* गिलोय एक महत्वपूर्ण और लाभकारी औषधि: वात, पित्त और कफ में से कोई भी बीमारी हो, चाहे वात की हो, पित्त की हो या फिर कफ की हो, इन तीनों के तीनों सिस्टम पर एक ऐसी दवा कि आज हम बात करेंगे जो कि अमृत की तरह काम करती है। किसी भी सिस्टम की बीमारी हो, ये दवा आपको यूज़ जरूर करनी चाहिए।
जैसा कि हमने बात की, कि हम अमृत के जैसे काम करने वाली दवा की बात करेंगे। अमृत की जैसी काम करने वाली दवा का नाम है, "अमरीता"। जिसे हम हिंदी में "गुडुची" या "गिलोय", मराठी में "गुडवेल" और गुजराती में "गलो" कहते हैं। इसका नाम अमृता ऐसे ही नहीं रख दिया, यह सच में ही अमृत है। अगर आज आप इसके गुणों को जानें लेगे तो आपको भी लगेगा कि यह सच में ही अमृत है और यह फ्री में अवेलेबल दवा इतनी काम की हो सकती है। तो आइए इसके क्या-क्या गुण है, वो जान लेते हैं।
आयुर्वेद में इसे लघु-स्निग्ध अर्थात यह हल्की होती है, स्निग्ध होती है। इसका जो टेस्ट है, वो कड़वा है अर्थात कड़वा रस होता है और इसका जो नेचर है, वो ऊष्ण यानी गर्म होता है। तो गर्म होने के कारण यह वात और कफ को कम करती है और कड़वा रस होने के कारण पित्त कफ को कम करती है। मतलब ये तीनों के तीनों दोषों को कंट्रोल करने का काम करती है। इसका एक और फायदा है, आयुर्वेद में हमेशा जो जवान में रहने वाली दवाइयां बताई गई है, ऐसी कई दवाइयां है, जो कि उम्र बढ़ने से रोकती है। कोई भी नहीं चाहता कि उसे जल्दी बुढ़ापा आए, इसीलिए आप चाहते हैं कि आपका शरीर लंबे समय तक जवान बना रहे और उसके लिए हम बहुत सारे टॉनिक, चूर्ण, चटनी और पता नहीं क्या-क्या यूज करते रहते हैं। तो ये उन दवाइयों में से है, जो टॉप टेन दवाइयां है, उम्र रोकने वाली। उनमें से ये एक दवा है, ये शरीर में उम्र रोकने का काम करती है।
ऐसे लोग जिनको बहुत ज्यादा प्यास लगती है, हमेशा मुंह सूखता ही रहता है, किसी भी कारण से। वो चाहे डायबिटीज की बीमारी के कारण ही मुंह सूखता हो या कुछ ऐसे लोग हैं, जो रात में उठते हैं और मुंह सूखने की समस्या है। पानी पीते हैं, फिर भी प्यास जाती नहीं, फिर बार-बार पानी पीते हैं, इस तरह की समस्या, मतलब जो प्यास है वो ही नहीं मिटती। ऐसी समस्या को दूर करने के लिए आपको ये औषधि जरूर यूज करनी चाहिए।
यदि आपको उल्टी होती हैं। चाहे, छोटे बच्चे हो, स्त्री हो, पुरूष हो और आपकी कोई भी उम्र हो। कई लोगों को ट्रैवल करते समय उल्टी होती हैं, अक्सर खाना खाने के बाद भी कई लोगों को एसिडिटी होती है और उल्टी होती है और कई लोगों को तो इस तरह से होता है, जब तक कि वह फिंगर डालकर उल्टी ना कर दे, तब तक उन्हें आराम ही नहीं मिलता। सिर दर्द होता है, इस तरह की प्रॉब्लम है, तो ये गुडुची आपके लिए फायदेमंद है।
इसका जो कड़वा रस है, इसका ये फायदा है कि ये दीपन पाचन दोनों काम करती है। आपको भूख नहीं लगती किसी भी कारण से, चाहे आप बीमार हो या नहीं। ये दवा आपको फायदा करेगी। खाना हज़म नहीं होता, या आपको स्किन डिसऑर्डर होते हैं, जिसमें फंगस जैसी जो समस्याएं होती हैं, वो आपको बहुत होती है तो इन जैसी समस्याओं में भी गिलोय बहुत फायदेमंद होता है; क्योंकि यह सभी तरह की क्रिमी को खत्म करने में मदद करती है।
