गिलोय के उपयोग और उसके फायदे-
आप में से बहुत से लोगों ने "गिलोय" का नाम जरूर सुना होगा। "गिलोय" मुख्य रूप से एक वनस्पति है। जिससे आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज होता है। अपने खास गुणों की वजह से "गिलोय" को आयुर्वेद में "गुणुचि" और "अमृता" भी कहा जाता है।
होम्योपैथी में भी गिलोय से खास दवाएं तैयार की जाती है। जिससे जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां, जैसे- डायबिटीज, एलर्जी और अस्थमा का इलाज किया जाता है। पौराणिक कथाओं में भी गिलोय का उल्लेख मिलता है।
माना जाता है, कि लंका में भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान भगवान राम की सेना के कई वानर मारे गए थे। जिन्हें दोबारा जीवित करने के लिए श्री राम ने अमृत वर्षा का आह्वान किया था। इससे बाद आकाश से अमृत वर्षा हुई। जिससे वानर जीवित हो गए। प्रतीकात्मक कथाओं में ये भी कहा गया है, कि अमृत वर्षा की जो बूंदे जमीन पर गिंरी, वहां गिलोय के पौधे उग आए। अगर इस कथा के चमत्कारों को अलग रख भी दिया जाए, तो भाव यह है कि गिलोय के गुण अमृत के समान है, चमत्कारिक है।
यहां आपको यह भी जाना चाहिए, कि गिलोय को गुणों का भंडार क्यों कहा जाता है, और इससे किस तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है:
गिलोय मुख्य रूप से इम्यून सिस्टम को अच्छा बनाता है। इसमें anti-allergic, anti-inflammatory, antioxidant, और anti-diabetic तत्व मौजूद होते हैं। कुल मिलाकर मानव शरीर के हर अंग के लिए गिलोय एक लाभकारी औषधि है।
गुजरात के एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय में "लाइफ स्पैन" यानी जीवन चक्र को बढ़ाने की विधियों पर एक रिसर्च किया गया। इस रिसर्च में, "कुछ मक्खियों पर 30 दिन तक गिलोय पाउडर का इस्तेमाल किया गया, आपको जानकर हैरानी होगी कि इससे मक्खियों का जीवन काल 85 दिन का हो गया; क्योंकि आमतौर पर मक्खियों का जीवनकाल सिर्फ 25 से 30 दिन का होता है, लेकिन गिलोय की वजह से ये 85 दिन का हो गया"। बाद में इस रिसर्च को Netherlands के एक हेल्थ केयर जार्नल में प्रकाशित किया गया।
डेंगू और मलेरिया जैसे बुखारो को ठीक करने के लिए बहुत से एक्सपर्ट गिलोय को लेने की सलाह देते हैं। टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित रोगियों का शुगर लेवल ठीक करने के लिए भी गिलोय के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में इंसुलिन हार्मोन बनने में मदद मिलती है। जिससे शुगर लेवल ठीक रहता है।
अच्छी बात यह है कि गिलोय को दैनिक जीवन में भी एक निश्चित मात्रा में लिया जा सकता है। आयुर्वेद कुछ आचार्य इसे "सुपर फूड" यानी शक्तिशाली खाद्य पदार्थ मानते हैं। वैसे इस लिस्ट में आंवला, हल्दी, एलोवेरा और सूखी अदरक को भी रखा गया है। ये सारी चीजें मानव शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करती हैं। लेकिन इनमें गिलोय का स्थान सबसे ऊपर है। आज हमने गिलोय की शक्ति पर एक खास रिपोर्ट तैयार की है। इसे देखने से आपके पूरे परिवार को स्वास्थ्य लाभ होगा।
पान के जैसे दिखने वाले पत्ते आयुर्वेद का वो वरदान है। जो आपके शरीर को स्वस्थ बना सकता है। इन पत्तों में आपके शरीर के हर अंगों को स्वस्थ बनाने की ताकत। लेकिन जानकारी के अभाव में इनकी ताकत आप तक पहुंच नहीं पाती। हो सकता है.. आपने गिलोय की बेल देखी हो। लेकिन जानकारी ना होने की वजह से आप इसे पहचान ना पाए। पान के पत्तों की तरह दिखने वाले गिलोय के हर हिस्से में गुणों का भंडार है। इसकी पत्तियों और डंठल के अलावा, इसके पौधों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाए जाता हैं।
