नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका। आज हम बात करेंगे रिफाइन ऑयल के बारे में। आपको रिफाइंड ऑयल के बारे में ऐसी जानकारी मिलने वाली हैं कि आप अभी के अभी
रिफाइन ऑयल को घर से निकाल देंगे। दोस्तों और इन बातों को जानना आपके लिए
बहुत जरूरी है।
रिफाइन आयल से होता हे रोग
रिफाइन ऑयल की पूरी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं और साथ ही इसे खाने से कौन से रोग होते हैं। इस विषय में भी बात की जाएगी। दोस्तों हमारा त्रिदोष आधारित शरीर है । वात पित्त कफ। वात पित्त कफ में ही समस्त रोग आते है। जब वात बिगड़ जाता है तो 80 से ज्यादा रोग हमारे शरीर में आते हैं। जब पित्त बहुत बिगड़ जाता है तो 46 से 50 लोग आते हैं। जब कफ बिगड़ जाता है तब 28 लोग आते हैं।
हमारे शरीर में और अगर वात पित्त कफ यह तीनों बिगड़ जाए तो 148 लोग आते हैं । हमारे शरीर में सर्दी खांसी जुकाम से लेकर कैंसर तक जो आखिरी रोग माना जाता है। यह सब वात पित्त कफ के बिगड़ने का खेल है। बहुत ही कम चीजें हमारी प्रकृति में ऐसी हैं जो वात पित्त कफ को तीनों को एक साथ ठीक रख सके। कुछ चीजें ऐसी हैं जो वात को ठीक रखती है। और कुछ चीजें ऐसी हैं ।जो पित्त को ठीक रखती हैं और कुछ चीजें कफ को ठीक रखती है।
वात से होते है रोग
लेकिन दोस्तों आप इस बात को याद रखें कि दुनिया में सबसे ज्यादा रोग वात के ही हैं। घुटने दर्द करना, कमर में दर्द, हड्डियां दर्द करना यह सब वात के रोग तो है ही।पर सबसे खतरनाक वात का रोग हार्ट अटैक वात का दूसरा सबसे खतरनाक रोग है ब्रेन डैमेज होना। वात का सबसे खतरनाक रोग है पैरालिसिस। यह सारे रोग वात रोग में आते हैं ।
वात का बिगड़ना
सवाल यह है कि जितने वात के रोग हैं यह हमारे शरीर में आते कहां से हैं। इनकी शुरुआत कहां से होती है जिसके कारण हमें इन समस्याओं से जूझना पड़ता है। लेकिन कोई भी व्यक्ति इन बीमारियों के कारणों को नहीं जानना चाहता। उसे बस इलाज चाहिए वह बस जल्दी ठीक होना चाहता है। वह यह नहीं जाना चाहता कि यह रोग मुझे क्यों हुआ है। दोस्तों मैं आपसे पूछता हूं यदि आपको कोई रोग हो जाए तो आप क्या करेंगे। सभी लोग बीमारी या रोग होने पर उसे ठीक करने के बारे में सोचते हैं। लेकिन कोई यह नहीं सोचता आखिर यह लोग मुझे क्यों हुआ है। क्योंकि हर बीमारी का कारण को जानकर उसका इलाज करना यानी जिंदगी भर के लिए वह रोग जड़ से खत्म करना।
खाने में गलत चीज़ो का इस्तमाल
अब जब भी आपको रोग हो तो आप उसका कारण जरूर जानने की कोशिश कीजिए। आप अपने खानपान में देखिए कि आप कहां गलती कर रहे हैं। जो कि हमारे सारी बीमारियां हमारे खान-पान से जुड़ी हुई हैं। हम कैसा भोजन करते हैं क्या खाते हैं। यह सब दोस्तों वात रोग शरीर में एसिड यानी अमलता बनने से होता है। Acid अमल पूरी चीजों को जिनमें बाहर से केमिकल डालकर बनाया गया हो जैसे सफेद शक्कर या चीनी, जैसे रिफाइंड ऑयल, जैसे नमक इत्यादि। दोस्तों यह तो वो चीजें हैं जो हर घर में रोजाना इस्तेमाल की जाती हैं। लेकिन ऐसी और भी बहुत सी चीजें हैं। जो हर घर में इस्तेमाल होती हैं। जिसे खाने से हमारे शरीर में अमल की वृद्धि होने लगती है और हमें वात रोग होने लगते हैं।
रिफाईन आयल का इस्तमाल
