गाय, भैंस और बकरी के दूध में अंतर

 

गाय, भैंस और बकरी के दूध में अंतर

नमस्कार दोस्तों 
मैं आज आपके सामने एक टॉपिक लेकर आया हूं। गाय का दूध, बकरी का दूध, भैंस का दूध इन सब की तासीर।किस-किस चीज में क्या-क्या इसकी खासियत है। इसमें क्या कमी है। 
गाय, भैंस और बकरी के दूध में अंतर

गाय का दूध

सबसे पहले गाय का दूध। गाय के दूध की पहले बात करूं तो देसी गाय के दूध को समझिएगा। इसके दूध में स्वर्णष्प होता है सूरज की किरणे एक्ट्रेक करने के लिए पीठ में एक नाडी होती है देसी गाय की। उसको कहते हैं सूर्यकेतु नाड़ी। यह नाड़ी सूर्य की किरणों को अट्रैक्ट कर लेती हैं। इसका दूध पीला हो जाता है। स्वर्ण भी होता है इसके दूध में। हमारे ऋषियो ने ऐसी ब्रीडिंग का सिस्टम बनाया है जोकि एक ही गोत्र में ब्रीडिंग नहीं करनी गायो की। किस गोत्र की गाय ली। किस गोत्र का बैल लिया।कैसे फिर उसका वंश बढ़ाया। इसका सारा का सारा प्लानिंग हमारे ऋषियों ने हजारों सालों तक किया। तब जाकर के गिर बनी। तब जा करके कोंकरेज बनी। कांकरेज जो सबसे पहले थी ऐसी नस्ले बनी।

जर्सी गाय जो कहीं से भी कोई भी सिमन लेकर के अलग अलग तरह की बना दी। वो दूध के ऊपर फोकस करते रहे। दूध ज्यादा देने वाली गाय बनाओ।  हमारे ऋषि ऐसे दूध को डिजाइन करते रहे कि जो यह गाय के दूध का महत्व है गाय के दूध की तसीर मोहित दिल है ना गर्म ना ठंडा, पचने में हल्का है। बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कोई भी पचा सकता है और तो और बीमार, स्वस्थ कोई भी पिए। इसको अगर दोहते दोहते 10:15 मिनट में पीना है तो दूध को उबालने की जरूरत नहीं होती। अगर लंबा समय रखकर पीना तो दूध को उबालना होता है। बार-बार गर्म करने से दूध से जो तत्व होते हैं वह कम हो जाते हैं। हर चीज का यही रोल है खाने पीने का।

लेकिन गाय के दूध में विटामिन डी भी होता है। अगर आपको कही आसानी से आस पास मिलता है तो यह बहुत अच्छा है। गाय का दूध जो है इसमें फैट्स नहीं होती कम होती है ज्यादा नहीं होती। हार्ट पेशेंट के लिए सेफ है। कैस्ट्रोल जिसका बढ़ता है उनके लिए भी सेफ है। गाय का दूध आलास नही लाता। गाय के बछड़े को देखो आप। कितना फुर्तीला होता है। 

भैंस का दूध

इसके बाद बात करते हैं भैंस के दूध की। यह कफ करता है। पचने में भारी है। इसलिए कफ, नजला, दमा वालों को नहीं देते हैं। अगर देना पड़े तो सॉफ वगेरह डाल कर देते हैं। जिनको मोटापा है, पचने में भारी है, फैट ज्यादा है। उनको भैंस का दूध नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये ज्यादा मोटापा लाएगा। वह गाय के दूध को पिए या बकरी के दूध को पिए। जो पतले दुबले हैं जो जिम जाते हैं, एक्सरसाइज जाते हैं, उनके लिए भैंस का दूध बहुत अच्छा है। आलस ला सकता है क्योंकि पचने में भारी होता है। भैंस का दूध जो है और बुराई इसमें कोई नहीं है। अगर ठंडा पिया तो बहुत नुकसान करेगा। जोड़ों में दर्द करेगा। कफ़ बनाएगा। तरह तरह की समस्या लाएगा। पचने में भारी भी है। मेटावोल्जम स्लो करता है। जिनका मेटावोल्जम फास्ट है उनके लिए वरदान हो गया और जिनकी ऑलरेडी स्लो है उनके लिए सही नहीं है।