कई तरह की बीमारियों का इलाज करने वाला गिलोय एक बेहतरीन पावर ड्रीम ट्री है। इसमें आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की वो क्षमता है। जिससे कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे- डायबिटीज, अस्थमा और एलर्जी से परेशान लोगों का इम्यून सिस्टम ठीक करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इसके अलावा महिलाओं में खून की कमी होने वाली समस्याओं यानी एनीमिया को दूर करने के लिए गिलोय के पत्तों के रस का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।
गिलोय का इस्तेमाल सामान्य बुखार के अलावा मलेरिया के बुखार को दूर करने के लिए भी किया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि गिलोय को बीमारी पीड़ित व्यक्ति के अलावा स्वस्थ व्यक्ति को भी ले सकता है। ये सामान्य जीवन शैली को स्वस्थ बनाने के लिए कारगार साबित हो सकता है। लेकिन बस इसकी मात्रा और इसे लेने का सही तरीका समझने की आवश्यकता है।
कुल मिलाकर गुणों का भंडार कहे जाने वाले गिलोय में "बीमार को स्वस्थ बनाने और स्वस्थ को और स्वस्थ बनाए रखने के गुण"। आप चाहें तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके। अपनी और अपने परिवार की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
आसानी से उपलब्ध ये पौधा बड़ी आसानी से घर में लगाया जा सकता है। ये पहली ऐसी औषधि है, जो बहुत सस्ती होने के बावजूद, बहुत कीमती है।
आपको यह भी बता दें कि गिलोय का पौधा लगाना बहुत आसान है। ये किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है और इसे विशेष देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। पान के पत्ते जैसे दिखने वाला ये पौधा एक बेल के रूप में किसी भी पेड़ पर अपनी जगह बना लेता है। यानी ये बहुत आसानी से उपलब्ध है।
आप में से बहुत से लोगों ने "गिलोय" का नाम जरूर सुना होगा। "गिलोय" मुख्य रूप से एक वनस्पति है। जिससे आयुर्वेद में कई गंभीर बीमारियों का इलाज होता है। अपने खास गुणों की वजह से "गिलोय" को आयुर्वेद में "गुणुचि" और "अमृता" भी कहा जाता है।
होम्योपैथी में भी गिलोय से खास दवाएं तैयार की जाती है। जिससे जीवन शैली से जुड़ी बीमारियां, जैसे- डायबिटीज, एलर्जी और अस्थमा का इलाज किया जाता है। पौराणिक कथाओं में भी गिलोय का उल्लेख मिलता है।
माना जाता है, कि लंका में भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान भगवान राम की सेना के कई वानर मारे गए थे। जिन्हें दोबारा जीवित करने के लिए श्री राम ने अमृत वर्षा का आह्वान किया था। इससे बाद आकाश से अमृत वर्षा हुई। जिससे वानर जीवित हो गए। प्रतीकात्मक कथाओं में ये भी कहा गया है, कि अमृत वर्षा की जो बूंदे जमीन पर गिंरी, वहां गिलोय के पौधे उग आए। अगर इस कथा के चमत्कारों को अलग रख भी दिया जाए, तो भाव यह है कि गिलोय के गुण अमृत के समान है, चमत्कारिक है।
यहां आपको यह भी जाना चाहिए, कि गिलोय को गुणों का भंडार क्यों कहा जाता है, और इससे किस तरह की बीमारियों का इलाज किया जाता है:
गिलोय मुख्य रूप से इम्यून सिस्टम को अच्छा बनाता है। इसमें anti-allergic, anti-inflammatory, antioxidant, और anti-diabetic तत्व मौजूद होते हैं। कुल मिलाकर मानव शरीर के हर अंग के लिए गिलोय एक लाभकारी औषधि है।
गुजरात के एक आयुर्वेद विश्वविद्यालय में "लाइफ स्पैन" यानी जीवन चक्र को बढ़ाने की विधियों पर एक रिसर्च किया गया। इस रिसर्च में, "कुछ मक्खियों पर 30 दिन तक गिलोय पाउडर का इस्तेमाल किया गया, आपको जानकर हैरानी होगी कि इससे मक्खियों का जीवन काल 85 दिन का हो गया; क्योंकि आमतौर पर मक्खियों का जीवनकाल सिर्फ 25 से 30 दिन का होता है, लेकिन गिलोय की वजह से ये 85 दिन का हो गया"। बाद में इस रिसर्च को Netherlands के एक हेल्थ केयर जार्नल में प्रकाशित किया गया।
