दोस्तों आज मैं आपके लिए एक ऐसा फॉर्मूला लेकर आया हूं। मतलब ऐसा आयुर्वेदिक फॉर्मूला लेकर आया हूं। जिससे आप अपनी गैस की समस्या को परमानेंटली थ्री डेज में आपको रिजल्ट दिखने लगेगा। सबसे ज्यादा जरुरी बात इसमें आपको बाहर जाने की जरूरत ही नहीं। आपको बाहर कदम रखना ही नहीं है। अब आप सोचेंगे कि भाई ऐसा कौन सा फॉर्मूला है। मतलब ऐसा कौन सा आयुर्वेदिक फॉर्मूला है जिससे हम घर पर ही गैस की समस्या को,सालों पुरानी गैस की समस्या को थ्री डेस में कन्ट्रोल कर सकते हैं।
आपको करना क्या है आप को जाना है अपनी रसोई घर में, आजकी भाषा में किचन बोल देते हैं। आपको जाना है अपने रसोईघर में ओर वहां से कुल 8 औषधि मतलब मसाले आज के जमाने में उसे मसाले बोल देते हैं। आपको उठाने है कुल 8 मसाले जैसे काली मिर्च, सोंठ, पिपली, सेंधा नमक, अजवाइन ,जीरा ,काला जीरा ,हींग। दोस्तों ध्यान दें यहां पर हम भुनी हुई हींग की बात कर रहे है। तो इन सभी की सभी औषधियों को सम मात्रा में मतलब 10 ग्राम मात्रा मे अपने सभी औषधि को लिया होगा।
जैसे काली मिर्च 10 ग्राम अजवाइन 10 ग्राम सेंधा नमक 10 ग्राम काला जीरा 10 ग्राम सोंठ मतलब हमे सभी को लेना है 10-10 ग्राम। कुल मिलाकर यह 80 ग्राम की एक औषधि तैयार हो जाएगी। आपको करना क्या है। इन सभी की सभी औषधियों का अच्छे से बढ़िया चूर्ण तैयार करना है। इसको बारिक पाउडर जैसा चूर्ण बना लें। अब उसे लेना कैसे हैं वह सबसे ज्यादा मेन है। इसको आप ले सकते हैं खाना खाने के पहले भी। मतलब आधा घंटा पहले ओर आधा घंटा बाद भी। जी हाँ दोस्तो यह दीपन भी है और पाचन भी।
दीपन मतलब यह कि जब किसी को भूख नहीं लगती तो उस व्यक्ति को भूख भी लगा देती है। पाचन मतलब यह खाए हुए भोजन को अच्छे से पाचन कर देती है। उसको अच्छे से डाइजेस्ट कर देती है। नॉर्मली इसको हम खाने के बाद ही देते हैं। कई लोगों को ऐसी समस्या होती है की गैस पेट में इतनी ज्यादा बनती है कि उनको उस गैस के चक्कर में भूख ही नहीं लगती। इस स्थिति में उनको खाना खाने के आधा घंटा पहले देते हैं गुनगुने पानी से। वैसे तो इसको गुनगुने पानी से ही लिया जाता है अब चाहे वह खाना खाने के बाद हो या खाना खाने के पहले हो।
अगर हम इस चूर्ण के नाम की बात करे तो
आयुर्वेद में हिंग्वाष्टक चूर्ण के नाम से जाना जाता है। कई आयुर्वेदिक फार्मेसी से बनाती हैं और आयुर्वेदिक फॉर्मसिया आपको ऐसा भयंकर लूट रही हैं की आप इसके रेट सुनेंगे। रेट मैंने इसके इंटरनेट पर सर्च किए थे। तो इसके सौ से सवा सौ रुपये तक कई तो ऐसी मिली जो डेड सो रुपए तक की मिली। मैं चोकया की भाई इतनी सस्ती जो घर पर पड़ी चीज के डेड सो रुपए ले रहे हैं। तो चलो भाई डेढ़ सौ छोड़ो। डेढ़ सो रुपए में सिर्फ 100 ग्राम और क्वालिटी भी उतनी कम है।
अगर इसी डेड सो रुपए में आप घर पर बनाएंगे तो कम से कम ढाई सौ से 400 ग्राम तक चूर्ण तैयार हो जाएगा। इसलिए ज्यादा मार्केट वाली चीजें पर विशवास मत रखा करो। जो घर पर है वही सबसे अच्छा है। आपके आंखों के सामने बना है। इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है। जब तक आप को लेना हो तब तक ले। समस्या जैसे खत्म हो तो धीरे-धीरे करके छोड़ दे। तो दोस्तो आज के लिए इतना ही। धन्यवाद।

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