दोस्तों वात रोग शरीर में बाल बढ़ने की वजह से होते हैं और अमल बढ़ने से ही हार्ट अटैक पैरालिसिस शुगर यह खतरनाक रोग होते हैं। यह सारे रोग ही अमल के बढ़ने से आते हैं आपको पता है दोस्तों की अमल क्यों बढ़ता है जिसके कारण आपको छोटी से लेकर बड़ी भयंकर बीमारियों से गुजरना पड़ता है। वह है रिफाइन ऑयल। रिफाइंड ऑयल यह ऐसा ज़हर है जो व्यक्ति को तड़पा तड़पा कर मारता है।
दोस्तों आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि सबसे ज्यादा हार्टअटैक उन्हीं लोगों को होता है। जिनके घर में रिफाइंड ऑयल इस्तेमाल किया जाता है। इसके इलावा इलावा पैरालाइसिस, कैंसर, डायबिटीज यह बड़े-बड़े रोग भी उन्हीं को होते हैं जिनके घर में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल होता है। दोस्तों अब आपको बताते हैं रिफाइंड ऑयल की कहानी कि इसमें ऐसा क्या मिलाते हैं जिसके कारण आपको बीमारी से जूझना पड़ता है।
रिफाईन तेल नही जहर है
दोस्तों सबसे पहले यह है कि रिफाइंड ऑयल में एक परसेंट भी तेल नहीं है। आप सोच रहे होंगे कि एक परसेंट जी हां दोस्तों एक परसेंट भी तेल नहीं है। तो आप पूछेंगे इसमें है क्या जहर है। इसमें धीमा जहर क्योंकि किसी भी तेल को रिफाइंड करने में 6 से 7 केमिकल का प्रयोग किया जाता है और डबल रिफाइंड करने में 12 से 13 केमिकल इस्तेमाल होते हैं। यह सब इंसानों द्वारा बनाए गए हैं। जितने भी केमिकल तेल को साफ करने के लिए उपयोग किए जाते हैं वह सब ऑर्गेनिक। ऑर्गेनिक ही दुनिया में जहर बनाते हैं। उनका कॉमिनेशन ही जहर की तरह से लेकर जाता है।
तेल में चिपचिपा पन न होना
राजीव जी ने तेल पर काफी रिसर्च किया और पाया कि तेल का चिपचिपा पन सबसे महत्वपूर्ण घटक है। जैसे ही चिपचिपा पन निकाला जाता है तो पता चला कि यह तो तेल ही नहीं रहा। फिर देखा कि तेल में से जो बास आ रही है वह उसका प्रोटीन कंटेंट है। शुद्ध तेल, दालों में ईश्वर का दिया हुआ सब से प्रोटीन ज्यादा है। सबसे ज्यादा प्रोटीन है वह तेलों में है। सभी तेलों में चार से पांच प्रोटीन है।
केमिकलों से मिला पानी है रिफाईन
अगर तेल का चिपचिपान निकाल दिया तो उसका फैटी एसिड गायब। यह दोनों ही चीज निकल गई तो तेल नहीं पानी है। जहर मिला हुआ पानी हे। अब आप खुद सोच सकते हैं कि ऐसे तेल को जब आप खाएंगे तो तेल जो तेल ही नहीं है और इस में केमिकल डाले गए हैं। तो उसका आपके शरीर में क्या प्रभाव पड़ेगा।
रिफाइन तेल को खाने से लगती है बीमरिया
जैसा कि हमने शुरू में बताया कि 80 रोग वात दोष में आते हैं जैसे कमर दुखना से लेकर घुटने दुखना, कंधा दुखना, हड्डियों में दर्द, पूरे शरीर में दर्द रहना, कैंसर, लकवा, मधुमेह, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक जैसे खतरनाक रोग आपको कभी भी हो सकते हैं। तो अब आप यह पूछोगे कि इससे कैसे बचा जाए तो दोस्तों वात रोग से बचने के लिए अब पीछे चले। 5 हजार वर्ष पूर्व एक महान ऋषि हुए हैं जिनका नाम था महर्षि वाग्भट। उन्होंने पुस्तक लिखी थी अष्टांग हृदयम। पुस्तक में वाग्भट जी ने स्वस्थ रहने के लिए हजारओ सूत्र लिखे। प्रत्येक सूत्र पर 40 से 50 पर एक्सपेरिमेंट करके ही अपनी पुस्तक में लिखा है।
शरीर में वात रोग ख़त्म करे
