आयुर्वेद के अनुसार रात को दूध पीना क्यों अच्छा है।जानिए

नमस्कार दोस्तों आयुर्वेद के हिसाब से रात को दूध पीना सबसे अच्छा है। ऐसा क्यों है? इसके पीछे का कारण क्या है। क्या हम सुबह दूध नहीं पी सकते। अगर हमें दूध पीना है सुबह तो  क्या करना होगा। और ठंडा दूध पीना अच्छा है या नहीं। इन सब चीजों के ऊपर आज चर्चा करेंगे।


सबसे पहले शुरू करता हूं कि दूध रात को क्यों बोला जाता है कि पियो। दूध ऐसा आहार है ये नाड़ी को धीमा करता है। अपने सुना होगा नाड़ी चेक करके वैद्य बताते हैं कि आपने क्या खाया होगा अंदाजा लगा कर देते हैं। क्यों अंदाजा लगा लेते हैं वो। क्योंकि एक चार्ट बना हुआ है। आयुर्वेद के ग्रंथों में खास इसका वर्णन है की अगर आपने यह चीज खाई है तो आपकी नाड़ी भारी हो जाएगी। अगर आपने इस तरह की चीजें खाई है तो आपकी नारी तीव्र हो जाएगी। आपने यह तरह की चीजें खाई हैं तो आप की नाड़ी धीमे हो जाएगी।

गुरु हो जाएगी , लघु हो जाएगी, सक्षम हो जाएगी। ऐसे नाड़ियों के अलग अलग प्रकार है। दूध पीने से नाड़ी धीमी हो जाती है। आप बोलोगे अगर नाड़ी धीमी हो जाएगी तो हमें कुछ हो नहीं जाएगा। ऐसा नहीं है। रात को नींद लेनी है रेस्ट लेनी है ब्रेन को भी रेस्ट चाहिए। बाकी ऑर्गन्स को भी ज्यादा ब्लडसर्कुलेशन नही चाहिए है। क्योंकि सारे कामकाज एकदम स्थिल पढ़ने हैं। जरूरी भी है तो इसके लिए रात को आप दूध अगर पियेंगे तो नाड़ी धीरे धीरे धीमी हो जाएगी। आपको नींद भी गहरी आएगी। और आप सुबह एक्टिव होंगे।

अब जो लोग रात को दूध पीते हैं उनकी नाड़ी रात को धीमी हो गई उनको नींद अच्छी आ गयी, गहरी  आ गई ,सुबह आप एक्टिव होंगे। जो लोग नहीं पीते हैं तो सुबह नींद भी नहीं खुलती है रात भर दिमाग भी चलता रहता है। थॉट्स भी आते रहते हैं ऐसा होता है। बाकी कई लोगों को ऐसी शिकायत रहती है।कि उनको रात को दूध पचता नहीं है। वैसे तो  दूध रात को पचता नहीं है। लूज मोशन आते रहते हैं। तो दूध के बाद थोड़ी सी अजवाइन फांक लें दो घुट पानी से तो दूध पच जाता है।

फिर भी अगर कसर लगे तो आप दूध शाम सूरज ढलने के बाद पी सकते हैं वो भी अच्छा है। खाने के 1 घंटा डेट बाद या एक दो घंटा पहले पी सकते हैं। वो भी अच्छा है। दूध सुबह पीना हो तो क्या करें। दूध सुबह पीना मना नहीं है। बच्चों को तो सारा दिन दूध दिया जाता है बड़ों को भी। कई लोगो की आदत होती है सुबह शाम दूध पीने की। लेकिन मैं एक चीज कह दूं कि सुबह को ही दूध पीना है और रात को फिर पीना ही नहीं है।तो ये भी गड़बड़ है। रात को ज्यादा रेस्ट देता है सुबह कभी कबार पी लिया। जिस बच्चों को रोज देना है तो खाने के आधे घंटे बाद दो।क्योंकि दूध संपूर्ण आहार है दूध को भी पचने में एक समय लगता है।उसकी भी प्रसास है।