डेंगू और मलेरिया जैसे बुखारो को ठीक करने के लिए बहुत से एक्सपर्ट गिलोय को लेने की सलाह देते हैं। टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित रोगियों का शुगर लेवल ठीक करने के लिए भी गिलोय के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इससे शरीर में इंसुलिन हार्मोन बनने में मदद मिलती है। जिससे शुगर लेवल ठीक रहता है।
अच्छी बात यह है कि गिलोय को दैनिक जीवन में भी एक निश्चित मात्रा में लिया जा सकता है। आयुर्वेद कुछ आचार्य इसे "सुपर फूड" यानी शक्तिशाली खाद्य पदार्थ मानते हैं। वैसे इस लिस्ट में आंवला, हल्दी, एलोवेरा और सूखी अदरक को भी रखा गया है। ये सारी चीजें मानव शरीर को स्वस्थ बनाने में मदद करती हैं। लेकिन इनमें गिलोय का स्थान सबसे ऊपर है। आज हमने गिलोय की शक्ति पर एक खास रिपोर्ट तैयार की है। इसे देखने से आपके पूरे परिवार को स्वास्थ्य लाभ होगा।
पान के जैसे दिखने वाले पत्ते आयुर्वेद का वो वरदान है। जो आपके शरीर को स्वस्थ बना सकता है। इन पत्तों में आपके शरीर के हर अंगों को स्वस्थ बनाने की ताकत। लेकिन जानकारी के अभाव में इनकी ताकत आप तक पहुंच नहीं पाती। हो सकता है.. आपने गिलोय की बेल देखी हो। लेकिन जानकारी ना होने की वजह से आप इसे पहचान ना पाए। पान के पत्तों की तरह दिखने वाले गिलोय के हर हिस्से में गुणों का भंडार है। इसकी पत्तियों और डंठल के अलावा, इसके पौधों में कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस पर्याप्त मात्रा में पाए जाता हैं।
कई तरह की बीमारियों का इलाज करने वाला गिलोय एक बेहतरीन पावर ड्रीम ट्री है। इसमें आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने की वो क्षमता है। जिससे कई तरह की बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे- डायबिटीज, अस्थमा और एलर्जी से परेशान लोगों का इम्यून सिस्टम ठीक करने के लिए गिलोय का इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। इसके अलावा महिलाओं में खून की कमी होने वाली समस्याओं यानी एनीमिया को दूर करने के लिए गिलोय के पत्तों के रस का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है।
गिलोय का इस्तेमाल सामान्य बुखार के अलावा मलेरिया के बुखार को दूर करने के लिए भी किया जाता है। सबसे अच्छी बात यह है कि गिलोय को बीमारी पीड़ित व्यक्ति के अलावा स्वस्थ व्यक्ति को भी ले सकता है। ये सामान्य जीवन शैली को स्वस्थ बनाने के लिए कारगार साबित हो सकता है। लेकिन बस इसकी मात्रा और इसे लेने का सही तरीका समझने की आवश्यकता है।
कुल मिलाकर गुणों का भंडार कहे जाने वाले गिलोय में "बीमार को स्वस्थ बनाने और स्वस्थ को और स्वस्थ बनाए रखने के गुण"। आप चाहें तो इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके। अपनी और अपने परिवार की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।
आसानी से उपलब्ध ये पौधा बड़ी आसानी से घर में लगाया जा सकता है। ये पहली ऐसी औषधि है, जो बहुत सस्ती होने के बावजूद, बहुत कीमती है।
आपको यह भी बता दें कि गिलोय का पौधा लगाना बहुत आसान है। ये किसी भी मौसम में लगाया जा सकता है और इसे विशेष देखभाल की भी जरूरत नहीं होती। पान के पत्ते जैसे दिखने वाला ये पौधा एक बेल के रूप में किसी भी पेड़ पर अपनी जगह बना लेता है। यानी ये बहुत आसानी से उपलब्ध है।
औषधियों में अमृत गिलोय के फायदे
Reviewed by Tarun Baveja
on
July 21, 2020
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