कुछ लोगों को एसिडिटी बहुत ज्यादा होती है, किसी भी कारण से एसिडिटी होती हो, तीखा खाने से होती हो या मीठ़ा खाने से होती हो या कई लोगों को ऐसा होता है कि तीखा खा लिया तो कोई प्रॉब्लम नहीं और मीठा खा लिया तो प्रॉब्लम हो जाती है या फिर दूध का कोई प्रोडक्ट ले लिया तो एसिडिटी होने लगती है और कुछ लोगों को इसके ठीक उल्टा होता है, मीठा खा लिया तो कोई प्रॉब्लम नहीं और तीखा खा लिया तो उनको एसिडिटी हो लगती है। आपको एसिडिटी किसी भी कारण से हो रही हो, तीखा खाने से या मीठा खाने से। दिन में सोने से,भारी खाने से कोई भी कारण से अगर आपके पेंट की एसिडिटी बढ़ गई है तो ऐसी समस्याओं में भी गिलोय बहुत मददगार साबित होता है।
आपको ब्लड़ रिलेटिड़ कोई भी डिस ऑर्डर हैं, उन सब में ये काम करेगी। वो चाहे कुष्ठ स्किन के चर्म रोग क्यों ना हो। शरीर से खून के बहने की समस्या हो या खून के अंदर गंदगी आ गई हो, यूरिक एसिड जैसी जो समस्या है उन जैसी समस्याओं के लिए भी गिलोय फायदेमंद है और एक विशेष बीमारी में आयुर्वेद में इसका वर्णन आया है, वात-रक्त नाम की एक बीमारी होती है जिसको आमतौर पर "गाउट" भी कहते हैं। ऐसी बीमारी जिसमें शरीर के जॉइंट टेढ़े होने शुरू हो जाते हैं या किसी भी कारण से आपके शरीर में हवा बिगड़ी उसने ब्लड को बिगाड़ा या फिर ब्लड बिगड़ा उसने हवा को बिगाड़ा। या फिर एक के बाद एक जो समस्यां बिगड़ती चली जाती हैं। उन लोगों के साथ अक्सर होता हैं, जो खाकर तुरंत ट्रैवल करते हैं, तो गाउट की कोई भी समस्या है, वात-रक्त की। जिसमें आपको मल्टीपल जॉइंट में छोटे-छोटे जॉइंट में बहुत ज्यादा पेन होता है, ऐसी समस्यांए है तब इससे ज्यादा बेस्ट दवा कोई नहीं मिलेगी। गिलोय वात-रक्त में सर्वश्रेष्ठ औषधि मानी जाती है।
यदि आपको कफ की भी समस्यां है, बहुत ही गाढ़ा कफ आता है या कफ से रिलेटेड बीमारी हो। जैसे कि, Fatty Lever. लीवर के अंदर कफ के गुण बढ़ गए तो फैटी लीवर आ गया।
Hypothyroidism.. कफ की विकृति के कारण। या फिर सांस की समस्या जब बहुत ज्यादा कफ बनता है, बहुत गाड़ा कफ निकलता हो, खासने पर सफेद-सफेद कफ निकलता हो। ऐसी समस्याओं मे भी गिलोय एक अमृत है।
आयुर्वेद में ज्यादातार तो जो पित्त रस की औषधियां होती है, वो शुक्र धातु को कम करने में मदद करती है पर यह एक ऐसी औषधि है, जो पित्त रस होकर भी शुक्र धातु बढ़ाती है, अर्थात विश्वता लाने में शरीर की मदद करती है। यह इसका बहुत ही खास गुण है, जो कि बहुत कम दवाइयों में पाया जाता है।
यूरिन सिस्टम पर भी इसका बहुत कमाल का एक्शन देखने को मिलता है। अगर आप डायबिटीज पेशेंट है, आपकी किसी भी कारण से ब्लड शुगर बढ़ी हुई है, यूरिन शुगर बढ़ी हुई है, आप मोटे व्यक्ति हैं, आपको बार-बार पेशाब होने की तकलीफ है या पेशाब बहुत ज्यादा मात्रा में होता है तो ऐसी कोई भी तकलीफ है, यूरिन की किसी भी तरह की प्रॉब्लम हो चाहे वो ज्यादा पेशाब आना, बार-बार पेशाब होना, उस सारी की सारी प्रॉब्लम में आपके लिए गिलोय पक्का फायदेमंद साबित होगी।