बकरी का दूध 

फिर बात करते हैं हम बकरी के दूध की। बकरी का दूध, गाय का दूध को हम इक्वल सा मानते हैं। हालांकि गाय के दूध के महिमा तो अपनी ही है। फिर भी  बकरी का दूध ठंडा है तसीर में। इसीलिए यह फेफड़ों में खून आ रहा है किसी को या किसी को मुंह से खून आ रहा है तो बकरी का दूध फायदेमंद है। यह बहुत अच्छा है उस केस में। सो में एक आधा नहीं पचा पाता है। खैर बकरी का दूध जो है टीबी के लिए बहुत अच्छा होता है। नमकीन होता है थोड़ा सा। टीबी वालों को अगर सुबह शाम बकरी का दूध दिया जाए तो सबसे बढ़िया है। रोगी जल्दी ठीक हो जाएगा और तो और यह खांसी, दमा के लिए बहुत अच्छा है।

जिनको फैमिली प्लानिंग करनी है। आगे गृहस्थ आश्रम चलाना है तो उनके लिए यह बहुत अच्छा है। कारगर है क्योंकि बकरी में या बकरे में कामुकता ज्यादा होती है। वह इसीलिए क्योंकि वह अपनी मां का दूध पी के बढ़ा हुआ है। बकरी का दूध platelets, डेंगू के लिए बहुत अच्छा है। सेल्स बड़ी जल्दी बनाता है। पचने में हल्का है। यह दूध अगर ताजा मिल जाए तो 10:15 मिनट पीना है तो उबालने की कोई जरूरत नहीं है। अगर बाद मैं पीना है तो उबालना पड़ेगा। इसमें थोड़ा बहुत पानी भी ऐड कर सकते है क्योंकि ये गाड़ा होता है। पानी के साथ दूध मिलाकर पीने से इसका टेस्ट नमकीन सा होता है।यह था बकरी का दूध।

ऊँठनी का दूध

इसके बाद बात करते हैं ऊँठनी का दूध की। camel का दूध भी ताकतवर है। लेकिन उसकी तासीर गर्म तर है। गर्म होने की वजह से जिसको सूजन है उनके लिए लाभकारी है। सूजन को कम करता है। आंत में सूजन और पेट में पानी हो गया है तो उसको बाहर करेगा। इसके अलावा यह ताकत देगा, एनर्जी देगा। जिनको गर्मी सर्दी बर्दाश्त नहीं होती वीक है, हाइट कम है उनकी हाइट बढ़ता है। उनके लिए यह ताकतवर है ऊंटनी का दूध।

दूध का पचना

दूध पचता नहीं तो क्या करें । दूध पीने के बाद अगर अजवाइन खा ले तो जल्दी पच जाता है। दूध अगर कफ करे तो अजवायन खा ले। अगर दूध गैस करे तो भी अजवायन ले लें। लेकिन अगर दूध पीने के बाद दस्त लग जाते हैं तो आपको निवेदन करूंगा कि दूध की जगह दूध का अर्घ पिये। ये था आज का टॉपिक दूध के ऊपर।

निष्कर्ष

मित्रों, अगर आध्यात्मिक और गुणों की दृष्टि से देखा जाए तो गाय का दूध सर्वोत्तम है। गाय को इसलिए मां कहा जाता है क्योंकि वह हमारा मां के जैसा ही पालन करती है। उसका दूध पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। वात पित्त कफ तीनों dosho को शांत करता है। शारीरिक बल बढ़ाता है। बीमारियों से हमारी रक्षा करता है। आयुर्वेद में तो यहां तक कहा गया है कि जो व्यक्ति देसी गाय का दूध पीता है उसको जिंदगी भर कैंसर नहीं हो सकता। तो इस प्रकार देखा जाए तो गाय का दूध ही मनुष्य के लिए सर्वोत्तम है।
धन्यवाद।



गाय, भैंस और बकरी के दूध में अंतर गाय, भैंस और बकरी के दूध में अंतर Reviewed by Tarun Baveja on August 07, 2021 Rating: 5

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