेशन इतनी तेज होनी चाहिए।आप लक्कड़ पत्थर सब हजम कर सकते है। यानी कि जो पहलवानी करते हैं। जो कुश्ती करते हैं। जो शारीरिक मेहनत ज्यादा करते हैं। उन लोगों के लिए तो कुछ भी खा लो। उनको तो सब कुछ हजम हो जाएगा। अब वापस आते हैं अपने विषय पर जो पकाने के बारे में पकाने से पोषक तत्व कम हो जाते हैं। तो विशेष करके आपका ध्यान यहां पर आकर्षित करना चाहता हूं। मैंने इसमें मिट्टी के बर्तन के बारे में बताया है। मतलब मिट्टी के बर्तन में पकाने के बारे में बताया है मिट्टी के बर्तन की सबसे खास बात है यह है कि इसमें जो भी जो कुछ भी चीजे , जो कुछ भी पदार्थ पकाया जाए। उसके पोषक तत्व खत्म नहीं होते है।
यह तो एक बात है मिट्टी के बर्तन में पकाने के बाद कुल डेढ़ दिन तक मतलब 36 घंटे तक वह पोषक तत्व वैसे के वैसे बने रहते हैं। जैसे पकाते टाइम बने रहते थे। मिट्टी के बर्तन में कुछ भी चीज पकाने की एक खास बात यह है। कि इसमें कुछ भी चीज पका लो उस में पोषक तत्व खत्म नहीं होते। और पकाने के कुल डेढ़ दिन। तक का मतलब 36 घंटे वैसे ही पोषक तत्व बने रहते हैं।आपने ऐसा सुना होगा कोई भी चीज पकाओ तो उसके पोषक तत्व जैसे ही वह पकने शुरू हो जाती है वैसे ही उसके कुछ समय बाद जैसे जैसे समय निकलता जाता है।
वैसे -वैसे उसके पोषक तत्व खत्म होने लगते हैं। ओर एक दिन के बाद तो उसके सारे पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। लेकिन मिट्टी के बर्तन की यह एक खास बात है। की मिट्टी के बर्तन में पकाने से पोषक तत्व बिल्कुल खत्म नहीं होते।
अब मिट्टीीी के बर्तन में चने को पकाने के बाद या चने और किशमिश को पकाने के बाद आपको धीरे-धीरे समय देकर आपको इस चने को चबा चबाकर खाना है। क्योंकि इस तरह चने को खाने से इस विधि से चने को खाने से आपको वह फायदे मिल जाएंगे। जो आपने कभी सुने थे। तो दोस्तों आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।।

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