refined oil / रिफाइंड तेल कभी मत खाइये!
बहुत कम चीज है ऐसी है प्रकृति में जो बात पित कफ तीनों को ठीक रखती हैं। कुछ चीजें ऐसी हैं जो वात को अच्छा रखेंगी। refined oil कुछ चीजें ऐसी हैं जो पित को अच्छा रखेंगी। कुछ चीजें ऐसी हैं जो कफ को अच्छा रखेंगी।
वात को अच्छा रखने वाली सबसे अच्छी चीज जो आपके घर में है वह है तेल। तेल वो जिसमें आप सब्जियां बनाते हैं। लेकिन तेल का मतलब है शुद्ध तेल।
शुद्ध तेल का मतलब है तेल की घानी से निकाला हुआ सीधा-सीधा शुद्ध तेल। बिना कुछ मिलाए हुए सीधा सीधा तेल। मतलब नोन रिफाइन तेल।
बागभट्ट जी का निवेदन है कि आप तेल शुद्ध खाइए।
मतलब की रिफाइंड तेल मत खाइए।
refined oil ke nuksaan अब आप कहेंगे कि रिफाइन तेल क्यों ना खाएं डॉक्टर तो इसे खाने के लिए कहते हैं। डॉक्टर तो यही बोलते हैं कि रिफाइंड खाओ और डबल रिफाइंड खाओ इससे आपको हर्ट अटैक नहीं होगा।
यह जो रिफाइंड तेल है आपको बताते हैं यह कैसे रिफाइंड किया जाता है। किसी भी तेल को रिफाइन करने में 6 से 7 केमिकल इस्तेमाल होते हैं। ओर डबल रिफाइन करने में 12 से 13 केमिकल इस्तेमाल होते हैं। इसलिए रिफाइन तेल डबल रिफाइन तेल गलती से भी मत खाइए।
refined oil kabhi mat khaiye अब आपके मन में 2 प्रश्न आएंगे की शुद्ध तेल में बास बहुत आती है और शुद्ध तेल बहुत चिपचिपा होता है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे जो तेल का चिपचिपा पन है वह तेल का सबसे महत्वपूर्ण घटक है जैसे ही इस तेल में से चिपचिपा पन निकाल दिया जाता है तो वह तेल ही नहीं बचता है। और तेल में जो बास आती है वह उसका प्रोटीन कंटेंट है।
refined oil me protein nahi hota hai दालों के बाद जो दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रोटीन है वह तेलों में है। 4 से 5 तरह की प्रोटीन है सभी तेलों में। तेल की बास निकाल दिया तो समझ लो उसका प्रोटीन निकल गया ओर चिपचिपापन निकाल दिया तो समझ लो उसका फैटी एसिड निकल गया।
refined oil me chemical hote hai अपने दोनों ही चीजें तेल से निकाल दी जाए तो वह तेल नहीं पानी है। और अब आप देखेंगे कि तेल में से चिपचिपा पन और उसकी गंद दोनों निकाल दी जाती हैं तभी तो वो रिफाइन तेल बनता है और यह रिफाइन तेल सिर्फ पानी है जहर मिला हुआ पानी ना ही इसमें कोई प्रोटीन है ना ही कोई इसमें शरीर के लिए जरूरी एसिड
वाग्भट्ट जी ने लिखा कि अगर आपको वात की चिकित्सा करनी है तो आप जिंदगी भर शुद्ध तेल खाएं तो आपको वात की चिकित्सा करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। और आप यह सुनकर हैरान हो जाएंगे कि दुनिया में सबसे ज्यादा रोग वात की ही है। यह घुटने दुखना, कमर दुखना, जोड़ों में दर्द यह सब वात के रोग है। इसके अलावा वात के रोग है ब्रेन डैमेज हो जाना हार्ट अटैक पैरालाइसिस। यानि कहने का मतलब यह है जो लोग शुद्ध तेल इस्तेमाल करते हैं उनको वात रोग नहीं सताते।
अब हम इस बात पर जाते हैं कि हिंदुस्तान में रिफाइंड तेल शुरू कब से हुआ। रिफाइंड तेल हमारे देश में 25 30 वर्षों से आए हैं। देखिए इन कंपनियों ने यह कहा कि रिफाइन तेल सेहत के लिए बहुत अच्छा है लेकिन इस बात को किसी ने माना नहीं तो उन कंपनियों ने यह चाल चली कि डॉक्टर के मुंह से करवाया कि रिफाइन तेल खाओ रिफाइन तेल ,यह बहुत अच्छा है।
लेकिन असलियत यह है की रिफाइन तेल में ना तो जरूरी एसिड, ना ही प्रोटीन, ना ही कोई और मिनरल है।
जब तेल के सारे महत्वपूर्ण घटक निकाल दिए जाते हैं तो रिफाइंड बनता है। इसलिए किसी भी दृष्टि से रिफाइन तेल खाना अपनी सेहत के साथ विश्वासघात करना है।
अब आप पूछेंगे कि कौन सा तेल खाना चाहिए
सरसों का तेल
मूंगफली का तेल
नारियल का तेल
तिल का तेल
यह सभी तेल सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। इन तेलों में शरीर के लिए जरूरी सभी घटक मौजूद हैं ।
refined oil kabhi mat khaiyde पोस्ट पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद। इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों को शेयर कीजिए और जानकारी के बारे में कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए।
refined oil / रिफाइंड तेल कभी मत खाइये!
Reviewed by Tarun Baveja
on
December 26, 2018
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