जब बुखार आता है, किसी भी तरह का फीवर आता है। उस फीवर में आयुर्वेद में पित्त रस लेने के लिए कहा गया है; क्योंकि ये सभी तरह के बुखार में उपयोगी है। यदि बुखार के कारण आपको जलन हो रही है, शरीर आग की तरह जल रहा है, हाथ-पैर में अंगार जैसा लग रहा है। तब इसका काढ़ा पीना या इसकी गोली लेना बहुत फायदेमंद है। कई सारे लोग ऐसे हैं, जिनको दिन में बुखार नहीं लगता और शाम होते ही बुखार जैसी फीलिंग होने लग जाती है, तब भी यह आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। अगर आपको कोई बीमारी नहीं है तो तब भी ये चलेगी अर्थात इसको तब भी ले सकते हैं।
* वात, पित्त और कफ में अलग-अलग रोगों में इसका कैसे उपयोग करना है: अगर आपको वात की कोई समस्या है, चाहे हवा से रिलेटिड कोई भी बीमारी हो, चाहे जॉइंट पेन हो या ड्राई स्किन प्रॉब्लम होती हो या हड्डियों से कट-कट की आवाज आती हो या दिमाग बहुत चंचल हो बड़बड़ाते रहते हो, जल्दी-जल्दी बोलना, जल्दी-जल्दी खाना और जल्दी-जल्दी चलना, मतलब वात के गुण बड़े हुए है, तो गिलोय के पाउडर को आपको घी के साथ लेना चाहिए। एक चम्मच घी और आधा चम्मच गिलोय पाउडर एक साथ मिलाकर खा जाओ।आपकी सभी प्रॉब्लम कवर हो जाएंगी।
* पित्त की प्रॉब्लम है: गर्मी बहुत लगती हैं, हाथ-पैर में जलन बहुत होती है, एसिडिटी भी होती है और अल्सर जैसी प्रॉब्लम होती है, शरीर से खून निकलने की समस्या है, दिमाग बहुत जल्दी गर्म हो जाता है या बुखार जैसी कुछ ना कुछ प्रॉब्लम होती है, यदि पित्त वाली कोई प्रॉब्लम है, चाहे वह जलन हो, खून निकल, कुछ भी हो। तो आधा चम्मच गिलोय पाउड़र के साथ, एक चम्मच मिश्री मिलाकर ले ले।
* कफ की समस्यां: सर्दी, खांसी बहुत होती है या फिर फैटी लीवर हो गया है, डायबिटीज हो गया है या हाइपोथायराइड़ जैसी प्रॉब्लम हो गई है या सीने में बहुत ज्यादा कफ बनता है, बहुत आलस आता है, काम करने का मन नहीं करता, मीठा खाने पर खाना हजम नहीं होता, खाना ऐसा ही पडे रहता है। इस तरह की प्रॉब्लम है तो गिलोय के पाउडर को आधा चम्मच, एक चम्मच शहद में मिलाकर ले ले।
स्किन की तकलीफ है, जॉइंट पेन होता है तो गिलोय पाउडर को तेल में काढ़ा बनाकर तेल में बोय्ल करके, अगर आप वो तेल लगाते हैं तो वो सभी तरह की स्किन की बीमारी और जॉइंट पैन में भी बहुत मदद करता है।
आम-वात की समस्या है अर्थात खाना हजम नहीं होता वो खाना हजम ना होने के कारण सढ़ता है। खाना सढ़ने के कारण शरीर में टॉक्सिन बनते हैं। वो जहां-जहां जाकर इकट्ठा होता है, वहां वहां पर पेन होता है। ऐसे लोग जब सुबह उठते हैं और सुबह उठते ही हाथ-पैर पूरे अकड़े हुए मिलते हैं। जॉइंट में ऐसा लगता है, जैसे बिच्छू के काटे मार रहे हो। तब ऐसे लोग धूप में बैठते हैं और धूप सेकते हैं, तब उन्हें थोड़ा आराम मिलता है। ऐसी अगर कुछ प्रॉब्लम है तो इस आधा चम्मच गिलोय के पाउडर के साथ 1/4 चम्मच सौंठ के साथ लेना चाहिए, तब आम-वात खत्म हो जाएगा।
गिलोय अमृत के समान है। गिलोय के सभी फायदे जानिए
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 27, 2020
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