आप खाना खाकर ऊपर से ना पिए। क्योंकि नमक वाली कोई चीज खाई होगी तो ऊपर से दूध पी लेंगे। तो स्किन प्रॉब्लम होने का भी डर है ।यह स्किन प्रॉब्लम ना हो इसके लिए आप दूध और नमक वाली चीज का फासला रखना है कम से कम आधे घंटे का।अगर दूध पिया है तो आधा घंटा नमक वाली चीज नहीं खाएंगे कोई भी चाहे परांठा, बिस्किट, या भुजिया हो। अगर आपने नमक वाली चीज खाई है।तो दूध बाद में पिएंगे आधा घंटे बाद। बाकी दूध पीना सुबह भी कोई गुनाह नहीं है।हां जिन लोगों को शारीरिक वर्जिश करनी होती है भागदौड़ करनी होती है वह रात को ही दूध पिए, सुबह ना पिए। जिनको बैठ कर सिर्फ पढ़ाई करनी है, कंप्यूटर पर काम करना है। नाड़ी धीमी हो भी जाए तो कोई दिक्कत नहीं तो आप पी सकते हैं दूध सुबह भी।

पढ़ने वाले बच्चे कंसिटरेशन मे रहने वाले बच्चे सुबह दूध पी सकते हैं।कोई दिक्कत नहीं है। अब बात करते हैं ठंडा दूध और गर्म दूध। ठंडा दूध बिल्कुल मना है फिर भी कभी दिल कर आए तो दोपहर के समय जब सूरज निकला हो। आपको पता है ये मेरे सूरज की रोशनी से मेरे शरीर में इतनी ओशम गर्मी मिलेगी की मेरे अंदर वाई या वायु नहीं करेगा दूध। पच जाएगा तब आप ठंडा दूध पी सकते हैं। लेकिन इसकी आदत ना बनाएं। दूध रोज नहीं पीजिए ठंडा।  ठंडा दूध आप रोज पिएंगे तो आपके अंदर गैस रहने लग जाएगी पेट मे।उसका इतनाअसर भी
नही होता शरीर को ।ठंडे दूध की इतनी उर्जा आपको नहीं मिल पाती। दरसल हर चीज का अपने समय होता है। गर्मियों में ठंडाई बनती है। चारों मगज, पिस्ता, थोड़ी मिश्री, थोड़ा काली मिर्च, केसर, फेट करके हम लोग ठंडा दूध बनाते हैं मैं खुद कई बार पीता हूं।दिन के समय
गर्मियों में अच्छा है।

पित्त रोगी के लिए तो बहुत अच्छा है। लेकिन  कफ रोगियों के लिए, या वात रोगियों के लिए वात रोगी भी कभी कभर ठंडाई बनाकर ले सकते हैं। लेकिन कफ़ रोगी बिल्कुल ना पीए रात को तो बिल्कुल ठंडा दूध न पिएं। ठंडा दूध जोड़ों में दर्द करेगा घुटनों में दर्द करेगा आप के शिथलता लाएगा ।आप लंबे समय तक इस आदत से ग्रस्त रहे तो आप फील करेंगे। कि आपके बाल जल्दी सफेद हो जाएंगे दांत जल्दी हिलने लग जाएंगे।गठिया अर्थराइटिस भी यह भी ठंडा दूध ठंडी चीजें रात को लेकर के ही होता है। अंत में मोरल यही निकलता है कि दूध लेने से नाड़ी को रेस्ट मिलती है। क्योंकि अपने देखा होगा कि बच्चे की नाडी और धड़कन से तेज चलती है ।

इसलिए हम बच्चे को सिर्फ दूध ही पिलाते हैं कि आने वाले समय में साल 2 साल दूध पिएगा तो नाड़ी नॉर्मल हो जाएगी। नाड़ी को धीरे-धीरे धीमा करता है। रोज दूध पिलाने से उसको पुष्टि भी मिलती है ।जिंदगी में चंचलता दूर होती है। तो इस लिए आप रात को दूध पिए तो सबसे ज्यादा रेस्ट मिलेगी। आपको नींद अच्छी आएगी। दिन में भी कभी अगर आप दूध पीना चाहते हैं मनाही नही है।तो फिर वही बातथोड़ा फैसला रखें। 

नमस्कार।

आयुर्वेद के अनुसार रात को दूध पीना क्यों अच्छा है।जानिए आयुर्वेद के अनुसार रात को दूध पीना क्यों अच्छा है।जानिए Reviewed by Tarun Baveja on March 03, 2020 Rating: 5

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