तो आप समझ सकते हैं कि उस पुस्तक में बताई गई बातें कितनी महत्वपूर्ण है तो महर्षि वाग्भट्ट जी वात रोग के विषय में लिखते हैं कि शरीर में वात रोग को खत्म करना है। तो या वात रोग होने ही नहीं देना। तो शुद्ध तेल खाइए। शुद्ध तेल यानी कि तेल की घाणी से सीधा सीधा तेल। बिना कुछ मिलाए हुए सीधा तेल यानी नॉन रिफाइंड तेल। जो भी अपने जीवन में शुद्ध तेल खाता है जिंदगी में बात के 80 रोग नहीं होते। इसलिए आप भी तेल शुद्ध खाइए। शुद्ध तेल खाने से आपके चेहरे में हमेशा चमक बनी रहेगी। किसी भी प्रकार की क्रीम आप को लगाने की जरूरत ही नहीं होगी। और शुद्ध तेल को खाने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनेगी।
शरीर में शुद्ध तेल के फायदे
शुद्ध तेल खाने से आपके शरीर में चिकनाई बढ़ेगी। चिकनाई बढ़ने से एच डी एल बनेगा और यह तेल से ही आता है हमारे शरीर में वैसे तो यह लीवर में बनता है। लेकिन शुद्ध तेल खाए। दोस्तों चिकनाई दो प्रकार की होती है एक अच्छी चिकनाई एक बुरी चिकनाई। अच्छी चिकनाई हमारे शरीर में एचडीएल बढ़ाती है और इसके शरीर की जरूरत है।और बुरी चिकनाई शरीर में एलडीएल बढ़ाती है लोड एनसी लिपॉप्रोटीन। वह चिकनाई कभी मत खाओ जिससे एलडीएल बड़े वह खतरनाक है। वह चिकनाई जरूर खाएं जिससे एचडीएल बड़े क्योंकि उसकी हमारे शरीर को जरूरत है इसलिए चिकनाई तो खाओ अच्छी वाली। आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि अच्छी चिकनाई कहां मिलती है।
नारियल तिल और सरसों का तेल खाये
शुद्ध तेल है नारियल का तेल, सरसों का तेल, तिल का तेल, मूंगफली का तेल। तो आप इनमे से किसी भी तेल में डालकर निकलवाए और खाएं। यह तेल शोध है यह खाओ। जिंदगी भर खाओ। कोई तकलीफ नहीं आने वाली क्योंकि एचडीएल बढ़ता है और वह हमें चाहिए। अशुद्ध तेल मत खाओ। अशुद्ध तेल कौन सा रिफाइंड तेल, डबल रिफाईन तेल डालडा तेल। सबसे खतरनाक डालडा तेल हे।
आपके लिए कौन सा तेल अच्छा
आप वो तेल खाये जो शुद्ध हो। शुद्ध तेलो में भी जो आपको अच्छा लगे उसका
तेल निकलवाकर आप खा सकते हैं। लेकिन महा ऋषि बागवटजी अपनी पुस्तक में
लिखते हैं अगर बर्फीली पहाड़ी इलाके में रहते हो तो आपके लिए तिल का तेल
अच्छा है। और अगर आप मैदानी इलाके में रहते हैं जहां का वातावरण गर्म हो
वहां के लिए सरसों का तेल अच्छा हो जो समुंद्र के किनारे रहते हैं। उनके लिए नारियल का तेल सर्वोत्तम बताया गया है। तो शुद्ध तेल खाइए और
जिंदगी भर के लिए। वात के 80 रोगों से बचे रहिए इसलिए आज और अभी से रिफाइंड
तेल को खाना बंद करें और शुद्ध तेल खाना शुरू करें।
दोस्तों आपके द्वारा
लिया गया यह कदम आपको भविष्य में होने वाली बीमारियों से तो बचाएगा ही पर
आपको लाखों रुपए खर्च होने से भी बच जाएंगे। तो दोस्तों उम्मीद करता हूं आज
आपको यह नुस्खा पसंद आया हो और आपसे एक छोटी सी गुजारिश भी है कि आप इस
उपाय को शेयर जरूर कर दीजिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह जानकारी
पहुंच सके और रिफाइंड ऑयल हमारे भारत देश में हमेशा हमेशा के लिए बंद हो
सके। और यह आपकी सहायता के बिना संभव नहीं है इसलिए पूरे भारत वासियों से
निवेदन करता हूं कि उपाय को शेयर जरूर करें धन्यवाद ।
रिफाइंड तेल के 80 से ज्यादा नुकसान। जानिए।
Reviewed by Tarun Baveja
on
March 05, 2020
Rating:

No comments: